बेसन भारत में प्रमुख खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है। चना दाल के पिसे आटे को बेसन कहते हैं। लेकिन क्या आप बेसन खाने के फायदे और नुकसान जानते हैं। बेसन को ग्राम फ्लौर या छोले का आटा (Gram flour or chickpea flour or besan) भी कहा जाता है। बेसन ऐसा खाद्य पदार्थ है जो आमतौर सभी रसोई धरों में उपलब्ध होता है। बेसन का उपयोग हम विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों को बनाने के लिए करते हैं।
बेसन बाजार में बिकने वाला ऐसा उत्पाद है, जो न केवल सौंदर्यता को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है। बेसन में फाइबर, आयरन, पोटेशियम, मैंगनीज, तांबा, जस्ता, फास्फोरस, मैग्नीशियम, फोलेट, विटामिन बी6 और थाइमिन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो कि मधुमेह के इलाज, मोटापा कम करने, हृदय को स्वस्थ रखने, हड्डियों को मजबूत करने, एनीमिया के उपचार और कोलेरेक्टल कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।
बेसन के स्वास्थ्य लाभ
बेसन या चने की दाल का आटा बहुत ही पौष्टिक आहार है। नियमित रूप से इसका सेवन करने पर यह विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से हमारी रक्षा कर सकता है। हालांकि स्वास्थ्य समस्याओं के लिए बेसन खाने के फायदे अप्रयक्ष रूप से लाभ दिलाते हैं। इसका मतलब यह है कि बेसन का उपभोग करने पर यह किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए त्वरित लाभकारी नहीं है। नियमित रूप से सेवन करने पर और लंबे समय के बाद ही प्रभावी होता है।
फायदे मधुमेह के लिए
हम अपने आहार में बेसन का कई प्रकार से उपयोग कर सकते हैं। बेसन खाने के फायदे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। बेसन को बहुत ही कम ग्लाइसेमिक स्तर के लिए जाना जाता है जो उच्च मधुमेहवाले लोगों के लिए फायदेमंद होता है। ऐसा माना जाता है बेसन की रोटी खाने के फायदे मधुमेह रोगी के लिए बहुत अधिक होते हैं। लेकिन आप बेसन के पराठे भी खा सकते हैं। आप बेसन के कुछ आटे को भून सकते हैं और इसमें मसालों के साथ फ्राई करके उपभोग कर सकते हैं। यह आपके शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने का सबसे अच्छा और पौष्टिक तरीका हो सकता है।
खून बढ़ाने के लिए
चने के आटे या बेसन की रोटी के फायदे एनीमिया के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। बेसन शरीर की थकान, अधिक वजन और लोहे की कमी जैसी समस्याओं का प्रभावी ढंग से इलाज कर सकता है। जानकारों के अनुसार नियमित रूप से बेसन की अनुशंसित मात्रा का सेवन करने से एनीमिया या खून की कमी जैसे लक्षणों को दूर किया जा सकता है। बेसन थियामिन (Thiamine) का अच्छा स्रोत होता है जिसके कारण यह आपको पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा दिलाने में सक्षम है।
दिल को स्वस्थ रखने के लिए
आप अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए बेसन का उपयोग कर सकते हैं। बेसन में घुलनशील फाइबर होता है जो आपके हृदय स्वास्थ्य को लंबे समय तक बनाए रखता है। इसलिए कहा जाता है कि बेसन की रोटी बेनिफिट्स फॉर हार्ट। बेसन में ऐसे बहुत से घटक होते हैं तो रक्त वाहिकाओं को आराम दिलाने के साथ ही आपके हृदय की कार्य क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं। बहुत से हार्ट सर्जन रोगी को बेसन का सेवन करने की सलाह भी देते हैं। हृदय रोगियों के लिए बेसन खाने के फायदे उनके जीवन को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
वजन कम करने के लिए
जो लोग अपना वजन कम करने का प्रयास कर रहे हैं उन्हें अपने आहार में बेसन को शामिल करना चाहिए। क्योंकि बेसन खाने के लाभ वजन कम करने में प्रभावी पाए गए हैं। चूंकि बेसन में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है इसलिए इसमें कैलौरी की मात्रा भी कम होती है। यही कारण है कि बहुत से फिटनेस सलाहकार बेसन को प्रमुख आहार के रूप में खाने की सलाह देते हैं। भारत में बेसन का उपयोग सत्तू के रूप में भी किया जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी कम होती है जो प्रोटीन से भरपूर होता है। इसके अलावा बेसन में फाइबर भी अच्छी मात्रा में होता है जो अधिक वजन को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
कमजोरी दूर करे
चने को पीसकर बेसन प्राप्त किया जाता है जिसमें आयरन की अच्छी मात्रा होती है। इस तरह से बेसन का नियमित सेवन कर शरीर में आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा बेसन में फोलेट भी होता है जो शारीरिक कमजोरी (frailty) को दूर करने में प्रभावी होता है। यदि आप भी अपने शरीर को कमजोर महसूस कर रहे हैं तो अपने नियमित आहार में शामिल कर बेसन के फायदे प्राप्त कर सकते हैं।
गर्भावस्था के लिए
उन महिलाओं के लिए भी बेसन के फायदे होते हैं जो गर्भवती हैं। क्योंकि बेसन में फोलेट और आयरन दोनों की उच्च मात्रा होती है जो गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ही आवश्यक हैं। गर्भावस्था के दौरान बेसन का सेवन करने से यह महिलाओं की कमजोरी को भी दूर करने में सहायक होता है। इसके अलावा इसमें मौजूद फोलेट बच्चे के तंत्रिका विकास में सहायक होता है। बेसन में कैल्शियम भी होता है जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की हड्डियों को मजबूत रखने का अच्छा विकल्प है। इस तरह से गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए बेसन खाने के फायदे होते हैं।
बेहतर नींद के लिए
क्या आप अनिद्रा या नींद की समस्या से परेशान हैं। यदि ऐसा है तो बेसन को अपने आहार में शामिल कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। अच्छी नींद को बढ़ावा देने में बेसन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बेसन के फायदे इसमें मौजूद 3 प्रमुख घटकों के कारण होते हैं। ये घटक हैं अमीनो एसिड, ट्रिप्टोफैन और सेरोटोनिन। ट्रिप्टोफैन आपके मस्तिष्क को शांत करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा सेरोटोनिन नींद को उत्तेजित करने में सहायक होते हैं। इसलिए ही बेसन खाने के फायदे आपकी नींद को बेहतर बनाने और आपके मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं।
कोलेस्ट्रॉल कम करे
बेसन में अनसैचुरेटेड फैट्स मौजूद होता है जो हमारे स्वास्थ के लिए लाभकारी होता है। यह हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का संतुलन बनाये रखता है।विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए बेसन का उपयोग किया जाता है। बेसन के इन्हीं लाभों में एक रक्त कोलेस्ट्रॉल को कम करना भी शामिल है।
स्तन कैंसर से बचाये
स्वास्थ्य लाभ दिलाने के लिए बेसन में विभिन्न प्रकार के औषधीय गुण होते हैं। इन्हीं गुणों में कैंसर रोधी गुण भी शामिल है। इसलिए बेसन के फायदे स्तन कैंसर जैसी गंभीर समस्या के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। हालांकि बेसन में कैंसर रोधी गुण आंशिक रूप से होते हैं। बेसन में सैपोनिन्स नामक फाइटोकेमिल होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में सहायक होते हैं। इसके अलावा यह ट्यूमर के विकास की संभावना को भी कम करते हैं। नियमित रूप से महिलाओं द्वारा बेसन का सेवन करने से यह ऑस्टियोपोरोसिस से रक्षा करता है। रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में स्तन कैंसर को रोकने वाले हार्मोन को उत्तेजित करने में भी बेसन के पोषक तत्व अहम भूमिका निभाते हैं।
आंत को सुरक्षित रखता है
यह बात सभी जानते है कि आंत की बीमारी कितनी खतरनाक हो सकती है। अगर वक्त रहते इसका इलाज ना किया जाए तो यह बीमारी जानलेवा बन सकती है। आंत में दिक्कत होने की वजह से खाए हुए खाने का ना पचना और खाते ही उल्टी हो जाना आंत की बीमारी के अहम लक्ष्ण है। आंत से जुड़ी इस बीमारी से बचने के लिए आप कुछ घरेलू उपचार भी कर सकते है। इस घरेलू उपचार में सबसे पहला नाम आता है, चने के आटे की बनी रोटियों का। जी हां, आप गेहूं की रोटी के बजाय चने की रोटियां खा सकते है। यह रोटियां आंत की बीमारी के लिए फायदेमंद होता है। चने के आटे में पोष्टिक आहार होता है जो आंत की बीमारी से आपके आंत को सुरक्षित रखता है और आंत जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में मददगार होता है।
बेनिफिट्स फॉर ब्रेन
यह सिर्फ हम ही नहीं बल्कि कई विशेषज्ञ और डाक्टर भी यहीं मानते है कि चने के आटे से बनी रोटियां सचमुच फायदेमंद होती है। यह जरूरी नहीं है कि जो इंसान किसी बीमारी से जुझ रहा हो, वही इसका सेवन करें बल्कि हर कोई इसका सेवन कर सकता है। यह सभी के लिए फायदेमंद है। बड़े से लेकर बुजुर्ग तक कोई भी इसका सेवन कर सकता है। इस आटे से बनी रोटियां नुकसान नहीं करती बल्कि काफी लाभदायक होती है।
बेसन के अधिक उपयोग से दस्त, पेट में गैस बनने की समस्या हो सकती है।
इससे एसिडिटी भी हो सकती है।
जिन लोगो को किडनी स्टोन्स की परेशानी है, उन्हें बेसन का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
बहुत से लोगों को चने के बेसन या चने से बने उत्पादों का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जिनमें पेट की ऐंठन, दस्त, आंतों की गैस आदि समस्या हो सकती है। इसके अलावा अधिक मात्रा में बेसन का सेवन करने से दस्त, कब्ज और पेट दर्द आदि भी हो सकता है।बहुत से लोग बेसन और चने के प्रति संवेदनशील होते हैं। ऐसे लोगों को बेसन का सेवन करने से बचना चाहिए।यदि आप किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं। साथ ही स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए बेसन का उपभोग करना चाहते हैं तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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यह बात सभी जानते है कि आंत की बीमारी कितनी खतरनाक हो सकती है। अगर वक्त रहते इसका इलाज ना किया जाए तो यह बीमारी जानलेवा बन सकती है। आंत में दिक्कत होने की वजह से खाए हुए खाने का ना पचना और खाते ही उल्टी हो जाना आंत की बीमारी के अहम लक्ष्ण है। आंत से जुड़ी इस बीमारी से बचने के लिए आप कुछ घरेलू उपचार भी कर सकते है। इस घरेलू उपचार में सबसे पहला नाम आता है, चने के आटे की बनी रोटियों का। जी हां, आप गेहूं की रोटी के बजाय चने की रोटियां खा सकते है। यह रोटियां आंत की बीमारी के लिए फायदेमंद होता है। चने के आटे में पोष्टिक आहार होता है जो आंत की बीमारी से आपके आंत को सुरक्षित रखता है और आंत जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में मददगार होता है।
बेनिफिट्स फॉर ब्रेन
बेसन में फोलेट नामक एक महत्वपूर्ण विटामिन होता है। यह आपके मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और मस्तिष्क की कार्य क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। नियमित रूप से बेसन का सेवन करने से शरीर को आवश्यक मात्रा में फोलेट और अन्य पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है। इस तरह से बेसन मस्तिष्क कार्य क्षमता को उत्तेजित करने में सक्षम होता है। आप भी अपने और परिजनों के मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए अपने आहार में बेसन को शामिल कर सकते हैं।
रक्तचाप कम करे
जानकारों का मानना है कि बेसन का सेवन करने के फायदे रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बेसन में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है। यह आपके रक्तचाप को नियंत्रित करने और बहुत सी हृदय संबंधी समस्याओं को रोकने में प्रभावी होता है। जो लोग हृदय रोग से ग्रसित हैं उन्हें नियमित रूप से बेसन का सेवन करना चाहिए क्योंकि बेसन के गुण हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
सूजन को कम करे
एक अध्ययन के अनुसार बेसन में सूजन रोधी गुण होते हैं। इसलिए बेसन का इस्तेमाल सूजन को कम करने के लिए किया जा सकता है। बेसन में सेलेनियम, पोटेशियम, विटामिन ए और और विटामिन बी भी होते हैं। ये सभी घटक सूजन संबंधी समस्याओं को दूर करने में प्रभावी होते हैं। यदि आप भी सूजन संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें साथ ही विकल्प के रूप से बेसन का सेवन कर सकते हैं।
डाक्टर भी मानते है इस आटे को फायदेमंद : रक्तचाप कम करे
जानकारों का मानना है कि बेसन का सेवन करने के फायदे रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बेसन में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है। यह आपके रक्तचाप को नियंत्रित करने और बहुत सी हृदय संबंधी समस्याओं को रोकने में प्रभावी होता है। जो लोग हृदय रोग से ग्रसित हैं उन्हें नियमित रूप से बेसन का सेवन करना चाहिए क्योंकि बेसन के गुण हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
सूजन को कम करे
एक अध्ययन के अनुसार बेसन में सूजन रोधी गुण होते हैं। इसलिए बेसन का इस्तेमाल सूजन को कम करने के लिए किया जा सकता है। बेसन में सेलेनियम, पोटेशियम, विटामिन ए और और विटामिन बी भी होते हैं। ये सभी घटक सूजन संबंधी समस्याओं को दूर करने में प्रभावी होते हैं। यदि आप भी सूजन संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें साथ ही विकल्प के रूप से बेसन का सेवन कर सकते हैं।
यह सिर्फ हम ही नहीं बल्कि कई विशेषज्ञ और डाक्टर भी यहीं मानते है कि चने के आटे से बनी रोटियां सचमुच फायदेमंद होती है। यह जरूरी नहीं है कि जो इंसान किसी बीमारी से जुझ रहा हो, वही इसका सेवन करें बल्कि हर कोई इसका सेवन कर सकता है। यह सभी के लिए फायदेमंद है। बड़े से लेकर बुजुर्ग तक कोई भी इसका सेवन कर सकता है। इस आटे से बनी रोटियां नुकसान नहीं करती बल्कि काफी लाभदायक होती है।
सावधानी-
बेसन का ज़्यादा सेवन करने से नींद आती है, और थकावट भी महसूस होती है।बेसन के अधिक उपयोग से दस्त, पेट में गैस बनने की समस्या हो सकती है।
इससे एसिडिटी भी हो सकती है।
जिन लोगो को किडनी स्टोन्स की परेशानी है, उन्हें बेसन का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
बहुत से लोगों को चने के बेसन या चने से बने उत्पादों का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जिनमें पेट की ऐंठन, दस्त, आंतों की गैस आदि समस्या हो सकती है। इसके अलावा अधिक मात्रा में बेसन का सेवन करने से दस्त, कब्ज और पेट दर्द आदि भी हो सकता है।बहुत से लोग बेसन और चने के प्रति संवेदनशील होते हैं। ऐसे लोगों को बेसन का सेवन करने से बचना चाहिए।यदि आप किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं। साथ ही स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए बेसन का उपभोग करना चाहते हैं तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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