दिव्य श्वासारि क्वाथ एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि हैं जो खासी और जुकाम को ठीक करने में उपयोगी हैं,इसके अलावा साँस से सम्बंधित समस्याओ को दूर करने के लिए भी यह एक असरकारक दवा हैं। दिव्य स्वशरी क्वाथ प्रकृतिक जड़ी-बूटियों का एक मिश्रण हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हैं। साँस लेने से सम्बंधित बिमारियों का कारण धूम्रपान, धूल-मिटटी या किसी और चीज़ से एलर्जी या फिर कमजोर इम्युनिटी का होना हो सकता हैं। यह औषधि फेफड़े की कोमल मांसपेशियो का उचित उपचार करके फेफड़ों को उसका उचित काम करने में मदद करती हैं।हर 5 ग्राम दिव्य श्वासारि क्वाथ में यह घटक बराबर मात्रा में होते है:-
छोटी कटेली
काला वासा
सफ़ेद वासा
बनफ्शा
तुलसी
तेजपत्र
भारंगी
लिसोररा
अमलतास
मुलेठी
छोटी पीपल
दालचीनी
लौंग
सोंठ
दिव्य श्वासारि क्वाथ लाभ एवं उपयोग
यह औषधि बिभिन्न रोगों में इस तरह से उपयोगी हैं:-
जुकाम और खांसी
दिव्य श्वासारि क्वाथ खासी और जुकाम के लिए अत्यधिक लाभकारी हैं। इस औषधि का काढ़ा बना कर कुछ दिन सेवन करने से जुकाम में होने वाली समस्याओ जैसे सिरदर्द ,बदनदर्द,नाक का बहना में रहत मिलती हैं।
साँस सम्बन्धी रोग
यह औषधि साँस संबंधी रोगों में जैसे दमा में लाभदायक हैं।
फेफड़ो के रोगों में लाभदायक
दिव्य श्वासारि क्वाथ फेफड़ों में होने वाली तकलीफो को कम करता हैं और इनमे से अत्यधिक कफ को दूर करता हैं।
अस्थमा में राहत
इसके अलावा यह औषधि अस्थमा या एलर्जी के रोगियों के लिए भी एक सर्वोत्तम औषधि हैं। इसका सेवन करने किसी भी तरह की एलर्जी से राहत मिलती हैं।
इम्युनिटी में बढ़ोतरी
दिव्य श्वासारि क्वाथ इम्युनिटी को बढ़ाता हैं जिससे सर्दी-खांसी या साँस सम्बंधित रोगों से छुटकारा मिलता हैं इसके अलावा यह साँस लेने और साँस छोड़ने की प्रक्रिया को भी सुचारू रूप से काम करने के लिए सुधारता हैं।
औषधीय मात्रा निर्धारण एवं व्यवस्था
दिव्य श्वासारि क्वाथ की 500 मिलीग्राम से लेकर 1 ग्राम तक की मात्रा एक दिन में दो से तीन बार ली जा सकती हैं। इसे खाने से आधा घंटे पहले ले सकते हैं या फिर खाने के बाद भी इसका सेवन किया जा सकता हैं। दिव्य श्वासारि क्वाथ को शहद या गर्म पानी से साथ लेना बेहतर परिणाम देता हैं। डॉक्टर के निर्देश के अनुसार भी इसका सेवन किया जा सकता हैं।
दुष्प्रभाव
दिव्य श्वासारि क्वाथ पूरी तरह से आयुर्वेदिक और कुदरती जड़ी-बूटियों से बनाई औषधि हैं और इसका कोई दुष्प्रभाव नही हैं ,अगर इसके सेवन से कोई समस्या होती हैं तो डॉक्टर से सलाह लेनी आवश्यक हैं।
बच्चे के होने के बाद भी महिलाये इसका प्रयोग आसानी से कर सकती हैं क्योंकि पूरी तरह से आयुर्वेदिक होने के कारण इससे कोई नुकसान नही होता।
पूर्वोपाय
धूम्रपान से बचना चाहिए।
कसरत और योग नियमित रूप से करने चाहिए, इनसे इम्युनिटी बढ़ती हैं।
3 ) पीने के लिए हमेशा गर्म पानी का ही प्रयोग करे, ठंडा पानी भी ऐसी बीमारियों को बढ़ाता हैं।
तल-भुना और वसा से भरा खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, जितना हो सके इनका सेवन न करे इसकी जगह संतुलित और स्वास्थ्यबर्धक खाने का सेवन करें।
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