16.3.21

प्रवाल पिष्टी के फायदे:praval pishti upyog




प्रवाल पिष्टी में पाये जाने वाले कई प्रभावशाली तत्व हमारे स्वास्थ्य व कई बिमारियों में फायदेमंद होती है।

प्रवाल पिष्टी प्रवाल से बनायी जाती है।
इसको आम भाषा में मूंगा कहा जाता है व अंग्रेजी में Coral Calcium कहते हैं।
जिन लोगों में कैल्शियम की कमी होती हैं उन लोगों ने इसका प्रयोग करना चाहिए यह उनके लिए फायदेमंद होती है।
इसके अतिरिक्त इसमें प्रचूर मात्रा में विटामिन सी और प्राकृतिक रूप से कैल्शियम पाया जाता है जो हमारी इम्युनिटी बढ़ाने का कार्य करता है।
इस लेख में हम आपको प्रवाल पिष्टी के फायदों के साथ इसके बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
इसके फायदे जानने से पहले हमें यह जानना होगा कि यह क्या है और कैसे कार्य करता है।
प्रवाल पिष्टी आयुर्वेदिक दवा है, जिसका प्रयोग कई रोगों जैसे जुखाम, खांसी और पित्त के रोगों में आयुर्वेदिक दवा के रूप में करते हैं।
खाने में इसका स्वाद मीठा सा होता है। प्रवाल पिष्टी में विटामिन सी व कैल्शियम की अत्यधिक मात्रा पायी जाती है जो हमारे लिए फायदेमंद होती है।
यह बाजार में तरल एवं पाउडर के रूप में मिलती है।
प्रवाल पिष्टी के गुण
प्रवाल पिष्टी का उपयोग कैल्शियम की कमी, कमजोरी, सुखी खांसी, शरीर में किसी भी स्थान से भी खून बहने पर, सर दर्द, गैस की परेशानी, अल्सर, हेपेटाइटिस, पेशाब में जलन होना जैसे कई और रोगों में किया जाता है।
आयुर्वेदिक दवा के रूप में प्रवाल पिष्टी का उपयोग बड़े स्तर पर किया जाता है।
मगर प्रवाल अर्थात मूंगा कैल्शियम का सीधे तौर पर उपयोग नहीं किया जाता है।
इसके लिए इसको खाने योग्य बनाने के लिए गुलाब जल के साथ तैयार किया जाता है और इसका पाउडर बनाया जाता है।
अत: प्रवाल को गुलाब जल के साथ संसाधित कर जो पाउडर या चूर्ण तैयार किया जाता है उसी का प्रवाल पिष्टी कहा जाता है।
प्रवाल भस्म और प्रवाल पिष्टी दोनों ही कैल्शियम की कमी, रक्त स्रात के रोगों, खांसी, कमजोरी, सिरदर्द, पित्त रोग, पीलिया, आंखों का लाल होना, पेट की परेशानी आदि में फायदेमंद होते हैं।
इसके साथ ही यह गठिया में भी लाभदायक होती हैं प्रवाल पिष्टी की तासरी ठण्डी होती है और यह तीनों प्रकार के विकारों अर्थात वात दोष, कफ दोष एवं पित्त दोष में लाभदायक होती है।
प्रवाल पिष्टी के फायदे
1. शरीर की गर्मी को शांत करने में फायदेमंद
प्रवाल पिष्टी उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है जिनको शरीर के किसी हिस्से में गर्मी या जलन का एहसास होता है।
प्रवाल पिष्टी शरीर की गर्मी के तो कम करता ही है बुखार के कारण जो शरीर का तापमान बढ़ जाता है उसके भी कम करने में मदद करता है।
बुखार होने पर यह एसिटामिनोफेन के जैसे कार्य करता है और हमारे शरीर को ठण्डा करने में मदद करता है। क्योंकि इसकी तासीर ठण्डी होती है।
2. बुखार में प्रवाल पिष्टी के फायदे
बुखार में इसका प्रयोग लाभदायक होता है मगर केवल इसी के प्रयोग से लाभ नहीं होता इसके लिए इसको गोदंती भस्म के साथ प्रयोग किया जाता है।
इसके प्रयोग से शरीर के तापमान को कम करने में मदद मिलती है।
इससे बुखार तो ठीक होता ही है बुखार से होने वाली कमजोरी को दूर करने में यह लाभदायक है।
3. हड्डियों के लिए प्रवाल पिष्टी के फायदे
प्रवाल पिष्टी का प्रयोग करना हड्डियों की कमजोरी के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें प्रचूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है।
कैल्शियम हमारे शरीर की हड्डियों के लिए एक आवश्यक पदार्थ होता है।
इसके अलावा इसमें मैग्नीशियम के साथ ही अन्य खनिज तत्व भी होते हैं जो हमारे शरीर व हड्डियों के लिए फायदेमंद होते हैं।
4. कमजोरी में प्रवाल पिष्टी के फायदे
जिन लोगों को कमजोरी की परेशानी रहती है यह उनके लिए फायदेमंद होती है।
इतना ही नहीं यह अधिक समय तक बिमार रहने के बाद जो कमजोरी रहती है उसके लिए सर्वथा उचित दवा है।
ऐसी अवस्था में इसका प्रयोग करना आपके लिए लाभदायक होगा।
प्रवाल पिष्टी के कुछ और फायदे
कफ से पैदा होने वाले रोगों में यह फायदेमंद होता हैं
बच्चों में, गर्भवती महिलाओं व बुजुर्गो में यह कैल्शियम की कमी को दूर करता है। क्योंकि यह एक प्राकृतिक रूप में कल्शियम से युक्त होता है जो सीधे शरीर द्वारा अवशोषित हो जाता हैं।
प्रवाल पिष्टी के प्रयोग से शरीर में पैदा होने वाली अम्ल की अधिकता होने पर यह लाभदायक होता है। क्योंकि अम्ल की अधिकता से कई प्रकार की परेशानिंया उत्पन्न हो जाती हैं। जैसे — जलन होना, गैस बनना, हाथ पैरों के तलवों में जलन होना आदि।
इसका प्रयोग गुलकंद के साथ प्रयोग करने से पित्त से उत्पन्न होने वाले रोगों में यह लाभदायक होता है।
मानसिक रोगों, चिंता, तनाव व डिप्रेशन प्रवाल पिष्टी का प्रयोग करना लाभ दायक होता है।
प्रवाल पिष्टी पाचन उत्तेजक, गठिया नाशक, अम्ल नाशक होता है।
प्रवाल पिष्टी बाल झड़ने से रोकने में सहायता करता है।
अगर महिलाओं को गर्भाशय एवं मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव हो तो प्रवाल पिष्टी का सेवन करना उनके लिए लाभदायक होता है।
यह गुदा विकार, बवासीर मगर जिसमें रक्त बहने की समस्या हो, हड्डियों को जोड़ने में सहायक, बालों का जल्द सफेद होने में सहायक होता है।
प्रवाल पिष्टी की सेवन विधि
प्रवाल पिष्टी का सेवन दिन में दो से तीन बार करना चाहिए।
इसकी 125 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम तक की मात्रा को लिया जा सकता है।
मगर ध्यान देने योग्य बात यह है कि इसकी 2500 मिलीग्राम से ज्यादा की मात्रा को एक दिन में नहीं लेना चाहिए नहीं हो परेशानी हो सकती है।
इसकी मात्रा आपके रोगा पर निर्भर करती है। इसको लेने से पहले किसी अच्छे आयुर्वेदाचार्य से सलाह ले लेनी चाहिए।
प्रवाल पिष्टी को कभी भी अकेले नहीं खाया जाता है।
इससे अधिकतम लाभ लेने के लिए गुलकंद या शहद के साथ ही प्रयोग किया जाना चाहिए।

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3.3.21

दालचीनी वाला दूध पीने के फायदे:dalchini wala doodh ke fayde






दालचीनी वाला दूध पीने से इम्यून सिस्टम मजबूत हो जाता है, जिससे आप जल्दी बीमार नहीं पड़ते। आपकी बॉडी पर वायरस जल्दी असर नहीं डाल पाते। इसके साथ ही यह थकान को भी दूर करता है।
दालचीनी वाला दूध पीने से इम्यून सिस्टम मजबूत होने के साथ पुरुषों में स्‍पर्म काउंट भी बढ़ते हैं।
पाचन शक्ति बढ़ती है और हड्डियां मजबूत बनती है।
ब्लडप्रेशर भी कंट्रोल में रहने लगता है।
ठंड आते ही लोगों को जोड़ों के दर्द की शिकायत होने लगती है। ज्यादातर इस समस्या से बुजुर्ग परेशान रहते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए गुनगुने दूध में दालचीनी पाउडर डालकर दें।
दालचीनी वाला दूध पीने से शुगर लेवल ठीक रहने लगता है। इससे शुगर की बीमारी से जल्दी से निजात पाई जा सकती है।
दालचीनी वृक्ष की छाल होती है जिसे औषधि और मसालों के रूप में प्रयोग किया जाता है। दालचीनी मन को प्रसन्न करती है। सभी प्रकार के दोषों को दूर करती है। इसे गर्भवती स्त्री को नहीं लेना चाहिए। जो दालचीनी, पतली, मुलायम चमकदार, सुगंधित और चबाने पर मिठास उत्पन्न करने वाली हो, वह अच्छी होती है।
परन्तु यदि किसी प्रकार की हानि हो तो सेवन को कुछ दिन में ही बंद कर देना चाहिए और दुबारा थोड़ी सी मात्रा में लेना शुरू करें। दालचीनी पाउडर की उपयोग की मात्रा 1 से 5 ग्राम होती है। बच्चों को भी इसी प्रकार कम मात्रा में ही दें ।
दालचीनी की तासीर गर्म होती है। गर्मी के मौसम में इसका कम से कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। दालचीनी का सेवन लम्बे समय तक नहीं करना चाहिए।
दालचीनी में कुछ ऐसे तत्व होते हैं,जो आपके शरीर के लिए औषधि का काम करते हैं और अगर दूध के साथ मिलाकर इसे पिया जाए, तो इससे शरीर भी ताकतवर होगा और सुंदरता भी बढ़ेगी।
एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिला लें और इसे थोड़ा उबालकर गुनगुना होने पर इसे रात को सोने से पहले सेवन करें। आओ जानते हैं इसके सेवन से शरीर में क्या फर्क नजर आने लगता है।
रोज रात को सोने से पहले अगर दालचीनी वाला दूध पीए तो 1 महीने में 2-3 किलो वजन कम हो जाता है, वह भी बिना किसी डाइटिंग या कसरत से।
दालचीनी वाला दूध पीने से सर्दी जुकाम, बलगम आदि से भी बहुत जल्दी निजात मिलती है।
दालचीनी वाला दूध त्वचा को चमकदार बनाता है और त्वचा खूबसूरत दिखने लगती है।
दालचीनी के रोजाना सेवन से बालों की सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है।
दालचीनी वाला दूध पीने से दिमाग की ताकत बढ़ती है। पढऩे वाले बच्चों को दूध में दालचीनी मिला कर देने से भी बहुत फायदा होता है।
सोने से पहले एक गिलास दालचीनी वाला दूध पीलें इससे नींद अच्छी आने लगती है।
दालचीनी वाला दूध पीने से मोटापा भी छूमंतर हो जाता है।
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