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19.3.22

विभिन्न रोगों मे कलमी शोरा के के उपयोग:kalmi shora

 



विभिन्न रोगों मे कलमी शोरा के के उपयोग

बवासीर -

*कलमी शोरा और रसोंत बराबर मात्रा में लेकर मूली के रस में पीस लें,यह पेस्ट बवासिर के मस्सो पर लगाने से
तुरंत राहत मिलती है।
*घोड़े के बाल से मस्से को काटकर  उस पर कलमी शोरा नींबू के रस मे मिलाकर लगाने से  मस्सा समाप्त हो जाता है| और घाव भी नहीं बनता है|

स्त्रियॉं मे सफ़ेद पानी जाना -

  आधा ग्राम कलमी शोरा और एक ग्राम का चौथा भाग  फिटकरी का चूर्ण दिन मे तीन बार पानी के साथ लेने से श्वेत प्रदर  काबू मे आ जाता है|

अगर उल्टी दस्त और पेशाब बंद हो जाये तो कलमी शोरा को पीसकर उसमे कपड़ा भिगोकर रोगी के पेडू(नाभि) पर रखने से पेशाब खुल कर आने लगता है|

पथरी मे-

कलमी शोरा, बड़ी इलायची के दाने, मलाई रहित ठंडा दूध व पानी। कलमी शोरा व बड़ी इलायची के दाने महीन पीसकर दोनों चूर्ण समान मात्रा में लाकर मिलाकर शीशी में भर लें।एक भाग दूध व एक भाग ठंडा पानी मिलाकर फेंट लें, इसकी मात्रा 300 एमएल होनी चाहिए। एक चम्मच चूर्ण फांककर यह फेंटा हुआ दूध पी लें। यह पहली खुराक हुई। दूसरी खुराक दोपहर में व तीसरी खुराक शाम को लें।दोदिन तक यह प्रयोग करने से पेशाब की जलन दूर होती है व मुँह के छाले व पित्त सुधरता है। शीतकाल में दूध में कुनकुना पानी मिलाएँ।
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