लाल मिर्च लगभग हर घर की रसोई में पाया जाता है और भोजन एवं व्यंजनों में इसका प्रयोग किया जाता है। यह एक तरह से मसाले का कार्य करता है और भोजन के स्वाद को बढ़ा देता है। लाल मिर्च को पोषक तत्वों का पावर हाउस कहा जाता है। यह भोजन के स्वाद को बढ़ाने के साथ ही औषधिक गुणों से भी युक्त होती है। इसमें कई तरह के केमिकल कंपाउंड मौजूद होते हैं जो शरीर के विभिन्न विकारों को दूर करने में सहायक होते हैं। लाल मिर्च कॉपर, मैग्नेशियम, आरयल, मैगनीज और पोटैशियम जैसे खनिजों का अच्छा स्रोत है। साथ ही इसमें विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन k भी पाए जाते है।
रेड चिली/लाल मिर्च सोलेनेसी कुल का सदस्या है और कैप्सिकम नामक पौधे का एक फल है। माना जाता है कि लाल मिर्च मैक्सिको की उपज है इसके बाद यह भारत में आयी। लाल मिर्च में कैप्सीकिन एक सक्रिय क्षार पाया जाता है जिसके कारण यह स्वाद में तीखा होता है। यह कच्चा, सूखा और पाउडर आदि रूपों में इस्तेमाल किया जाता है। लाल मिर्च मसालेदार स्वाद वाला होता है और इसमें उच्च मात्रा में विटामिन सी और कैरोटीन पाया जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन ए, विटामिन बी सहित एंटीऑक्सीडेंट भी मौजूद होते हैं।
लाल मिर्च लाल रक्त कोशिकाएं बनाने में सहायक
शरीर में आयरन की कमी के कारण एनीमिया और थकान की समस्या होती है। लाल मिर्च में कॉपर और आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जो नई रक्त कोशिकाएं बनाने में मदद करता है। लाल मिर्च में फॉलिक एसिड भी पाया जाता है जो शरीर में लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण करता है और खून की कमी को दूर करता है।
लाल मिर्च हृदय रोगों से बचाने में फायदेमंदशरीर में विभिन्न क्रियाओं के संचालन में पोटैशियम नामक खनिज की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लाल मिर्च में पोटैशियम काफी मात्रा में पाया जाता है जो इन कार्यों में सहायक होता है। फोलेट के साथ पर्याप्त पोटैशियम लेने से हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है। लाल मिर्च में राइबोफ्लैविन और नियासिन भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। नियासिन व्यक्ति के शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और हृदय से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करता है।
लाल मिर्च फायदेमंद दर्द से राहत दिलाने में
ऑस्टियोआर्थराइटिस और डायबिटिक न्यूरोपैथी के कारण होने वाले दर्द को दूर करने में लाल मिर्च बहुत सहायक होता है। यह संवेदी रिसेप्टर को असंवेदनशील बनता है और एंटीइंफ्लैमेटरी गुण होने के कारण सूजन को कम करने में भी सहायता करता है। भोजन में लाल मिर्च का प्रयोग करने से एथरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) से बचाव होता है।
लाल मिर्च पाउडर के फायदे आंत की बीमारियों में
एंटीबैक्टीरियल एवं एंटी फंगल गुणों से युक्त होने के कारण लाल मिर्च का उपयोग खाद्य संरक्षक के रूप में किया जाता है। लाल मिर्च में मौजूद कैप्सेकिन एच पाइलोरी नामक बैक्टीरिया को नष्ट करता है और आंत में सूजन होने की समस्या से बचाता है। इसलिए आंत्र रोगों से बचने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
लाल मिरची के फायदे स्वस्थ आंखों के लिए
एक रिसर्च में पाया गया है कि प्रतिदिन एक चम्मच लाल मिर्च का सेवन करने से आंखें स्वस्थ रहती हैं। लाल मिर्च में विटामिन ए पाया जाता है जो आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने में मदद करता है और रात में आंखों से न दिखने की समस्या को भी दूर करता है।
लाल मिर्च खाने के फायदे लंबी उम्र के लिए
विभिन्न अध्ययनों में यह पाया गया है कि 30 साल की उम्र के बाद प्रतिदिन कम से कम 5 से 6 बार भोजन में लाल मिर्च का प्रयोग करने से व्यक्ति की आयु लंबी होती है। जो लोग प्रतिदिन लाल मिर्च का सेवन नहीं करते हैं उनकी अपेक्षा प्रतिदिन लाल मिर्च का सेवन करने वाले लोगों में मृत्युदर कम पायी जाती है क्योंकि यह खून में आईजीएफ-1 नामक एंटी एजिंग हार्मोन के स्तर को बढ़ाता है।
लाल मिर्च के गुण कैंसर से बचाने
एक अध्ययन में पाया गया है कि लाल मिर्च ल्यूकेमिया और कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने में मदद करता है। हल्दी की तरह करी बनाते समय इसमें लाल मिर्च का प्रयोग करने से यह ट्यूमर एवं कैंसर को बढ़ने से रोकता है। इसके अलावा यह स्तन कैंसर को भी बढ़ने से रोकने में मदद करता है।
वजन घटाने में फायदेमंद
मोटापा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। नियमित रूप से भोजन में लाल मिर्च या लाल मिर्च पावडर का प्रयोग करने से अधिक भोजन करने की इच्छा घटती है और मेटाबोलिज्म बढ़ता है। लाल मिर्च का सेवन करने के बाद शरीर में गर्मी आती है जिससे एनर्जी बढ़ती है और अतिरिक्त कैलोरी घटती है। इसलिए शरीर का वजन घटाने के लिए लाल मिर्च बहुत फायदेमंद है।
लाल मिर्च खाने के नुकसान
रेड चिली/लाल मिर्च में कैप्सैकिन होता है जो अधिक मसालेदार प्रकृति का होता है।
लाल मिर्च का सेवन करने से मुंह, जीभ और गले में जलन की समस्या हो सकती है।
लाल मिर्च में पाया जाने वाला कैप्सैकिन मुख गुहा(oral cavity), गले और पेट के संपर्क में आने से सूजन और जलन पैदा कर सकता है।
यदि हाथ में लाल मिर्च लगा हो तो उस हाथ से आंखों को नहीं छूना चाहिए अन्यथा आंखों में जलन हो सकती है और आंखें लाल हो सकती हैं।
लाल मिर्च में एफ्लैटोक्सिन नामक रसायन यौगिक पाया जाता है जिसके कारण पेट, लिवर और कोलन कैंसर की समस्या हो सकती है।