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3.2.21

कुटजघन वटी के फायदे, खुराक और उपयोग:kutaj ghan vati

 


कुटजघन वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है जो कुटज नामक जड़ी बूटी से बनाई जाती है । कुटजघन वटी का प्रमुख घटक द्रव्य कुटजघन नामक पेड़ की छाल होती है । इसके अलावा कुटजघन वटी में अतीश या अतिविशा औषधि का प्रयोग भी किया जाता है । कुटजघन वटी का वर्णन सिद्ध योग संग्रह नामक ग्रंथ में अतिसार प्रवाहिका ग्रहणी रोग अधिकार में किया गया है ।

कुटजघन वटी मुख्य रूप से बड़ी आत से संबंधित रोगों में प्रयोग की जाती है । इस औषधि का सेवन करने से कोलाइटिस, पतले दस्त, आंतों का इन्फेक्शन, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम, डायरिया आदि समस्याओं में बहुत अच्छा फायदा मिलता है । इसके अलावा कुटजघन वटी अन्य कुछ बीमारियों में भी पैदा करती है । तो आइए जानते हैं कुटजघन वटी के बारे में ।

कुटजघन वटी से पेट संबंधी रोगों का उपचार किया जाता है। कुटजघटवटी का प्रयोग कर कोलायाटिस, पतले दस्त, आंव आना, आँतों के सभी प्रकार के रोग ठीक किए जा सकते हैं।सके अलावा भी आप कुटज घन वटी का प्रयोग अन्य बीमारियों में कर सकते हैं। 

कुटजघन वटी, कुटज तथा अतिविषा के प्रयोग से बनी एक महत्वपूर्ण औषधि (kutajghan vati in hindi) है जो पेट के रोगों में बहुत काम आती है। कोलायाटिस, पतले दस्त, आंव आना, आँतों के सभी प्रकार के दोष, बवासीर, गैस्ट्रिक अल्सर इत्यादि पेट के रोगों में काम आती है। 

पेचिश को ठीक  करने के लिए कुटजघन वटी बहुत फायदेमंद होती है। जिन लोगों को दस्त के साथ खून आने की शिकायत है वे कुटजघन वटी का इस्तेमाल कर पेचिश से छुटकारा पा सकते हैं।

कब्ज में कुटजघन वटी के फायदे

खान-पान में असंतुलन और अनियमित दिनचर्या के कारण कब्ज की समस्या से ग्रस्त हो जाना बहुत आम है। लगभग सभी लोग कब्ज से परेशान रहते हैं। कब्ज को ठीक करने के लिए कुटजघन वटी का प्रयोग बहुत लाभदायक होता है। कुटजघन वटी के सेवन से कब्ज ठीक  होती है।

कुटजघन वटी के सेवन से दस्त पर रोक


आप दस्त की समस्या में भी कुटजघन वटी का उपयोग कर सकते हैं। इसके सेवन से दस्त पर रोक लगती है।


अपच की समस्या में कुटजघन वटी के सेवन से लाभ


अनेक लोग पाचनतंत्र विकार से ग्रस्त होते है। कुटजघन वटी के सेवन से अपच की परेशानी ठीक हो जाती है। पाचनतंत्र विकार से परेशान लोग कुटजघन वटी का सेवन करें। यह फायदेमंद  होता है।


सूजन की समस्या में कुटजघन वटी के फायदे 


सूजन की समस्या शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। कुटजघन वटी सूजन को ठीक करने का काम भी करती है। आप त्वचा में होने वाली सूजन में भी कुटजघन वटी का प्रयोग कर सकते हैं। यह लाभदायक होती है।


बहुत पसीना आने पर कुटजघन वटी से लाभ


  • कई लोगों को शरीर से बहुत पसीना निकलता है। ऐसी परेशानी में भी कुटजघन वटी का इस्तेमाल लाभ पहुंचाता है।
  • इसके अलावा कुटजघन वटी का इस्तेमाल जीवाणु के संक्रमण, डिहाइड्रेशन सहित अन्य रोगों में भी किया जाता है।
  • इन लोगों को कुटजघन वटी का प्रयोग नहीं करनी चाहिएः-

    • सिर की गंभीर चोट वाले लोग
    • फेफड़े में ट्यूमर वाले रोगी
    • मानसिक विकार से ग्रस्त मरीज
    • एलर्जी से पीड़ित होने पर

    इन समस्याओं की स्थिति में कुटजघन वटी का सेवन नहीं करना चाहिए।

  • कुटजघन वटी का सेवन इतनी मात्रा में करना चाहिएः-

    250-500 मि.ग्रा.

  • कुटजघन वटी की दो गोली से चार गोली दिन में तीन से चार बार गुनगुने पानी से ली जा सकती है ।

    बच्चों एवं वृद्धों को एक से दो गोली दिन में दो से तीन बार दी जा सकती है ।


  • कुटजघन वटी के बारे में ‘सिद्ध योग संग्रह’ नामक आयुर्वेदिक ग्रंथ के अतिसार-प्रवाहिका–ग्रहणी रोग संबंधित अध्याय में उल्लेख मिलता है।

अन्य रोगों में लाभकारी कुटजघन वटी 

  1. कुटजघन वटी का सेवन करने से शारीरिक सूजन (सर्वांग शोथ) दूर होता है ।
  2. कुछ लोगों को बहुत ज्यादा पसीना आता है । बहुत ज्यादा पसीना आने की समस्या को दूर करने के लिए कुटजघन वटी का सेवन किया जा सकता है ।
  3. कुटजघन वटी में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं जिस कारण यह बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण को दूर करने में लाभदायक होती है ।
  4. कुटजघन वटी मल में आव या म्यूकस को बनने से रोकती है 
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