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28.12.21

पित्ताशय की पथरी इलाज़ और परहेज:Gallstone herbal medicine

 


  आजकल कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो साइंस की तरक्की की तरह ही बढ़ती जा रही हैं। यहां हम वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे आविष्कारों को घेरे में नहीं ले रहे, अपितु यह बताना चाहते हैं कि भले ही साइंस ने इतनी तरक्की कर ली हो लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो खत्म होने की बजाय और भी बढ़ती चली जा रही हैं। इन्हीं शारीरिक परेशानियों में से एक है ‘पित्त (गॉल ब्लैडर) की पथरी’(gallstone)                                    
 खानपान की गलत आदतों की वजह से आजकल लोगों में गॉलस्टोन यानी पित्त की पथरी की समस्या तेजी से बढ़ रही है। पित्ताशय हमारे शरीर का एक छोटा सा अंग होता है जो लीवर के ठीक पीछे होता है। पित्त की पथरी गंभीर समस्या है क्योंकि इसके कारण असहनीय दर्द होता है। इस पथरी pitte ki pathri से निजात पाने के लिए आपको अपने खान-पान की आदतों में कुछ बदलाव करने जरूरी हैं।
 पित्त की थैली यानि गालब्लेडर gall bladder शरीर का एक छोटा सा अंग है जो लीवर के ठीक पीछे होता है. इसका कार्य पित्त को संग्रहित करना तथा भोजन के बाद पित्त नली के माध्यम से छोटी आंत में पित्त का स्त्राव करना है. पित्त रस वसा के अवशोषण में मदद करता है. कभी-कभी पित्ताशय में कोलेस्ट्राल,बिलीरुबिन और पित्त लवणों का जमाव हो जाता है. अस्सी प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्राल की बनी होती है. धीरे धीरे वे कठोर हो जाती हैं तथा पित्ताशय के अंदर पत्थर का रूप ले लेती हैं. ज्यादातर डॉक्टर इलका ईलाज केवल ऑपरेशन ही बताते हैं लेकिन पित्त की पथरी का घरेलू उपचार संभव है.

क्यों महत्वपूर्ण है पित्त की थैली

लिवर से बाइल नामक डाइजेस्टिव एंजाइम का सैक्रीशन निरंतर होता रहता है। उसके पिछले हिस्से में नीचे की ओर छोटी थैली के आकार वाला अंग होता है, जिसे गॉलब्लैडर या पित्ताशय कहते हैं। पित्ताशय हमारे पाचन तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो लिवर और छोटी आंत के बीच पुल की तरह काम करता है। इसी पित्ताशय  gall bladder  में ये बाइल जमा होता है। एक स्वस्थ व्यक्ति का लिवर पूरे 24 घंटे में लगभग 800 ग्राम बाइल का निर्माण करता है।

कैसे बनती है पित्त में पथरी

पाचन के लिए आवश्यक एंजाइम को सुरक्षित रखने वाले महत्वपूर्ण अंग यानी पित्ताशय से जुड़ी सबसे प्रमुख समस्या यह कि इसमें स्टोन बनने की आशंका बहुत अधिक होती है, जिन्हें गॉलस्टोन कहा जाता है। दरअसल जब गॉलब्लैडर में तरल पदार्थ की मात्रा सूखने लगती है तो उसमें मौज़ूद चीनी-नमक और अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट तत्व एक साथ जमा होकर छोटे-छोटे पत्थर के टुकड़ों जैसा रूप धारण कर लेते हैं, जिन्हें गॉलस्टोन्स कहा जाता है।
कभी-कभी पित्ताशय में कोलेस्ट्राल, बिलीरुबिन और पित्त लवणों का जमाव हो जाता है। अस्सी प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्राल की बनी होती है। धीरे धीरे वे कठोर हो जाती हैं तथा पित्ताशय के अंदर पत्थर का रूप ले लेती हैं। कोलेस्ट्रॉल स्टोन पीले-हरे रंग के होते हैं।

पित्त की पथरी के लक्षण

शुरुआती दौर में गॉलस्टोन gallstone  के लक्षण नज़र नहीं आते। जब समस्या बढ़ जाती है तो गॉलब्लैडर में सूजन, संक्रमण या पित्त के प्रवाह में रुकावट होने लगती है। ऐसी स्थिति में लोगों को पेट के ऊपरी हिस्से की दायीं तरफ दर्द, अधिक मात्रा में गैस की फर्मेशन, पेट में भारीपन, वोमिटिंग, पसीना आना जैसे लक्षण नज़र आते हैं।
पित्त की पथरी में परहेज
पित्त की पथरी pitte ki pathri से पीड़ित लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि तला हुआ भोजन, फ्राइड चिप्स, उच्च वसा वाला मांस जैसे बीफ और पोर्क, डेयरी उत्पाद जैसे क्रीम, आइसक्रीम, पनीर, फुल-क्रीम दूध से बचना चाहिए। इसके अलावा चॉकलेट, तेल जैसे नारियल तेल से बचा जाना चाहिए। मसालेदार भोजन, गोभी, फूलगोली, शलजम, सोडा और शराब जैसी चीजों से एसिडिटी और गैस का खतरा होता है, इसलिए ये चीजें भी ना खाएं।

पित्त की पथरी का इलाज gallstone herbal medicine 

अगर शुरुआती दौर में लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो इस समस्या को केवल दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है। ज्य़ादा गंभीर स्थिति में सर्जरी की ज़रूरत पड़ती है। पुराने समय में इसकी ओपन सर्जरी होती थी, जिसकी प्रक्रिया ज्य़ादा तकलीफदेह थी लेकिन आजकल लेप्रोस्कोपी के ज़रिये गॉलब्लैडर को ही शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है और मरीज़ शीघ्र ही स्वस्थ हो जाता है।

परहेज और आहार

फल और सब्जियों की अधिक मात्रा।
स्टार्च युक्त कार्बोहाइड्रेट्स की अधिक मात्रा। उदाहरण के लिए ब्रेड, चावल, दालें, पास्ता, आलू, चपाती और प्लान्टेन (केले जैसा आहार)। जब संभव हो तब साबुत अनाजों से बनी वस्तुएं लें।
थोड़ी मात्रा में दुग्ध और डेरी उत्पाद लें। कम वसा वाले डेरी उत्पाद चुनें।
कुछ मात्रा में मांस, मछली अंडे और इनके विकल्प जैसे फलियाँ और दालें।
वनस्पति तेलों जैसे सूरजमुखी, रेपसीड और जैतून का तेल, एवोकेडो, मेवों और गिरियों में पाए जाने वाली असंतृप्त वसा।
रेशे की अधिकता से युक्त आहार ग्रहण करें। यह फलियों, दालों, फलों और सब्जियों, जई और होलवीट उत्पादों जैसे ब्रेड, पास्ता और चावल में पाया जाता है।
तरल पदार्थ अधिक मात्रा में लें – जैसे कि पानी या औषधीय चाय आदि प्रतिदिन कम से कम दो लीटर सेवन करें।

इनसे परहेज करें

वसा और शक्कर की अधिकता से युक्त पदार्थों की मात्रा सीमित करें। पशुजन्य उत्पादों जैसे मक्खन, घी, पनीर, मांस, केक, बिस्कुट और पेस्ट्री आदि में पाई जाने वाली संतृप्त वसा को सीमित प्रयोग में लें।
योग और व्यायामनियमित व्यायाम रक्त ऊतकों में कोलेस्ट्रॉल को घटाता है, जो कि पित्ताशय gall bladder की समस्या उत्पन्न कर सकता है। प्रतिदिन 30 मिनट तक, सप्ताह में पाँच बार, अपेक्षाकृत मध्यम मात्रा की शारीरिक सक्रियता, व्यक्ति के पित्ताशय की पथरी के उत्पन्न होने के खतरे पर अत्यधिक प्रभावी होती है।
योग
पित्ताशय की पथरी pitte ki pathri के उपचार हेतु प्रयुक्त होने वाले योगासनों में हैं:
सर्वांगासन
शलभासन
धनुरासन
भुजंगासन

पित्त की पथरी के लिए असरकारी घरेलू उपचार : gallstone herbal medicine 

पित्ताशय की पथरी pitte ki pathri एक पीड़ादायक बीमारी है, जो अधिकतर लोगों को होती हैं। पित्त की पथरी का निर्माण पित्त में कोलेस्ट्रॉल और बिलरुबिन की मात्रा बढ़ जाने पर होता है। पित्ते में पथरी होने पर पेट में असहनीय दर्द होने लगता है। रोगी को खाना पचाने में मुश्किल होती हैं। इसके अलावा पेट में भारीपन होने से कई बार उल्टी भी हो सकती हैं। बहुत से लोगों को पित्ते की पथरी के शुरूआती लक्षणों के बारे में भी नहीं पता होता। अगर पता चल भी जाता है तो डॉक्टर ऑपरेशन की सलाह देते हैं, जो बिल्कुल ठीक भी है लेकिन ऑपरेशन का नाम सुनते ही रोगी डर जाता है और अपने इस रोग के प्रति लापरवाही बरतने लगता हैं। अगर आप या आपका कोई संबंधी इस रोग से झूझ रहा है तो ऑपरेशन से पहले कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर देंखे, शायद इनकी मदद से ही पित्ते की पथरी pitte ki pathri के दर्द से छुटकारा मिल जाए।

एप्पल साइडर विनेगर

सेब के रस में एप्पल साइडर विनेगर का एक बड़ा चम्मच मिलाकर रोजाना दिन में एक बार खाएं। इसमें मौजूद मेलिक एसिड और विनेगर लीवर को पित्ते में कोलेस्ट्रॉल बनाने से रोकता है। इसी के साथ इसके सेवन से पथरी से होने वाली दर्द gallstone pain भी कम होती है।

गाजर और ककड़ी का रस

अगर आपको पित्ती की पथरी की समस्या है तो गाजर और ककड़ी का रस प्रत्येक 100 मिलिलिटर की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पीएं. इस समस्या में ये अत्यन्त लाभदायक घरेलू नुस्खा माना जाता है. ये कॉलेस्ट्रॉल के सख्त रूप को नर्म कर बाहर निकालने में मदद करती है.

नाशपाती

पित्ते की पथरी gallstone से परेशान रोगी के लिए नाशपाती बहुत फायदेमंद होता हैं क्योंकि इसमें मौजूद पेक्टिन पित्त की पथरी को बाहर निकालने में मदद करता हैं।

चुकंदर और गाजर का रस

चुकंदर, खीरा और गाजर का रस मिलाकर पीने से पित्ताशय की थैली तो साफ और मजबूत होती ही है साथ ही पथरी से भी आराम मिलता है।
ऐसे फलों का जूस पी सकते हैं जिनमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में हो जैसे संतरा, टमाटर आदि का रस पिएं. इनें मौजूद विटामिन सी शरीर के कोलेस्ट्राल को पित्त अम्ल में परिवर्तित करती है जो पथरी को तोड़कर बाहर निकालता है. आप विटामिन सी संपूरक ले सकते हैं या पथरी के दर्द के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है.

लाल शिमला मिर्च

लाल शिमला मिर्च में विटामिन सी भरपूर होता है। यह विटामिन पथरी की समस्या में काफी फायदेमंद साबित होता है। इसलिए पित्ते की पथरी pitte ki pathri के रोगी को अपनी डाइट में शिमला मिर्च जरूर शामिल करनी चाहिए क्योंकि इसमें लगभग 95 मि. ग्रा विटामिन सी होता है।

पुदीना

पुदीना पाचन को दुरूस्त तो रखता है। साथ ही इसमें मौजूद टेरपेन नामक प्राकृतिक तत्‍व पित्त में पथरी को घुलाने में भी मदद करता हैं। पित्ते की पथरी के रोगी को पुदीने की चाय बनाकर पिलाएं। काफी फायदा मिलेगा।

हल्दी

पथरी के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है.यह एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेट्री होती है. हल्दी पित्त, पित्त यौगिकों और पथरी को आसानी से विघटित कर देती है. ऐसा माना जाता है कि एक चम्मच हल्दी लेने से लगभग 80 प्रतिशत पित्ताशय -पथरी gallstone खत्म हो जाती हैं.

विशिष्ट परामर्श-



सिर्फ हर्बल चिकित्सा ही इस रोग में सफल परिणाम देती है| दामोदर चिकित्सालय रजिस्टर्ड की हर्बल दवा से बड़ी साईज़ की पित्तपथरी में भी आशातीत लाभ होता है|माडर्न चिकित्सा मे सर्जरी द्वारा पित्त की थैली को ही निकाल दिया जाता है जिसके प्रतिकूल प्रभाव जीवन भर भुगतने पड़ते हैं| हर्बल दवा से पथरी के भयंकर कष्ट,यकृत दोष,पेट मे गेस ,जी मिचलाना आदि उपद्रवों से इलाज के शुरू के दिन से ही निजात मिल जाती है और रोगी आपरेशन की त्रासदी से बच जाता है| दवा के लिए वैध्य दामोदर जी से  98267-95656 पर संपर्क कर सकते हैं|

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17.10.21

दामोदर चिकित्सालय रजिस्टर्ड के आशु लाभकारी हर्बल प्रोडक्ट्स की जानकारी:herbal products

   दामोदर चिकित्सालय रजिस्टर्ड शामगढ़ अपने हर्बल उत्पादों के लिए पूरे भारत मे ख्याति प्राप्त है| इन औषधियों की खासियत है कि रोग को जल्द से जल्द काबू मे करती है|और रोग जड़ से खत्म करती हैं|इन औषधियों की आदत भी नहीं पड़ती है|





जहां तक गुर्दे मे पथरी की समस्या है प्राय: यह माना जाता है कि किसी भी औषधि से 10mm से बड़ी पथरी नष्ट नही होती है और रोगी को आपरेशन की त्रासदी से गुजरना पड़ता है|किन्तु हमारी "दामोदर पथरी विनाशक" औषधि से 30 एमएम तक की पथरी नष्ट हो जाती है|औषधि के साथ मनीबेक गारंटी का पर्चा होता है|
पथरी की औषधि की शुरू की कुछ ही खुराक से पथरी संबन्धित सभी लक्षण शांत होने लगते हैं और निर्धारित अवधि तक औषधि सेवन करने से पथरी समूल नष्ट हो जाती है| यह औषधि  भयंकर पथरी पीड़ा ,पेशाब मे जलन,खून आना,गुर्दे मे सूजन ,मूत्र रुकावट आदि लक्षणों मे आशु प्रभावी है|



https://healinathome.blogspot.com/2020/03/blog-post_8.html





प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने मे हर्बल औषधि सर्वाधिक कारगर साबित हुई हैं| यहाँ तक कि लंबे समय से केथेटर नली लगी हुई मरीज को भी केथेटर मुक्त होकर स्वाभाविक तौर पर खुलकर पेशाब आने लगता है| प्रोस्टेट ग्रंथि के अन्य विकारों (मूत्र    जलन , बूंद बूंद पेशाब टपकना, रात को बार -बार  पेशाब आना,पेशाब दो फाड़)  मे रामबाण औषधि है|  केंसर की नौबत  नहीं आती| आपरेशन  से बचाने वाली औषधि हेतु वैध्य श्री दामोदर से 98267-95656 पर संपर्क कर सकते हैं|


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यकृत,प्लीहा,आंतों के रोगों मे अचूक असर हर्बल औषधि "दामोदर उदर रोग हर्बल " अपने चिकित्सकीय  गुणों  के लिए प्रसिद्ध है|पेट के रोग,लीवर ,तिल्ली की बीमारियाँ ,पीलिया रोग,कब्ज  और गैस होना,सायटिका रोग ,मोटापा,भूख न लगना,मिचली होना ,जी घबराना ज्यादा शराब पीने से लीवर खराब होना इत्यादि रोगों मे अत्यंत प्रभावशाली  है|
बड़े अस्पतालों के महंगे इलाज के बाद भी  निराश रोगी  इस औषधि से ठीक हुए हैं| औषधि के लिए वैध्य दामोदर से 9826795656 पर संपर्क करें|



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संधिवात,कमरदर्द,गठिया, साईटिका ,घुटनो का दर्द आदि वात जन्य रोगों में जड़ी - बूटी निर्मित हर्बल औषधि ही अधिकतम प्रभावकारी सिद्ध होती है| रोग को जड़ से निर्मूलन करती है| औषधि से बिस्तर पकड़े पुराने रोगी भी दर्द मुक्त गतिशीलता हासिल करते हैं| बड़े अस्पतालों के महंगे इलाज़ के बावजूद निराश रोगी इस औषधि से आरोग्य हुए हैं|  त्वरित असर औषधि के लिए वैध्य श्री दामोदर से 98267-95656 पर संपर्क कर सकते हैं|









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