अगस्त का पेड़ काफी गुणकारी है , इसकी छाल , तना , पत्तियां , बीज व बीजों का तेल सभी अपना अलग अलग महत्व रखते है , जैसे अगस्त की पत्तियों में कैल्शियम ( हमारी हड्डियों के लिए ) ,प्रोटीन ( शक्ति वर्धक ) , लोहा , फास्फोरस , विटामिन A ( हमारी आँखों के लिए ) , B , और विटामिन c ( त्वचा सम्बन्धी रोगों से बचाता है ) व अन्य पोषक तत्व प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। इस पेड़ की छाल में रक्तवर्ण और टैनिन होता है । इसके बीजों प्राप्त तेल में प्रचूर मात्रा में प्रोटीनपाया जाता है , जिसकी मात्रा लगभग ७० % पायी जाती है । इसके फूलों में विटामिन सी और बीहोने के कारण त्वचा सम्बन्धी बीमार व्यक्ति को इनका सेवन करना चाहिए । अगस्त के पेड़ से प्राप्त फूलों से शक्ति भी मिलती है . प्रतिदिन यदि पानी में भिगोकर इनका प्रयोग किया जाये तो काफी लाभकारी हो सकता है .
अगस्त के पेड़ के गुण धर्म
पत्ते इसके पत्तों का उपयोग करने से विपाक में मधुर , गुरु तथा कृमि तिक्त , कटु , कफ ,विष , प्रतिशयाय , रक्त पित्त , कंडु के रोग को दूर किया जाता है ।
फूल
इसके फूलो के उपयोग से भी कई बीमारी ठीक होती है । जैसे :-
पित्त , कफ , शीतल ,रुक्ष ,तिक्त , शीतवीर्य , वटकर प्रतिशयाय को ठीक करता है । इसका स्वाद कड़वा , मधुर , कसैला,होता है । चातुर्थिक ज्वर, वातरक्त , पीनस रोग और रतौंधी का रोग भी इसके फूलो के उपयोग से,ठीक हो जाता है ।
पित्त , कफ , शीतल ,रुक्ष ,तिक्त , शीतवीर्य , वटकर प्रतिशयाय को ठीक करता है । इसका स्वाद कड़वा , मधुर , कसैला,होता है । चातुर्थिक ज्वर, वातरक्त , पीनस रोग और रतौंधी का रोग भी इसके फूलो के उपयोग से,ठीक हो जाता है ।
फल
इस पेड़ की फली में सर व बुद्धि देने वाले पदार्थ पाए जाते है , इस पेड़ की कच्ची फलियों से सब्जिया भी बनाई जाती है , यह दस्तावर रुचिकारक गुणवता धारक , त्रिदोष दर्द नाशक , पाण्डु रोग निवारक , विष , बुद्धि वर्धक, गुल्म और शोथ सम्बन्धी बीमारी का नाश करता है । इसकी छाल संकोचक, कटु,पोष्टिक और पाचन शक्ति को बढाता है । अगस्त पेड़ की पकी हुए फली रुक्ष और,पित्तकारक होती है ।