सारी बीमारी एक तरफ और कैंसर एक तरफ. कैंसर का नाम सुनते ही लोग डर और असुरक्षा की भावनाओं से घिर जाते हैं. सूरज की रोशनी से होने वाली क्षति से लेकर धूम्रपान और संक्रमण तक, ऐसे कई कारक हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं. स्वस्थ आहार न केवल कैंसर को दूर रखने के लिए ज़रूरी है, बल्कि ये 5 फल आपको कैंसर से दूर रखने में मदद करते हैं-
ऐसे फलों का सेवन करें जो खाने में आसान, ताजा और उच्च पानी की मात्रा वाले होते हैं, इनमें जामुन, खरबूजा, केला, अनानास, नाशपाती आदि शामिल हैं। ब्लूबेरी में कई फाइटोकेमिकल्स और पोषक तत्व होते हैं, जो कैंसर विरोधी प्रभाव, एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि और डीएनए को नुकसान से बचाने की क्षमता दिखाते हैं।
रसभरी और स्ट्रॉबेरी विटामिन सी, फाइटोकेमिकल्स और फ्लेवोनोइड जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं।
टमाटर में लाइकोपीन नामक एक फाइटोकेमिकल होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है और प्रोस्टेट कैंसर के कम जोखिम से जुड़ा हो सकता है। टमाटर विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के साथ-साथ जैविक सोडीयम, फासफोरस, कैल्शीयम, पोटैशीयम, मैगनेशीयम और सल्फर का अच्छा स्रोत है। टमाटर में मौजूद ग्लूटाथीयोन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और प्रास्ट्रेट कैंसर से भी शरीर की सुरक्षा करता है।
गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ
पत्तेदार सब्जियाँ जैसे कि गोभी और पालक कैंसर से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे फाइबर और फोलेट से समृद्ध होते हैं, जो कुछ कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। फोलेट नई कोशिकाओं का उत्पादन करने और डीएनए की मरम्मत करने में मदद करता है।
गोभी में कैरोटेनॉइड होते हैं, जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं और शरीर के एंटीऑक्सिडेंट सुरक्षा को बढ़ाते हैं। ये बचाव डीएनए को नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कणों को रोकते हैं।
केले में विटामिन सी भी होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है और कार्सिनोजन के निर्माण को रोकता है।
पालक ज़ेक्सैंथिन और ल्यूटिन जैसे कैरोटिनॉइड में समृद्ध है, जो शरीर से मुक्त कणों को हटाते हैं। हरी पत्ते वाली सब्जियों में जैसे सलाद और पालक को हर रोज भोजन में शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि वे एंटीऑक्सीडेंट बीटा कैरोटीन और ल्यूटेन जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को कम करने में मदद करता है का एक अच्छा स्रोत हैं।
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका मरीज के सामान्य स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पडता है. इतना ही नहीं, कैंसर के इलाज के चलते मरीज के आहार पर भी बुरा असर पडता है. इलाज पूरी तरह असरदार हो, इसके लिए जरूरी है कि आहार में कुछ सावधानियां बरती जाएं.
कैंसर में हो जाती है पोषण की कमी
कैंसर कई तरह से मरीज के आहार पर बुरा प्रभाव डालती है. आम तौर पर कैंसर के मरीजों की भूख मिट जाती है. यह सबसे सामान्य समस्या है. इसके परिणामस्वरूप आहार की मात्रा और आवश्यक पोषक पदार्थो जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा और खनिज लवण आदि की कमी आ जाती है.
कैंसर के बहुत से मरीजों का आहार इसलिए भी कम हो जाता है, क्योंकि बीमारी उनके पाचन तंत्र के विभिन्न अंगों जैसे इसोफैगस, पेट, छोटी या बडी आंत, लीवर, गाल ब्लैडर या पैंक्रियाज को प्रभावित कर देती है.
कैंसर के दौरान क्या खाएं
ऐसे मरीजों को पोषक आहार लेना चाहिए ताकि पोषण संबंधी जरूरतें पूरी हों. कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आहार एक अच्छा उपाय है.अनाज, फल एवं साग-सब्जियां मसलन आलू कार्बोहाइड्रेट के अच्छे स्रोत हैं. मीठे खाद्य पदार्थ भी कार्बोहाइड्रेट के स्रोत होते हैं. हालांकि इनका सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए और डायबिटीज की समस्या से पीडित लोगों को इनसे परहेज करना चाहिए.
प्रोटीन
मांसपेशियों के विकास और काम के लिए ऊर्जा प्राप्त करने के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी है. इसके अलावा घाव भरने, बीमारी से लडने और खून का थक्का जमने आदि विभिन्न शारीरिक क्रियाओं के लिए भी प्रोटीन अनिवार्य है. अंडा, मीट, मसूर की दाल, मटर, बींस, सोया और नट्स आदि प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं.
विटमिंस व मिनरल्स
ऐसे मरीजों में विटमिंस और मिनरल्स की कमी आम समस्या है, क्योंकि इन दोनों तत्वों की मांग अधिक और आपूर्ति कम होती है. इसलिए उचित आहार के साथ बेहतर पोषण के लिए विटमिन और मिनरल की अतिरिक्त खुराक जरूरी है.
तरल पदार्थ
कैंसर के मरीजों को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करना जरूरी है.तली-भुनी, बहुत मसालेदार या फिर अधिक ठोस आहार न लें. कम मात्रा में अधिक बार खाने से पाचन आसान हो जाता है और पेट भी भारी नहीं लगता.
कीमोथेरेपी के मरीज
कैंसर के मरीजों के लिए कीमोथेरेपी एक आम उपचार है, जो चार से छह महीने तक चलता है. इस दौरान आहार संबंधी कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
कीमोथेरेपी के पहले दिन और उससे एक-दो दिन बाद तक भूख कम लगती है. मितली और कई बार उल्टी भी आती है. उल्टी से बचने की दवाइयां दी जाती हैं. इस अवधि में आहार में अधिक मात्रा में ऐसे तरल और नर्म खाद्य पदार्थो का सेवन करना चाहिए जिनसे एनर्जी तुरंत मिल जाए और इसके बाद मरीज को सामान्य ठोस आहार या आधा ठोस आहार लेना चाहिए.फल-सब्जियों को अच्छी तरह धोकर खाना चाहिए. दूध हमेशा उबाल कर पीना चाहिए.
रेडियोथेरेपी के मरीज
चेहरे और गर्दन की रेडियोथेरपी कराने वालों में सेंसिटिविटी और अल्सरेशन (फोडे) का खतरा रहता है. जिसके कारण निगलने में दिक्कत होती है. इसलिए ऐसे लोगों को लिक्विड और लाइट डाइट लेने की सलाह दी जाती है. इन्हें तले-भुने, मसालेदार और गर्म खाद्य पदार्थो से परहेज करना चाहिए. यदि बहुत दर्द हो तो नियमित रूप से दर्द दूर करने की दवा ली जा सकती है. इससे दर्द बेकाबू नहीं होता.
सर्जरी के मरीज
सर्जरी के बाद मरीज को अधिक कैलरी, प्रोटीन, विटमिंस और मिनरल्स चाहिए ताकि जख्म जल्दी भर सकें. सर्जरी के बाद जितनी जल्दी संभव हो मुंह से आहार देना शुरू कर दिया जाता है.
जामुन और अन्य फल:
ऐसे फल जो खाने में आसान होते हैं, ताज़ा होते हैं और पानी की मात्रा अधिक होती है वे फल कैंसर के लिए सबसे अच्छे फल हैं। इनमें जामुन, खरबूजे, केले, अनानास, नाशपाती आदि शामिल हैं।
यदि कैंसर के मरीज अपनी डाइट में एक निश्चित मात्रा में सुपर फूड शामिल करते हैं तो ये सुपर फूड उनके सेहत को काफी अच्छा बना सकते हैं।
ब्लूबेरी में कई फाइटोकेमिकल्स और पोषक तत्व होते हैं, जो कैंसर रोधी प्रभाव, एंटीऑक्सिडेंट गतिविधि और डीएनए को नुकसान से बचाने की क्षमता दिखाते हैं। ब्लूबेरी में विटामिन सी और के, मैंगनीज और भरपूर फाइबर होते हैं, जो कैंसर के खतरे को कम करने में भी मदद करते हैं।
रसभरी और स्ट्रॉबेरी विटामिन सी, फाइटोकेमिकल्स और फ्लेवोनोइड्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध हैं।
टमाटर में लाइकोपीन नामक एक फाइटोकेमिकल होता है, जो कैंसर रोधी गुणों से भरपूर माना जाता है। कई अध्ययनों में भी यह बात सामने आ चुकी है कि टमाटर के सेवन से कैंसर का खतरा कम हो सकता है
हरे पत्तेदार सब्जियां:
पत्तेदार सब्जियां जैसे कि पालक कैंसर से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे फाइबर और फोलेट से समृद्ध होते हैं, जो कुछ कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। फोलेट नई कोशिकाओं का उत्पादन करने और डीएनए की मरम्मत करने में मदद करता है।
पालक में कैरोटीन और क्लोरोफिल होते हैं। जो कैंसर के खतरे को कम करने में मददगार माने जाते हैं।
पालक में विटामिन सी भी होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है और कार्सिनोजेन्स के निर्माण को रोकता है।
पालक ज़ीकैन्थिन और ल्यूटिन जैसे कैरोटीनॉयड में समृद्ध है, जो शरीर से मुक्त कणों को हटाते हैं।
हरी बीन्स फाइबर से भरपूर होती हैं। बीन्स खाने से कोलोरेक्टल कैंसर से बचाव संभव होता है। कैंसर रोगी को हफ्ते में 3-4 बार बीन्स की सब्जी अवश्य खानी चाहिए। इसके अलावा सलाद और अन्य डिशेज में आप कच्चे बीन्स खा सकते हैं।
गाजर:
गाजर बीटा-कैरोटीन (एक एंटीऑक्सीडेंट), विटामिन और फाइटोकेमिकल्स युक्त गैर-स्टार्च वाली सब्जियां हैं जो विभिन्न कैंसर से बचा सकती हैं। इसके अलावा, गाजर में एक प्राकृतिक कीटनाशक होता है, जिसे फाल्सीरोनॉल कहा जाता है, जो कैंसर के प्रभाव को कम कर देता है।
जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड फूड केमिस्ट्री की एक रिपोर्ट बताती है कि पकी हुई गाजर कच्चे की तुलना में अधिक एंटीऑक्सीडेंट की आपूर्ति करती है। पूरे गाजर को उबाल लें और पक जाने के बाद उन्हें काट लें; यह गाजर के पोषक तत्वों को बरकरार रखता है, जिसमें फाल्कारिनॉल भी शामिल है।
साबुत अनाज:
साबुत अनाज पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं क्योंकि वे फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, फाइटोकेमिकल्स, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। साबुत अनाज में कैंसर से लड़ने वाले कुछ पदार्थ होते हैं, जिसमें सैपोनिन भी शामिल है, जो कैंसर कोशिकाओं के गुणन को रोक सकता है, और लिग्नान, जो एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है।
चीन के सूझोऊ में सोकोव विश्वविद्यालय के एक अध्ययन से पता चलता है कि उच्च फाइबर सामग्री हार्मोन-निर्भर कैंसर के हार्मोनल कार्यों को बदल सकती है। आप उन उत्पादों को प्राथमिकता दें जिसपर 100% ‘साबुत अनाज’ का लेबल लगा हो।
मांस और मछलियां:
प्रोटीन के अच्छे स्रोत मांसपेशियों को प्राप्त करने और शरीर के स्वस्थ वजन को बनाए रखने में मदद करते हैं। मुर्गी, मांस, मछली सभी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। इसके अलावा, ठीक से पके हुए अंडे और मांस का सेवन करें, किसी भी तरह के कच्चे सेवन से बचें।
ब्रोकली
ब्रोकली को दुनिया की सबसे हेल्दी सब्जियों में माना जाता है। ब्रोकली को कैंसररोधी सब्जी कहा जाता है। ब्रोकली में आइसोथायोसायनेट तत्व पाया जाता है, जो आपके शरीर में कैंसर सेल्स को पनपने से रोकता है और शरीर में मौजूद गंदगी को साफ करता है। इसके साथ ही इसमें ऑक्सिडेटिव गुण पाए जाते हैं, जो स्ट्रेस को घटाने में मददगार होते हैं। ब्रोकली कई प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
दही:
दही का अगर प्रतिदिन सेवन किया जाए तो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क को काफी हद तक कम किया जा सकता है। दही में मौजूद गुड बैक्टीरिया, शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को हटाने में मदद करता है। इसके अलावा दही के साथ दालचीनी, जामुन, या कटे हुए बादाम स्वाद के लिए लिए जा सकते हैं।
सोयाबीन:
सोयाबीन में आइसोफ्लेवोन्स नामक एक फाइटोन्यूट्रिएंट होता है, सोयाबीन में पाया जाने वाला प्रोटीन, कई तरह के कैंसर को रोकने में सहयता करता है, अत: सोयाबीन को कैंसर निरोधक भी कहा जाता है।
एक शोध के अनुसार इसमें पाया जाने वाला जेनेस्टीन, स्तन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर को रोकने में सहायक होता है। जेनेस्टीन, कैंसर की किसी भी स्थिति में आंतरिक रूप से सक्रिय होकर उसे बढ़ने से रोकता है। यह एन्जाइना को नष्ट कर देता है, जो बाद में कैंसर जीन में परिवर्तित हो जाते हैं।
अंत में यह समझना महत्वपूर्ण है कि हमें उच्च पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थों के उपयोग में एक संतुलित दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता है और एक ’सुपरप्लेट’ आहार जिसमें कई खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है जिसमें अच्छे पोषक तत्व होते हैं, अतः ‘सुपरफूड’ कैंसर के रोगियों के लाभकारी साबित हो सकता है।
कैंसर के मरीज जरूर खाएं ये फल
कैंसर का इलाज कराने के दौरान आप केला, स्ट्रॉबेरी, आड़ू, कीवी, संतरा, आम, नाशपाती जैसे फलों का सेवन करना चाहिए। ये सभी विटामिन और फाइबर से भरपूर होते हैं। साथ ही अमरूद, एवोकाडो, अंजीर, खुबानी भी शरीर की खोई हुई एनर्जी को वापस पाने के लिए खा सकते हैं।
कैंसर के मरीज जरूर खाएं ये सब्जियां
यदि आपका कैंसर का इलाज चल रहा है, तो आप अपनी डाइट में कुछ खास सब्जियों को जरूर (Anti cancer foods) शामिल करें। गाजर, कद्दू, टमाटर, मटर, शलजम आदि सब्जियों को जरूर खाएं। टमाटर, शलजम, गाजर को तो आप कच्चा सलाद के तौर पर भी सेवन कर सकते हैं। टमाटर में मौजूद खास पोषक तत्व प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा ब्रोकली, पत्तागोभी, फूलगोभी भी कैंसर के मरीज खा (anti cancer foods in hindi) सकते हैं। इन सभी सब्जियों में प्लांट केमिकल्स होते हैं, जो खराब एस्ट्रोजन को अच्छे एस्ट्रोजन में तब्दील कर देते हैं। इससे कैंसर के दोबारा होने की संभावना कम हो जाती है।
डाइट में शामिल करें गुड कार्ब्स
आप खाना पीना ना छोड़ें। जब भी आपको इच्छा ना हो जबरदस्ती ना खाएं, लेकिन थोड़े-थोड़े गैप में जरूर कुछ ना कुछ हेल्दी चीजें खाएं। आप चावल, रोटी, साबुत अनाज, पास्ता का सेवन करें, इनमें गुड कार्ब्स होते हैं। साथ ही नाश्ते में ओट्स, दलिया, कॉर्न, आलू, बीन्स, डेयरी प्रोडक्ट्स भी खाएं। वो फूड्स खाएं जिनमें एंटीबैक्टीरियल और एंटी-फंगल प्रॉपर्टीज होती हैं जैसे शहद। इससे संक्रमण होने की संभावना कम होती है।
जरूरी है प्रोटीन का सेवन भरपूर
कैंसर के इलाज के दौरान अच्छा महसूस करने के लिए आपको प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए। नट्स, ड्राइड बीन्स, काबुली चना, अंडा, मछली, चर्बी रहित मीट, दूध से बने उत्पाद आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं। जिन मरीजों को प्रोस्टेट कैंसर है उन्हें मछली और सोया से बनी चीजों का सेवन करना चाहिए। कैंसर होने पर तली-भुनी चीजें, मसालेदार चीजें, बाहर के प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड, पैकेज्ड फूड बिल्कुल खाना कम कर दें। साथ ही नमक और चीनी का सेवन भी सीमित मात्रा में करें। शराब ना पिएं। स्मोकिंग ना करें। नाइट्राइट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे जैम, अचार भी ना खाएं।
कैंसर के फैलने और पनपने के पीछे वातावरण का प्रदूषण और बदलती जीवन शैली जिम्मेदार है। नित नए शोध बता रहे हैं कि समय बचाने के लिए हम जो डिब्बाबंद और माइक्रोवेव सामग्री इस्तेमाल कर रहे हैं वह भी घातक होती जा रही है। जानिए 7 कौन सी ऐसी चीजें है जिन्हें खाने से हमें बचना चाहिए वरना भविष्य में कैंसर की संभावना के लिए तैयार रहना चाहिए।
माइक्रोवेव पॉपकॉर्न : माइक्रोवेव में बनाया गया पॉपकॉर्न कैंसर की वजह बन रहा है। क्योंकि माइक्रोवेव में पॉपकॉर्न डालने से परफ्यूरोक्टानोइक एसिड बनता है। इससे कैंसर पनपता है। इसीलिए अमेरिका में पॉपकॉर्न बनाने के लिए सोयाबीन का तेल इस्तेमाल किया जाता है।
नॉन ऑर्गेनिक फल : जो फल लंबे समय से कोल्डस्टोरेज में रखे रहते हैं,लाख सफाई के बावजूद उन पर केमिकल की परत चढ़ी ही रहती है। इसकी वजह से कैंसर होता है। निश्चित समय के बाद स्टोर किए हुए फलों को नष्ट कर दिया जाना चाहिए। यह कैंसर की वजह बन रहे हैं।
डिब्बाबंद टमाटर : टमाटर को लंबे समय तक डिब्बाबंद रखने से बिसफेनॉल-ए नाम का केमिकल बनता है। जो कैंसर को बढ़ावा देता है। इसके बावजूद हम इसका उपयोग कर रहे हैं और कैंसर का खतरा मोल ले रहे हैं।
प्रोसेस्ड मीट : प्रोसेस्ड मीट खाने से कैंसर होता है। मीट को सुरक्षित रखने के लिए जो केमिकल प्रयुक्त होते हैं, उसमें सोडियम का इस्तेमाल होता है। सोडियम से सोडियम नाइट्रेट बनने की वजह से कैंसर फैलता है।
आलू चिप्स : हमारे देश में एक तरफ आलू के चिप्स को तमाम कंपनियां पैक कर के बेचती हैं, जबकि आलू चिप्स में सोडियम, नकली रंग का इस्तेमाल आसानी से किया जाता है। जिसकी वजह से कैंसर फैलता है।
कैंसर रोगी के लिए अधिक कैलोरी और प्रोटीन प्राप्त करने के लिए कुछ सुझाव:
दिनभर की तीन टाइम लिए जाने वाले भोजन को आप छोटे-छोटे भोजन में विभाजित करें, जिन्हें आप कुछ अंतराल में खा सकते हैं।
कुछ घंटों के अंतराल पर अपने छोटे भोजन का सेवन करें, जब तक आपको भूख नहीं लगती तब तक प्रतीक्षा न करें।
अपने सलाद या मिठाई पर कुछ सूखी अखरोट या फाइबर युक्त बीज लें।
जब आपको बहुत भूख लगती है, तो अपना सबसे बड़ा भोजन करें। उदाहरण के लिए, अगर आपको सुबह सबसे ज्यादा भूख लगती है तो नाश्ते के जगह पर पूर्ण भोजन कर सकते हैं।
अधिक उच्च कैलोरी, उच्च प्रोटीन वाले पेय लें।
अपने भोजन के साथ भोजन करने के बजाय भोजन के बीच तरल पदार्थ पिएं। भोजन के साथ तरल पदार्थ लेने से आप भरा हुआ महसूस कर सकते हैं।
अपनी भूख को सुधारने के लिए भोजन से पहले थोड़ा टहलें या हल्का व्यायाम करें।
अगर आपको ऐसा लगता है कि आपका पसंदीदा भोजन है, तो उसे खाएं, अपने खानपान का विरोध न करें।
घर में बनें ताजें भोजन का ही प्रयोग करें। कच्चा, बासी और स्टोर्ड फूड से बचना चाहिए, क्योंकि इनसे संक्रमण का अधिक खतरा रहता है।
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