पोहा पीटे हुए चावल से बना एक स्वस्थ नाश्ता है। यह आसानी से तैयार होने वाला स्वादिष्ट और अधिक मात्रा में सब्जियों की मौजूदगी के कारण बेहद पौष्टिक होता है। भारत के विभिन्न राज्यों में, पोहा अलग अलग तरीकों से तैयार किया जाता है और कई घरों का तो यह एक प्रधान नाश्ता है।
भारत में पोहा सुबह के नाश्ते के तौर पर खासा पसंद किया जाता है। लंबे समय से भारतीय पोहे का सुबह के नाश्ते में सेवन कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अब बाजार में ओट और कीनोआ जैसे नाश्ते के तौर पर सेवन किए जाने वाले आहार भी मौजूद हैं, इनको बनाने वाली कंपनिया दावा करती हैं कि इनसे आप तेजी से वजन कम कर सकते हैं। लेकिन इन सब के बीच विशषज्ञों का मानना है कि पोहा सबसे सेहतमंद नाश्ता है। पोहे में 76.9 फीसदी कार्बोहाइड्रेट्स और 23.1 फीसदी प्रोटीन होता है। जो कि इसे एक सेहतमंद नाश्ता बनाता है, जो आपको सुबह-सुबह ऊर्जा देता है।
हल्का आहार :
अधिकांश स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग वजन घटाने वाले आहार में कुछ समय के लिए पोहा को शामिल कर इसके प्रभाव को देखते हैं। यह आहार पेट के लिए हल्का होता है और आमतौर पर कम मात्रा में परोसा जाता है साथ ही यह एक स्वस्थ जीवन शैली को आगे बढ़ने में मदद करता है। इस आहार को नींबू के साथ परोसा जाता है। पोहे पर नींबू के रस की मौजूदगी इसे अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती हैं।
- पोहा खाने से पेट से संबंधित समस्याएं नहीं होंगी क्योंकि इसमें बहुत ही कम मात्रा में ग्लूटीन पाया जाता है.
- डायबिटीज के मरीज को पोहा खिलाने से भूख कम लगती है साथ ही ब्लडप्रेशर लेवल में रहता है.
- पोहे में बहुत ज्यादा मात्रा में कैलोरी पायी जाती है. इसे कई तरीके से बनाया जाता है. जहां वेजीटेबल पोहा में 244 किलो कैलोरी होती है वहीं मूंगफली पोहा में 549 किलो कैलारी शामिल होती है.
पोहा भारत का एक मशहुर नाश्ता है, जिसे चावल से बनाया जाता है। वे कहती हैं कि यह अपने आप में एक पूर्ण आहार है। इसमें भारी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स, आयरन और फाइबर होते हैं। साथ ही पोहे में एंटी ऑक्सीडेंट और जरूरी विटामिन की भी जरूरी मात्रा में होती है। वे कहती हैं कि यह सुबह के नाश्ते के लिए या दिन में किसी भी समय स्नैक की तरह खाया जा सकता है। इसके अलावा इसमें कार्ब्स की मात्रा बहुत कम होती है। साथ ही इसमें इंसुलिन न होने के कारण पोहा वजन कम करने में भी मदद करता है।
क्योंकि पोहा को चावलों को पीटकर बनाया जाता है। जिसके कारण ये आासनी से पच जाता है, जिस कारण पेट पर दबाव नहीं रहता और आपको पूरे दिन पेट फुला हुआ महसूस नहीं होता।
अगर आप सोचते हैं पोहा सिर्फ ब्रेकफास्ट मील है तो यह काफी नहीं है. पोहे में ऐसे कई गुण हैं जो आपको हेल्दी रखने में काफी मददगार हैं. जानिए एक्सपर्ट क्या कहते हैं पोहे के बारे में.
- पोहे में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है. इसको खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन और इम्यूनिटी पावर बढ़ती है.
- पोहे में सबसे ज्यादा सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है. जिस कारण यह खनिज, विटामिन और फाइबर का खजाना हो जाता है.
- अगर पोहे में सोयाबीन, सूखे मेवे और अंडा मिलाकर खाया जाए तो विटामिन के साथ ही प्रोटीन भी मिलेगा.
- पोहे में अच्छी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है. इससे शरीर को बीमीरियों से लड़ने में मदद मिलती है.
पोहे को पचाने में शरीर को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती. यह आसानी से पचने वाला खाना है.
- वहीं एक्सपर्ट का मानना है कि पोहे को ब्रेकफास्ट में खाने से इसका फायदा कई गुना बढ़ जाता है.
कार्बोहाइड्रेट से भरपूर
आप पोहे पर भरोसा कर इसे कार्बोहाइड्रेट के लिए अपना प्राथमिक स्रोत बना सकते हैं। पीटा चावल अन्य कार्बोहाइड्रेट विकल्पों की तुलना में स्वस्थ होता है। आप चिप्स या अन्य नाश्ते की तुलना में नाश्ते में इसे खा सकते हैं। पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट के बिना, आप अपनी दैनिक गतिविधियों को नहीं कर सकते हैं। एक और अच्छी खबर, पोहा फाइबर से भी समृद्ध होता है।
पोषक तत्व से भरपूर
पोहे में अनेक प्रकार की सब्जियों को मिलाने के कारण इसमें विटामिन और मिनरल की अधिकता पाई जाती है। आप इसे स्वादिष्ट और प्रोटीन युक्त बनाने के लिए इसमें मूंगफली और अंकुरित दालों को भी मिला सकते हैं। कुछ लोग पोहे को प्रोटीन से भरपूर बनाने के लिए इसमें अंडा भी मिला देते हैं। आप इसे अपने बच्चे के लंच बॉक्स में भी पैक कर सकते हैं।
ग्लूटेन का कम स्तर
पोहा में ग्लूटेन के कम स्तर के कारण, कम ग्लूटेन खाद्य पदार्थों का उपभोग करने वाले डॉक्टर की सलाह से इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। पोहा मधुमेह रोगियों द्वारा भी सेवन किया जा सकता है। यह पोहे के स्वास्थ्य लाभ में से एक है।
मधुमेह रोगियों के लिए
खून में शुगर के धीमी गति से बढ़ावा देने के कारण पोहा मधुमेह रोगियों के लिए भोजन का अच्छा विकल्प माना जाता है। साथ ही यह आपको लंबे समय तक पूर्ण महसूस करता है। एक बार इसके सेवन से आप भूख के कष्ट और अस्वास्थ्यकर मिठाई और जंक फूड को दूर रखने में पर्याप्त होता है। इसके पोषक मूल्य में वृद्धि करने के लिए आप इसमें सोया मिला सकते हैं।
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