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5.6.20

गुग्‍गुल एक चमत्कारिक आयुर्वेदिक औषधि:Guggul ke fayde


  

 कई तरह की बीमारियों को खत्म करने की सबसे बेहतर और कारगर औषघि है गुग्गुल। यह एक पेड़ की प्रजाती है। जिसके छाल से जो गोंद निकलता है उसे गुग्गुल कहा जाता है। इस गोंद के इस्तेमाल से आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हो। गुग्गुल एक तरह का छोटा पेड है इसकी कुल उंचाई 3 से 4 मीटर तक होती है। और इसके तने से सफेद रंग का दूध निकलता है जो सेहत के लिए बेहद उपयोगी होता है।गुग्गल एक वृक्ष है। गुग्गल ब्रूसेरेसी कुल का एक बहुशाकीय झाड़ीनुमा पौधा है। अग्रेंजी में इसे इण्डियन बेदेलिया भी कहते हैं। रेजिन का रंग हल्का पीला होता है परन्तु शुद्ध रेजिन पारदर्शी होता है। यह पेड़ पूरे भारत के सूखे क्षेत्रों में पाया जाता है। यह पौधा छोटा होता है एवं शीतकाल और गीष्मकाल में धीमी गति से बढ़ता है। इसके विकास के लिए वर्षा ऋतु उत्तम रहती है। इस पेड़ के गोंद को गुग्गुलु, गम गुग्गुलु या गुग्गल के नाम से जाना जाता है। गोंद को पेड़ के तने से चीरा लगा के निकाला जाता है। गुग्गुलु सुगंधित पीले-सुनहरे रंग का जमा हुआ लेटेक्स होता है। अधिक कटाई होने से यह आसानी से प्राप्त नहीं होता है। आयुर्वेद में दवा की तरह नए गोंद का ही प्रयोग होता है।

  गुग्‍गुल दिखने में काले और लाल रंग का होता है जिसका स्‍वाद कणुआ होता है। इसकी प्रवृत्‍ति गर्म होती है। इसके प्रयोग से आप पेट की गैस, सूजन, दर्द, पथरी, बवासीर ,पुरानी खांसी, यौन शक्‍ति में बढौत्‍तरी, दमा, जोडों का दर्द, फेफड़े की सूजन आदि रोगों को दूर कर सकते हैं।

Guggul an  Ayurvedic medicine

 सुश्रुत संहिता, में गुग्गुलु का प्रयोग मेद रोग के उपचार (उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल, धमनियों का सख्त होना) के लिए निर्धारित किया गया है। यह वसा के स्तर को सामान्य रखने और शरीर में सूजन कम करने में लाभकारी है। इससे प्राप्त राल जैसे पदार्थ को भी ‘गुग्गल’ कहा जाता है। इसमें मीठी महक रहती है। इसको अग्नि में डालने पर स्थान सुंगध से भर जाता है। इसलिये इसका धूप में उपयोग किया जाता है। 
यह कटुतिक्त तथा उष्ण है और कफ, बात, कास, कृमि, क्लेद, शोथ और अर्शनाशक है।मुंह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहद उपयोगी
मुंह से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्‍या में गुग्‍गुल का सेवन करना अच्‍छा रहता है। गुग्गुल को मुंह में रखने से या गर्म पानी में घोलकर दिन में 3 से 4 बार इससे कुल्ला व गरारे करने से मुंह के अन्दर के घाव, छाले व जलन ठीक हो जाते हैं।

थायराइड से छुटकारा
 

यह थायराइड ग्रंथि के कार्य में सुधार करता है, शरीर में वसा को जलाने की गतिविधियों को बढ़ाता है और गर्मी की उत्‍पत्‍ति करता है।

*जोड़ों के दर्द में लाभकारी 

जब जोड़ों में विषाक्त अवशेषों का जमाव हो जाता है और उसकी वजह से जोड़ों में दर्द होने लगता है, तब गुग्‍गुल का सेवन करने से लाभ मिलता है। यह जोड़ों से उन अवशेषों को निकाल देता है और साथ ही जोड़ों के मूवमेंट को ठीक भी करता है।

*हड्डियों से जुड़ी समस्‍याओं का समाधान करें


हड्डियों में किसी भी प्रकार की परेशानी में गुग्गुल बहुत उपयोगी होता है। हड्डियों में सूजन, चोट के बाद होने वाले दर्द और टूटी हड्डियों को जोड़ने एवं रक्त के जमाव को दूर करने में बहुत लाभकारी होती है।

*कब्‍ज की शिकायत दूर करें

अगर आपको कब्‍ज की शिकायत रहती हैं तो आपके लिए गुग्‍गुल का चूर्ण फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए लगभग 5 ग्राम गुग्गुल में सामान मात्रा में त्रिफला चूर्ण को मिलाकर रात में हल्का गर्म पानी के साथ सेवन करने से लम्बे समय से बनी हुई कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है तथा शरीर में होने वाले सूजन भी दूर हो जाते हैं।
*कोलेस्‍ट्रॉल में सुधार यह कोलेस्‍ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है। यह तीन महीने में 30% तक कोलेस्‍ट्रॉल घटा सकता है।

*गर्भाशय में करें इसका गुड़ के साथ सेवन:Guggul ke fayde

गर्भाशय से जुड़ें रोगों के लिए गुग्‍गुल का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए गुग्गुल को सुबह-शाम गुड़ के साथ सेवन करने से कई प्रकार के गर्भाशय के रोग ठीक हो जाते हैं। अगर रोग बहुत जटिल है तो 4 से 6 घंटे के अन्तर पर इसका सेवन करते रहना चाहिए।
दिल के लिये फायदेमंद यह खून में प्‍लेटलेट्स को चिपकने से रोकता है तथा दिल की बीमारी और स्‍ट्रोक से बचाता है|

*दर्द और सूजन से राहत दें:Guggul ke fayde

गुग्‍गुल में मौजूद इन्फ्लमेशन गुण दर्द और सूजन में राहत देने में मदद करता है। इसके अलावा यह शरीर के तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाने में भी बहुत मदद करता है।

त्‍वचा की समस्‍याओं में फायदेमंद गुग्‍गुल:Guggul ke fayde

खून की खराबी के कारण शरीर में होने वाले फोड़े, फुंसी व चकत्ते आदि के कारण गुग्‍गुल बहुत लाभकारी होता है। क्‍योंकि इसके सेवन से खून साफ होता है। त्‍वचा संबंधी समस्‍या होने पर इसके चूर्ण को सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ लें।
आमतौर पर उल्‍टा-सीधा या अधिक मिर्च मसाले युक्त आहार लेने से अम्‍लपित्त यानि खट्टी डकारों की समस्‍या हो जाती है। इस समस्‍या से बचने के लिए आप गुग्‍गुल का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए 1 चम्मच गुग्गुल का चूर्ण एक कप पानी में मिलाकर रख दें। लगभग एक घंटे के बाद छान लें। भोजन के बाद दोनों समय इस मिश्रण का सेवन करने से अम्लपित्त की समस्‍या से छुटकारा मिल जाता है।

मोटापा दूर करे :Guggul ke fayde

इसके प्रयोग से शरीर का मेटाबॉलिज्‍म तेज होता है और मोटापा दूर होता है। इसके साथ ही अगर गैस बनने की बीमारी है तो वह भी ठीक हो जाती है।

*. फोड़ा-फुन्सी Guggul ke fayde


फोड़ा-फुन्सी में जब सड़न और पीव हो, तो त्रिफला के काढ़े के साथ 4 रत्ती गुग्गुल लेना चाहिए। अथवा सायं 5 तोला पानी में त्रिफलाचूर्ण 6 माशा भिगोकर प्रात: गर्म कर छानकर पीने से लाभ होता है।

*घुटने का दर्द

घुटने के दर्द को दूर करने के लिए 20 ग्राम गुड़ में 10 ग्राम गुग्गुल को मिलाकर अच्छे से पीस लें और इसकी छोटी-छोटी गोलियां बना लें। कुछ दिनों तक 1-1 गोली सुबह शाम घी के साथ लें।

*गंजापन दूर करें:Guggul ke fayde

आधुनिक जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण आजकल बढ़ी उम्र के लोग हीं नहीं बल्कि युवा भी गंजेपन का शिकार हो रहे हैं। अगर आपकी भी यहीं समस्‍या हैं तो आप गुग्गुल को सिरके में मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से सिर पर गंजेपन वाले स्थान पर लगाएं इससे आपको लाभ मिलेगा।

*हाई ब्‍लड प्रेशर को कम करें


रक्तचाप के स्तर को कम और सामान्य स्तर पर बनाए रखने में गुग्‍गुल बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा गुग्‍गुल दिल को मजबूत रखता है और दिल के टॉनिक के रूप में जाना जाता है।

*दमा रोग में

दमा से परेशान लोगों को घी के साथ एक ग्राम गुग्गुल को मिलाकर सुबह-शाम लेने से फायदा मिलता है।

*पेट की सूजन

गुड़ के साथ गुग्गुल मिलाकर दिन में तीन बार रोज खाएं। एैसा नियमित करने से पेट की सूजन ठीक होने लगती है।

*गर्भ संबंधी फायदे

गुड के साथ गुग्गुल को खाने से गर्भ से संबंधित समस्याएं जैसे गर्भशाय के रोग ठीक होते हैं।

सावधानी

गुग्‍गुल की प्रकृति गर्म होने के कारण इसका ज्‍यादा इस्‍तेमाल करने पर इसे गाय के दूध या घी के साथ सेवन करे। साथ ही इसका प्रयोग करते समय तेज और मसालेदार भोजन, अत्याधिक भोजन, या खट्टे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
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