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16.8.19

चना और गुड के कमाल के फायदे

चना और गुड़ दोनों ही सेहत के लिए बहुत लाभदायक हैं। गुड़ में आयरन, सोडियम, विटामिन, पोटैशियम, मिनरल्स और कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। आयरन शरीर में हेमोग्लोबिन बढ़ाने का काम करती है गुड़ का सेवन करने से खून भी साफ़ होता है। इसका प्रयोग रोग-प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करता है और यह खून से जुड़ी समस्याओं से हमारी रक्षा करता है। और इसी तरहे से चने में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम और विटामिन्स अधिक मात्रा में पाए जाते है। चना शुगर, खून की कमी दूर करता है।
क्या आप जानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति रोजाना इनका इस्तेमाल करता है तो आपका शरीर न केवल सेहतमंद रहेगा बल्कि आप सभी प्रकार के गुप्त रोगों से भी दूर रहेंगे। भुने चने खाने से शरीर को काफी फायदा मिलता है। बस आपको ध्यान ये रखना है कि जो भुना चना आप खा रहे हैं वह बिना छिलके वाला हो। भुने चने को अगर चबा-चबाकर खाया जाएं तो यह पुरुषों के शरीर से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करते हैं और इसके साथ गुड़ का सेवन आपको और अधिक ताकत प्रदान करेगा।
गरीबों का बादाम कहे जाने वाले भुने चने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। भूने चने के साथ गुड़ का भी सेवन शरीर के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। अगर आप भी इनके स्वास्थ्य लाभ से अंजान है तो हम इन दोनों के सेवन से होने वाले 6 स्वास्थ्य लाभ के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।

मोटापा कम करने में मिलती है मदद


भुने चने के रोजाना सेवन से मोटापा कम करने में काफी मदद मिलती है क्योंकि भुने चने खाने से अतिरिक्त चर्बी घटती है और तेजी से वजन कम होने लगता है। मोटापे से जूझ रहे लोगों को भुने चने खाने चाहिए क्योंकि ये उनके लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं।

पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है गुड़ और चना

अगर किसी की पाचन क्रिया सही नहीं है या फिर पेट खराब रहता है, जिसके कारण उन्हें कब्ज और एसिडिटी की समस्या हो सकती है, इससे बचने के लिए उन्हें गुड़ और भूने चने खाने चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद फाइबर उनकी पाचन शक्ति को ठीक रखने में मदद करता है।

नंपुसकता दूर करने में फायदेमंद गुड़ और चना

भुने चना और गुड़ एक साथ खाने से न केवल आपकी ताकत बरकरार रहती है बल्कि उसमें वृद्धि भी होती है। दूध के साथ भुना चना खाने से स्पर्म का पतलापन दूर हो जाता है और वह गाढ़ा हो जाता है। अगर कोई व्यक्ति इस तरह की परेशानी झेल रहा है तो चना खाना उसके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। शहद के साथ भुना चना खाने से नंपुसकता भी दूर होती है और पुरुषत्व में वृद्धि होती है। इतना ही नहीं गुड और भुने चना खाने से कुष्ठ रोग भी दूर होता है।

पेशाब संबंधी रोगों को दूर करता है गुड़ और चना

अगर आप पेशाब संबंधी रोगों जैसे पेशाब में जलन या फिर पेशाब रुक-रुक कर आना तो आप भुना हुआ चना खाएं। आप चने को खूब चबा चबा कर खाए, जिससे पेशाब संबंधित कई समस्याएं आसानी से ठीक हो जाती हैं।

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है गुड़ और भुना चुना

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर अक्सर हम बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। रोजाना भुना चना खाने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और हम बीमारियों से दूर रहते हैं। रोजाना नाश्ते में 50 ग्राम भुने चुने, गुड़ के साथ खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भारी इजाफा होता है, जिसके कारण बीमारियां हमसे दूर रहते हैं। अक्सर बदलते मौसम में ऐसी दिक्कतें सामने आती है इसलिए भुना चुना और गुड़ आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
चेहरा पर निखार लाता है गुड़ और भुना चुना
वे पुरुष, जो अपने चेहरे पर दाग से परेशान हो चुके हैं उन्हें रोजाना गुड़ और चने का सेवन करना चाहिए। इन्हें खाने से त्वचा में निखार आता है और उनके चेहरे की चमक बढ़ती है। इतना ही नहीं वे पहले से ज्यादा स्मार्ट भी दिखाई देने लगते हैं।

और भी फायदे हैं गुड के साथ चने खाने के-

*गुड़ और चने में कैल्शियम बहुत अधिक होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसके लगातार सेवन करने से हड्डियों से सम्बंधित रोगो में काफी लाभ होता है। गठिया रोग में भी यह लाभकारी माना जाता है।
* गुड़ और चना खाने से एनीमिया की समस्या ठीक होती है और शरीर में भरपूर ऊर्जा का संचार होता है। इसका सेवन करने से थकावट और कमजोरी दूर होती है।
* चना और गुड़ का सेवन करने से दांत मजबूत होते हैं। इनमे पाए जाने वाला फॉस्फोरस दांतो के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है।
* चना और गुड़ में जिंक पाया जाता है। इसका सेवन करने से चेहरे की त्वचा में निखार और दमक बढ़ने लगती है।
* चना और गुड़ में विटामिन B 6 पाया जाता है जो दिमाग को शार्प करने में मदद करता है।
* महिलाओं के लिए भी चना गुड़ बहुत ही लाभकारी माना जाता है। गुड़ में आयरन भरपूर मात्रा में होता है और चने में बड़ी मात्रा में प्रोटीन होता है जो महिलाओं में होने वाली रक्त की कमी को आसानी से दूर करता है।
* चना और गुड़ में फाइबर की मात्रा कब्ज और एसिडिटी से बचाव करती है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है।
*चना और गुड़ शरीर का मैटाबॉलिज्म दुरुस्त करता है। इसका सेवन लगातार करने से मोटापा कम होने लगता है।
*चना और गुड़ में पोटाशियम पाया जाता है जो दिल के रोगो से बचाव करने में मदद करता है। इसलिए इसका सेवन ह्रदये रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है।
* गुड़ और चना प्रोटीन से भरपूर होता है इसलिए इसका सेवन करने से मसल्स मजबूत बनते है।

28.6.19

तिल खाने के स्वास्थ्य लाभ एवं औषधीय गुण:benefits of sesame





तिल का सेवन करना सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता हैं। आयुर्वेद के अनुसार तिल बलवर्धक होता हैं। इसका सर्दी के मौसम में सेवन विशेष लाभकारी माना जाता हैं। तिल में पोषक तत्वों का खजाना हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी पाया जाता हैं जिसके कारण यह भूख बढाता हैं भोजन को भली भाति हज़म करता हैं तन्त्रिका तंत्र को बल प्रदान करता हैं।

आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञानं के अनुसार तिल स्निग्ध, मधुर और उष्ण होने से वात का शमन करता हैं यह कफ़ और पित्त को नष्ट करता हैं। बालों के लिए इसका तेल बहुत अच्छा होता हैं जाड़ों के दिनों में इसके तेल कि मालिश बहुत अच्छी रहती हैं। आयुर्वेद के अनुसार तिल के तेल से प्रतिदिन मालिश करने से बुढ़ापा, थकावट दूर होती हैं द्रष्टि बढती हैं, प्रसन्नता, पुष्टता और आयु, निद्रा में वृद्धि होती हैं यह त्वचा की सुन्दरता बढ़ाने तथा रूखापन दूर करने में उपयोगी हैं। सर्दी के दिनों में इसका नित्य उपयोग तिल्कूटा, चटनी, लड्डू, तिलपट्टी गजक के रूप में किया जाता हैं।
तिल तीन प्रकार के होते हैं काले सफ़ेद और लाल। काले तिल सर्वोत्तम और बल वीर्यवर्धक होते हैं सफ़ेद तिल मध्यम और लाल तिल हीन गुण वाले होते हैं। काले तिल तंत्र-मंत्र, हवं पूजा आदि धार्मिक कार्यों के साथ साथ औषधीय कार्यों में भी उपयोगी होते हैं।

तिल खाने के फायदे:
Health benefits of  sesame

1. फटी एड़ि‍यों में तिल का तेल गर्म करके, उसमें सेंधा नमक और मोम मिलाकर लगाने से एड़ि‍यां जल्दी ठीक होने के साथ ही नर्म व मुलायम हो जाती है।
2. मुंह में छाले होने पर, तिल के तेल में सेंधा नमक मिलाकर लगाने पर छाले ठीक होने लगते हैं।
3. तिल को कूटकर खाने से कब्ज की समस्या नहीं होती, साथ ही काले तिल को चबाकर खाने के बाद ठंडा पानी पीने से बवासीर में लाभ होता है। इससे पुराना बवासीर भी ठीक हो जाता है।
4. शरीर के किसी भी अंग की त्वचा के जल जाने पर, तिल को पीसकर घी और कपूर के साथ लगाने पर आराम मिलता है, और घाव भी जल्दी ठीक हो जाता है।

Health benefits of  sesame

5. सूखी खांसी होने पर तिल को मिश्री व पानी के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है। इसके अलावा तिल के तेल को लहसुन के साथ गर्म करके, गुनगुने रूप में कान में डालने पर कान के दर्द में आराम मिलता है।
6. सर्दियों में तिल का सेवन शरीर में उर्जा का संचार करता है, और इसके तेल की मालिश से दर्द में राहत मिलती है।
7. तिल, दांतों के लिए भी फायदेमंद है। सुबह शाम ब्रश करने के बाद तिल को चबाने से दांत मजबूत होते हैं, साथ ही यह कैल्शियम की आपूर्ति भी करता है।

8. तिल का प्रयोग मानसिक दुर्बलता को कम करता है, जिससे आप तनाव, डिप्रेशन से मुक्त रहते हैं। प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में तिल का सेवन कर आप मानसिक समस्याओं से निजात पा सकते हैं।
9. तिल का प्रयोग बालों के लिए वरदान साबित हो सकता है। तिल के तेल का प्रयोग या फिर प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में तिल को खाने से, बालों का असमय पकना और झड़ना बंद हो जाता है

Health benefits of  sesame

10.तिल का उपयोग चेहरे पर निखार के लिए भी किया जाता है। तिल को दूध में भिगोकर उसका पेस्ट चेहरे पर लगाने से चेहरे पर प्राकृतिक चमक आती है, और रंग भी निखरता है। इसके अलावा तिल के तेल की मालिश करने से भी त्वचा कांतिमय हे जाती है।

11.हृहय की मांसपेशि‍यों के लिए-तिल में कई तरह के लवण जैसे कैल्श‍ियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम होते हैं जो हृदय की मांसपेशि‍यों को सक्रिय रूप से काम करने में मदद करते हैं.
12.आयुर्वेद में तिल को गर्म प्रकृति का , गैस मिटाने वाला तथा दिमाग और हृदय को ताकत देने वाला बताया गया है। यह मूत्राशय और प्रजनन अंगों को स्वस्थ करता है। Til के तेल में पॉलीअनसेचुरेटेड तथा मोनोअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होते है जो हृदय के लिए लाभदायक होते है।
13.तिल के उपयोग का एक आसान तरीका यह भी है कि इसे तवे पर भून लें। इसमें थोड़ा सा नमक डालकर कूट लें। इसे सुबह शाम गरम पानी के साथ एक एक चम्मच फांक लें। इस तरह कुछ दिन लेने से शारीरिक कमजोरी , सिरदर्द , बदन दर्द आदि दूर होते है।
14.इसमें कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले फीटोस्टेरोल की मात्रा सभी मेवे , फलियां या अनाज से अधिक पाई जाती है। फीटोस्टेरोल की वजह से आंतें कोलेस्ट्रॉल का अवशोषण नहीं कर पाती। तिल के छिलकों में कैल्शियम , फाइबर , पोटेशियम तथा आयरन अधिक मात्रा में होता है। अतः इसे छिलके सहित काम में लेना अधिक फायदेमन्द होता है।
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