निमोनिया एक खतरनाक बीमारी है और अगर इससे तुरंत ना लड़ा जाए तो, यह फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। मानसून में होने वाली बीमारियों में निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो कि बच्चों में सामान्यत: पाई जाती है। यदि किसी को लगातार तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, छती में दर्द, बलगम वाली खांसी और नाड़ी तेज चल रही हो (150 बीट्स प्रति मिनट), तो उसकी देखभाल बहुत जरूरी है, यह निमोनिया हो सकता है।
निमोनिया एक संक्रमण है जो कि फेफड़ों को प्रभावित करता है। फिर भी, बच्चे और बड़ी उम्र के लोग इसे ज्यादा प्रभावित होते हैं क्यों कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता युवाओं की तुलना में कम होती है। जब भी उनमें यह संक्रमण होता है उन्हें कमजोरी महसूस होती है और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करना जरूरी हो जाता है।
निमोनिया एक इन्फ़ैकशन है जो कि बैक्टीरिया, वायरस और कवक से फैलता है। इस बीमारी से दूर रहने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अगर आपको या आपके परिवार में किसी को निमोनिया है तो आप नीचे दिये गए कुछ आसान से घरेलू नुस्खों का प्रयोग कर सकते हैं।
* तुलसी की पत्तियों का रस
तुलसी की कुछ पत्तियाँ लें, इन्हें मसलकर इनका रस निकाल लें। इसमें थोड़ी काली मिर्च मिलाएँ और 6 घंटे में एक बार पियें। यह भी निमोनिया में कारगर है।
*लहसुन का पेस्ट
लहसुन से शरीर का तापमान कम होता है और यह निमोनिया में प्रभावी है। लहसुन की कुछ पोथियां लें और मसलकर इनका पेस्ट बना लें। इसे छाती पर मसलें।
* लौंग और काली मिर्च
5-6 लौंग और काली मिर्च लें और 1 पानी के गिलास में 1 ग्राम सोडा लेकर इन्हें उबाल लें। इसे दिन में 1-2 बार लें। इससे निमोनिया में राहत मिलेगी।
शहद-
चीनी की बजाए इस बीमारी में शहद खाना चाहिये। क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो कि खराब बैक्टीरिया से शरीर को बचाने में मदद करते हैं।
* लौंग और काली मिर्च
5-6 लौंग और काली मिर्च लें और 1 पानी के गिलास में 1 ग्राम सोडा लेकर इन्हें उबाल लें। इसे दिन में 1-2 बार लें। इससे निमोनिया में राहत मिलेगी।
शहद-
चीनी की बजाए इस बीमारी में शहद खाना चाहिये। क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो कि खराब बैक्टीरिया से शरीर को बचाने में मदद करते हैं।
मिर्च-
एक्सपर्ट्स का मानना है कि मिर्च में इंफेक्शन से लड़ने की बहुत ताकत होती है। इसलिये इसे निमोनिया होने पर जरुर खाएं।
* हल्दी
यह निमोनिया की आयुर्वेदिक औषधि है। हल्दी को गुनगुने पानी में मिलाएँ, इसे छाती पर लगा दें, अब गरम ईंट पर गरम किया हुआ कपड़ा लगा दें। इससे छाती में उत्तेजना होगी और निमोनिया की सूजन दूर होगी।
* सन के बीज, तिल और शहद मिलाएँ
एक टेबलस्पून सेम के बीज, तिल और शहद मिलाएँ, इसमें एक चुटकी नमक डालें और पानी मिलाएँ। इसका दिन में दो बार सेवन करें। इससे सूजन कम होती है।
गाजर-
यह केवल आंखों के लिये ही नहीं बल्कि फेफड़ों के लिये भी अच्छा होता है। निमोनिया होने पर गाजर का जूस जरुर पीना चाहिये क्योंकि इसमें बहुत सारा विटामिन ए होता है।
* ब्लैक टी और मेथी का मिश्रण
दो टी स्पून मेथी पाउडर में एक कप ब्लैक टी मिलाएँ। यदि आवश्यक हो तो चीनी भी मिलाएँ और दिन में एक बार पियें। इससे निमोनिया दूर होगा।
*पानी
इस रोग में बहुत सारा पानी पीना चाहिये। इससे शरीर हाइड्रेट रहेगा।
* पुदीने की पत्तियाँ
पुदीने की कुछ पत्तियाँ लें, इन्हें मसलकर रस निकाल लें। इसमें एक टेबल स्पून शहद मिला लें और दो-तीन घंटों के अंतराल से लें।
* त्रिफला और अश्वगंधा
खाने में त्रिफला और अश्वगंधा के साथ थोड़ी अदरक और इलायची मिलाने से भी निमोनिया का इलाज होता है।
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