15.3.16

छाछ के फायदे , Benefits of Buttermilk







  आयुर्वेद में छाछ को सात्विक आहार माना गया है। दही से बनने वाला यह पेय पदार्थ स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है। जब भी आप भारी या मसालेदार भोजन की वजह से एसिडिटी का अनुभव करें, तो एक गिलास छाछ पी लें। पेट के लिए छाछ बहुत फायदेमंद है, खासकर गर्मियों में इससे बेहतर आपका मित्र और कोई नहीं हो सकता।
 कहा जाता है कि छाछ धरती का अमृत है। यह शरीर की बीमारियों को दूर भगाता है। बाजार में बिकने वाले महंगे शीतल पेयों से छाछ लाख गुना अच्छी है। इसके कई फायदे हैं। मट्ठे का प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है गर्मियों में रोजाना छाछ का सेवन अमृत के समान है। इसमें कैलोरी और फैट कम होता है। छाछ के ढेरों फायदे हैं-
*छाछ को भोजन के साथ लेना हितकारी होता है। यह आसानी से पचने वाला पेय है।
*छाछ में 90 प्रतिशत से अधिक पानी होता है, इसलिए इसका सेवन शरीर में जल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। आंतें इसे धीरे-धीरे एब्जॉर्ब करती हैं, क्योंकि इसकी सामग्री ज्यादातर प्रोटीन के साथ जुड़ी होती हैं। छाछ पीना किसी भी अन्य स्वाद वाले पेय या फिर सादे पानी की तुलना में बेहतर है। फर्मेंटेड छाछ का स्वाद खट्टा होता है, लेकिन जैविक रूप से मानव शरीर और कोशिकाओं के लिए बहुत पोषक भरा होता है।

फैट के बिना कैल्शियम

बहुत लोग मानते हैं कि यह बटरमिल्क है, इसलिए यह फैट और कैलोरी से भरा होगा, लेकिन सामान्य दूध की तुलना में इसमें कम फैट होता है। दूध में एक महत्वपूर्ण घटक होता है – कैल्शियम। दूध भी वसा से भरा होता है। लैक्टोज को सहन न करने वालों ( जो दूध का सेवन करने से बचते हैं) के लिए छाछ एकमात्र प्राकृतिक कैल्शियम का स्रोत है। ऐसे लोग छाछ का सेवन करके आवश्यक कैल्शियम ले सकते हैं। यह किसी भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया का कारण नहीं होगा, क्योंकि लैक्टोज छाछ में मौजूद स्वस्थ बैक्टीरिया को लैक्टिक एसिड में बदल दिया जाता है। *ताजे दही से बनी छाछ का प्रयोग ज्यादा लाभकारी होता है। छाछ से पेट का भारीपन, आफरा, भूख न लगना, अपच व पेट की जलन की शिकायत दूर होती है।पैर की एड़ियों के फटने पर मट्ठे का ताजा मक्खन लगाने से आराम मिलता है।

पाचन तंत्र में सुधार

छाछ के सेवन से मसालेदार और तीखे भोजन से पेट में होने वाली जलन से आराम मिलता है। यह भोजन के ज्वलनशील तत्वों को साफ कर देता है, जिससे पेट को आराम मिलता है। भोजन के बाद आप इसका सेवन कर सकते हैं। इसके स्वाद और चिकित्सकीय गुणों को बढ़ाने के लिए आप इसमें अदरक व जीरा पाउडर आदि मिला सकते हैं। छाछ शरीर की गर्मी को शांत करने का काम भी करता है। यह महिलाओं द्वारा खासतौर पर पसंद किया जाता है, क्योंकि यह रजोनिवृत्ति से पहले और बाद में शरीर की गर्मी को शांत करता है। साथ ही रजोनिवृत्ति से पीड़ित महिलाओं के कई लक्षणों को छाछ कम करने का काम करता है। अचानक गर्मी (हॉट फ्लैश) लगने जैसी समस्या से पीड़ित लोग छाछ को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना सकते हैं। साथ ही जिनके शरीर का तापमान और मेटाबॉलिज्म स्तर अधिक होता है, वो बटरमिल्क का लाभ उठा सकते हैं। *अत्यधिक मानसिक तनाव होने पर छाछ का सेवन लाभकारी होता है।

तैलीय भोजन को साफ करने का काम

अगर आप भारी भोजन के बाद पेट को फूला हुआ महसूस करते हैं, तो एक गिलास छाछ आपकी इस समस्या को शांत कर सकता है। छाछ के साथ अदरक, जीरा व धनिया आदि मिलाकर पीने से पाचन क्रिया को बहुत मदद मिलती है। इसके अलावा, छाछ भोजन से तेल और वसा को साफ करने में भी कुशल है। भारी भोजन के बाद आमतौर पर लोग सुस्ती महसूस करते हैं, लेकिन भोजन के बाद एक गिलास छाछ आपकी इस सुस्ती को दूर कर सकता है। इसके सेवन के बाद आप अधिक चुस्त महसूस करने लगेंगे।
*जले हुए स्थान पर तुरंत छाछ या मट्ठा मलना चाहिए।
*सिर के बाल झड़ने पर बासी छाछ से सप्ताह में दो दिन बालों को धोना चाहिए।

डिहाइड्रेशन के खिलाफ प्रभावी

दही में नमक व मसाले डालकर बनाई गई छाछ डिहाइड्रेशन को रोकने का एक प्रभावी उपचार है। यह इलेक्ट्रोलाइट्स से भरा प्रभावी पेय है, जो शरीर से पानी की कमी और शरीर में गर्मी के खिलाफ लड़ने का काम करता है। गर्मियों के दौरान आप इसका आनंद जी भरकर ले सकते हैं। यह आपको चुभन भरी गर्मी, बेचैनी और थकान से आराम दिलाने का काम करेगा।*मोटापा अधिक होने पर छाछ को छौंककर सेंधा नमक डालकर पीना चाहिए।



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