दिल की धड़कन बिगड़ने को अतालता भी कहते है। इसमें हृदय की धड़कन असामान्य हो जाती हैं। ऐसे में हार्ट बीट या तो रूक-रूक कर या बहुत तेज हो जाती है। बहुत तेज धड़कनों को टेककार्डिया और धीमी धड़कनों को ब्रैडीकार्डिया कहते हैं।
अक्सर कई बार हम सभी के दिल की धड़कन असमान हो जाती है, मसलन दौड़ने पर या कोई खुशी की खबर मिलने के मौके पर। दिल की असमान धड़कन बार-बार होना या ज्यादा होना हानिकारक भी हो सकती है। यदि आपकी दिल की धड़कन न्यूनतम 60 और अधिकत 85 प्रति मिनट है तो यह सामान्य होती है। यदि आपके दिल की धड़कन इससे कम या ज्यादा होती है तो चिंता की बात हो सकती है। इस लेख के जरिये हम बात करते हैं दिल की असमान धड़कन के लक्षण और कारणों के बारे में।
असामान्य धड़कन के लक्षण
यह जरूरी नहीं कि यदि किसी व्यक्ति में दिल की असमान धड़कन से संबंधित लक्षण पाये जाते हैं तो उसे ह्दय संबंधी बीमारी हो। ऐसा भी हो सकता है कि कुछ रोगियों में हृदय की असमान धड़कन होने का कोई भी लक्षण न मिलें और डॉक्टर उनकी जांच के बाद उसके दिल की असमान धड़कन होने की पुष्टि कर दें। इसके लक्षण होने पर यह भी जरूरी नहीं कि उसे गंभीर समस्या हो। उसी तरह कुछ रोगियों को कोई भी लक्षण नहीं होने पर उनकी समस्या गंभीर हो सकती है। दिल की असमान धड़कन के कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं।
सांस लेने में तकलीफ होना
कई बार कुछ लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है। यदि ऐसी समस्या ज्यादा हो तो डॉक्टर से परामर्श लें और उचित उपचार कराना चाहिए।
चक्कर आना
कभी- कभी चक्कर आने पर नहीं बल्कि आपको या आपके मित्र को अक्सर चक्कर आने की शिकायत रहती है तो हो सकता है कि उसका रक्त संचार बाधित हो रहा हो। ऐसे में दिल की असमान धड़कन होने की भी आशंका होती है।
अचानक बेहोश हो जाना
अचानक किसी का बेहोश होने भी इस रोग का बड़ा लक्षण होती है। इसलिए ऐसी किसी भी स्थिति को हल्के में नहीं लेना चाहिए और डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
छाती में धड़कन होना
छाती में तेज या हल्की धड़कन होना इस रोग का प्रमुख लक्षण है। धड़कन हल्की हो या तेज दोनों ही खतरनाक हो सकती हैं।
अचानक कमजोरी आना
शरीर में अचानक कमजोरी महसूस करना या कमजोरी की वजन से किसी काम में मन न लगना इसका लक्षण हो सकता है।
एकाग्रता की समस्या होना
जिन लोगों को दिल की असमान धड़कन की शिकायत होती है उनमें अक्सर एकाग्रता की कमी पायी जाती है। ऐसा व्यक्ति कई बार लोगों को पहचानने में कनफ्यूज भी हो जाते हैं।
व्यायाम करने में परेशानी
दिल की असामान्य धड़कन वाले रोगियों को दौड़ने, पैदल चलने या फिर कोई मेहनत का काम करने में परेशानी होती है। इन्हें थोड़ा सा काम करने पर बहुत ज्यादा थकान का अनुभव होता है। ये ज्यादा लंबे समय तक काम नहीं कर पाते।
छोटी-छोटी सांसे आना
इस प्रकार के रोगियों में अक्सर छोटी सांसे आने की शिकायत भी पाई जाती है।
दिल की असामान्य धड़कन दिल की कमजोरी का प्रतीक होती है। इससे रक्त संचार बढ़ जाता है। दिल का आकार बढ़ने पर धड़कन बिगड़ने की शिकायत आम होती है। कई बार आपने अपने अड़ौस-पड़ौस में भी किसी के दिल का आकार बढ़ने के बारे में सुना होगा। दिल की असामान्य धड़कन के निम्न लिखित कारण हैं।
एनीमिया से ग्रसित होना
मोटे व्यक्ति को ऐसी समस्या हो सकती है।
अस्थमा की बीमारी होना
फेफड़ों में रक्त के थक्के जमे होना
थाइराइड की समस्या
फेफड़ों में इनफेक्शन
ज्यादा परिश्रम करना
बुखार या डिहाइड्रेशन की समस्या
शरीर में खून की कमी होना
दवाईयों का साइड इफेक्ट होना
धूम्रपान
हाई ब्लड प्रेशर
डायबिटीज
तनाव
वायु प्रदूषण
घरेलू आयुर्वेदिक उपाय -
अनार के पत्तों का घोल
आनार के 50 पत्ते पीसकर एक गिलास पानी मे मिलाकर दिन मे 2 बार सुबह शाम पीने से हृदय गति सामान्य होने मे मदद मिलती है |
प्याज-
एक कच्चा प्याज नित्य खाना हृदय गति को सामान्य बनाने मे सहायक है|प्याज का रस हृदय की कई बीमारियों मे लाभप्रद माना गया है|
*पैर के अंगूठे मे काला धागा बांधने से हृदय रोगों मे आशातीत फायदा होता है|औरतों मे ज्यादा प्रभावशाली उपाय है|
सूखा धनिया-
हृदय गति सामान्य करने के लिए सूखा धनिया और मिश्री समान मात्रा मे मिलाकर चूर्ण बनालें |एक चम्मच रोज पानी के साथ लें|
अंगूर
अंगूर का नियमित सेवन करना हृदय की धड़कन को सामान्य बनाने मे सहायक उपाय है|
गाजर-
हृदय कि धड़कन बढ़ने और रक्त गाढ़ा होने मे गाजर विशेष रूप से प्रभावकारी होती है|
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