बवासीर में गुदा और मलाशय के आसपास सूजन, और नसों में सूजन होती है। बवासीर या तो गुदा के अंदर या गुदा के आसपास त्वचा के नीचे होता है। वे अक्सर मल त्यागते समय लगने वाले दबाव की वजह से होते हैं। अन्य कारकों में गर्भावस्था, उम्र बढ़ना और पुरानी कब्ज या दस्त शामिल हैं।दोनों पुरुषों और महिलाओं में बवासीर बहुत आम हैं। लगभग आधे लोगों में 50 वर्ष की आयु तक बवासीर होता है। गुदा के अंदर बवासीर का सबसे आम लक्षण शौचालय पेपर या शौचालय में चमकीला लाल रक्त होता है। लक्षण आमतौर पर कुछ दिनों के भीतर चले जाते हैं।
अगर आपके गुदा से खून बह रहा है तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। आपको यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि रक्तस्राव किसी भी अधिक गंभीर स्थिति से न हो जैसे कि कोलोरेक्टल या गुदा कैंसर। उपचार में गर्म स्नान और क्रीम या अन्य दवा शामिल हो सकते हैं।
पुरानी कब्ज, लंबे समय तक बैठे रहना और कम फाइबर वाले आहार जैसे कारक पुरुषों में बवासीर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। सौभाग्य से, विभिन्न जीवन शैली में परिवर्तन और चिकित्सा प्रक्रियाओं के साथ पाइल्स का प्रभावी ढंग से प्रबंधन और उपचार किया जा सकता है।
पाइल्स, जिसे बवासीर भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जो गुदा और निचले मलाशय में नसों को प्रभावित करती है। वे मल त्याग के दौरान असुविधा, दर्द और रक्तस्राव का कारण बन सकते हैं। पुरुषों में पाइल्स एक आम स्थिति है, खासकर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में।
इलाज न होने पर हालात बिगड़ जाते हैं और प्रभावित हिस्से से खून भी बहने लगता है। आंतरिक और बाहरी दो प्रकार के बवासीर होते हैं, जो पुरुषों को प्रभावित कर सकते हैं।आंतरिक बवासीर मलाशय के अंदर होता है और बिना दर्द के रक्तस्राव हो सकता है। वे मल त्याग के दौरान गुदा से बाहर निकल सकते हैं और असुविधा या जलन पैदा कर सकते हैं।
दूसरी ओर बाहरी बवासीर, गुदा के बाहर विकसित होते हैं और गंभीर दर्द, खुजली और परेशानी पैदा कर सकते हैं। वे मल त्याग के दौरान रक्तस्राव भी कर सकते हैं।
एक आदमी के लिए एक ही समय में आंतरिक और बाहरी दोनों बवासीर होना भी संभव है। यदि आप बवासीर के किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो चिकित्सकीय ध्यान देना आवश्यक है, क्योंकि विभिन्न उपचार विकल्पों के साथ उनका प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है।
बवासीर के लक्षण
आमतौर पर, पाइल्स की समस्या गंभीर नहीं होती है। हालांकि, कुछ सामान्य पुरुष बवासीर के लक्षण नीचे बताए गए हैं जिन्हें कोई भी व्यक्ति आसानी से पहचान सकता है।मल त्याग के दौरान दर्द : बवासीर में गुदा और मलाशय की नसों में सूजन के कारण मल त्यागते समय दर्द हो सकता है।
गुदा क्षेत्र में खुजली और जलन :
सूजन वाली नसों की उपस्थिति के कारण गुदा क्षेत्र में खुजली या जलन पैदा कर सकता है।
मल त्याग के दौरान रक्तस्राव :
मल त्याग के दौरान रक्तस्राव :
बवासीर में सूजी हुई नसों के फटने से मल त्याग के दौरान या बाद में रक्तस्राव हो सकता है।
गुदा के आसपास गांठ या सूजन :
गुदा के आसपास गांठ या सूजन :
पाइल्स में नसों के बाहर निकलने के कारण गुदा के आसपास गांठ या सूजन हो सकती है।
अधूरे मल त्याग की अनुभूति :
अधूरे मल त्याग की अनुभूति :
बवासीर अधूरा मल त्याग की भावना पैदा कर सकता है जो मल के सामान्य मार्ग को बाधित करता है।
बैठने में असुविधा : गुदा और मलाशय में सूजी हुई नसों पर दबाव पड़ने पर बैठने में असुविधा हो सकती है।
बवासीर के कारण
पुरुषों में पाइल्स की समस्या होने का कोई सटीक कारण बताना मुश्किल है। लेकिन गुदा में मौजूद रक्त वाहिकाओं और ऊतकों के ऊपर बढ़ते दबाव से बवसीर होने की संभावना बढ़ जाती है। निम्निलिखित कुछ सामान्य बवासिर होने के करण हैं:
बैठने में असुविधा : गुदा और मलाशय में सूजी हुई नसों पर दबाव पड़ने पर बैठने में असुविधा हो सकती है।
बवासीर के कारण
पुरुषों में पाइल्स की समस्या होने का कोई सटीक कारण बताना मुश्किल है। लेकिन गुदा में मौजूद रक्त वाहिकाओं और ऊतकों के ऊपर बढ़ते दबाव से बवसीर होने की संभावना बढ़ जाती है। निम्निलिखित कुछ सामान्य बवासिर होने के करण हैं:
कम फाइबर आहार :
कम फाइबर वाले आहार का सेवन करने से आपका मल सख्त हो सकता है, जिससे मल त्याग के दौरान अधिक तनाव हो सकता है। इससे मलाशय और गुदा में नसों पर दबाव बढ़ जाता है।
मल त्याग के दौरान तनाव : पुरुषों में बवासीर के सबसे सामान्य कारणों में से एक मल त्याग के दौरान बहुत अधिक जोर लगाना है। इसकी संभावना तब ज़्यादा होती है जब कब्ज या दस्त हो।
लंबे समय तक बैठना :
मल त्याग के दौरान तनाव : पुरुषों में बवासीर के सबसे सामान्य कारणों में से एक मल त्याग के दौरान बहुत अधिक जोर लगाना है। इसकी संभावना तब ज़्यादा होती है जब कब्ज या दस्त हो।
लंबे समय तक बैठना :
जो पुरुष लंबे समय तक बैठे रहते हैं, जैसे ट्रक ड्राइवर या ऑफिस वर्कर, उनमें बवासीर होने की संभावना अधिक होती है। लंबे समय तक बैठने से गुदा क्षेत्र में नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे उनमें सूजन आ जाती है।
भारी वजन उठाना :
आयु :
भारी वजन उठाना :
जो पुरुष नियमित रूप से भारी सामान उठाते हैं उन्हें भी बवासीर होने का खतरा होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारी उठाने के तनाव से गुदा में नसों में सूजन आ सकती है।
आयु :
उम्र बढ़ने के साथ बवासीर अधिक आम हो जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गुदा क्षेत्र में ऊतक उम्र के साथ कमजोर हो जाते हैं, जिससे उनमें सूजन होने की संभावना हो जाती है।
बवासीर के घरेलू उपाय
बवासीर को जड़ से खत्म करने का घरेलू उपाय करने में हल्दी काफी उपयोगी है। हल्दी में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते है जो घाव भरने और सूजन कम करने में मदद करते है। 1 चम्मच देसी घी में आधा चम्मच हल्दी मिला ले और मरहम की तरह मस्सों पर लगाए। इस उपाय में देशी घी के अलावा आप एलोवेरा जेल का भी प्रयोग कर सकते है।
केला भी बवासीर से राहत पाने में मदद करता है। एक पका हुआ केला ले कर इसे बीच से काट ले, अब इस पर थोड़ा कत्था छिड़क कर रात भर खुले आसमान के निचे छोड़ दे और अगली सुबह इसे खा ले। कैसी भी बवासीर हो 5 से 7 दिन इस घरेलू नुस्खे को करने पर आराम मिलता है।
बवासीर को जड़ से खत्म करने का घरेलू उपाय करने में लहसुन भी प्रयोग किया जा सकता है। रात को सोने से पूर्व लहसुन की 1 कली को छील कर गुदा के रास्ते अंदर डाले। शुरुआत में ये उपाय दर्द भरा हो सकता है। (ये देसी इलाज करने से पहले आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर ले।)
नारियल की जटा खुनी बवासीर के इलाज की अचूक दवा है। नारियल की जटा को जलाकर उसकी राख एक शीशी में भर कर रख ले। अब दिन में 3 बार इसे 3 ग्राम की मात्रा 1 कप छाछ या दही में मिलाकर खाएं। पाइल्स से खून रोकने के लिए ये उपाय किसी भी अंग्रेजी दवा से ज्यादा असरदार है। इस उपाय को सिर्फ 1 ही दिन करना है और पुरानी बवासीर हो तो 3 दिन ये उपाय करने पर आराम मिलने लगेगा।
बवासीर को जड़ से खत्म करने का घरेलू उपाय के लिए मलहम घर पर बनाने के लिए अरंडी का तेल 80 ग्राम ले कर गरम कर ले और 10 ग्राम कपूर मिला कर रखे। अब गुदा के मस्सों को धो कर इसे कपड़े से पोंछ ले और इस तेल से मस्सों पर धीरे से मालिश करे। दिन में 2 बार इस उपचार को करने से मस्से की सूजन, जलन, दर्द और खारिश से आराम मिलता है।
1 गिलास ताजे दूध में 1 निम्बू निचोड़ कर सुबह खाली पेट पिए। निम्बू डालते ही दूध तुरंत पी जाये। 5 से 7 दिन इस नुस्खे को करने पर बवासीर से राहत मिलने लगेगी।
बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज में बाबा रामदेव की दवा पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी भी ले सकते है। इस दवा की एक से दो गोली दिन में 2 बार पानी या फिर लस्सी के साथ ले।
एक बार बवासीर ठीक होने के कुछ समय बाद अगर फिर से बवासीर की शिकायत होती है या फिर बवासीर पुरानी हो या बार बार पाइल्स हो जाते है, ऐसी स्थिति में दोपहर को खाने के बाद छाछ में थोड़ी पीसी हुई अजवाइन और थोड़ा सेंधा नमक मिला कर सेवन करना चाहिए और साथ ही आहार में मूली की सब्जी व मूली के पत्ते शामिल करे।
कब्ज का रोग बवासीर होने का प्रमुख कारण है इसलिए बवासीर से बचने और इस समस्या का उपचार करने के लिए पेट में कब्ज न होने दे।
बवासीर के मस्सों का होम्योपैथिक इलाज (homeopathic treatment) करने के लिए सल्फर 3, 4, 200, एकोनाइट 30, हैमामेलिस Q, इग्नेशिया 200, मूलेन आयल, हैमामेलिस मूलार्क जैसे मेडिसिन प्रयोग में लायी जाती है। इन दवाओं से ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले होम्योपैथिक चिकित्सक से मिलकर सलाह अवश्य ले।
गाय का घी और शहद एक समान मात्रा में मिला कर मस्सों पर लगाए। कुछ हफ्ते इस उपाय को करने पर बवासीर के मस्से सूख कर गिरने लगेंगे।
बवासीर के मस्से कैसे हटाये, सेहुंड के दूध में थोड़ी हल्दी मिलाकर इसकी 1 बूंद को मस्से पर लगाने से मस्से सूखने लगते है।
20 ग्राम नीला थोथा व 40 ग्राम अफीम पीस कर 40 ग्राम सरसों के तेल में पकाएं। हर रोज सुबह शाम इस मिश्रण को रूई की मदद से मस्सों पर लगाने से कुछ ही दिनों में बवासीर के मस्से सूखने लगेंगे।
नीम के कोमल पत्ते घी में भूनकर इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर इसकी टिकिया बना लें। अब प्रतिदिन 1 टिकिया गुदाद्वार पर बांधने पर मस्से नष्ट होने लगते है।
बवासीर को जड़ से खत्म करने का घरेलू उपाय में आक के पत्तों और सहजन के पत्ते का मलहम बना कर लगाने से मस्सों से छुटकारा मिलता है।
नीम का तेल और हल्दी कड़वी तोरई के रस में मिला कर मस्सों पर लगाये। नियमित रूप से इस रामबाण उपाय को करने पर मलद्वार के मस्से जड़ से खत्म हो जाते है।
आइस पैक :
विच हैज़ल :
एलोवेरा तेल :
नारियल तेल :
बवासीर के लिए आहार
भोजन बवासीर होने की संभावना को कम करने में भी मदद कर सकता है। आप शामिल कर सकते हैं:उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ : मल को नरम करने और कब्ज को कम करने में मदद कर सकता है, जो बवासीर को बढ़ा सकता है। इन खाद्य पदार्थों में साबुत अनाज, फलियाँ, फल, सब्जियाँ, मेवे, बीज और चोकर शामिल हैं।
विटामिन सी :
फ्लेवोनोइड्स :
प्रोबायोटिक्स :
जीवन शैली से बवसीर का उपचार
जीवनशैली में बदलाव लाकर बवासीर को बिगड़ने से रोका जा सकता है। ये उपाय बिना सर्जरी के प्रभावी रूप से बवासीर का स्थायी इलाज प्रदान कर सकते हैं। कुछ बदलावों में शामिल हैं:हाइड्रेटेड रखें : बवासीर के लक्षणों से राहत पाने और उपचार को बढ़ावा देने के लिए, मल को नरम करने और मल त्याग को आसान बनाने के लिए हाइड्रेटेड रहने की सलाह दी जाती है, जिससे प्रभावित नसों पर दबाव और तनाव कम होता है।
व्यायाम : नियमित व्यायाम शरीर में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। यह कब्ज को कम करता है, जो बवासीर के विकास के लिए एक सामान्य योगदान कारक है।
लाल मांस का सेवन सीमित करें :
वजन प्रबंधन :
मलत्याग करते समय जोर न लगाएं :
भारी सामान उठाने से बचें :
बवासीर के घरेलू उपाय
बवासीर को जड़ से खत्म करने का घरेलू उपाय करने में हल्दी काफी उपयोगी है। हल्दी में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते है जो घाव भरने और सूजन कम करने में मदद करते है। 1 चम्मच देसी घी में आधा चम्मच हल्दी मिला ले और मरहम की तरह मस्सों पर लगाए। इस उपाय में देशी घी के अलावा आप एलोवेरा जेल का भी प्रयोग कर सकते है।
केला भी बवासीर से राहत पाने में मदद करता है। एक पका हुआ केला ले कर इसे बीच से काट ले, अब इस पर थोड़ा कत्था छिड़क कर रात भर खुले आसमान के निचे छोड़ दे और अगली सुबह इसे खा ले। कैसी भी बवासीर हो 5 से 7 दिन इस घरेलू नुस्खे को करने पर आराम मिलता है।
बवासीर को जड़ से खत्म करने का घरेलू उपाय करने में लहसुन भी प्रयोग किया जा सकता है। रात को सोने से पूर्व लहसुन की 1 कली को छील कर गुदा के रास्ते अंदर डाले। शुरुआत में ये उपाय दर्द भरा हो सकता है। (ये देसी इलाज करने से पहले आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर ले।)
नारियल की जटा खुनी बवासीर के इलाज की अचूक दवा है। नारियल की जटा को जलाकर उसकी राख एक शीशी में भर कर रख ले। अब दिन में 3 बार इसे 3 ग्राम की मात्रा 1 कप छाछ या दही में मिलाकर खाएं। पाइल्स से खून रोकने के लिए ये उपाय किसी भी अंग्रेजी दवा से ज्यादा असरदार है। इस उपाय को सिर्फ 1 ही दिन करना है और पुरानी बवासीर हो तो 3 दिन ये उपाय करने पर आराम मिलने लगेगा।
बवासीर को जड़ से खत्म करने का घरेलू उपाय के लिए मलहम घर पर बनाने के लिए अरंडी का तेल 80 ग्राम ले कर गरम कर ले और 10 ग्राम कपूर मिला कर रखे। अब गुदा के मस्सों को धो कर इसे कपड़े से पोंछ ले और इस तेल से मस्सों पर धीरे से मालिश करे। दिन में 2 बार इस उपचार को करने से मस्से की सूजन, जलन, दर्द और खारिश से आराम मिलता है।
1 गिलास ताजे दूध में 1 निम्बू निचोड़ कर सुबह खाली पेट पिए। निम्बू डालते ही दूध तुरंत पी जाये। 5 से 7 दिन इस नुस्खे को करने पर बवासीर से राहत मिलने लगेगी।
बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज में बाबा रामदेव की दवा पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी भी ले सकते है। इस दवा की एक से दो गोली दिन में 2 बार पानी या फिर लस्सी के साथ ले।
एक बार बवासीर ठीक होने के कुछ समय बाद अगर फिर से बवासीर की शिकायत होती है या फिर बवासीर पुरानी हो या बार बार पाइल्स हो जाते है, ऐसी स्थिति में दोपहर को खाने के बाद छाछ में थोड़ी पीसी हुई अजवाइन और थोड़ा सेंधा नमक मिला कर सेवन करना चाहिए और साथ ही आहार में मूली की सब्जी व मूली के पत्ते शामिल करे।
कब्ज का रोग बवासीर होने का प्रमुख कारण है इसलिए बवासीर से बचने और इस समस्या का उपचार करने के लिए पेट में कब्ज न होने दे।
बवासीर के मस्सों का होम्योपैथिक इलाज (homeopathic treatment) करने के लिए सल्फर 3, 4, 200, एकोनाइट 30, हैमामेलिस Q, इग्नेशिया 200, मूलेन आयल, हैमामेलिस मूलार्क जैसे मेडिसिन प्रयोग में लायी जाती है। इन दवाओं से ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले होम्योपैथिक चिकित्सक से मिलकर सलाह अवश्य ले।
गाय का घी और शहद एक समान मात्रा में मिला कर मस्सों पर लगाए। कुछ हफ्ते इस उपाय को करने पर बवासीर के मस्से सूख कर गिरने लगेंगे।
बवासीर के मस्से कैसे हटाये, सेहुंड के दूध में थोड़ी हल्दी मिलाकर इसकी 1 बूंद को मस्से पर लगाने से मस्से सूखने लगते है।
20 ग्राम नीला थोथा व 40 ग्राम अफीम पीस कर 40 ग्राम सरसों के तेल में पकाएं। हर रोज सुबह शाम इस मिश्रण को रूई की मदद से मस्सों पर लगाने से कुछ ही दिनों में बवासीर के मस्से सूखने लगेंगे।
नीम के कोमल पत्ते घी में भूनकर इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर इसकी टिकिया बना लें। अब प्रतिदिन 1 टिकिया गुदाद्वार पर बांधने पर मस्से नष्ट होने लगते है।
बवासीर को जड़ से खत्म करने का घरेलू उपाय में आक के पत्तों और सहजन के पत्ते का मलहम बना कर लगाने से मस्सों से छुटकारा मिलता है।
नीम का तेल और हल्दी कड़वी तोरई के रस में मिला कर मस्सों पर लगाये। नियमित रूप से इस रामबाण उपाय को करने पर मलद्वार के मस्से जड़ से खत्म हो जाते है।
आइस पैक :
गंभीर और दर्दनाक बवासीर को कम करने के लिए, सूजन को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर 10 से 15 मिनट के लिए आइस पैक का उपयोग करें, लेकिन किसी भी नुकसान या क्षति से बचने के लिए इसे त्वचा पर लगाने से पहले इसे कपड़े में लपेटना सुनिश्चित करें।
विच हैज़ल :
आप एक रुई में थोड़ी मात्रा में विच हेज़ल को सीधे बवासीर पर लगा सकते हैं। धीरे-धीरे प्रभावित क्षेत्र को दिन में कई बार पोंछ सकते हैं, विशेष रूप से मल त्याग के बाद। इससे खुजली और जलन कम होगी।
एलोवेरा तेल :
इसके प्राकृतिक विरोधी गुणों के कारण बवासीर से होने वाली खुजली और जलन को कम करता है। बस एलोवेरा के तेल की थोड़ी मात्रा को प्रभावित जगह पर लगाएं और धीरे से मालिश करें।
नारियल तेल :
यह जीवाणुरोधी गुणों के कारण बवासीर के लिए एक प्रभावी उपचार हो सकता है। आप नारियल के तेल में खाना भी बना सकते हैं। इसमें मौजूद रेचक गुण कब्ज को दूर कर सकते हैं।
बवासीर के लिए आहार
भोजन बवासीर होने की संभावना को कम करने में भी मदद कर सकता है। आप शामिल कर सकते हैं:उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ : मल को नरम करने और कब्ज को कम करने में मदद कर सकता है, जो बवासीर को बढ़ा सकता है। इन खाद्य पदार्थों में साबुत अनाज, फलियाँ, फल, सब्जियाँ, मेवे, बीज और चोकर शामिल हैं।
विटामिन सी :
यह एक एंटीऑक्सिडेंट है जो प्रतिरक्षा समारोह को बढ़ावा दे सकता है, सूजन को कम कर सकता है और रक्त वाहिकाओं को मजबूत कर सकता है। विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे खट्टे फल, शिमला मिर्च और ब्रोकली, अपने आहार में शामिल करने के लिए अच्छे विकल्प हैं।
फ्लेवोनोइड्स :
भोजन में पौधों के यौगिक फ्लेवोनोइड्स होते हैं जो सूजन को कम कर सकते हैं और बवासीर के लक्षणों को कम कर सकते हैं। खट्टे फल, जामुन और डार्क चॉकलेट ऐसे खाद्य पदार्थों के उदाहरण हैं।
प्रोबायोटिक्स :
अपने आहार में दही को शामिल करें। इसमें अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो आंत के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं और मल त्याग को नियंत्रित कर सकते हैं, अंततः कब्ज और बवासीर के लक्षणों के विकास की संभावना को कम कर सकते हैं।
जीवन शैली से बवसीर का उपचार
जीवनशैली में बदलाव लाकर बवासीर को बिगड़ने से रोका जा सकता है। ये उपाय बिना सर्जरी के प्रभावी रूप से बवासीर का स्थायी इलाज प्रदान कर सकते हैं। कुछ बदलावों में शामिल हैं:हाइड्रेटेड रखें : बवासीर के लक्षणों से राहत पाने और उपचार को बढ़ावा देने के लिए, मल को नरम करने और मल त्याग को आसान बनाने के लिए हाइड्रेटेड रहने की सलाह दी जाती है, जिससे प्रभावित नसों पर दबाव और तनाव कम होता है।
व्यायाम : नियमित व्यायाम शरीर में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। यह कब्ज को कम करता है, जो बवासीर के विकास के लिए एक सामान्य योगदान कारक है।
लाल मांस का सेवन सीमित करें :
लाल मांस का सेवन पचाने में कठिन होता है और बवासीर के लक्षणों को बदतर बना देता है, इसलिए इसके बजाय चिकन, मछली या बीन्स जैसे अन्य प्रकार के प्रोटीन खाने की कोशिश करें।
प्रोसेस्ड फूड से बचें : बवासीर के लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि उनमें अस्वास्थ्यकर वसा, नमक और चीनी का उच्च स्तर होता है, जो सूजन, पाचन समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है जो स्थिति को खराब कर सकता है।
बवासीर की रोकथाम
आम तौर पर, पुरुषों में पाइल्स को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है। हालांकि, जब पाइल्स की पहचान जल्दी कर ली जाती है, तब इस रोग को बढ़ने और हालात को बिगड़ने से रोका जा सकता है। पाइल्स से बचाव के कुछ उपाय नीचे दिए गए हैं:स्वस्थ भोजन : फाइबर से भरपूर आहार मल त्याग को नियंत्रित करने और कब्ज को रोकने में मदद कर सकता है, जो गुदा और मलाशय में नसों पर दबाव डाल सकता है, जिससे बवासीर का निर्माण हो सकता है।
प्रोसेस्ड फूड से बचें : बवासीर के लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि उनमें अस्वास्थ्यकर वसा, नमक और चीनी का उच्च स्तर होता है, जो सूजन, पाचन समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है जो स्थिति को खराब कर सकता है।
बवासीर की रोकथाम
आम तौर पर, पुरुषों में पाइल्स को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है। हालांकि, जब पाइल्स की पहचान जल्दी कर ली जाती है, तब इस रोग को बढ़ने और हालात को बिगड़ने से रोका जा सकता है। पाइल्स से बचाव के कुछ उपाय नीचे दिए गए हैं:स्वस्थ भोजन : फाइबर से भरपूर आहार मल त्याग को नियंत्रित करने और कब्ज को रोकने में मदद कर सकता है, जो गुदा और मलाशय में नसों पर दबाव डाल सकता है, जिससे बवासीर का निर्माण हो सकता है।
वजन प्रबंधन :
आहार और व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखने से गुदा और मलाशय में नसों पर दबाव कम करने और बवासीर के विकास के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
सक्रिय जीवन शैली : नियमित व्यायाम भी कब्ज को रोकने और रक्त प्रवाह में सुधार करने में मदद कर सकता है, जिससे बवासीर के खतरे को कम किया जा सकता है।
सक्रिय जीवन शैली : नियमित व्यायाम भी कब्ज को रोकने और रक्त प्रवाह में सुधार करने में मदद कर सकता है, जिससे बवासीर के खतरे को कम किया जा सकता है।
मलत्याग करते समय जोर न लगाएं :
मल त्याग के दौरान जोर लगाने से गुदा और मलाशय में नसों पर दबाव पड़ सकता है, जिससे बवासीर हो सकता है। इसे रोकने के लिए, समय निकालना महत्वपूर्ण है और बाथरूम का उपयोग करते समय जल्दबाजी न करें।
भारी सामान उठाने से बचें :
भारी सामान उठाने से भी गुदा और मलाशय की नसों पर दबाव पड़ सकता है, जिससे बवासीर हो सकता है। उचित उठाने की तकनीक का उपयोग करना और बहुत भारी वस्तुओं को उठाने से बचना महत्वपूर्ण है।
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