वैसे तो हमें बचपन से ही धीरे-धीरे चबाकर भोजन करना सिखाया जाता हैं, लेकिन फिर भी कई लोग व्यस्तता के चलते जल्दी-जल्दी में ही खाने खाने की आदत बना लेते हैं। अगर आप भी ऐसा ही करते हैं, तो आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ऐसा करना सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। यहां तक की आपको मोटापे का शिकार भी बना सकता है। आइए, जानते हैं कि आखिर क्यों जल्दी में न खाते हुए, धीरे-धीरे चबाकर भोजन करना चाहिए -
क्या आपकी आदत भी जल्दी-जल्दी खाना खाने की है? कुछ लोगों के खाने की स्पीड इतनी तेज होती है कि उन्हें अक्सर अपने साथ खाने वालों का या तो इंतजार करना पड़ता है या लोगों को खाता हुआ छोड़कर उठना पड़ता है। ऐसे लोग जल्दी-जल्दी खाने को अपनी क्वलिटीज में गिनना शुरू कर देते हैं बकियों को 'स्लो ईटर' कहकर चिढ़ाने लगते हैं। मगर वो शायद नहीं जानते हैं कि जल्दी-जल्दी खाने की आदत उनके लिए कितनी नुकसानदायक हो सकती है। जी हां, वैज्ञानिकों के अनुसार हमें अपना खाना हमेशा धीरे-धीरे, अच्छी तरह चबाकर और स्वाद लेकर खाना चाहिए। इससे खाना पचाने में आसानी रहती है। जल्दी-जल्दी खाना खाने की आदत आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है।
अगर आप जल्दी-जल्दी बिना ढँग से चबाए खाना खाते हैं तो आपकी इस आदत से आपका वजन भी तेजी से बढ़ने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तेजी से खाना खाने से आपके शरीर में मेटाबलिज्म की प्रक्रिया पर भी असर पड़ता है, जिसका वजन से सीधा संबंध है। जब आप धीरे-धीरे खाना खाते हैं तो आप सही मात्रा में जरूरत के अनुसार खाते हैं। साथ ही शरीर के हार्मोन्स ब्रेन में पेट भरने का संकेत भेजते हैं। अध्ययन में देखा गया है कि 5 साल के समय के दौरान 84 लोगों में मैटाबॉलिज्म सिंड्रोम पनपा, जो प्रतिभागी तेजी से खाना खाते थे उनका वजन बढ़ा, रक्त शर्करा में भी बढ़ौतरी हुई, बैड कोलेस्ट्राल भी बढ़ा और कमर के आकार में भी बढ़ोतरी हुई।भले ही आप किसी भी कारणवश जल्दी में खाना खाएं, इसके कारण आपका वजन बढ़ना तय है और बढ़ता वजन अपने आप में ही एक गंभीर समस्या है।दरअसल, जल्दबाजी में खाना-खाने से दिमाग को पेट भरने का अहसास नहीं हो पाता है। ऐसे में आप ज्यादा खाना खा लेते हैं जो वजन बढ़ने या मोटापे का मुख्य कारण बन जाता है।इसलिए बढ़ते वजन से बचने के लिए खाने को हमेशा अच्छे से चबाकर ही खाएं।
प्रभावित होता है इंसुलिन
शोधकर्ताओं ने कहा कि जल्दी-जल्दी खाना खाने से दिमाग को जरूरी संदेश नहीं मिल पाता है। इसकी वजह से जरूरी हार्मोन्स नहीं निकल पाते हैं। इस कारण इंसान का इंसुलिन प्रभावित होता है और इंसुलिन प्रभावित होने की वजह से टाइप-2 मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है। खाना अच्छी तरह चबाकर खाने से मुंह में मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। देर तक खाने से मुंह में बनने वाली लार बैक्टीरिया खत्म कर देती है, जिससे शरीर बैक्टीरियल संक्रमण से दूर रहता है।
डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए भी भोजन को धीरे -धीरे चबाकर खाना चाहिए इससे खाना तो ठीक से पचता ही है साथ ही ग्लूकोज भी ठीक प्रकार से टूट कर शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है
हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट रोग का खतरा
इंसान का खान पान उसे कई बीमारियों से बचाता है. तो वहीं जल्दी जल्दी खाने की वजह से कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है.
जब इंसान मेटाबॉलिक सिंड्रोम का शिकार होता है तो उसे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है. हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी की वजह से हार्ट रोग का खतरा बढ़ जाता है
हो सकता है मेटाबॉलिक सिंड्रोम
जल्दबाजी में खाना खाने से मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने की संभावना भी बढ़ सकती है।दरअसल, जल्दबाजी में खाना खाने से शरीर में रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है और ये दोनों समस्याएं मिलकर मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम की स्थिति बना सकती हैं।इसमें मेटाबॉलिज्म का स्तर असंतुलित हो जाता है जो शरीर में अन्य कई समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।इसलिए कभी भी जल्दबाजी में खाना खाने की भूल न करें।
आप तेज खाना इसलिए खा पाते हैं क्योंकि खाने को दांत से देर तक चबाने के बजाय सीधा निगल लेते हैं। खाने को चबाना इसलिए जरूरी है ताकि आपका खाना छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट जाए और डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए उसे पचाना और प्रॉसेसिंग करना आसान हो जाए। इसके अलावा जब आप खाने को चबाकर खाते हैं, तो आपके मुंह की राल उसमें मिल जाती है। आपका थूक पेट में डाइजेस्टिव एंजाइम्स को एक्टिवेट करता है, ताकि वो खाने को तोड़कर पोषक तत्वों को अलग कर सकें।
ब्लड शुगर बढ़ सकता है
जी हां, यह बात पढ़कर आपको भी झटका लग सकता है कि तेजी से खाना खाने से आपका ब्लड शुगर बढ़ सकता है। दरअसल तेजी से खाना खाने से शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस शुरू हो जाता है, जिसके कारण आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। लंबे समय में ये आदत आपको डायबिटीज का शिकार बना सकती है। अगर आप पहले से डायबिटीज का शिकार हैं, तो आपके लिए तेजी से खाना खाना बहुत खतरनाक हो सकता है। इसलिए आपको हमेशा खाना धीरे-धीरे खाना चाहिए।
लेकिन जल्दबाजी में खाना खाने के दौरान हम इस तरह का कनेक्शन डिवेलप नहीं कर पाते हैं। जब इस तरह भोजन करना हमारी आदत बन जाती है हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियां पनपने लगती हैं। इनमें पाचन से लेकर मोटापे तक कई समस्याएं शामिल हैं।
जब हम धीरे-धीरे खाना खाते हैं तब सही मात्रा में और जरूरत अनुसार खाते हैं। साथ ही शरीर के हॉर्मोन्स ब्रेन में अलार्म करते हैं। इसकी वजह होती है कि शरीर में इंसुलिन का स्तर प्रभावित होता है। यदि इंसुलिन शरीर में कम होने लगता है तो डाबिटीज टाइप-2 का खतरा बढ़ जाता है।*विशेषज्ञ कहते हैं कि खाना खाने में करीब 20 मिनट का वक्त लेना चाहिए, ताकि आप अपने खाने को अच्छे तरीके से चबाकर खा सकें। यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के शोधकर्ताओं ने भी इस बात की पुष्टि की है कि खाने को ज्यादा देर तक चबाने से आप कम खाना तो खाते ही हैं, साथ ही 2 घंटे बाद कुछ हल्का खाने की आदत भी नियंत्रण में रहती है
जल्दबाजी में खाना खाने से मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने की संभावना भी बढ़ सकती है।दरअसल, जल्दबाजी में खाना खाने से शरीर में रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है और ये दोनों समस्याएं मिलकर मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम की स्थिति बना सकती हैं।इसमें मेटाबॉलिज्म का स्तर असंतुलित हो जाता है जो शरीर में अन्य कई समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।इसलिए कभी भी जल्दबाजी में खाना खाने की भूल न करें।
अच्छी तरह नहीं पचता है खाना
आप तेज खाना इसलिए खा पाते हैं क्योंकि खाने को दांत से देर तक चबाने के बजाय सीधा निगल लेते हैं। खाने को चबाना इसलिए जरूरी है ताकि आपका खाना छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट जाए और डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए उसे पचाना और प्रॉसेसिंग करना आसान हो जाए। इसके अलावा जब आप खाने को चबाकर खाते हैं, तो आपके मुंह की राल उसमें मिल जाती है। आपका थूक पेट में डाइजेस्टिव एंजाइम्स को एक्टिवेट करता है, ताकि वो खाने को तोड़कर पोषक तत्वों को अलग कर सकें।
ब्लड शुगर बढ़ सकता है
जी हां, यह बात पढ़कर आपको भी झटका लग सकता है कि तेजी से खाना खाने से आपका ब्लड शुगर बढ़ सकता है। दरअसल तेजी से खाना खाने से शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस शुरू हो जाता है, जिसके कारण आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। लंबे समय में ये आदत आपको डायबिटीज का शिकार बना सकती है। अगर आप पहले से डायबिटीज का शिकार हैं, तो आपके लिए तेजी से खाना खाना बहुत खतरनाक हो सकता है। इसलिए आपको हमेशा खाना धीरे-धीरे खाना चाहिए।
धीरे-धीरे और अच्छी तरह से चबाकर खाने से भोजन में लार अच्छी तरह मिल जाती है, जिससे भोजन को पचाना आसान हो जाता है। इससे आपका मेटाबॉलिज्म भी सही रहता है।
माना जाता है कि डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए भी भोजन को धीरे-धीरे चबाकर खाना चाहिए। इससे खाना तो ठीक से पचता ही है साथ ही ग्लकोज भी ठीक प्रकार से टूट कर शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
धीरे-धीरे और चबाकर खाने से पेट से जुड़ी कई समस्याएं खत्म हो जाती हैं, जैसे कब्ज व गैस आदि। धीरे-धीरे खाने से मन भी शांत रहता है और छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ाना या गुस्सा आना भी कम हो जाता है।
धीरे-धीरे, चबाकर खाने से भोजन करने में समय लगता है और आप ज्यादा खाने से बच जाते हैं, जिससे मोटापे जैसे परेशानी से भी बचाव होने में मदद मिलती है।
माना जाता है कि डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए भी भोजन को धीरे-धीरे चबाकर खाना चाहिए। इससे खाना तो ठीक से पचता ही है साथ ही ग्लकोज भी ठीक प्रकार से टूट कर शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
धीरे-धीरे और चबाकर खाने से पेट से जुड़ी कई समस्याएं खत्म हो जाती हैं, जैसे कब्ज व गैस आदि। धीरे-धीरे खाने से मन भी शांत रहता है और छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ाना या गुस्सा आना भी कम हो जाता है।
धीरे-धीरे, चबाकर खाने से भोजन करने में समय लगता है और आप ज्यादा खाने से बच जाते हैं, जिससे मोटापे जैसे परेशानी से भी बचाव होने में मदद मिलती है।
गैस की समस्या
भी आमतौर पर खाने की गलत आदतों के कारण होती है।यह समस्या होने पर उल्टी, जी मचलाना, पेट में जलन, पेट में गुड़गुड़ाहट और सीने में दर्द जैसी परेशानियां हो सकती हैं।वहीं इस कारण गैस्ट्रोइंट्सटाइनल डिजीज होने का भी खतरा रहता है। यह गैस से संबंधित गंभीर समस्या है।इसलिए अगर आपकी जल्दबादी में खाना खाने की आदत है तो इसे जल्द सुधारने की कोशिश करें।
धीरे खाना खाने का शरीर पर असर
जब हम धीरे और चबाकर खाना खाते हैं तो हमारी आंतों को इस भोजन को पचाने में आसानी होती है। धीमी गति से खाना खाने के दौरान हमारे पाचनतंत्र और दिमाग के हॉर्मोन्स के बीच सही कनेक्शन बन पाता है और हमारा दिमाग सिग्नल देता है कि हमें कितना खाना खाना है या नहीं खाना है।लेकिन जल्दबाजी में खाना खाने के दौरान हम इस तरह का कनेक्शन डिवेलप नहीं कर पाते हैं। जब इस तरह भोजन करना हमारी आदत बन जाती है हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियां पनपने लगती हैं। इनमें पाचन से लेकर मोटापे तक कई समस्याएं शामिल हैं।
जब हम धीरे-धीरे खाना खाते हैं तब सही मात्रा में और जरूरत अनुसार खाते हैं। साथ ही शरीर के हॉर्मोन्स ब्रेन में अलार्म करते हैं। इसकी वजह होती है कि शरीर में इंसुलिन का स्तर प्रभावित होता है। यदि इंसुलिन शरीर में कम होने लगता है तो डाबिटीज टाइप-2 का खतरा बढ़ जाता है।
*हीरोशिमा यूर्निवर्सिटी के शोधकर्ता डॉ. ताकायुकी यामाजी और उनकी टीम ने 1,000 प्रतिभागियों पर 5 वर्ष तक अध्ययन किया। इस अध्ययन का प्रमुख उद्देशय खाना खाने की गति और मैटाबॉलिक सिंड्रोम के बीच संबंधों की खोज करना था। मैटाबॉलिक सिंड्रोम ऐसे 5 जोखिम कारकों का समायोजन है, जिससे दिल के रोगों, डायबिटीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। इन जोखिमों में हाई ब्लड प्रेशर, हाई ट्राइग्लिसराइड, रक्त में मौजूद वसा, उच्च रक्त शर्करा व गुड कोलैस्ट्रॉल की कमी और बढ़ता हुआ वजन शामिल है।
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