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21.11.21

शरीर की ब्लॉक नसों को खोलने के लिए आजमाएं ये घरेलू उपाय :open the block veins



नसों की ब्लॉकेज का इलाज : 

नसों में दर्द बहुत परेशान करने वाली समस्या है। इसके चलते इंसान
चलने फिरने में भी तकलीफ महसूस करता है। इसके अलावा जब रक्त में अपशिष्ट पदार्थों की मात्रा
बढ़ जाती है तो इससे नसों में खून के स्राव में रुकावट आने लगती है। जिससे हार्ट अटैक और लकवा
का खतरा भी बढ़ जाता है।
आजकल लोगों का खान-पान इतना बिगड़ गया है कि इसके कारण वो किसी ना किसी बीमारी की चपेट में हैं। इन्हीं में से एक समस्या है नस ब्लॉकेज की, जो युवाओं में भी काफी देखने को मिल रही थी। हालांकि इसका एक कारण काफी हद तक बढ़ता प्रदूषण भी है। पहले जहां यह समस्या 60-70 की उम्र में दिखाई देती थी वहीं आजकल लोग 30-35 की उम्र में भी इस परेशानी को झेल रहे हैं। नस ब्लॉकेज होने पर धमनी रोग, परिधीय धमनी रोग, लकवा, और हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि इस समस्या को समय रहते दूर किया जाए।
नसों में ब्लॉकेज समस्या से 60% भारतीय है परेशान
शोध के अनुसार, करीब 40-60% लोगों की धमनियां कमजोर है। वहीं 20% महिलाओं को गर्भावस्था के बाद यह परेशानी होती है। इसकी पहचान सही समय पर नहीं हो पाती, जिसका असर वैरिकाज वेंस (varicose veins) के रूप में सामने आता है। दरअसल, बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से नसों में खून का प्रवाह अच्छे से नहीं होता, जिससे पैरों में सूजन व नसों के गुच्छे बनने शुरू हो जाते हैं, जो बाद में ब्लॉकेज का रूप ले लेता है।

किन लोगों को होती है ब्लाकेज की परेशानी

वेन ब्लॉकेज की परेशानी तब होती है जब खून संचारित होकर दिल तक नहीं पहुंचता जो बाद में गांठों और गुच्छे के रूप में हमारे सामने आता है।
यह परेशानी उन लोगों को होती हैं जो लगातार कई घटों रोजाना एक ही पोस्चर में बैठकर काम करते हैं। वैरिकॉज की परेशानी पैरों की धमनियों में अधिक होती हैं क्योंकि यहां खून के प्रवाह का भार अधिक होता है।
आहार जो करते हैं धमनियों की नैचुरल सफाई
मेडिटेरेनियन डाइट प्लान जिसमें कम मात्रा में कोलेस्ट्रॉल हो लेकिन फाइबर की मात्रा भरपूर हो। शुगर व नमक का कम सेवन करें और मक्खन की जगह आलिव ऑयल वसा का इस्तेमाल करें।
धमनियों के अनुकूल खाद्य पदार्थ व हर्ब जैसे चने, अनार, जई, एवाकाडो, लहसुन, केसर, हल्दी, कैलामस, हरी सब्जियों व फलों का सेवन करें।
नसों में ब्लॉकेज से होने वाली समस्याएं
नसों में खून के थक्के बनने लगते हैं।
कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना।
स्ट्रोक व हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
कोरोनरी और अन्य धमनी रोगों का खतरा बढ़ता है।
अगर आप को भी एसी परेशानी है तो डॉक्टरी जांच जरुर करवानी चाहिए लेकिन इसके साथ-साथ आप
हार्ट अटैक और लकवे की समस्या से छुटकारा – किसी भी नस में ब्लॉकेज नहीं रहने देगा यह रामबाण उपाय
जब शरीर की नसें ब्लॉक हो जाती है तो हार्ट ब्लॉकेज की संभावना बहुत बढ़ जाती है। इसके अलावा लकवा भी अपने चरम सीमा पर पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति आ जाने पर, देरी करके, आपके जान पर बन सकती है। ऐसी अवस्था में ऊपर बताए गए नुस्खे को प्रयोग में लाना चाहिए। यह शरीर कि, प्रत्येक ब्लॉक नसों को खोलकर हार्ट अटैक और लकवे के खतरे को कम कर देता है।

किन कारणों से होती है नसों में ब्लॉकेज

खून का गाढ़ा होना।
चोट लगने।
खराब ब्लड सर्कुलेशन।
खराब खान-पान की आदत।
घंटो तक बैठे रहना।
शारीरिक गतिविधियां न करना।
मोटापा।
शरीर में पोषक तत्वों की कमी।

नस ब्लॉकेज के लक्षण

-जब नसों में ब्लॉकेज की समस्या होती हैं तो व्यक्ति के हाथ पैर सुन्न होने लगते हैं
-हाथों-पैरों में झुनझुनाहट, सूजन रहने लगती हैं।
-साँस फूलना, चक्कर आने लगते हैं।
-कब्ज की शिकायत रहने लगती हैं
-चलने फिरने में दिक्कत आती है
नसों का नीला पड़ जाना।
एक जगह पर नसों का रस्सियों की तरह मुड़ना।
पैरों में भारीपन महसूस होना।
मांसपेशियों में ऐंठन रहना।
पैरों के निचले हिस्से में सूजन और दर्द रहना।
एक जगह पर जमा नसों के आसपास खुजली होना।
टखने के पास त्वचा का अल्सर।

बंद नसें खोलने के उपाय-

हल्दी

एक गिलास गुनगुने दूध में 1 चम्‍मच हल्‍दी पाउडर और थोड़ा-सा शहद मिलाकर पीने से भी बंद नसें खुल जाती है।


लहसुन

बंद धमनियों की समस्या होने पर 3 लहसुन की कली को 1 कप दूध में उबाल कर पीएं। इसके अलावा अपने आहार में लहसुन का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और हार्ट स्टोक का खतरा कम हो जाता है।

अनार का जूस

एंटीऑक्सीडेंट, नाइट्रिक और ऑक्साइड के गुणों से भरपूर अनार के 1 गिलास जूस का रोजाना सेवन आपको धमनियों की ब्लोकेज के साथ कई हेल्थ प्रॉब्लम से दूर रखता है।

ओट्स : 

ओट्स का रोजाना सुबह नाश्ते में सेवन भी ब्लाकेज की समस्या को दूर करता है। इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

अनार : 

एंटीऑक्सीडेंट, नाइट्रिक और ऑक्साइड के गुणों से भरपूर अनार के 1 गिलास जूस का रोजाना सेवन आपको धमनियों की ब्लोकेज के साथ कई हेल्थ प्रॉब्लम से दूर रखता है।

ड्राई फ्रूट्स : 

रोजाना कम से कम 50-100 ग्राम बादाम, अखरोट  का सेवन आपकी रक्त कोशिकाओं में कोलेस्ट्रॉल जमा नहीं होने देता। इससे आप ब्लाकेज की समस्या से बचे रहते है।

अलसी के बीजः 

अलसी के बीजों में अल्फा लिनोलेनिक एसिड भरपूर मात्रा में मौजूद होता हैजो बंद नसों को खोलने में मदद करता है। ये बीज नसों में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालता है जिससे ब्लड सर्कुलेशन सही ढंग से होता है। रातभर इन बीजों को भिगो दें और सुबह इसका काढ़ा बनाकर पीएं। आप 1 छोटा चम्मच अलसी पानी के साथ भी ले सकते हैं। 3 महीने लगातार करें फायदा मिलेगा।
  नसों की ब्लॉकेज खोलने के लिए रोज सुबह अनार जरूर खाएं। गर्म गुनगुना पानी, ग्रीन टी आदि का सेवन करते रहें। इसके अलावा चुकंदर, पत्तेदार सब्जियां, अखरोट, बैरीज, एवाकाडो, टमाटर, प्याज अदरक आदि का सेवन करें। मसालों में दालचीनी, काली मिर्च भी लें।

निम्न  घरेलू उपाय अपनाकर नसों की ब्लॉकेज से छु़टकारा पा सकते है-

सामग्री
1 ग्राम दाल चीनी
10 ग्राम काली मिर्च साबुत
10 ग्राम तेज पत्ता
10 ग्राम मगज
10 ग्राम मिश्री
10 ग्राम अखरोट
10 ग्राम अलसी

विधि-

1. सबसे पहले इन सबको मिक्सी में बारीक पीस लें।
2. फिर इसकी 10 पुडियां बना लें।
3. इसे हर रोज सुबह खाली पेट खाएं और ध्यान रहें इसे खाने के बाद 1 घंटे तक कुछ न खाएं।
अगर आपको एंजिओयोप्लास्टिक की समस्या से जूझ रहे हैं तो, यह नुस्खा आपके काफी काम आ सकता है। अगर आप की बाई पास सर्जरी हुई है तो स्टंट डलवाने के बाद स्टंट के अगल-बगल कैल्शियम का जमाव होने लगता है जिसके कारण नसें ब्लॉक हो जाती है। कैल्शियम के अलावा कोलेस्ट्रॉल भी हमारी नसों को बहुत अधिक प्रभावित करता है।
  ऐसी अवस्था हो जाने पर हमारे दोबारा ऑपरेशन करके स्टंट डलवाने की जरूरत होती है। बार-बार ऑपरेशन करवाने से खर्चा तो आता ही है साथ ही यह हमारे शरीर के मेंटल और फिजिकल कार्यों में भी अपना बुरा नुकसान पहुंचाता है। मगर ऊपर बताए गए नुस्खे को प्रयोग में लाने से, जिन नसों में कैल्शियम और कोलेस्ट्रॉल का जमाव हुआ था वह 10 दिन के भीतर बिल्कुल खत्म हो जाएगा और आपकी ब्लॉक नसें पहले जैसे काम करने लगेंगी।
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