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31.3.22

प्राकृतिक चिकित्सा से रोगों का इलाज:prakritik chikitsa

 


प्राकृतिक चिकित्सा के अंतर्गत प्रकृति के पांच तत्वों के द्वारा इलाज किया जाता है और इस इलाज की पद्धति को बेहद असरदार भी माना जाता है। 

 प्राकृतिक चिकित्सा यानि प्रकृति में पाई जाने वाली चीजों से इलाज करने की पद्धति। यह उतनी ही पुरानी है जितनी की स्वयं प्रकृति। होम्योपैथी, एक्यूपंचर आदि इसी की शाखाएं मानी जाती हैं। इन चिकित्सा पद्धतियों में जल, मिट्टी, हवा, सूरज, भोजन आदि का प्रयोग बीमारियों को जड़ से मिटाने का प्रयास किया जाता है। आइए जानें इस पद्धति में मशहूर थैरेपी।

मड थेरेपी

   प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार मिट्टी में पृथ्वी तत्व पाया जाता है जिसकी सहायता से शरीर जीवंत और ऊर्जावान बना रहता है। इसके लिए एकदम साफ, रसायन रहित और जमीन से कम से कम दो से चार फीट नीचे से निकाली गई मिट्टी इस्तेमाल में ली जाती है।

जल चिकित्सा

   पानी को खुद में एक दवाई माना जाता है। वाटर थैरेपी या जल चिकित्सा का जापान में काफी इस्तेमाल होता है। इस थेरेपी के अन्तर्गत रोग के इलाज के लिए गर्म टावल से शरीर को ढ़ंकना, हॉट बाथ, स्टीम बाथ आदि का इस्तेमाल किया जाता है। इसके प्रयोग से पेट में होने वाली समस्याओं, बुखार, तनाव आदि का सफल इलाज किया जा सकता है।
   अनिद्रा या तनाव के रोगियों के लिए जल चिकित्सा के अंतर्गत सोने से पहले नहाने की सलाह दी जाती है। सूर्य चिकित्सा या सूर्य की किरणों से की जाने वाली चिकित्सा                               

  सूर्य चिकित्सा के दौरान रोगों के इलाज के लिए सूरज की किरणों में पाए जाने वाले सात रंगों का प्रयोग किया जाता है। सूर्य चिकित्सा का सिद्धांत है कि अगर शरीर स्वस्थ है तो शरीर का प्राकृतिक रंग बरकरार रहेगा। लेकिन बीमार होने की सूरत में शरीर अपना रंग बदल लेता है। इसी के आधार पर सूर्य चिकित्सा के दौरान रोगियों का इलाज होता है।

वैसे भी यह सर्वमान्य है कि सूर्य की किरणों के प्रभाव से कई रोगों के जीवाणु स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं।

डाइट थैरेपी

  पेट से जुड़ी समस्याओं और मोटापे आदि में इस थैरेपी से लोगों को बहुत जल्दी फायदा पहुंचता है। प्राकृतिक चिकित्सा का मानना है कि मनुष्य के शरीर के बीमार होने का एक मूल कारण इसका गलत खान-पान भी है। पेट में जंक फूड या खराब खाने से विषैले पदार्थ जमा होने लगते हैं और अंत में जाकर यही किसी भी रोग का मुख्य कारण बनते हैं।
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