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30.12.20

शिवाक्षार पाचन चूर्ण:Shivakshar pachan churna




शिवाक्षार पाचन चूर्ण

शिवाक्षार पाचन चूर्ण एक बेहतरीन दस्तावर औषधि है | मनुष्य में पेट के मध्यम से ही अधिकतर रोग पनपते है | अगर मनुष्य का पेट अर्थात पाचन प्रणाली सही नहीं है तो उसको जल्द ही अन्य रोग जकड लेते है | आयुर्वेद में कहा भी गया है कि स्वस्थ रहने का रास्ता पेट से होकर जाता है | शिवाक्षार पाचक चूर्ण गैस्ट्रिक एवं कब्ज की समस्या में रामबाण औषधी साबित होती है | आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में गैस्ट्रिक और कब्ज एक आम समस्या हो गई है जो हर घर में देखने को मिलती है | गैस्ट्रिक की समस्या के कारण आपका पूरा दिन बेरंग रहता है | इसलिए आज की इस post में हम आपको गैस्ट्रिक और कब्ज की समस्या से निजत पाने के लिए एक घरेलु और प्रमाणिक औषधि का निर्माण और सेवन विधि बताएँगे |

शिवाक्षार पाचन चूर्ण बनाने की विधि

शिवाक्षर पाचन चूर्ण बनाने के लिए हमें
हिंग – 10 ग्राम
कालीमिर्च – 10 ग्राम
अजवायन – 10 ग्राम
छोटी हरेड – 10 ग्राम
शुद्ध सज्जीखार – 10 ग्राम
सैंधव नमक – 10 ग्राम
की आवस्यकता होगी | इन सभी को एक बराबर मात्रा में ले कर | इनको अच्छी तरह कूट – पीसकर और कपडछान कर के साफ़ एवं (Air Tight ) मजबूत डक्कन वाली शीशी में भर लेवे , आपकी गैस्ट्रिक और कब्ज की रामबाण औषधि ” शिवाक्षार पाचक चूर्ण ” तैयार है |

मात्रा और सेवन विधि

शिवाक्षार पाचन चूर्ण को दो तरह से ले सकते है –
घी के साथ – देशी गाय के घी के साथ आधा चम्मच रोज सुबह – शाम सेवन करे |
गुनगुने पानी के साथ – शिवाक्षार चूर्ण को आधा चम्मच की मात्रा में रोज सुबह शाम सेवन करे |

लाभ

यह चूर्ण वायु तथा वात के सभी प्रकार के रोगों को दूर करता है | इसके सेवन से पेट की अग्नि ठीक होती है |अपान वायु बहार निकल जाती है , कब्ज को भी जड़ से दूर करने में सक्षम है | यह चूर्ण बच्चो में भी लाभ कारी है