इस रोग को सफेद दाग, शिव्त्र , किलास, फुलबहरी, वर्स तथा Lucoderma और Vitiligo आदि नामों से भी जाना जाता है। इस रोग से पीड़ित रोगी की त्वचा पर सफेद, गुलाबी, तांबे के रंग के समान अथवा लाल रंग के दाग (Spots) पड़ जाते हैं। शुरू शुरू में ये दाग छोटे-छोटे धब्बो के रूप में दिखाई पड़ते हैं और जब रोग बढ़ने लगता है तब वही धब्बे बड़े होकर आपस में मिल जाते हैं। इस तरह से ये दाग बड़े आकार के हो जाते हैं। जब रोग काफी बढ़ जाता है तब दाग इतना फ़ैल जाता है कि त्वचा का स्वाभाविक रंग भी चला जाता है। आखिर में दाग पर उगे हुए काले बाल भी सफेद हो जाते हैं। जहाँ तक इस रोग के इलाज का सम्बंध है, सफेद दाग के घरेलू उपचार और अन्य चिकित्सा पद्धति के उपचार दोनों ही काफी प्रभावी है |
यह दाग शरीर के किसी भी अंग और किसी भी उम्र में स्त्री या पुरुष को हो सकता है। जहां पर भी दाग होता है, ज्यादातर उस जगह या उस अंग में किसी भी प्रकार का कोई दर्द या पानीन महसूस नहीं होती है। किसी-किसी रोगी को थोड़ी-बहुत खुजली की शिकायत होती है। जो कारण कुष्ट रोग की उत्पति के होते हैं, वही कारण सफेद दाग के भी हैं। (हालांकि आधुनिक चिकित्सक इस रोग को कुष्ठ नहीं मानते हैं और आयुर्वेद के भी किसी भी आचार्य ने इस रोग को कुष्ठ की श्रेणी में नही रखा है। हालांकि आयुर्वेदाचार्यों ने 18 तरह के कुष्ठ रोग बताए हैं, लेकिन इनमें सफेद दाग शामिल नहीं है।
कुछ खाने पीने की चीजे ऐसी होती है जो अकेले खाने से कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, लेकिन एक साथ खाने से आपस में मिलकर रिएक्शन या Food Poisoning का कारण बन जाते हैं और शरीर में अनेक प्रकार की बीमारियाँ पैदा करते हैं। जैसे-खट्टे पदार्थ, नमक या नमक से बने पदार्थ, मांस-मछली, शराब, बैंगन, मूली इन पदार्थों को खाकर दूध पीना, नमकीन और मीठा एक साथ खाना, ठंडे खाने को कई बार गर्म करके खाना ये सब विरुद्ध ‘आहार’ माने जाते है | इसके आलावा आजकल तेल, घी, दूध, आटा व मसालों आदि में मिलावट हो रही है यह मिलावटी भोजन पेट में जाकर बाद में आंतों में खराबी पैदा करता है, जिससे लीवर भी खराब हो जाता है। पेट खराब होने से पित्त (बाइल) भी खराब होने लगता है ,सफेद दाग होने का यह भी एक कारण हो सकता है। कभी-कभी यह रोग अंग्रेजी दवाइयों के Reaction से भी होता है। सफेद दाग के घरेलू उपचार और आयुर्वेदिक के लिए मुख्य रूप से बावची, बकुची, आंवला, नीम, चित्रक और चंदन आदि हर्ब्स का प्रयोग किया जाता है |सफेद दाग (lukoskin) के घरेलू उपचार सिर्फ दवाइयों के भरोसे ठीक नहीं किया जा सकता है। इसके साथ खाने पीने और व्यायाम का पालन भी बहुत जरुरी होता है।
कृपया नोट करें ये सभी उपाय एक साथ नही करने है , एक समय में इनमे से किसी एक उपाय को ही अजमाए
सफेद दाग के उपचार
शहद या मीठे तेल में नौसादर मिलाकर लगाने से सफेद दागो से जल्द ही छुटकारा मिलता है |
सिरस के बीजों का तेल बनाकर लगाने से सफेद दाग ठीक हो जाते है।
बावची सफेद दाग को ठीक करने की सबसे अच्छी औषधि होती है और बावची का तेल भी सफेद दाग के इलाज के लिए अच्छा विकल्प होता है |
बावची, सफेद मूसली और चित्रक तीनों बराबर मात्रा में लेकर पीसकर बारीक पाउडर बनाकर, 3 ग्राम पाउडर सुबह-शाम शहद में मिलाकर लेने से सफेद दाग धीरे-धीरे ठीक हो जाता है।
नीम से सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए नीम के ताजे कोमल 5 पत्ते , हरा आंवला 10 ग्राम दोनों को पीसकर 50 ग्राम पानी में मिलाकर, छानकर पीने से सफेद दाग में बहुत लाभ होता है।
आंवले से सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए कत्था और आंवले का पाउडर (12-12 ग्राम) का 250 मि.ली. पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। जब 30 मि.ली. पानी बचे तो इसे छानकर इसमें 12 ग्राम बावची पाउडर मिलाकर (ऐसी 1-1 मात्रा) सुबह शाम पीनी चाहिए |
सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए लाल चंदन 10 ग्राम, अनारदाना 10 ग्राम दोनों को पीसकर सहदेवी के रस में घोंटकर गोलियां बना लें और सुखा कर रख लें | इन गोलियों को पानी में घिसकर लेप करने से सफेद दाग दूर होते है।
मूली के 10 ग्राम बीजों को 20 ग्राम खट्टे दही में डालकर रखें। 4 घंटे बाद बीजों को पीसकर लेप करने से सफेद दाग के धब्बे ठीक हो जाते हैं। यह भी
चालमोगरा, बावची और चंदन का तेल तीनों की 20-20 ग्राम लेकर एक शीशी में मिलाकर रखें, फिर इस तेल को दिन में तीन बार लगाने से लाभ होता है। यह भी सफेद दाग का अचूक इलाज होता है |
सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए बावची और शुद्ध गंधक को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर पाउडर बनाकर रोजाना सुबह 10 ग्राम पाउडर 50 मिली पानी में डालकर रखें और शाम को थोड़ा-सा मसलकर, छानकर रोगी को पिलाएं।
बावची से सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए बावची का 3 ग्राम पाउडर और तिल 3 ग्राम पीसकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से सफेद दागमें लाभ होता है। रोगी को कई महीने सेवन करना चाहिए।
नारियल के 10 ग्राम तेल में 1 ग्राम नौसादर डालकर अच्छी तरह मिलाकर कर लेप बना लें। सोते समय इस लेप को सफेद दागों पर लगाएं।
बेल के कोमल पत्तों को बाकुची के कोमल पत्तों के साथ जल में उबालकर नहाने से श्वेत कुष्ठ की बीमारी से बचाव होता है।
बेल की गिरी (गूदे) को सुखाकर चूर्ण बनाएं। फिर उस चूर्ण में बाकुची का चूर्ण बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर रखें। सुबह-शाम 5-5 ग्राम चूर्ण जल के साथ सेवन करने से धीरे-धीरे सफेद दाग का निवारण होता है।
ज्योतिष्मती (मालकंगनी) और बावची का तेल 20-20 मि.ली लीटर शीशी में भर लें। इस मिश्रण को दिन में 3-4 बार सफेद दागों पर लगाने से सफेद दागके दाग नष्ट होने लगते हैं। सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए यह तेल भी रामबाण इलाज का काम करता है |
सुबह के समय अंजीर 2-3 भाग पानी में भिगो दें और रात्रि में सोते समय उन्हें खूब चबाकर प्रतिदिन सेवन करना इस रोग में बहुत ही लाभकर है।
सफेद दाग का आयुर्वेदिक उपचार :सफेद दाग के घरेलू उपचार में बाकुची का भी बहुत महत्त्व हैं इसके लिए आप बाकुची के साफ़ अच्छे बीजों को लगभग 450 ग्राम लेकर पाउडर बना लें। उसके बाद उस पाउडर के समान मात्रा में जैतून का तेल (ओलिव ऑयल) मिलाकर रात-भर रखा रहने दें और दूसरे दिन Tincture Press मशीन से तेल निकलवा लें। इस विधि से निकाला गया तेल सफेद दाग के इलाज के लिए बहुत ही उपयोगी माना गया है। इस तेल को लगाने से त्वचा में रंजक द्रव्य बनकर फैल जाता है। लेकिन यह तेल लगाकर रोगी को धूप नही जाना चाहिए क्योंकि कई बार इससे त्वचा पर दाने पड़ जाते हैं, लेकिन इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। दाने पड़ जाने पर बाकुची का प्रयोग बंद करके इन दानो पर गाय का मक्खन और कपूर मिलाकर लगाना चाहिए।
अलसी से सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए हल्दी, आक, बाकुची, अलसी इन सबको समान मात्रा में लेकर पानी या सिरके के साथ बारीक पीसकर लेप करने से सफेद दागों में बहुत लाभ होता है |
बाकुची पाउडर, चित्रक मूलत्वक पाउडर, चकवड़ के बीज, नीला थोथा, कड़वा कूठ, आमलासार गंधक और पीली सरसों इन सबको एक समान मात्रा में लेकर पीसकर टिकिया बनाकर सुखा लें। इस टिकिया को थोड़े से पानी में पेस्ट बनाकर सफेद दागों पर लेप करें। लेकिन यह याद रखे की कोई भी लेप त्वचा पर 3 घंटे से अधिक न लगा रहे।
अपामार्ग भस्म और मेनसिल (प्रत्येक 12-12 ग्राम) मिलाकर पानी के साथ पीसकर दागों पर दिन में 2 बार लेप करें।
चित्रक और बावची से सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए चित्रक की जड़ की ताजी छाल की छाया में सुखाकर 10 ग्राम मात्रा में और बावची 100 ग्राम पीसकर पाउडर बना लें। प्रतिदिन सुबह-शाम 2 ग्राम पानी के साथ सेवन करने पर सफेद दागमें लाभ होता है। यह पोस्ट जरुर पढ़ें सफेद दाग होने के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय |
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सिरस के बीजों का तेल बनाकर लगाने से सफेद दाग ठीक हो जाते है।
बावची सफेद दाग को ठीक करने की सबसे अच्छी औषधि होती है और बावची का तेल भी सफेद दाग के इलाज के लिए अच्छा विकल्प होता है |
बावची, सफेद मूसली और चित्रक तीनों बराबर मात्रा में लेकर पीसकर बारीक पाउडर बनाकर, 3 ग्राम पाउडर सुबह-शाम शहद में मिलाकर लेने से सफेद दाग धीरे-धीरे ठीक हो जाता है।
नीम से सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए नीम के ताजे कोमल 5 पत्ते , हरा आंवला 10 ग्राम दोनों को पीसकर 50 ग्राम पानी में मिलाकर, छानकर पीने से सफेद दाग में बहुत लाभ होता है।
आंवले से सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए कत्था और आंवले का पाउडर (12-12 ग्राम) का 250 मि.ली. पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। जब 30 मि.ली. पानी बचे तो इसे छानकर इसमें 12 ग्राम बावची पाउडर मिलाकर (ऐसी 1-1 मात्रा) सुबह शाम पीनी चाहिए |
सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए लाल चंदन 10 ग्राम, अनारदाना 10 ग्राम दोनों को पीसकर सहदेवी के रस में घोंटकर गोलियां बना लें और सुखा कर रख लें | इन गोलियों को पानी में घिसकर लेप करने से सफेद दाग दूर होते है।
मूली के 10 ग्राम बीजों को 20 ग्राम खट्टे दही में डालकर रखें। 4 घंटे बाद बीजों को पीसकर लेप करने से सफेद दाग के धब्बे ठीक हो जाते हैं। यह भी
चालमोगरा, बावची और चंदन का तेल तीनों की 20-20 ग्राम लेकर एक शीशी में मिलाकर रखें, फिर इस तेल को दिन में तीन बार लगाने से लाभ होता है। यह भी सफेद दाग का अचूक इलाज होता है |
सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए बावची और शुद्ध गंधक को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर पाउडर बनाकर रोजाना सुबह 10 ग्राम पाउडर 50 मिली पानी में डालकर रखें और शाम को थोड़ा-सा मसलकर, छानकर रोगी को पिलाएं।
बावची से सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए बावची का 3 ग्राम पाउडर और तिल 3 ग्राम पीसकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से सफेद दागमें लाभ होता है। रोगी को कई महीने सेवन करना चाहिए।
नारियल के 10 ग्राम तेल में 1 ग्राम नौसादर डालकर अच्छी तरह मिलाकर कर लेप बना लें। सोते समय इस लेप को सफेद दागों पर लगाएं।
बेल के कोमल पत्तों को बाकुची के कोमल पत्तों के साथ जल में उबालकर नहाने से श्वेत कुष्ठ की बीमारी से बचाव होता है।
बेल की गिरी (गूदे) को सुखाकर चूर्ण बनाएं। फिर उस चूर्ण में बाकुची का चूर्ण बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर रखें। सुबह-शाम 5-5 ग्राम चूर्ण जल के साथ सेवन करने से धीरे-धीरे सफेद दाग का निवारण होता है।
ज्योतिष्मती (मालकंगनी) और बावची का तेल 20-20 मि.ली लीटर शीशी में भर लें। इस मिश्रण को दिन में 3-4 बार सफेद दागों पर लगाने से सफेद दागके दाग नष्ट होने लगते हैं। सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए यह तेल भी रामबाण इलाज का काम करता है |
सुबह के समय अंजीर 2-3 भाग पानी में भिगो दें और रात्रि में सोते समय उन्हें खूब चबाकर प्रतिदिन सेवन करना इस रोग में बहुत ही लाभकर है।
सफेद दाग का आयुर्वेदिक उपचार :सफेद दाग के घरेलू उपचार में बाकुची का भी बहुत महत्त्व हैं इसके लिए आप बाकुची के साफ़ अच्छे बीजों को लगभग 450 ग्राम लेकर पाउडर बना लें। उसके बाद उस पाउडर के समान मात्रा में जैतून का तेल (ओलिव ऑयल) मिलाकर रात-भर रखा रहने दें और दूसरे दिन Tincture Press मशीन से तेल निकलवा लें। इस विधि से निकाला गया तेल सफेद दाग के इलाज के लिए बहुत ही उपयोगी माना गया है। इस तेल को लगाने से त्वचा में रंजक द्रव्य बनकर फैल जाता है। लेकिन यह तेल लगाकर रोगी को धूप नही जाना चाहिए क्योंकि कई बार इससे त्वचा पर दाने पड़ जाते हैं, लेकिन इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। दाने पड़ जाने पर बाकुची का प्रयोग बंद करके इन दानो पर गाय का मक्खन और कपूर मिलाकर लगाना चाहिए।
अलसी से सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए हल्दी, आक, बाकुची, अलसी इन सबको समान मात्रा में लेकर पानी या सिरके के साथ बारीक पीसकर लेप करने से सफेद दागों में बहुत लाभ होता है |
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अपामार्ग भस्म और मेनसिल (प्रत्येक 12-12 ग्राम) मिलाकर पानी के साथ पीसकर दागों पर दिन में 2 बार लेप करें।
चित्रक और बावची से सफेद दाग के घरेलू उपचार के लिए चित्रक की जड़ की ताजी छाल की छाया में सुखाकर 10 ग्राम मात्रा में और बावची 100 ग्राम पीसकर पाउडर बना लें। प्रतिदिन सुबह-शाम 2 ग्राम पानी के साथ सेवन करने पर सफेद दागमें लाभ होता है। यह पोस्ट जरुर पढ़ें सफेद दाग होने के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय |
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