शहरों में उद्यानों और सड़कों के सौंदर्यीकरण के लिए लगाए जाने वाले अमलतास के पेड़ के सभी अंग जैसे छाल, फल और पत्तियों का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही औषधि के रूप में किया जा रहा है।
पीले फूलों वाले अमलतास का पेड़ सड़कों के किनारे और बगीचों में प्राय देखने को मिल जाता हैं। इस खूबसूरत पेड़ को शहरों में सड़क के किनारे अक्सर सजावट वाले पेड़ के तौर पर लगाया जाता है। इसकी पत्तियां गहरे हरे रंग की और फूल पीले चमकीले होते है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शहरों में उद्यानों और सड़कों के सौंदर्यीकरण के लिए लगाए जाने वाले इस पेड़ के सभी अंगों जैसे छाल, फल और पत्तियों का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही औषधि के रूप में किया जा रहा है।
भारत में इसके वृक्ष प्राय: सब प्रदेशों में मिलते हैं। तने की परिधि तीन से पाँच कदम तक होती है, किंतु वृक्ष बहुत उँचे नहीं होते। शीतकाल में इसमें लगनेवाली, हाथ सवा हाथ लंबी, बेलनाकार काले रंग की फलियाँ पकती हैं। इन फलियों के अंदर कई कक्ष होते हैं जिनमें काला, लसदार, पदार्थ भरा रहता है। वृक्ष की शाखाओं को छीलने से उनमें से भी लाल रस निकलता है जो जमकर गोंद के समान हो जाता है। फलियों से मधुर, गंधयुक्त, पीले कलझवें रंग का उड़नशील तेल मिलता है।
इसका प्रयोग कई रोगों को ठीक करने में किया जाता है और इसके मुख्य प्रयोग नीचे दिये है-
श्वास कष्ट ठीक करने के लिए-
अस्थमा के रोगी में कफ को निकालने और कब्ज को दूर करने के लिये फलों का गूदा दो ग्राम पानी में घोलकर गुनगुना सेवन करना चहिये ।अस्थमा की शिकायत होने पर पत्तियों को कुचलकर 10 मिली रस पिलाया जाए तो सांस की तकलीफ में काफी आराम मिल जाता है।प्रतिदिन दिन में दो बार लगभग एक माह तक लगातार पिलाने से रोगी को राहत मिल जाती है।
सर्दी जुकाम में लाभकारी-
अमलतास आम सर्दी जुकाम के उपचार में कारगर होता है। जलती अमलतास जड़ का धुआं बहती नाक का इलाज करने में सहायक होता है। यह धुआं बहती नाक को उत्तेजित करने के लिए जाना जाता है, और तुरंत राहत प्रदान करता है।
शरीर में जलन होने पर-
पेशाब में जलन होने पर अमलतास के फल के गूदे, अंगूर, और पुनर्नवा की समान मात्रा (प्रत्येक ६ ग्राम) लेकर 250 मिली पानी में उबाला जाता है और 20 मिनिट तक धीमी आँच पर उबाला जाता है। ठंडा होने पर रोगी को दिया जाए तो पेशाब में जलन होना बंद हो जाती है।
घाव ठीक करने के लिए- :
सर्दी जुकाम में लाभकारी-
अमलतास आम सर्दी जुकाम के उपचार में कारगर होता है। जलती अमलतास जड़ का धुआं बहती नाक का इलाज करने में सहायक होता है। यह धुआं बहती नाक को उत्तेजित करने के लिए जाना जाता है, और तुरंत राहत प्रदान करता है।
शरीर में जलन होने पर-
पेशाब में जलन होने पर अमलतास के फल के गूदे, अंगूर, और पुनर्नवा की समान मात्रा (प्रत्येक ६ ग्राम) लेकर 250 मिली पानी में उबाला जाता है और 20 मिनिट तक धीमी आँच पर उबाला जाता है। ठंडा होने पर रोगी को दिया जाए तो पेशाब में जलन होना बंद हो जाती है।
घाव ठीक करने के लिए- :
इसकी छाल के काढ़े का प्रयोग घावों को धोने के लिये किया जाता है । इससे संक्रमण नही होता है ।
बुखार में प्रयोग-
बुखार होने पर अमलतास के गूदे की 3 ग्राम मात्रा दिन में तीन बार 6 दिनों तक लगातार दिया जाए तो बुखार में आराम मिल जाता है और बुखार के साथ होने वाले बदन दर्द में भी राहत मिलती है।
गले की खरास ठीक करने के लिए: -
बुखार में प्रयोग-
बुखार होने पर अमलतास के गूदे की 3 ग्राम मात्रा दिन में तीन बार 6 दिनों तक लगातार दिया जाए तो बुखार में आराम मिल जाता है और बुखार के साथ होने वाले बदन दर्द में भी राहत मिलती है।
गले की खरास ठीक करने के लिए: -
इसके लिए जड़ की छाल का काढ़ा बनाकर, गुनगुने काढ़े से गरारा करने से फायदा मिलता है |
शुगर के लिए फायदेमंद-
आदिवासी मधुमेह (डायबिटीज़) के रोगियों को प्रतिदिन अमलतास की फल्लियों के गूदे का सेवन करने की सलाह देते हैं। प्रतिदिन सुबह शाम 3 ग्राम गूदे का सेवन गुनगुने पानी के साथ करने से मधुमेह में आराम मिलने लगता है।
एसिडिटी ठीक करने के लिए:-
शुगर के लिए फायदेमंद-
आदिवासी मधुमेह (डायबिटीज़) के रोगियों को प्रतिदिन अमलतास की फल्लियों के गूदे का सेवन करने की सलाह देते हैं। प्रतिदिन सुबह शाम 3 ग्राम गूदे का सेवन गुनगुने पानी के साथ करने से मधुमेह में आराम मिलने लगता है।
एसिडिटी ठीक करने के लिए:-
फल के गूदे को पानी मे घोलकर हलका गुन्गुना करके नाभी के चारों ओर 10-15 मिनट तक मालिस करें । यह प्रयोग नियमित करने से स्थायी लाभ होता है ।
अमलतास की फल्लियों और छाल के चूर्ण को उबालकर पिया जाए तो आर्थरायटिस और जोड़ दर्द में आराम देता है।
सूखी खांसी ठीक करने के लिए :-
अमलतास की फल्लियों और छाल के चूर्ण को उबालकर पिया जाए तो आर्थरायटिस और जोड़ दर्द में आराम देता है।
सूखी खांसी ठीक करने के लिए :-
इसकी फूलों का अवलेह बनाकर सेवन करने से सूखी खांसी दूर हो जाती है |
आंवला और अमलतास के गूदे की समान मात्रा को मिलाकर 100 मिली पानी में उबाला जाए और जब यह आधा शेष बचे तो इसे छान लिया जाए और रक्त विकारों से ग्रस्त रोगियों को दिया जाए तो विकार शांत हो जाते है।
पेट के रोगों में लाभकारी-
बच्चों को अक्सर पेट में गैस, दर्द और पेट फूलना जैसी समस्याएं होती है। इन समस्याओं के होने पर अमलतास के गूदे को नाभि के आस-पास के हिस्से में लगाने फायदा होता है। यह प्रयोग नियमित रूप से करने से स्थायी रूप से फायदा होता है। इसके अलावा गूदे को बादाम या अलसी के तेल के साथ मिलाकर लेने से मल त्याग की समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।|
त्वचा रोग- :
आंवला और अमलतास के गूदे की समान मात्रा को मिलाकर 100 मिली पानी में उबाला जाए और जब यह आधा शेष बचे तो इसे छान लिया जाए और रक्त विकारों से ग्रस्त रोगियों को दिया जाए तो विकार शांत हो जाते है।
पेट के रोगों में लाभकारी-
बच्चों को अक्सर पेट में गैस, दर्द और पेट फूलना जैसी समस्याएं होती है। इन समस्याओं के होने पर अमलतास के गूदे को नाभि के आस-पास के हिस्से में लगाने फायदा होता है। यह प्रयोग नियमित रूप से करने से स्थायी रूप से फायदा होता है। इसके अलावा गूदे को बादाम या अलसी के तेल के साथ मिलाकर लेने से मल त्याग की समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।|
त्वचा रोग- :
त्वचा रोगों में इसका गूदा 5 ग्राम इमली और 3 ग्राम पानी में घोलकर नियमित प्रयोग से लाभ होता है | इसके पत्तों को बारीक पीसकर उसका लेप भी साथ-साथ करने से लाभ मिलता गये है |अमलतास की पत्तियों को छाछ के साथ कुचलकर त्वचा पर लगाया जाए तो त्वचा संबंधित अनेक समस्याओं में आराम मिल जाता है। दाद खाज खुजली होने पर अमलतास की फल्लियों के पल्प/ गूदे और मीठे नीम की पत्तियों को साथ में कुचला जाए और संक्रमित त्वचा पर इसे लेपित किया जाए तो आराम मिल जाता है।
कब्ज दूर करने के लिए -
कब्ज दूर करने के लिए -
एक चम्मच फल के गूदे को एक कप पानी में भिगोकर मसलकर छान ले | इसके प्रयोग से कब्ज दूर हो जाता है |
इस पोस्ट में दी गयी जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक ,कमेन्ट और शेयर जरूर कीजियेगा । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और अच्छे लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है|
इस पोस्ट में दी गयी जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक ,कमेन्ट और शेयर जरूर कीजियेगा । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और अच्छे लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है|