21.2.20

अच्छी नींद के लिए होम्योपथिक उपचार




होम्योपैथी एक वैकल्पिक उपचार है जो नींद की परेशानी को हल करने के लिए बहुत अच्छा है। यह आधार पर काम करता है, c जैसे इलाज करता है ’, दूसरे शब्दों में, एक स्वस्थ व्यक्ति में रोग उत्पन्न करने वाले पदार्थ का उपयोग एक समान रोग के साथ उपस्थित व्यक्ति में उपचार की प्रतिक्रिया को आकर्षित करने के लिए किया जाता है। व्यक्तिगत उपाय के लक्षणों के आधार पर होम्योपैथी में चुना जाता है। यहाँ लक्षणों के अनुसार कुछ शीर्ष उपचार दिए गए हैं:

आर्सेनिकम एल्बम (Ars)

जिन लोगों को आर्सेनिकम की आवश्यकता होती है वे लगभग हमेशा चिंतित और बेचैन रहते हैं। चिंता, या भय, या चिंता, उन्हें नींद से बचाता है। यह शारीरिक परिश्रम के साथ-साथ नींद के लिए भी काम करता है। लक्षणों में टॉसिंग और मोड़, बेचैनी के कारण नींद न आना, और वे जो केवल सिर उठाए हुए सो सकते हैं और जागने के बाद वापस जाना मुश्किल होता है।

कॉफ़िया क्रुडा (कॉफ़)

स्लीपलेसनेस पैदा करने के लिए कॉफी बदनाम है, लेकिन क्योंकि होम्योपैथी be लेट लाइक बीसेर बी ’के सिद्धांत पर काम करती है, जब होम्योपैथिक रूप में दिया जाता है तो यह अनिद्रा से राहत देगा। लक्षणों के प्रकार जो इसे राहत देते हैं वे कॉफी द्वारा निर्मित हैं। वे हैं: तेजी से विचारों से एक सक्रिय मन या नींद हराम; शारीरिक बेचैनी; विचारों का निरंतर प्रवाह; उत्साह; और तंत्रिका ऊर्जा। यह एक कैफीनयुक्त उत्पाद के प्रभावों का मुकाबला करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है जिसे बिस्तर-समय के बहुत करीब ले जाया गया है। सहायक लक्षणों में एक आश्चर्य, या अच्छी या बुरी खबर की उत्तेजना से सोने में असमर्थता और तालमेल के साथ नींद न आना शामिल हैं।



सेपरविरेंस (जैल)

लक्षणों में प्रत्याशा चिंता से नींद नहीं आना, अभी तक नींद में कठिनाई और सुस्त दिमाग, थकावट से अनिद्रा, गहरी नींद लेने के लिए कठिन, आदि अन्य लक्षण शामिल हैं; चेहरे, सिर, गर्दन और कंधों पर तेज या खुजली के साथ नींद आना। अल्कोहल से वापसी के कारण होने वाली नींद की कमी को भी पूरा करता है।

इग्नाटिया अमारा (इग्नोर)

यदि हाल ही में निराशा या दु: ख के बाद नींद हराम हो जाए। लक्षणों में नींद से जागना शामिल है, एक अंग के खींचने के कारण जागना, क्रोध या दु: ख के बाद कंजेस्टिव सिरदर्द; धूम्रपान या महक तंबाकू से खराब हो जाती है। हर समय पेट की छोटी स्थिति और पेट में एक कमजोर भावना, ये सभी संकेत हैं जिन्हें आपको इग्नेशिया की आवश्यकता हो सकती है।

नक्स वोमिका (नक्स-वी)

प्रमुख लक्षण लगातार जम्हाई, नींद की हानि से चिड़चिड़ापन और सामान्य सोते समय से पहले सो जाने के बाद लगभग 3 से 4 बजे जागना है। थका हुआ महसूस करना, कमजोर, और उठना नहीं चाहता। आपको यह भी पता है कि आपको इसकी आवश्यकता तब होती है जब आपको शराब, कॉफी या ड्रग्स (मनोरंजन या चिकित्सीय) के अत्यधिक सेवन से नींद आती है। हथियारों को सिर के नीचे रखने और पीठ के बल लेटने के लिए झुकाव। अत्यधिक अध्ययन या मानसिक तनाव या तनाव के कारण नींद की कमी। शाम को भोजन के बाद और भोजन के बाद। सुबह उठने के बाद नींद आना।
सभी ने कहा और किया, आपको इन गोलियों को आजमाने से पहले अपने स्थानीय होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। एक चीज जिसे आप हमेशा के लिए जा सकते हैं और विश्वास के साथ खरीद सकते हैंऑफिस में दिन की जल्दी शुरुआत, रात भर ईमेल चेक करना हो या सोशल मीडिया के अपडेट देखना, देर रात तक टीवी शो देखना हो या पसंदीदा फिल्म, यह सब करके फिर सुबह हम वापस थक कर काम पर आते हैं। हम अपने रोजमर्रा के कामों में इतने व्यस्त हैं कि नींद हमें एक लग्जरी लगती है - आजकल एक अच्छी नींद के लिए हम वीकेंड तक का इंतजार करते है। हम कोशिश करते हैं की हमारा शरीर इस तरह काम करे की अगले वीकेंड तक हम नींद को धक्का दे सकें। लेकिन दुर्भाग्य से नींद इस तरह काम नहीं करती।
अनिद्रा (नींद की अक्षमता) जिसे अंग्रेज़ी में इनसोमनिया कहते है, एक प्रकार का नींद का विकार है जिसमें एक व्यक्ति को नींद या सोने में परेशानी होती है। हमारी जीवनशैली के दबावों के कारण आज के युवाओं के बीच आमतौर पर अनिद्रा विकार पाया जा रहा है। नींद की कमी हमें विभिन्न रोग जैसे अवसाद, चिंता, उच्च रक्तचाप आदि की ओर अग्रसर करती है।
हम अक्सर डॉक्टरों से एंटी डिप्रेसेंट या सेडेटिव की मांग करते हैं, जिससे हमें शांति मिले।


यह सेडेटिव हमें अपना आदी बना देते हैं और बदले में हमारे स्वास्थ्य पर बुरे और प्रतिकूल प्रभावों जैसे कि वजन बढ़ना, स्लीप एपनिया, कमजोर याददाश्त, बदलते व्यवहार, थकान, कम से कम कामेच्छा आदि का असर शुरू हो जाता है। सिर्फ दवाएं हमारी इन परेशानियों का निदान नहीं है। हमें अपने जीवन को इन तनाव और परेशानियों से दूर करने और गतिशील जीवन शैली पाने के लिए कुछ प्राकृतिक तरीके तलाशने पड़ते हैं।
जैसा की हम सब जानते हैं हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर नींद के शक्तिशाली प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन सही उपचार हम लोगों को मन की शांति देने में मदद कर सकते हैं - जो कि रात की शांतिपूर्ण नींद के साथ संभव है। ऐसा ही एक उपचार हैसलेब होम्योपैथी ने कठिन परिश्रम के बाद निकाल लिया है। जी हां, लोग अक्सर नींद की बीमारी से पीड़ित रहते हैं, यह यात्रा गतिहीन जीवन शैली के कारण नींद की कमी से शुरू होती है। कई उपचार, दवाइयों और निराशा के बाद भी अनिद्रा का निदान नहीं हो पाता है। लेकिन होम्योपैथी में हैसलेब नर्वो कॉम ड्रॉप्स NERVOCALM DROPS नाम की दवा ने शांतिपूर्ण रात की नींद के साथ मन की शांति और बिल्कुल सामान्य और स्वस्थ जीवन का आनंद प्रदान किया है।
यह दवा उन लोगों के लिए वरदान साबित हुई है जिन्होंने अपने जीवन में किसी नशे की लत के बिना एक स्वस्थ और सामान्य जीवन जीने का संकल्प लिया है।
नर्वो कॉम ड्रॉप्स के बारे में अधिक जानकारी नीचे दी गयी है:
नर्वो कॉम ड्रॉप्स (स्लीप स्टिमुलेटर) NERVOCALM DROPS (SLEEP STIMULATOR)
कम्पोजीशन : Avena Sat 1x, Coffea 3x, Ignatia 3x, Zincum Met 3x, Valeriana 3x.
लक्षण: तनाव, अवसाद, अनिद्रा और नींद की कमीं, सुबह में उनींदापन, दिन के दौरान थकावट और शाम को उत्तेजना, बेचैनी और तंत्रिका तंत्र में अधिक उत्तेजना। Neurasthenia, लंबी अवधि का मानसिक संघर्ष, नर्वस ब्रेकडाउन
खुराक: दो बार प्रति दिन 10 से 20 बूंदें या चिकित्सक द्वारा निर्धारित

अन्य उपाय -



भरपूर नींद लें -
 तनावग्रस्त होने पर अपनी नींद का पूरा ध्यान रखें। कम से कम आठ घंटे की नींद जरूर लें। नींद पूरी होगी तो दिमाग को आराम मिलेगा और वह बगैर तनाव के बेहतर तरीके से कार्य करेगा। छोटे-मोटे तनाव के लिए नींद एक बेहतरीन इलाज है।
 धूप लें - 
सुबह के समय या फिर जब भी आप सहज हों हल्की धूप जरूर लें। इससे आपका मन और मस्तिष्क को आराम मिलता है और तनाव भी दूर होता है। प्राकृतिक स्थानों पर जाएं या फिर घर के आंगन, बरामदे या बालकनी में

शांत मन से बैठें-

परिवार और दोस्तों के साथ वक्त बिताएं -अत्यधि‍क तनाव के समय किसी से मिलने जुलने या बातें करने का बिल्कुल मन नहीं करता। लेकिन यकीन मानिए यह तरीका आपको डिप्रेशन में जाने से बचा सकता है। जब भी आपको लगे कि‍ आप मानसिक तनाव या डिप्रेशन के शि‍कार हैं, अपने परिवार के लोगों या खास दोस्तों के साथ समय बिताएं और बातें करें

सामाजिक सक्रियता -

सामाजिक रूप से सक्रिय रहना आपको व्यस्त भी बनाए रखेगा और तनाव के कारण की ओर से आपका ध्यान भी बंटेगा। इससे आप नकारात्मकता के शि‍कार न होकर अपनी ऊर्जा का सही उपयोग कर पाएंगे। कुछ समय में आप सकारात्मकता का अनुभव करेंगें                                                                                                                                                                                                                                                                           
नकारात्मकता से दूर रहें -
खुद को सकारात्मक बनाएं और प्रोत्साहित करें। अपनी खूबियों और अब तक की उपलब्धि‍यों की लिस्ट बनाएं या फिर कुछ अच्छा और उपयोग कार्य करने के लिए योजना बनाएं। खुद से प्रेम करें और हर चीज को सकारात्मक नजरिए से देखें।


14.2.20

थकान मिटाने के आयुर्वेदिक उपाय


थकान लगना एक आम समस्या है। आजकल काम का बढ़ना और अत्यधिक प्रेशर के होने से थकान ज्यादा लगने लगती है। एैसे में शरीर पर ध्यान देना मुश्किल हो जाता है। थकान की समस्या का सही समय पर यदि उपचार किया जाए तो आप इससे होने वाली गंभीर बीमारीयों से बच सकते हो। आपको बस अपने डेली रूटीन में कुछ बदलाव करने है इसके अलावा ज्यादा थकान को दूर करने के लिए कुछ खाद्य पदार्थ आपको फायदा दे सकते हैं।
थकान दूर करने के लिए आज के समय में लोग सिगरेट का सहारा लेते हैं। तो कुछ चाय या काफी का सहारा लेते हैं। इतना ही नहीं थकान की वजह से होने वाले दर्द को दूर करने के लिए पेनकिलर तक भी लेने लगते हैं। पर इनसे थकान नहीं दूर होती है बल्कि दूसरी गंभीर बीमारियां शरीर को लगने लगती हैं। आपको इन का सहारा बिलकुल नहीं लेना है |
सभी के काम एक समान नहीं होते। किसी को बैठकर काम करना होता है तो किसी को खड़े रहकर तो किसी को चल फिर कर। किसी को शारीरिक श्रम करना पड़ता है तो किसी को मानसिक। पर एक बात तय है, थकान सभी को होती है। यदि सही समय और सही ढंग से आराम न मिले तो अगला दिन भी मुश्किल से गुजरता है। पेश है, थकान दूर करने के आसान नुस्खे-
*विनोदप्रिय होना, अपने विचारों को सकारात्मक रूप देना, अच्छे पलों को याद रखना, सदा प्रसन्न रहना, हंसने-हंसाने का गुण अपनाना आदि थकान से बचने के सही उपाय हैं। औरों सेर् ईष्या करने वो, अपने खुद अतीत से चिपके रहने वाले स्वयं को तुच्छ व लाचार समझने वाले, अकसर क्रोध करने वाले लोग अपना अमूल्य समय तो बरबाद करे ही हैं, मानसिक व शारीरिक थकान को भी न्यौता देते हैं। इन बातों से बचना ही चाहिए, तभी थकान कम होगी।
*समस्याएं सभी के जीवन में आती हैं, उसके समाधान के लिए हर संभव प्रयास करें। व्यर्थ की चिंताएं पाल कर अपना मानसिक स्वास्थ्य चौपट न करें। चिंता करने से, तनाव में रहने से मन और तन शीघ्र ही थकान से भर जाते हैं।
*काम के बीच ठंडे पानी से हाथ मुंह धोएं व आंखों में पानी के छींटे मारें। काम करने की अवधि में आराम का अवसर न मिले तो आंखें बंद कर के उन पर अपनी हथेलियां रखकर ढंक लें। इससे आप को बहुत आराम मिलेगा और थकान भी कम होगी।
* ध्यान रहे जब भी आप आराम करें तो सिर्फ आराम के बाद आप स्वयं को तरोताजा और चुस्त अनुभव करें। लगातार काम के बीच कुछ समय का अंतराल दे कर मौसम और अपनी पसंद के अनुसार कोई पेय पदार्थ आदि ले सकते हैं।
*बैठे-बैठे या काम करते हुए कमर में दर्द होने लगे या अधिक थकान हो जाए तो सुविधानुसार लेट जाएं, चिंतामुक्त होकर शरीर को ढीला छोड़ दें। आंखें बंद रखें। कुछ ही समय में आप तरोताजा महसूस करेंगे।
*सौंफ खाएंसौंफ आपकी रसोई में होता ही है। सौंफ में सोडियम, आयरन, कैल्शियम और पोटेशियम होता है। जो शरीर को फ्रेश रखता है। सौंफ का नियमित सेवन से पेट भी साफ रहता है और यह थकान को शरीर पर हावी नहीं होने देती है।
*अधिक समय तक खड़े रहने और चलने से पैर व एडियों में दर्द होने लगता है। इसके लिए गरम पानी में थोड़ा नमक डाल कर अपने पैरों को उसमें कुछ समय डुबो कर रखें।
*थकान दूर करने में पानी की भूमिका महत्वपूर्ण है। गरम पानी की बोतल से सिंकाई करने से प्रभावित अंग के दर्द में आराम मिलेगा और थकान भी दूर होती है।
*नाश्ता जरूर लें सुबह का नाशता शरीर को पूरे दिन के लिए यह थकान से लड़ने में शरीर को मजबूत बनाता है। इसलिए सुबह का नाशता लेना न भूलें। सुबह का नाशता शरीर को एनर्जी देता है। इसलिए नाशते में फल, स्प्राउट और फाइबर की मात्रा अधिक लेनी चाहिए। शूगर और वसा की मात्रा कम से कम लें।
*हर्बल ड्रिंक्स लें
हर्बल डिंक्स को पीने से शरीर में ताकत बनी रहती है। इसलिए ग्रीन-टी, एलोवेरा का जूस और आंवला आदि का सेवन करना चाहिए। यह थकान से लड़ने में शरीर की मदद करते हैं। और इन हर्बल ड्रिंक्स को लेने से वजन भी नियंत्रित रहता है। साथ ही नसों में होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है।
चाकलेट-
चाकलेट के बारे में कहा जाता है कि यह शरीर के एनर्जी के स्तर को बढ़ा देती है। चाकलेट में कोको तत्व होता है जो तनाव को कम करता है। नए शोध के अनुसार 1 चाकलेट दिन में खाने से तनाव व थकान को 20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

*पानी का फायदा-

पानी में हर तरह के गुण होते हैं जो शरीर की थकान को दूर करते हैं। शरीर पानी की कमी की वजह से ज्यादा थकता है। इसलिए पानी को हमेशा पीते रहें। इसके अलावा गर्म पानी को बोतल में भरकर उसे दर्द वाले स्थान पर सिंकाई करने से आराम मिलता है।

*संतरा और पपीता-

सतरा और पपीता खाने से पूरे दिन की थकान कम हो जाती है। ये दोनों फल विटामिन बी 6 और फालिक एसिड युक्त होते हैं। संतरे का जूस पीने से शरीर में तरावट रहती है। सुबह-सुबह खाली पेट पपीता खाने से शरीर पर कोई बीमारी नहीं लगती है।

*हरी चीजें

अपने खाने में हरे रंग के खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल जरूर करें। जैसे पालक, हरी मूंग की दाल, और मटर आदि। दिनभर की थकान और टेंशन को शरीर के अंदर जाकर ये हरे पदार्थ उन्हें खत्म करते हैं। इन हरी चीजों में विटामिन बी पाया जाता है जो थकावट और तनाव को शांत कर देता है।

*आयरन लें

थकान और तनाव का सबसे बड़ा कारण है एनीमिया। हीमोग्लोबिन का स्तर ही शरीर की ताकत को प्रभावित करता है। जिस वजह से इंसान को थकान अधिक लगती है। अपने शरीर में आयरन को बढ़ाने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां और मांस को शामिल करें।

*अदरका का कमाल

अदरक एंटीबायोटिक्स दवा का काम करती है। अदरक की चाय पीने से थकान दूर होती है। तुलसी और अदरक को चाय में मिलाकर पीने से तनाव और थकान तुरंत कम हो जाती है। साथ ही अदरक आर्थराइटिज के दर्द में भी आराम देता है।

*मालिश

थकावट को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है मालिश। यह शरीर की मांसपेशियों की एक्सरसाइज है। मालिश से शरीर में चुस्ती और ताकत आती है साथ ही साथ इससे शरीर की त्वचा भी मुलायम हो जाती है। थकान और तनावको दूर करने का सबसे सरल उपाय है मालिश। इतना ही नहीं मालिश से मोटापा, उच्च रक्तचाप आदि रोगों में भी फायदा मिलता है।

*ध्यान और योग-

जब शरीर में तनाव होता है तब हार्मोन कार्टिसोल का स्तर बढ़ता है। इससे इंसान थका हुआ महसूस करने लगता है। इसलिए योग, गहरी सांस वाली एक्सरसाइज और ध्यान करें|









मूंग की दाल के स्वास्थ्य लाभ







मूंग दाल को अक्सर लोग हरी दाल कहते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि मूंग दाल बीमारी में खाने के लिए होती है जबकि मूंग दाल में इतने पौष्टिक तत्व होते हैं कि हमें अपनी डाइट में उसे अक्सर शामिल करना चाहिए। एक कटोरी पकी हुई मूंग दाल में 100 से भी कम कैलोरी होती है।हर दाल के अपने पौष्ट‍िक गुण होते हैं. वैसे दाल में प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है. यही वजह है कि बढ़ रहे बच्चों को दाल का अधि‍क से अधि‍क सेवन करने की सलाह दी जाती है. हालांकि तमाम दालों के बीच मूंग की दाल को स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है.
*आमतौर पर इसे रोगियों के भोजन के तौर पर देखा जाता है क्योंकि ये बहुत जल्दी पच जाती है. लेकिन इसका यह बिल्कुल भी मतलब नहीं है कि यह स्वाद में फीकी होती है. मूंग की दाल को तरीके से बनाया जाए तो यह भी किसी भी अन्य दाल की ही तरह स्वादिष्ट लगती है.

*वज़न घटाने में मददगार-

बहुत से लोग इन दिनों वज़न घटाने को लेकर परेशान रहते हैं। इसके लिए आसान और असरदार उपाय है मूंग। ये न सिर्फ आपकी कैलोरी इनटेक घटाती है बल्कि आपको लंबे वक्त तक भूख नहीं लगने देती। रात के खाने में आप चपाती के साथ एक कटोरी मूंग दाल खाएं, और बस, आपको भरपूर पोषण मिल जाएगा। कैलोरी इनटेक कम हो जाने से आप जल्दी वज़न घटा पाएंगे।
*मूंग की दाल से कई चीजें बनती हैं. कुछ लोग इससे पापड़ बनाते हैं, कुछ बड़ियां तो कुछ लोग इसका लड्डू खाना पसंद करते हैं. पर मूंग दाल का हलवा भारतीय व्यजंनों का एक प्रमुख हिस्सा है. मूंग दाल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह सुपाच्य होती है और ठंडक प्रदान करती है.
*टायफाइड होने पर इसके सेवन से रोगी को बहुत राहत मिलती है लेकिन सादी मूंग की दाल का सेवन फायदेमंद रहता है.

*ब्लड प्रेशर पर कंट्रोल

ग्रीन ग्राम यानी मूंग की मदद से आप आसानी से अपना ब्लड प्रेशर नियंत्रण में और कोलेस्ट्रॉल लेवल कम कर सकते हैं। ये सोडियम के प्रभाव को कम कर देता है, जिससे की ब्लड प्रेशर बढ़ता नहीं है। ऐसे में आपको हेल्दी और एक्टिव जिंदगी जीने में आसानी होती है।
*मूंग की छिलके वाली दाल को दो घंटे के लिए पानी में भिगो दें| इसके बाद इसे पीसकर गाढ़ा लेप दाद और खुजली युक्त स्थान पर लगाएं,लाभ होगा |
*किसी भी बीमारी के बाद शरीर कमजोर हो जाता है. मूंग की दाल खाने से शरीर को ताकत मिलती है.
* मूंग को हल्का गर्म करके पीस ले. फिर इस पाउडर में कुछ मात्रा पानी की मिलाकर लेप की तरह पूरे शरीर पर मसाज करें. अगर आपको बहुत अधिक पसीना आने की शि‍कायत है तो इस लेप से वह दूर हो जाएगी.
*अगर आपको दाद, खाज-खुजली की समस्या है तो मूंग की दाल को छिलके सहित पीस लें. इस लेप को प्रभावित जगह पर लगाने से फायदा होगा.
*मूंग को छिलके सहित खाना चाहिए | बुखार होने पर मूंग की दाल में सूखे आंवले को डालकर पकाएं | इसे रोज़ दिन में दो बार खाने से बुखार ठीक होता है और दस्त भी साफ़ होता है |

*आयरन का अच्छा स्रोत

अगर आपको आयरन की कमी है, तो अपने खाने में मूंग शामिल करें। आमतौर पर, वेजिटेरियन लोग अपने खाने में कम आयरन लेते हैं। अपनी डायट में ये छोटा सा बदलाव करके आप आयरन की कमी दूर कर सकते हैं जिससे आपका एनीमिया का जोखिम भी कम हो जाएगा।
*मूंग की दाल खाने में शीतल व पचने में हलकी होती है |
*मूंग दाल की खिचड़ी खाने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है.



आर्थराइटिस(संधिवात),गठियावात की तुरंत असर हर्बल औषधि




8.2.20

पेट और कमर की चर्बी कम करने के उपाय और उपचार,pet kamar ki charbi



कमर और पेट के आसपास जरूरत से ज्यादा चर्बी का जमना लोगों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है, पेट की चर्बी दूसरों को ना सिर्फ देखने में खराब लगती है बल्कि यदि यह जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो इससे कई तरह की बीमारियां होने का खतरा भी अधिक हो जाता है। पेट के चारों ओर जमा हो रही चर्बी के कारण ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और शुगर जैसी बीमारियां हो सकती हैं। यदि आप भी अपने पेट और कमर के चारों ओर बढ़ रही चर्बी से परेशान हैं तो आज हम हेल्थअनबॉक्स के इस लेख में जानेंगे कि कैसे आप पेट और कमर की चर्बी कम करने के घरेलू उपाय और तरीकों को अपनाकर अपने पेट और कमर की चर्बी को कम कर सकते हैं और पेट और कमर कम करने के तरीके अपनाकर उसे बढ़ने से भी रोक सकते हैं।
पेट पर जमे अतिरिक्त फैट को कम करना थोड़ा मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं है। सही समय पर संतुलित आहार और व्यायाम कर आसानी से घर पर ही पेट और कमर की चर्बी को कम किया जा सकता है। क्या आप जानते हैं? मोटापे के भी दो प्रकार होते हैं, जी हां… कुछ लोग सिर से लेकर पांव तक मोटे होते हैं, कहने का मतलब उनका पूरा शरीर ही वजनदार और मोटापा से ग्रस्त होता हैं। लेकिन कुछ लोग केवल अपने मोटापे का कारण अपने टमी फैट को मानतें हैं मतलब इनका मोटापा केवल इनके पेट पर दिखता है। जिसका मुख्य कारण उनका खानपान और लाइफस्टाइल होती है जिसे वह चाहकर भी छोड़ नहीं पाते हैं।
बेल्ली फैट कम करने के उपाय अनेक हैं आपने टीवी पर पेट और कमर की चर्बी घटाने और मोटापा कम करने के एड जरूर देखें होगें। जिसमें खाने पीने से लेकर कई तरह की एक्सरसाइजया स्वेट स्लिम बेल्ट  के बारे में दिखाया जाता है। लेकिन पेट और कमर की चर्बी कम करने के ये सारे उपाय काफी मंहगे होते हैं और कुछ सही से काम नहीं करते या किसी के साइड इफेक्ट्स होते हैं। ऐसे में अगर आप बिना पैसे खर्च किये पेट और कमर कम करने के तरीके खोज रहें हैं तो हम आपको घर में ही कुछ आसान उपायों से पेट की चर्बी घटाने मोटापा कम करने और कमर की चर्बी कम करने के घरेलू उपाय  बता रहे हैं।


जब भी बात पेट और कमर पर जमा चर्बी को कम करने की आती है तो लोग इसके लिए इंटरनेट पर घरेलू उपाय ढूंढने लगते हैं, लेकिन कमर और पेट कम कैसे करें में केवल घरेलू उपाय ही कारगर नहीं हैं इसके लिए आपको कुछ कारगर पेट और कमर कम करने के तरीके अपनाने होंगे जिनमें योग व्यायाम और सही डाइट शामिल है। आज हम आपको इन्हीं चीजों के बारे में बताएंगे यदि आप सच में अपने बड़े हुए पेट को कम करना चाहते हैं और अपनी कमर का साइज घटाना चाहते हैं तो इन्हें नियमित रूप से करें, केवल एक-दो दिन इन्हें कर लेने से आपको मनचाहे परिणाम प्राप्त नहीं होंगे।
यह तो आपको पता है कि मोटापा दिन-ब-दिन बढ़ती एक समस्या बनती जा रही है। कमर और पेट कम कैसे करें इसे जानने से पहले हमें यह जानना होगा की आखिर पेट और कमर के आसपास चर्बी का जमाव क्यों होता है। इसलिए हम कमर और पेट कम करने के उपायों को जानने से पहले यह जान लेते हैं कि आखिर यह समस्या होती क्यों है और इसके मुख्य कारण क्या है।
यदि कमर और पेट के आसपास थोड़ी मात्रा में चर्बी एकत्रित हो जाती है तो इससे कोई घाटा नहीं है, क्योंकि एक निश्चित मात्रा में जमा हुई चर्बी (वसा) हमारे शरीर के लिए कुशन की तरह कार्य करती है। जिससे हमारी हड्डियां सुरक्षित रहती हैं, साथ ही यह हमारे शरीर के अंदरूनी अंगों को भी सुरक्षा प्रदान करती है। लेकिन जब यही चर्बी जरूरत से ज्यादा बढ़ने लगती है तो कई बीमारियां हमें होने लगती हैं। इसलिए हम सबसे पहले इसी बात पर चर्चा करने वाले हैं कि आखिर हमारे शरीर में अतिरिक्त चर्बी के जमने के मुख्य कारण कौन से हैं।

खराब पाचन तंत्र

जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है हमारा पाचन तंत्र धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है, इससे हमारे शरीर में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम भी प्रभावित होने लगता है जिसके कारण पेट और कमर के आसपास चर्बी बढ़ने लगती है |

अनुवांशिकता

कई वैज्ञानिक शोधों से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि शरीर में कुछ फेट सेल का डेवलपमेंट अनुवांशिक तौर पर होता है, कहने का मतलब यह है कि यदि आपके परिवार में किसी को मोटापे की परेशानी है या कोई शरीर में अधिक चर्बी जमने की समस्या का शिकार है, तो अधिक चांस है कि आपको भी इस तरह की समस्या का सामना करना पड़े । लेकिन यह हर जगह लागू नहीं होता एक अच्छी लाइफ स्टाइल और डाइट के साथ आप इसे बदल भी सकते हैं।

हार्मोनल असंतुलन

पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में हार्मोनल बदलाव अधिक देखे जाते हैं। महिलाओं के जीवन में ऐसी कई स्थितियां आती हैं जब उन्हें अपने शरीर में हार्मोन में बदलाव देखने को मिलते हैं। इस तरह के बदलाव मुख्यतः प्रेग्नेंसी के समय और किसी महिला के जीवनकाल के मध्य पड़ाव लगभग 40 साल के आसपास पहुंच चुकी महिलाओं में देखे जाते हैं। इस समय उनके शरीर का वजन तेजी से बढ़ने लगता है और कमर और पेट के आसपास की चर्बी भी उतनी ही तेजी से जमा होने लगती है । यह स्थिति रजोनिवृत्ति के दौरान देखने को मिलती है जिसका कारण एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में कमी या बढ़ोतरी मानी जाती है। यही कारण है कि महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण कमर और पेट के आस-पास अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है।

अधिक तनाव

आज के समय में तनाव होना बड़ी ही आम बात है तनावग्रस्त व्यक्ति एक के बाद एक बहुत सारी बीमारियों से घिरता चला जाता है और उन्हें बीमारियों में से एक है चर्बी का बढ़ना जिसके कारण ही उसे और कई बीमारियां घेर लेती है। अधिक तनाव के कारण हमारे ब्लड में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। कोर्टिसोल हार्मोन शरीर में अतिरिक्त वसा को जमा करने का भी कारण हो सकता है, क्योंकि यह शरीर में बसा के स्तर को बढ़ा देता है, जिससे वसा कोशिकाएं बड़ी हो जाती है। इसलिए अधिक तनाव लेने के कारण व्यक्तियों में धीरे-धीरे पेट के आसपास और अन्य जगहों पर चर्बी एकत्रित होने लगती है | अगर आपके खानपान की आदतें सही नहीं हैं तो तनाव और भी बुरा परिणाम दे सकता है। क्योंकि आमतौर पर लोग तनाव में होने पर कुछ न कुछ खाते रहते हैं। जिससे उनके पेट पर चर्बी जमा होने लगती है।

मांसपेशियों में कमजोरी

जब हमारे पेट के आसपास की मांसपेशियां ढीली और कमजोर होने लगती हैं तो इस जगह चर्बी बढ़ना शुरू हो जाती है।

अधिक समय तक बैठकर काम करने की आदत


आज के आधुनिक दौर में हर चीज को बैठे-बैठे किया जा सकता है, इससे हमारा जीवन तो आसान हो गया है लेकिन हमारी शारीरिक गतिविधियां बहुत ही कम हो गई है, जिसका परिणाम हम अपने शरीर पर चर्बी को एकत्रित होता देख सकते हैं। आप चाहे घर में हो या फिर ऑफिस में हो अधिक देर तक एक ही जगह बैठे रहना और काम करते रहना कहीं ना कहीं पेट और कमर पर जम रही अतिरिक्त चर्बी का कारण हो सकता है। कंप्यूटर पर बैठकर अधिक देर काम करना भी शरीर में चर्बी बढ़ने का एक कारण हो सकता है। पेट की चर्बी बढ़ने के कारण में हमारे बैठने का तरीका भी बहुत असर डालता है। हमेशा कमर झुकाकर या पेट बाहर निकाल कर बैठना पेट और कमर पर चर्बी (फैट) के जमा होने का कारण बन सकता है।

कम प्रोटीन और ज्यादा कार्बोहाइड्रेट लेना

हर व्यक्ति दिन भर कुछ ना कुछ खाता रहता है लेकिन हम अपने खाने के बारे में ज्यादा सोचते नहीं हैं। कभी-कभी हम काम के प्रेशर में या फिर किसी स्ट्रेस में जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं या फिर किसी पार्टी या खास समय में बाहर खाने जाने पर हम बिना सोचे समझे कुछ भी खा लेते हैं। जब हम खाने में मौजूद पोषक तत्वों पर ध्यान नहीं देते तो कहीं ना कहीं यह चीजें हमें नुकसान पहुंचाती हैं यदि हमारे खाने में प्रोटीन कम होगा और कार्बोहाइड्रेट और फैट की मात्रा अधिक होगी तो यह आगे चलकर कमर व पेट के आसपास चर्बी बढ़ाने का काम करेगा।

अन्य बीमारियां

कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं जिनके कारण मोटापा बढ़ने लगता है यदि व्यक्ति इन बीमारियों की चपेट में आता है तो उसके शरीर में चर्बी का स्तर बढ़ने लगता है महिलाओं में इस प्रकार की समस्या ज्यादा होती है इन बीमारियों में मुख्यतः शुगर, ब्रेस्ट कैंसर या ह्रदय से जुड़ी बीमारियां होती हैं। थायराइड और उच्च रक्तचाप भी कभी-कभी पेट के आसपास चर्बी बढ़ने की आशंका बढ़ा सकता है।

कम नींद लेना

मोटापा बढ़ें का एक कारण नींद में कमी हो सकती है। पर्याप्त नींद (7-8 घंटे) न लेने से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन (ghrelin) का उत्पादन बढ़ जाता है। जो शरीर में शर्करा और फैट बढ़ाने वाले भोजन का संरक्षण करता है। रात में पूरी नींद न लेने से कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर भी बढ़ जाता है जो पेट और कमर की चर्बी बढ़ने का कारण हो सकता है।

संतुलित मात्रा में खाएं

दिनभर में केवन तीन बार खाने से हमारा पाचन तंत्र ठीक तरह से से काम नहीं कर पाता है। इसलिए, पेट और कमर की चर्बी कम करने के लिए पूरे दिन भर में 5 से 6 बार में थोड़ा-थोड़ा खाते रहें।

नींबू पानी से करें दिन की शुरुआत

पेट की चर्बी कम करने के लिए सुबह खाली पेट एक ग्लास गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़कर पिएं। इसमें शहद मिलाकर पीने से अधिक फायदा होगा। ऐसा करने से मेटाबॉलिजम तेज होता है और फैट्स जल्दी बर्न होता है।

अधिक फल व सब्जियां खाएं

दिनभर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में फल व सब्जियों का सेवन करते रहना चाहिए। इससे भूख कम लगेगी और पेट और कमर की चर्बी कम करने में मदद मिलेगी।

अधिक पानी पिएं

दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पीना सेहत के लिए जरूरी है। यदि आप पेट और कमर की चर्बी कम करना चाहते हैं तो 2-3 लीटर पानी पीना शुरू कर दें। दिनभर में तय समय पर थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें। पानी पीने से ज्यादा खाने की आदत कम हो सकती है।

नाश्ता करना न भूलें

दिनभर एनर्जी बनाये रखने के लिए हेल्दी नाश्ता जरूरी है। पेट की चर्बी को कम करने के लिए नाश्ता करना न भूलें। कुछ लोग मानते हैं कि नाश्ता नहीं करने से वजन कम होता है, जबकि ऐसा नहीं है। होता इससे उल्टा है, नाश्ता न करने से हमारी भूख बढ़ती है और हम लंच में ज्यादा खा लेते हैं, जिससे इसे पचाने में दिक्कत होती है और वजन बढ़ने की समस्या होने लगती है।

 पूरी नींद सोना 

पेट और कमर की चर्बी को कम करने के लिए पूरी नींद सोना भी जरूरी है। हर किसी को चाहे वह वजन कम करना चाहता हो या फिट रहना सभी को सात से आठ घंटे की नींद लेनी ही चाहिए। कम नींद के साथ ही ज्यादा सोना भी वजन बढ़ने का अहम कारण हैं। जब आप पूरी नींद सोते हैं, तो आपका पाचन तंत्र ठीक से काम करता है और भोजन सही से पचाता है।
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