9.9.18

कंधे के दर्द,सूजन से मुक्ति पाने के उपाय

                                                       


मनुष्य के शरीर में सभी हिस्से टीम की तरह काम करते हैं। ऐसे में किसी भी एक हिस्से में होने वाली तकलीफ पूरे शरीर को पीड़ा से भर देती है। कंधे का डिसलोकेट हो जाना भी ऐसी ही एक तकलीफ है। जब यह तकलीफ बढ़ जाती है तो गंभीर रूप ले सकती है। समय पर होने वाला इलाज इसमें काफी राहत मिल सकती है।
हमारे शरीर में कंधे सबसे ज्यादा मूव करने वाले जोड़ के रूप में उपस्थित होते हैं। ये खुद कई दिशाओं में घूमने के साथ ही बांहों को घुमा सकता है, उन्हें सिर तक ऊंचा कर सकता है और आस-पास फैलाने में मदद कर सकता है। ऐसे में कंधे के डिसलोकेट होने से कई सारी गतिविधियों पर रोक लग सकती है। साथ ही तेज दर्द भी हो सकता है। ऐसा कई कारणों से हो सकता है, लेकिन त्वरित उपचार और सही तरीकों से इसे कंट्रोल में किया जा सकता है।
हमारे कंधे तीन हड्डियों से मिलकर बने होते हैं। ऊपरी बांहों की हड्डी यानी ह्यूमरस, शोल्डर ब्लेड स्कैप्युला तथा कॉलरबोन क्लेविकल। ह्यूमरस का बॉलनुमा सिर, शोल्डर ब्लेड के एक खांचे जैसे सॉकेट 'ग्लेनॉइड' में फिट हो जाता है और इसके आस-पास मौजूद टिशूज इस बॉल को खांचे में फिट बनाए रखने में मदद करते हैं। जब किसी कारण से यह बॉल, सॉकेट से बाहर निकल आती है तो शोल्डर डिसलोकेट हो जाता है और ऐसी हालत में वह अपनी पकड़ स्थाई नहीं रख पाता और बार-बार डिसलोकेट होने लगता है।
इस स्थिति को क्रॉनिक शोल्डर इनस्टेबिलिटी कहते हैं। ज्यादातर मामलों में इसके पीछे कोई चोट या लगातार कंधों पर पड़ने वाला दबाव जिम्मेदार होता है। कुछ केसेस में मसल्स के कमजोर होने या शोल्डर सॉकेट के सही आकार में न होने पर भी यह तकलीफ पनपती है, तब इसे एट्रॉमेटिक शोल्डर इनस्टेबिलिटी कहा जाता है।
पीड़ादाई लक्षण-

शोल्डर के इस स्थिति में आ जाने से उसकी कार्यप्रणाली बाधित हो जाती है और समस्या खड़ी हो जाती है। इसके अलावा अन्य लक्षण जो क्रॉनिक शोल्डर इनस्टेबिलिटी में नजर आते हैं, वे हैं-
शोल्डर का कुछ विशेष स्थितियों में बार-बार अपनी जगह से खिसक जाना या ढीला महसूस होना। जैसे हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए ऐसा महसूस होना



, चिमटी काटने जैसा अहसास

तेज दर्द
बांहों में किसी जगह पर सुन्न् होने का अहसास होना
कमजोर मूवमेंट और मसल्स में कमजोरी, आदि।
उपचार से मिलती राहत
सामान्य मामलों में कंधे का खिसक जाना कभी-कभार की घटना हो सकती है लेकिन इसका बार-बार खिसकना गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। ऐसे में उपचार जरूरी हो जाता है। इसके लिए सर्जिकल और नॉनसर्जिकल दोनों ही तरह की उपचार पद्धतियां अपनाई जा सकती हैं। नॉनसर्जिकल तरीकों में सबसे पहले सूजन कम करने वाली दवाओं और दर्दनिवारकों के जरिए तकलीफ कम करने का लक्ष्य रखा जाता है। कई बार दर्द के काबू में आने पर कुछ विशेष इंजेक्शन भी दिए जा सकते हैं।
साथ ही फिजियोथैरेपी की भी नियमित मदद ली जा सकती है। थैरेपीज लगभग 6-8 हफ्तों तक जारी रखी जा सकती है। सर्जरी के जरिए टूटे या खिंचे हुए लिगामेंट्स को रिपेयर करने का प्रयास किया जाता है। साथ ही सॉकेट के हिस्से को भी सुधारने की कोशिश की जाती है। सर्जरी के बाद बताए गए व्यायामों को नियमित करना फायदे को बढ़ाने में मदद करता है।
कंधे का दर्द काफी समय तक बना रहने पर रोगी को आमतौर पर कंधे के कुछ प्रकार के व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। और इस काम में कुछ प्रभावी थेरेपी एक्सरसाइज बेहद मददगार होती हैं।



कंधे के थेरेपी व्यायाम-


कंधे का दर्द काफी समय तक बना रहने पर रोगी को आमतौर पर कंधे के कुछ प्रकार के व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। इसका उद्देश्य जितना संभव हो, कंधे को जकड़न से मुक्त करना और उसकी गतिशीलता बनाये रखना है। कुछ जटिल मामलों में जब इन सबसे फायदा नहीं होता है, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं। हालांकि सर्जरी की सलाह केवल कुछ गंभीर मामलों में ही दी जाती है। आमतौर पर तो निम्न प्रभावी थेरेपी एक्सरसाइज की मदद से ही कंधे के दर्द का उपचार हो जाता है।

फ्रोजन शोल्डर है बड़ा कारण-

आमतौर पर फ्रोजन शोल्डर के तीन चरण होते हैं। पहले चरण में व्यक्ति को कंधे में दर्द होने लगता है। दूसरे में उसे कंधे को हिलाने-डुलाने या कोई काम करने में परेशानी होती है। वहीं तीसरे चरण में कंधे की मूवमेंट बिल्कुल रुक जाती है। अधिकांश वृद्ध लोगों कोतो बालों में कंघी करने या कपड़े पहनने तक में परेशानी महसूस होती है। ऐसे में कप को उठाने जैसी दैनिक गतिविधियों में भी कंधे में दर्द होता है।

आइसोमेट्रिक नेक एंड शोल्डर एक्सरसाइज-

आइसोमेट्रिक नेक एंड शोल्डर एक्सरसाइज घर पर ही दिन में 3 से 4 बार किया जा सकता है। इसे करने के लिये सिर और गर्दन को सीधा करके बैठ जाएं। हाथों को कान के ऊपर रखें और हथेली से सिर पर दबाव डालें। सिर को हिलाए बिना ही इस प्रक्रिया को कम से कम दोनों हाथों से आठ से दस बार करें। इससे अलावा कंधों को मजबूत करने के लिए दोनों हाथों को सामने की ओर दीवार पर रखकर दीवार पर दबाव डालें। पांच से दस सेकेंड के बाद हाथों को वहां से हटा दें। आठ से दस बार इस प्रक्रिया को करें, लाभ होगा।
समय रहते अगर इस पर ध्‍यान न दिया जाए तो कुछ समय बाद कंधे का दर्द नियमित होता जाता है। ऐसे में दर्द से तो जुझने के साथ ही साथ आपके काम में भी बाधा पहुंचने लगती है।
कहा जाता है कि ज्यादा नमक खाना सेहत के लिए नुकसानदायक है, लेकिन यह नमक हो सकता है आपके लिए बेहद फायदेमंद। जी हां, आयुर्वेद के अनुसार सेंधा नमक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है, इसलिए इसे सर्वोत्तम नमक कहा गया है। सेंधा नमक में लगभग 65 प्रकार के खनिज लवण पाए जाते हैं, जो कई तरह की बीमारियों से बचाने में मददगार होते हैं।
वहीं इसका एक बढ़ि‍या फायदा यह है कि यह पाचन के लिए फायदेमंद है। चूंकि यह पाचक रसों का निर्माण करता है, इसलिए कब्ज भी दूर करने में सहायक है। यह कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक है, जिससे दिल के दौरे की संभावना को भी कम करता है। इसके अलावा हाई ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने में भी सेंधा नमक फायदेमंद होता है।
तनाव अधिक होने पर सेंधा नमक का सेवन करना लाभकारी होगा, यह सेरोटोनिन और मेलाटोनिन हार्मोन्स का स्तर शरीर में बनाए रखता है, जो तनाव से लड़ने में आपकी मदद करते हैं। बढ़ती उम्र में अक्सर ही लोगों को जोड़ों में दर्द की समस्या से जुझना पड़ता है। इन जोड़ों के दर्द में सबसे ज्यादा परेशानी कंधो के दर्द को लेकर होती है।
कई बार तो अचानक ही कंधे में असहनीय दर्द होने लगता है। लेकिन कुछ समय बाद आप पाते हैं कि कंधे का दर्द नियमित होता जा रहा है। ऐसे में दर्द से तो जुझने के साथ ही साथ आपके काम में भी बाधा पहुंचने लगती है। यह बात भी सही है कि हर किसी के लिए मंहगी डॉक्टरी इलाज का बोझ उठा पाना संभव नहीं होता है। इसलिए यहां पर हम आपको कुछ ऐसे ही आसान तरीके बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप बढ़ती उम्र में होने वाले कंधे के दर्द से निजात पा सकते हैं।
सेंधा नमक का इस्तेमाल भी कंधे के दर्द से निपटने का एक आसान सा तरीका है। पिछले काफी समय से लोग इसे उपयोग में ला रहे हैं। लेकिन यह विधि ऊपर दी गई विधियों से काफी अलग है। इसके लिए आप एक टब में हल्का गर्म पानी लेकर उसमें एक या दो कप सेंधा नमक डालें। इसके बाद उसी पानी में पंद्रह मिनट के आस-पास के लिए बैठ जायें। ध्यान रहे कि आपका कंधा भी पानी में डुबा होना चाहिए। सेंधा नमक में मैग्नीशियम सल्फेट पाया जाता है। जो प्राकृतिक रूप से दर्द को कम करके आपकी मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है।
कंधे में दर्द किसी भी उम्र में हो सकता है. लेकिन जो लोग लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टफोन पर अधिक समय बिताते हैं उन्हें कंधे में दर्द की समस्या अधिक रहती है. कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप आसानी से कंधे के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं.
*कंधे के दर्द से छुटकारा पाने के लिए ठंडे पानी से सिंकाई करनी चाहिए. ये दर्द से राहत देने के लिए बहुत फायदेमंद है. एक प्लास्टिक बैग में बर्फ के टुकड़े रखकर बैग को तौलिए में लपेट लो और दर्द की जगह पर 10 से 15 मिनट तक रखों. दिनभर में कई बार और कुछ दिनों तक लगातार ऐसा ही करें. आप तौलिए को ठंडे पानी में भिगोकर भी ऐसा कर सकते हैं. ध्यान रहे, बर्फ को सीधे दर्द की जगह पर ना लगाएं.
* ठंडे पानी से सिंकाई की तरह ही गर्म सिंकाई भी कंधे के दर्द और सूजन से राहत देती है. कंधे में यदि चोट लग जाए तो 48 घंटे बाद गर्म सेंक का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे मसल्स का तनाव भी दूर होगा और मांसपेशियों के तनाव को दूर करने में भी मदद मिलेगी. एक बैग में गर्म पानी भरकर 10 से 15 मिनट दर्द की जगह पर लगाएं. दिनभर में कई बार और कुछ दिनों तक लगातार इसी प्रक्रिया को दोहराएं जब तक दर्द से राहत नहीं मिलती.


* कंधे में दर्द की जगह पर दबाव बनाएं इससे कंधे की सूजन कम होगी. इलास्टिक बैन्डेज या गर्म पट्टी से कंधे पर दबाव बनाया जा सकता है. दर्द की जगह पर बैन्डेज तब तक बांधें जब तक सूजन और दर्द कम ना हो जाएं. इसके अलावा तकिए की मदद से भी कंधे को सपोर्ट किया जा सकता है. ध्यान रहे, बैन्डेज बहुत टाइट ना बांधें.

* सेंधा नमक के पानी में नहाने से कंधे के दर्द में आराम मिलेगा. इससे मांसपेशियों का तनाव भी दूर होगा और ब्लड सरकुलेशन भी बढ़ेगा. साथ ही शरीर को भी आराम मिलेगा. बाथटब को गुनगुने पानी से भर लें. इसमें 2 चम्मच सेंधा नमक अच्छे से मिलाएं. 20 से 25 मिनट तक इस पानी में कंधे को डूबोए रखें. सप्ताह में तीन बार ऐसा करें.
* कंधे के दर्द से राहत पाने के लिए मसाज भी की जा सकती है. मसाज के जरिए कंधे की मांसपेशियों का तनाव कम किया जा सकता है. इससे ब्लड सरकुलेशन भी ठीक रहता है और सूजन भी आसानी से कम हो जाती है. आपको किसी ऐसे व्यक्ति से मसाज करवानी चाहिए जो अच्छी मसाज कर सकें. मसाज के लिए जैतून का तेल, नारियल तेल या सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है. तेल को हल्का सा गर्म कर लें. इसके बाद हल्के दबाव के साथ मसाज शुरू करें. 10 मिनट मसाज के बाद गर्म तौलिये को दर्द की जगह पर रखें, इससे आपको बेहतर रिजल्ट मिलेगा. इस प्रक्रिया को दिन में कई बार, कई दिन तक दोहराएं.
* कई बार कंधें में दर्द, मांसपेशियों की कमजोरी की वजह से होने लगता है. ऐसे में आप दर्द को दूर करने के लिए प्रोटीन, कैल्‍शियम और विटामिन का ओरली सेवन करें. इससे राहत मिलेगी.
* दर्द होने पर भी कई लोग लगातार काम करते रहते हैं, वो काम नहीं करते हैं बल्कि अपने लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं. जब भी दर्द हो, तो आराम करें. आराम करने से शरीर को राहत मिलेगी.
* कई बार गलत तकिया लगाने से भी दर्द होने लगता है. कंधे में दर्द होने पर तकिया न लगाएं या फिर सॉफ्ट तकिया लगाएं.
* अगर आप धूम्रपान करते हैं तो करना छोड़ दें. ऐसा करने से शरीर में रक्‍त का संचार अच्‍छी तरह होगा और दर्द जैसी कई समस्‍याओं से छुटकारा मिल जाएगा.
* रोजमेरी का ह फूल, कंधे के दर्द में बहुत फायदा करता है. इसे उबाल कर इसका काढ़ा पीने से काफी लाभ मिलता है.
* कंधें में दर्द होने स्‍ट्रेचिंग करें. इससे आपको दर्द में राहत महसूस होगी. लेकिन भारी वजह उठाने से बचें.

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