मरुआ का पौधा सम्पूर्ण भारत में सभी जगह आसानी से उगाया जा सकता है इसका पौधा तुलसी के जैसा ही होता है इसका पौधा अत्यंत ही सुगन्धित होता हे इसके फूल सफ़ेद और बैंगनी कलर का होता है जो तुलसी के पौधे के सम्मान ही होता हे
बारीश के मौसम और सर्दी के मौसम में मच्छर और कीड़े मकोड़ों का प्रभाव बहुत ही बढ़ जाता हे जिसके कारण लोग बीमारियों का शिकार होने लगते हे जब मरुआ का पौधा आप घर के अंदर लगाते हे तब घर के अंदर मच्छर और कीड़े का प्रभाव कम होने लगता हे
मरुआ के पौधे का घरेलु दवाओं में आसानी से जड़ , पत्तो ,फूलो , फलो ,जड़ का चूर्ण ,टहनियों , पत्तियों , पौधे का चूर्ण का उपयोग घेरलू दवाओं में किया जाता हे
मरुआ के पौधे का उपयोग रोग में – गठिया रोग में , मासिक धर्म , पैट दर्द में , सरदर्द में दस्त में , पेचिस में , चोट-मोच में , दर्द में , कब्ज में , सूजन में ,घर में कीड़े मकोड़े और मछर में मरुआ के पौधे का उपयोग , जोड़ो के दर्द में घेरलू और ओषधिय चिकित्सा में प्रयोग किया जाता हे
घर में कीड़े मकोड़े और मछर में मरुआ के पौधे का उपयोग
बारिश के मौसम में बहुत से कीड़े मकोड़े और मछर की संख्या बहुत जयादा हो जाती हे बारिश के मौसम में घर में एक मरुआ का पौधा लगाने से घर में कीड़े मकोड़े – मछर का प्रभाव कम हो जाता हे और घर में सोंधी महक फैलाता रहेगा
मरुआ के पौधे को घर के बिच या गमले में लगा कर घर के किसी भी कोने में रख सकते हे इसकी साइज भी तुलसी के जितनी ही होती हे जिस घर में मरुआ का पौधा होता हे वहा डेंगू और मलेरिया का खतरा बहुत कम होता हे और वातावरण शुद्ध होता हे
सूजन में मरुआ
मरुआ के पौधे की पत्तियों और टहनियों को पानी उबाल कर सूजन वाली जगह बफारा देने से और गर्म पानी से मालिस करने से भी शरीर में सूजन कम होगा और सूजन के दर्द में भी फायदा होता हे
पेचिस में मरुआ
मरुआ के पौधे की पत्तियों को मलकर पेट पर मालिस करने के बाद हलकी सिकाई करने से तीव्र पेचिस में भी फायदा होता हे
दर्द में मरुआ
मरुआ के पौधे की पत्तियों और टहनियों को पानी उबाल कर सूजन की जगह गर्म पानी से मालिस करने से दर्द में भी फायदा होता हे
खुनी दस्त में मरुआ
मरुआ के पौधे की पत्तियों का काढ़ा बना कर सुबह-शाम-दोपहर रोजाना पिलाने से खुनी दस्त में भी फायदा होता हे
सिर दर्द में मरुआ
मरुआ की ताजा पत्तियों का शीत निर्यास बनाकर सेवन करने से सिर दर्द में बहुत ही फायदा होगा
TB [ टी.बी ] रोग में
टी.बी रोग में मरुआ की ताजा जड़ का 5 ग्राम रस को सुबह – शाम सेवन करने से रोग में बहुत ही जल्दी फायदा होगा
पेट दर्द में मरुआ
पेट दर्द में मरुआ की पत्तियों और बीजो का चूर्ण बना कर 5 ग्राम चूर्ण को गर्म पानी के साथ मिला कर सुबह – शाम उपयोग करने से पेट दर्द में फायदा होता हे
मासिक धर्म में
मासिक धर्म में मरुआ का 20 ग्राम का फाट बना कर नियमित रूप से सेवन करने से रज विकारो में फायदा होता हे
चोट- मोच में
मरुआ के तेल की मालिस सुबह -शाम चोट वाली जगह पर लगाने से चोट – मोच में आश्चर्य जनक फायदा होगा
कब्ज में मरुआ के फायदे
कब्ज में मरुआ का 20 ग्राम के लगभग का फाट बना कर पीने से कब्ज में जबरदस्त फायदा होगा
गठिया रोग में मरुआ
गठिया के रोगी को मरुआ के पंचांग [ पत्ती , टहनिया , फूल , जड़ ,बीज ] का काढ़ा 20-30 मिली के लगभग बनाकर रोगी को दिन में 2 से 3 बार पिलाने से गठिया के रोग में फायदा होता
मरुआ की चटनी बहुत ही आसानी से आप बना सकते हे इसके लिए आप को इन चीजों की आवश्यकता होगी
एक कप मरुआ की पत्तिया
एक निम्बू
एक नमक की चमच
1 से 2 हरी मिर्च
इन सभी की मात्रा आप अपनी आवश्यकता के अनुसार बड़ा सकते हे
चटनी बनाने की विधि
सभी पत्तियों और निम्बू , मिर्च को सबसे पहले धो ले
अब आप इन सभी सामान को मिक्सी में दाल दे
इसमें आप 1 कप पानी मिला सकते हे
अब आप इनको मिक्सी में अच्छी तरह पीस ले
अब पूरी तरह चटनी तैयार हे
आप चटनी को पत्थर पर भी पीस सकते हे
मरुआ का पौधा घर में रहता हे तो घर में सांप कीड़े – मकोड़े मछर नहीं आते हे जिससे घर का वातावरण सुगन्धित रहता हे और घर महकता रहता हे मरुआ के पौधे के चमत्कारी और आयुर्वेदिक गुण बहुत से हे|
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