अजवाइन को आमतौर पर कैरम या बिशप वीड्स के रूप में जाना जाता है। इसमें एसेंशियल ऑयल होता है, जो कई बायोएक्टिव कंपाउंड से बना होता है, और इसलिए इसका औषधीय महत्व है। अजवाइन साल भर उपलब्ध रहती है। अजवाइन के पत्ते पंखदार होते हैं। अजवाइन झाड़ी का फल है, जो छोटा, अंडाकार आकार का और हल्के पीले रंग का होता है।
अजवाइन सौंफ और जीरे की तरह दिखती है। प्राचीन काल से भारतीय, अफ्रीकी और मध्य पूर्वी देशों में खाना पकाने के लिए अजवाइन का इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह खाने का स्वाद भी बढ़ाती है और चटनी, अचार और जैम में प्रेज़रवेटिव की तरह काम करती है। इसमें डाइजेस्टिव फाइबर का एक अनूठा स्रोत होता है जो पेट की सेहत अच्छी रखने में मदद करता है।
पाचन प्रक्रिया को ठीक रखने के लिए अजवाइन और हरड़ को बराबर मात्रा में पीस लें। हींग और सेंधा नमक स्वादानुसार मिलाकर चूर्ण बना कर किसी बोतल में भर लें। इस चूर्ण का एक चम्मच गर्म पानी के साथ लें। 10 ग्राम पुदीने का चूर्ण, 10 ग्राम अजवाइन और 10 ग्राम कपूर एक साफ बोतल में डालकर धूप में रखें। तीनों चीजें गलकर पानी बन जाएंगी। इसकी 5-7 बूंदें बताशे के साथ खाने से मरोड़, पेट दर्द, जी मिचलाने जैसी समस्या में लाभ होगा।
ajwain benefits
एक कप छाछ के साथ एक चम्मच अजवाइन खाने से सर्दी-जुकाम के कारण बनने वाले कफ में राहत मिलती है। एक चम्मच अजवाइन के दानों को हाथ से मसल कर बारीक कर लें और इसे थोड़े से गुड़ के साथ मिलाकर टॉफी की तरह चूसकर सेवन करें, लाभ होगा। एक मुलायम कपड़े में थोड़ी सी अजवाइन डाल कर पोटली बना लें। इसे तवे पर गर्म कर चेस्ट की सिकाई करें, आराम मिलेगा।
ajwain benefits
कब्ज होने पर 10 ग्राम अजवायन, 10 ग्राम त्रिफला और 10 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लें। रोजाना इसमें से 3 से 5 ग्राम चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें, बहुत जल्द ही आराम होगा।
एक कप पानी में एक चम्मच पिसी अजवाइन और थोड़ा सा नमक उबालें। पानी गुनगुना रह जाए तो उसे मुंह में लेकर कुछ देर रोकें और फिर कुल्ला कर फेंक दें। ऐसा दिन में तीन बार करें। अजवाइन भून कर पीस लें। इस तैयार चूर्ण से मंजन करने पर मसूढ़ों की बीमारियों में आराम मिलता है।
ajwain benefits
अपच होने पर एक कप पानी में एक चम्मच अजवाइन के बीज उबालें। थोड़ा ठंडा होने पर पिएं। एक ग्राम अजवाइन में एक चुटकी नमक मिलाकर चबा-चबा कर खाने से पेट में बनी गैस से होने वाले पेट दर्द में आराम मिलता है। तीन चम्मच अजवाइन के बीजों में नीबू का रस और थोड़ा सा काला नमक मिलाएं। इस मिश्रण को गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार खाएं। आधा लीटर पानी में एक-एक चम्मच अजवाइन और सौंफ के बीज डाल कर धीमी आंच पर पकाएं। ठंडा होने के बाद भोजन के बाद हर रोज पिएं
प्राचीन काल से हर्बल फॉर्मूलेशन तैयार करने के लिए अजवाइन का इस्तेमाल किया जा रहा है क्योंकि उनका मानना है कि यह शरीर के सिस्टम को संतुलित कर सकता है।
अजवाइन में कई स्वास्थ्यप्रद और उपचारात्मक गुण हैं।
अजवाइन घुलनशील डाइटरी फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, और यह पेट की समस्याओं में पाचन तंत्र को बेहतर करने, आंतों की सेहत में सुधार करने के लिए जाना जाता है। यह पेट फूलने की समस्या से राहत दिलाने में भी मदद करती है।
अजवाइन मांसपेशियों में ऐंठन के दर्द, अपच के कारण पेट की समस्या, छाती में जलन और भूख न लगने के इलाज में फायदेमंद होती है।
अजवाइन एंटी-ऑक्सीडेंट का बेहतरीन स्रोत है और इसलिए यह दिल के मरीजों के लिए वरदान है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर में अच्छे और खराब कोलेस्ट्रॉल को मैनेज कर सकते हैं और इस तरह से ये दिल की बीमारियों को रोकते हैं।
अजवाइन में एंटी-बैक्टीरियल (जीवाणुरोधी) और एंटी-फंगल (फंगस रोधी) गुण होते हैं और इसलिए यह फूड पोइज़निंग और आंत व पेट की समस्याओं को रोकने के लिए साल्मोनेला, ई कोली और फंगई जैसे बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करती है।
अजवाइन के अर्क में प्रमुख केमिकल कंपाउंड (रासायनिक यौगिक) होते हैं जो कैल्शियम चैनलों को ब्लॉक करते हैं, जो ब्लड प्रेशर लेवल को और कम कर सकते हैं।
अजवाइन को चबाना अपच और पेट फूलने जैसी समस्याओं को खत्म करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है।
अजवाइन की चाय डायरिया, पेचिश, स्पास्मोडिक (ऐंठन) दर्द के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद है।
अजवाइन का तेल स्टीम डिस्टिलेशन (भाप आसवन) प्रक्रिया द्वारा तैयार किया जाता है और यह रह्यूमेटिक दर्द के इलाज में बहुत असरदार है इसलिए इसे दर्द वाली जगह पर लगाया जाता है।
अस्थमा (दमा) और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारियों के इलाज के लिए अजवाइन और अदरक के अर्क का मेल काफी असरदार होता है।
अजवाइन वायु प्रवाह और फेफड़ों के कामकाज में सुधार करती है।
अजवाइन में ब्रोंको-डाइलेटिंग प्रभाव होता है, यह फेफड़ों में ब्रोन्कियल नलियों को फैलाने में मदद करता है जिससे हल्के अस्थमा में राहत मिलती है।
अजवाइन का पानी एक बेहतरीन माउथ वॉश है, और यह अच्छी ओरल हाइजीन बनाए रखने में मदद कर सकता है।
अजवाइन गर्भवती महिलाओं की अपच संबंधी समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद है; यह गर्भाशय और पेट को साफ करने में मदद करती है, जिससे अनियमित पीरियड्स की समस्या दूर हो जाती है।
नियमित रूप से अजवाइन का पानी पीने से मेटाबोलिज्म बढ़ता है, जिससे शरीर की चर्बी कम करने में मदद मिलती है
अजवाइन में एंटीबायोटिक गुण होते हैं, और यह लाली को कम करने और जलन व सूजन के लिए फायदेमंद होती है।
अजवाइन के एनेस्थेटिक गुणों के कारण यह दर्द और सूजन को दूर करने में मदद करती है।
सिर, कान और दांत दर्द के लिए अजवाइन :
कान के दर्द से राहत पाने के लिए अजवाइन के तेल की कुछ बूंदें काफी हैं। दांत दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए अजवाइन और नमक का गुनगुने पानी का मिश्रण बहुत असरदार होता है। कभी-कभी जले हुए अजवाइन का धुंआ दांत दर्द के लिए ज़्यादा असरदार होता है। अजवाइन में एक आवश्यक बायोएक्टिव घटक, यानी थाइमोल होता है जो एक मजबूत कवकनाशी और कीटाणुनाशक है। इसलिए, स्किन इंफेक्शन से राहत पाने के लिए अजवाइन को पीसकर लगाया जाता है।
एक्ने और पिंपल्स की रोकथाम के लिए अजवाइन:
अजवाइन में अलग-अलग एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी घटक होते हैं, और इसलिए अजवाइन के बायोएक्टिव अर्क भी एक्ने और पिंपल्स जैसी स्किन की समस्याओं को कम करने में मददगार होते हैं। अजवाइन में मौजूद थाइमोल और कार्वैक्रोल बैक्टीरिया और फंगस को बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं। अजवाइन पाउडर सप्लीमेंट मुँहासे के निशान को हल्का करने में मदद करते हैं।
अजवाइन के प्रोडक्ट और उनकी अनुशंसित डोज़:
अजवाइन की आयुर्वेदिक डोज़ इसके रूपों के मुताबिक अलग-अलग होती है। अजवाइन प्रोडक्ट्स के विभिन्न रूप
प्रोडक्ट कैसे इस्तेमाल करें दिन में कितनी बार
चूर्ण पाचन को बेहतर बनाने के लिए खाने से पहले और बाद में गुनगुने पानी के साथ आधा चम्मच अजवाइन चूर्ण लें। दो बार
काढ़ा एक गिलास पानी में एक चम्मच अजवाइन डालकर 10 मिनट तक उबालें। अस्थमा (दमा) और सर्दी के लिए आधा चम्मच अजवाइन का काढ़ा लें। तीन बार
पेस्ट भुने हुए अजवाइन और गुड़ को मिलाकर मिक्सी में पेस्ट बना लें। इसे खाना खाने के बाद लें। दो बार
गोली गर्म पानी के साथ अजवाइन की एक गोली लें। दो बार
अर्क खाने के बाद अजवाइन अर्क की पाँच बूँदें गर्म पानी के साथ लें।
दो बार
अजवाइन के साइड इफेक्ट और सावधानियां:अजवाईन के ज़्यादा सेवन से पेट में गैस बन सकती है, जिससे एसिडिटी और रिफ्लक्स हो सकता है।
कुछ लोगों को अजवाइन के बीज से एलर्जी होती है, जो थाइमोल की मौजूदगी के कारण होता है, जिससे चक्कर आना, मतली और उल्टी हो सकती है।
अजवाइन के कुछ बायोएक्टिव कंपाउंड ज़्यादा असर डाल सकते हैं, इनसे मुंह में इंफ्लेमेशन हो सकता है, जिसके कारण जलन और मुंह में छाले हो सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं को बहुत ज़्यादा मात्रा में अजवाइन लेने से बचना चाहिए क्योंकि भ्रूण के विकास पर इसका उल्टा असर पड़ने की संभावना है।
अजवाइन को ज़्यादा मात्रा में खाने को विषैला माना जाता है; इसका परिणाम घातक पोइज़निंग हो सकता है।
सर्जरी के दौरान और बाद में अजवाइन सप्लीमेंट लेने से ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, सर्जरी से 2 हफ्ते पहले अजवाइन का सेवन बंद करने की सलाह दी जाती है।
अजवाइन का अन्य दवाओं के साथ इंटरेक्शन (परस्पर क्रिया):कभी-कभी अजवाइन खून के थक्के जमने की प्रक्रिया को धीमा कर सकती है। अगर कोई खून पतला करने जैसी दवाएं ले रहा है तो अजवाइन का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। आइबूप्रोफेन, डाइक्लोफेनेक, वार्फरिन और एस्पिरिन जैसी दवाओं में खून पतला करने वाले पदार्थ होते हैं।
अजवाइन उन दवाओं में भी हस्तक्षेप कर सकती है जो लीवर में ब्रेक डाउन होती हैं। लीवर में लवास्टैटिन, केटोकोनाज़ोल और इट्राकोनाज़ोल जैसी दवाएं ब्रेक डाउन होती हैं। अगर आप इनमें से कोई भी दवा ले रहे हैं तो अजवाइन का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
यदि आप ऐसी दवा ले रहे हैं जो लीवर पर दबाव डालती है, तो अजवाइन खाने से बचना चाहिए, अजवाइन लीवर को नुकसान पहुंचाने वाली दवाओं के साथ-साथ लीवर के खराब होने की संभावना को बढ़ा सकती।
*******
हिन्दू मंदिरों और मुक्ति धाम को सीमेंट बैंच दान का सिलसिला
दामोदर चिकित्सालय शामगढ़ के आशु लाभकारी उत्पाद
प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से पेशाब रुकावट की कारगर हर्बल औषधि
सेक्स का महारथी बनाने वाले आयुर्वेदिक नुस्खे
आर्थराइटिस(संधिवात),गठियावात ,सायटिका की तुरंत असर हर्बल औषधि
सिर्फ आपरेशन नहीं ,किडनी की पथरी की १००% सफल हर्बल औषधि
तिल्ली बढ़ जाने के आयुर्वेदिक नुस्खे