हृदय को स्वस्थ्य और दिल को मजबूत रखने के उपाय जानने की जरूरत सभी को है। क्योंकि आज की इस भाग-दौंड भरी जिंदगीबदलती जीवनशैली और खान-पान में आए बदलाव के कारण हृदय के लिए बहुत सी परेशानियां पैदा हो रही हैं। पहले आप ने देखा होगा कि 55 वर्ष की आयु से अधिक उम्र बालों लोगों को दिल का दौरा पड़ता था, लेकिन आज महज 30 वर्ष की आयु वाले नौजावन भी इससे प्रभावित हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम अपने हृदय को मजबूत नहीं रख पाते हैं। इस लेख में आप जानेगें हृदय से जुड़े रहस्यों और हृदय को मजबूत करने के लिए उपयोग किये जाने वाले घरेलू उपायों के बारे में।
कोरोनरी आरटरी डिसीज-
कोरोनरी धमनी की बीमारी कमजोर दिल का सबसे आम कारण है। जब कोई व्यक्ति में धमनी में रूकावट के कारण हार्ट अटैक से ग्रसित होता है, तो हदय की मांसपेशियों का हिस्सा डैमेज हो जाता है और पंपिंग धीमी पड़ जाती है।
*वॉल्वूलर हार्ट डिसीज हृदय के वाल्व के सिकुड़ने के कारण होती है। यह हृदय की मांसपेशियों पर दबाव डालती है। जब यह वेट ओवरलोड हो जाए, तो हृदय की मांसपेशियां खराब हो जाती है और दिल कमजोर हो जाता है।
*मायोकार्डिटिस हृदय की मांसपेशियों में आनी वाली एक तरह की सूजन है, जिसे मायोकार्डियम कहा जाता है। सूजन आने से दिल की ब्लड पंप करने की क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है और दिल तेजी से धड़कना शुरू कर देता है। इसकी वजह वायरल संक्रमण है।
हाई ब्लड प्रेशर से होने वाला हृदय रोग-
हाई ब्लड प्रेशर एक सामान्य हृदय से जुड़ी जटिलता है। यदि व्यक्ति लंबे समय तक हाइपरटेंशन से पीडि़त रहता है, तो आगे चलकर दिल कमजोर पड़ सकता है।
हृदय की मांसपेशियों का कमजोर हो जाना-
दिल की मांसपेशियों के कमजोर होने और दिल के फैलने के कारण भी इसमें धीरे-धीरे कमजोरी आने लगती है। इस स्थिति को डाइलेटिड कार्डियोमायोपैथी कहा जाता है। लंबे समय तक शराब के सेवन के कारण अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी होती है। जबकि पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी एक ऐसी स्थिति है, जब पेरिपार्टम अवधि के दौरान हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।
कमजोर दिल के सामान्य लक्षण
सांस लेने में तकलीफ होना
जब कभी लेटने के दौरान सांस लेने में तकलीफ हो, तो उसे ऑर्थोपेनिया कहते हैं। ऐसी स्थिति में ध्यान देने की जरूरत है कि कहीं दिल पर असर तो नहीं पड़ रहा।
टखने और पैरों में सूजन और वजन बढ़ना
तरल पदार्थ जमा होने से दोनों टखनों और पैरों के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है। ऐसा हाइड्रोस्टेटिक दबाव में वृद्धि के कारण नसों से तरल पदार्थ के निकलने के कारण होता है। कई बार वॉटर रिटेंशन से भी वजन बढ़ता है।
थकान होना
हृदय की पंपिंग कम होने के कारण मांसपेशियों में खून ठीक तरह से नहीं पहुंच पाता। इसलिए जरा सी दिक्कत होने पर मरीज थकान महसूस करने लगता है।
भूख में कमी, जी मिचलाना और उल्टी
हार्ट फैलियर के कारण लीवर और गेस्ट्रोइंटेस्टनाइल सिस्टम सिकुड़ जाता है। इससे व्यक्ति को भूख नहीं लगती और हर वक्त उल्टी जैसा महसूस होता है।
दिल की धड़कन तेज होना-
दिल की धड़कन तेज होना कमजोर दिल का लक्षण है। इस लक्षण को जल्द नहीं पहचाना जाए, तो कार्डियक डेथ तक हो सकती है।
*किसी के साथ छोटा मोटा झगडा होने पर भी उसे ऐसा महसूस होने लगता है जैसे उसके पैर सही से जमीन पर ही नहीं हैं. उसकी धड़कन बहुत तेज हो जाती है और वो जो बोलना चाहता है सही से बोल नहीं पाता. उसे कुछ ज्यादा ही पसीना आने लगता है और सांस लेने में दिक्कत होती है.
अगर आपको भी कुछ ऐसा ही महसूस होता है तो ये सारी कमजोर दिल की समस्याएँ ही हैं. आपको इस और जल्दी से जल्दी ध्यान देना होगा और दिल को मजबूत बनाने के उपाय नुस्खे ढूँढने होंगे. ताकि समस्या बढ़कर किसी बड़े दिल के रोग की शक्ल ना ले ले.
*दिल के कमजोर होने से Heart Attack का खतरा बढ़ जाता है. आजकल आप हर रोज खबर सुनते ही रहते हैं की Heart Attack से मरने वाले लोगों की संख्या में अचानक से बेतहासा वृद्धि हुयी है. इसका कारण हमारा खानपान और खराब जीवनशैली है.
पहले जहाँ सिर्फ उम्रदराज व्यक्तियों को ही हृदयघात होता था वहीँ अव ये युवाओं को भी अपना शिकार बना रहा है. इसलिए दिल को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जा सकती. जिन्हें अभी दिल की कोई समस्या नहीं है उन्हें भी पता होना चाहिए की दिल को मजबूत कैसे रखें.
कमजोर दिल को मजबूत करने के तरीके
दिल मजबूत करने के लिए धूम्रपान छोड़ें
धूम्रपान यानी सिगरेट पीना आजकल का फैशन बन चुका है। लोग अपने स्वास्थ्य के बारे में बिना कुछ सोचे-समझे सिगरेट पीने की आदत पकड़ लेते हैं, जो आगे चलकर उनके लिए नुकसानदायक ही सिद्ध होता है। सिगरेट पीने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा तो बढ़ ही जाता है, साथ ही यह हार्ट अटैक का जोखिम भी बढ़ा देता है। इसलिए अपने दिल को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखना है तो आज ही धूम्रपान करना छोड़ दें। सिर्फ बीडी या सिगरेट ही नहीं बल्कि यदि आप जर्दा, गुटखा और पान मसाला वगैरह खाते हैं तो ये भी आपके Heart को बहुत कमजोर बनाने का काम करते हैं.
शराब का सेवन न करें
अधिक मात्रा में शराब का सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। इससे ब्लडप्रेशर और हृदय संबंधित बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। ज्यादा शराब पीने से दिल कमजोर पड़ सकता है। इसलिए दिल को मजबूत रखने के लिए या तो शराब का सेवन बिल्कुल कम कर दें या बंद कर दें तो ज्यादा बेहतर है।
Vitamin E की पूर्ती करें –
Vitamin E हमारे दिल की सेहत के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है. यदि किसी व्यक्ति में विटामिन E की कमी हो जाती है तो उसे दिल की कमजोरी महसूस होना शुरू हो जाती है. इसलिए अपने आहार में ऐसी चीज़ें शामिल करें जिनसे हमें ये विटामिन मिल पाए.अगर आप अपने खाने पीने की चीज़ों से इसकी पूर्ती नहीं कर पा रहे हैं तो आप मार्केट से Vitamin E का कोई अच्छा सा Supplement भी खरीद सकते हैं. Vitamin E हमारी धमनियों की सफाई करता है और दिल को ताकत प्रदान करने का काम करता है.
तुलसी
आप शायद तुलसी के फायदे जानते होगें और यह भी कि तुलसी एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। तुलसी मुख्य रूप से तनाव से लड़ने और तनाव से संबंधित बीमारियों को रोकने के लिए उपयोग किया जाता है। कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए भी तुलसी फायदेमंद होती है। तनाव आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप में वृद्धि कर सकता है। ये सभी समस्याएं आपके हृदय को कमजोर करने के प्रमुख कारण होते हैं। इसलिए आप अपने हृदय को स्वस्थ्य रखने के लिए पवित्र तुलसी का उपयोग कर सकते हैं।
ग्रीन टी
आप अगर अपने दिन की शुरुआत ग्रीन टी से करते हैं तो यह आपके हृदय के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। और यदि आप इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं तो अभी शुरु करें। क्योंकि यह आपके दिल के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। ग्रीन टी में केचिन (catechins) होता है जो आपके हृदय को स्वस्थ्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Dry Fruits का नियमित सेवन करें -
Dry Fruits जैसे बादाम, अखरोट, काजू और पिस्ता वगैरह से हमें वो सारे पौषक तत्व मिल जाते हैं जो हमें Heart को Healthy रखने के लिए चाहिए होते हैं. जैसे Unsaturated Fats, Vitamin E और Fibre वगैरह.
इसके अलावा ये आपकी भूख को कम करके, आपका Metabolism बढ़ाकर आपके वजन को नियंत्रण में रखने में भी सहायता करते हैं. हर रोज मुट्ठी पर Dry Fruits का सेवन आपके दिल को लम्बे समय तक स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है.
मेथी
एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा और हृदय को स्वस्थ्य रखने वाले गुण मेथी में मौजूद रहते हैं। मेथी का नियमित सेवन एथरोस्क्लेरोसिस की संभावनाओं को कम करता है साथ ही यह शरीर में प्लेटलेट को बनाए रखने में भी मदद करता है। इस प्रकार मेथी का उपयोग दिल के दौरे और स्ट्रोक से जुड़े रक्त के थक्के के खतरे को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा मेथी का नियमित सेवन करके रक्त शर्करा, अतिरिक्त वसा और कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) आदि को कम किया जा सकता है।
इसके लिए आप 1 चम्मच मेथी के बीजों को रात भर के लिए भींगने दें और अगली सुबह इन बीजों को खाली पेट सेवन करें। यह आपके हृदय स्वास्थ्य से संबंधित सभी प्रकार की परेशानियों को दूर करने में मदद करता है।
इसके अलावा ये आपकी भूख को कम करके, आपका Metabolism बढ़ाकर आपके वजन को नियंत्रण में रखने में भी सहायता करते हैं. हर रोज मुट्ठी पर Dry Fruits का सेवन आपके दिल को लम्बे समय तक स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है.
मेथी
एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा और हृदय को स्वस्थ्य रखने वाले गुण मेथी में मौजूद रहते हैं। मेथी का नियमित सेवन एथरोस्क्लेरोसिस की संभावनाओं को कम करता है साथ ही यह शरीर में प्लेटलेट को बनाए रखने में भी मदद करता है। इस प्रकार मेथी का उपयोग दिल के दौरे और स्ट्रोक से जुड़े रक्त के थक्के के खतरे को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा मेथी का नियमित सेवन करके रक्त शर्करा, अतिरिक्त वसा और कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) आदि को कम किया जा सकता है।
इसके लिए आप 1 चम्मच मेथी के बीजों को रात भर के लिए भींगने दें और अगली सुबह इन बीजों को खाली पेट सेवन करें। यह आपके हृदय स्वास्थ्य से संबंधित सभी प्रकार की परेशानियों को दूर करने में मदद करता है।
अर्जुन की छाल + अश्वगंधा + मुलेठी –
ये एक बहुत ही बेहतरीन और असरदार दिल को मजबूत करने का तरीका है. इस पॉइंट को बहुत ही ध्यान से पढ़ें. 50 ग्राम अर्जुन की छाल का पाउडर, 50 ग्राम अश्वगंधा पाउडर और 50 ग्राम मुलेठी यानी यास्तिमधू पाउडर का मिश्रण तैयार कर लें.यानी तीनो को अच्छे से मिलाकर एक डब्बे में डाल लें. इस मिश्रण का प्रयोग आपको हर रोज दिन में 2 बार खाना खाने के बाद करना है. एक बार सुबह खाना खाने का बाद आधा गिलास पानी में 1 छोटी चम्मच पाउडर Mix करके लें और एक बार इसी तरह शाम को. आप यकीन नहीं करेंगे की आयुर्वेद में ये दिल को मजबूत बनाने का अचूक नुस्खा है.
पानी ज्यादा से ज्यादा पीयें –
अगर लम्बे समय तक दिल को स्वस्थ रखना है तो आपको पानी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए. पानी ना सिर्फ शरीर की अन्दर से सफाई करता है बल्कि ये रक्त वाहिकाओं में Oxygen की Supply को बढाने का काम भी करता है.
पूरी नींद लें –
अच्छी नींद और स्वस्थ हृदय का बहुत बड़ा सम्बन्ध है. यदि आप हर रोज बहुत कम नींद लेते हैं तो आपके दिल के लिए कतई अच्छा नहीं होता. याद रहे हमारे शरीर के हर अंदरूनी Organ को भी Recover और Fresh होने के लिए पर्याप्त नींद की जरुरत होती है.
अगर आप पूरी नींद नहीं ले पाते तो आपके शरीर में हार्मोनल क्रियाएँ गड़बड़ा जाती हैं जिनका सीधा असर दिल पर भी पड़ता है. अत: बहुत जरूरी है की आप हर रोज रात को कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें.
लहसुन का सेवन करें –
अगर आप पूरी नींद नहीं ले पाते तो आपके शरीर में हार्मोनल क्रियाएँ गड़बड़ा जाती हैं जिनका सीधा असर दिल पर भी पड़ता है. अत: बहुत जरूरी है की आप हर रोज रात को कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें.
लहसुन का सेवन करें –
लहसुन कई तरह से आपके दिल को लाभ पहुंचाता है. एक तो ये आपके Blood Pressure को Normal रखने का काम करता है और दूसरा ये Bad Cholestrol को Good Cholestrol में बदलने का काम करता है.
आप नियमित रूप से अपने भोजन में लहसुन का उपयोग कर सकते हैं. आप चाहें तो हर रोज लहसुन की 2-3 कली भूनकर भी खा सकते हैं. ये आपके शरीर से Becterias का सफाया करने का काम भी करता हैं.
आप नियमित रूप से अपने भोजन में लहसुन का उपयोग कर सकते हैं. आप चाहें तो हर रोज लहसुन की 2-3 कली भूनकर भी खा सकते हैं. ये आपके शरीर से Becterias का सफाया करने का काम भी करता हैं.
स्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक, अधिक वजन से हृदय की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा और भी कई बीमारियां शरीर को जकड़ लेती हैं। इसलिए अगर आप अपने दिल को मजबूत बनाना चाहते हैं तो कम वसा और कम मात्रा में चीनी वाला आहार लें। साथ ही ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां खाएं और रोजाना व्यायाम करें।
हृदय रोग वर्तमान में एक गंभीर समस्या है, लेकिन इससे बचने के लिए तरीकों एवं उपचारों की भी कोई कमी नहीं है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए जानिए दो ऐसे घरेलू रामबाण उपाय, जो आपके लिए मददगार साबित होंगे -
*250 ग्राम घीया (लौकी) छिल्के सहित धोकर उसे कस लें। कसी हुई लौकी को या तो ग्राइंडर में अथवा सिल-बट्टे पर पीस लें। पिसी हुई लौकी का रस ग्राइंडर से अपने आप बाहर आ जाएगा फिर उसे कपड़े से छान लें। लौकी को पीसते समय तुलसी की 7 पत्तियां और पुदीने की 6 पत्तियां डालना न भूलें। घीया के रस में उतनी ही मात्रा में पानी मिला लें। पानी में 4 पिसी हुई कालीमिर्च और 1 ग्राम सेंधा नमक डाल लें। भोजन के आधे घंटे बाद सुबह-शाम और रात को 3 बार इसका सेवन करें। ध्यान रहे कि हर बार रस ताजा ही निकाला जाए। घीया का रस पेट में जो भी पाचन विकार होते हैं, उन्हें दूर कर मलद्वार से बाहर निकाल देता है, संभव है कि इसके सेवन से प्रारंभ के 3-4 दिन पेट में कुछ खलबली या गड़गड़ाहट-सी महसूस हो, परंतु बाद में सब बंद हो जाएगा।
*पान, लहसुन, अदरक का 1-1 चम्मच रस और 1 चम्मच शहद- इन चारों को एकसाथ मिला ले और सीधे पी जाएं। इसमें पानी मिलाने की जरूरत नहीं है। इसे दिन में एक बार सुबह और एक बार शाम को पिएं, और तनाव लेना बंद कर दें। दिल में कोई कठिनाई महसूस हो तो जो सामान्य दवा लेता हो, वह लेता रहे।
प्रयत्न करें कि उसे लेना न पड़े। इस प्रयोग से एक हफ्ते में ही सुधार शुरू हो जाएगा और 21 दिन लेना फायदेमंद होगा।
अधिक फाइबर खाएं
हृदय रोग के खतरे को कम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में फाइबर खाएं। दिन में कम से कम 30 ग्राम फाइबर खाने का लक्ष्य रखें। विभिन्न स्रोतों से फाइबर खाएं जैसे साबुत अनाज का ब्रेड, ब्रैन, ओट्स और साबुत अनाज सीरियल, आलू (छिलके के साथ) और पर्याप्त फल और सब्जियां।
हृदय रोग वर्तमान में एक गंभीर समस्या है, लेकिन इससे बचने के लिए तरीकों एवं उपचारों की भी कोई कमी नहीं है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए जानिए दो ऐसे घरेलू रामबाण उपाय, जो आपके लिए मददगार साबित होंगे -
*250 ग्राम घीया (लौकी) छिल्के सहित धोकर उसे कस लें। कसी हुई लौकी को या तो ग्राइंडर में अथवा सिल-बट्टे पर पीस लें। पिसी हुई लौकी का रस ग्राइंडर से अपने आप बाहर आ जाएगा फिर उसे कपड़े से छान लें। लौकी को पीसते समय तुलसी की 7 पत्तियां और पुदीने की 6 पत्तियां डालना न भूलें। घीया के रस में उतनी ही मात्रा में पानी मिला लें। पानी में 4 पिसी हुई कालीमिर्च और 1 ग्राम सेंधा नमक डाल लें। भोजन के आधे घंटे बाद सुबह-शाम और रात को 3 बार इसका सेवन करें। ध्यान रहे कि हर बार रस ताजा ही निकाला जाए। घीया का रस पेट में जो भी पाचन विकार होते हैं, उन्हें दूर कर मलद्वार से बाहर निकाल देता है, संभव है कि इसके सेवन से प्रारंभ के 3-4 दिन पेट में कुछ खलबली या गड़गड़ाहट-सी महसूस हो, परंतु बाद में सब बंद हो जाएगा।
*पान, लहसुन, अदरक का 1-1 चम्मच रस और 1 चम्मच शहद- इन चारों को एकसाथ मिला ले और सीधे पी जाएं। इसमें पानी मिलाने की जरूरत नहीं है। इसे दिन में एक बार सुबह और एक बार शाम को पिएं, और तनाव लेना बंद कर दें। दिल में कोई कठिनाई महसूस हो तो जो सामान्य दवा लेता हो, वह लेता रहे।
प्रयत्न करें कि उसे लेना न पड़े। इस प्रयोग से एक हफ्ते में ही सुधार शुरू हो जाएगा और 21 दिन लेना फायदेमंद होगा।
अधिक फाइबर खाएं
हृदय रोग के खतरे को कम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में फाइबर खाएं। दिन में कम से कम 30 ग्राम फाइबर खाने का लक्ष्य रखें। विभिन्न स्रोतों से फाइबर खाएं जैसे साबुत अनाज का ब्रेड, ब्रैन, ओट्स और साबुत अनाज सीरियल, आलू (छिलके के साथ) और पर्याप्त फल और सब्जियां।
सैचुरेटेड वसा में कटौती करें
अधिक वसा वाले ज़्यादा खाद्य पदार्थ खाने से आपके रक्त में कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) की मात्रा बढ़ सकती है। यह आप में हृदय रोग होने के खतरे को बढ़ा सकता है। पतले टुकड़े वाले मांस और निम्न वसा दुग्ध उत्पाद का चुनाव करें । जैसे फुल फैट दूध के स्थान पर 1% फैट वाले दूध का।
नमक में कटौती करें
स्वस्थ्य रक्तचाप के लिए टेबल पर रखे नमक का इस्तेमाल करने से बचें, और अपने खाने में अधिक प्रयोग करने से भी बचें। एक बार जब आप बिना अतिरिक्त नमक के खाद्य पदार्थ खाने के आदी हो जाते हैं तो आप इसे पूर्ण रूप से छोड़ सकते हैं।
अधिकतर नमक जो हम खाते हैं वो हमारे द्वारा खरीदे गए खाद्य पदार्थ में पहले से होता है। खाद्य पदार्थ के लेबल को देखें। यदि 100 ग्राम में 1.5 ग्राम नमक या 0.6 ग्राम सोडियम से अधिक होता है तो उस खाद्य पदार्थ में नमक की मात्रा अधिक है। एक वयस्क को दिन भर में 6 ग्राम से कम नमक खाना चाहिए - जो कि एक चाय के चम्मच के बराबर होता है।
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तिल्ली बढ़ जाने के आयुर्वेदिक नुस्खे