गर्मी में दही का जादू: स्वास्थ्य लाभ और सावधानियाँ
घरेलू उपचार के विडिओ प्रस्तुत करने की शृंखला मे आज हमारा विषय है "गर्मी में दही का जादू: स्वास्थ्य लाभ और सावधानियाँ"
दही को सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिसके कारण यह दूध की तुलना में जल्दी पच जाता है। जिन लोगों को पेट की परेशानियां, जैसे अपच, कब्ज, गैस बीमारियां घेरे रहती हैं, उनके लिए दही या उससे बनी लस्सी, छाछ का उपयोग करने से आंतों की गर्मी दूर हो जाती है।डाइजेशन अच्छी तरह से होने लगता है और भूख खुलकर लगती है। दूध से बनने वाले दही का उपयोग खाने में हजारों सालों से हो रहा है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाने वाले कैल्शियम की मात्रा दूध की अपेक्षा दही में 18 गुणा ज्यादा होती है।पेट की गर्मी दूर करता है- दही की छाछ या लस्सी बनाकर पीने से पेट की गर्मी शांत हो जाती है।
क्या दही नसों के लिए अच्छा है?
दही विटामिन बी-12 का अच्छा स्रोत है, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य और स्वस्थ रक्त और तंत्रिका कोशिकाओं को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
दही को फेस मास्क के रूप में इस्तेमाल करने के बाद कई लोगों को अपने मुंहासों में स्पष्ट सुधार दिखाई देता है। दही में मौजूद कैल्शियम त्वचा, बालों और नाखूनों को प्रभावी रूप से पोषण देने में मदद करता है। साथ ही, यह त्वचा को नमी प्रदान करता है, जिससे त्वचा रूखी और फटी नहीं होती।
हड्डियों को दे मजबूती-
दही में कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह हड्डियों के विकास में सहायक होता है।
आंतों के रोग
अमेरिकी आहार विशेषज्ञों के अनुसार दही का नियमित सेवन करने से आंतों के रोग और पेट संबंधित बीमारियां नहीं होती हैं।
सुबह खाली पेट दही खाने से आपका पाचन तंत्र ठीक रहता है, क्योंकि दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो पेट में गुड बैक्टेरिया को बढ़ाने में मदद करते हैं. ये बैक्टीरिया पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में लाभदायक होते हैं. सुबह खाली पेट दही खाने से आपको गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं से निजात मिल सकता है.
दिल के रोग
दही में दिल के रोग, हाई ब्लड प्रेशर और गुर्दों की बीमारियों को रोकने की गजब की क्षमता है। यह कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकता है और दिल की धड़कन सही बनाए रखता है।
क्या दही आपके लीवर के लिए अच्छा है? अ दही का नियमित सेवन आपके लीवर के लिए निम्नलिखित कारणों से फ़ायदेमंद है: यह वज़न, बॉडी मास इंडेक्स और फ़ास्टिंग इंसुलिन के सीरम लेवल को कम करने में मदद करता है ।
बालों की सुंदरता
बालों को सुंदर और आकर्षक बनाए रखने के लिए दही या छाछ से बालों को धोने से फायदा होता है। इसके लिए नहाने से पहले बालों में दही से अच्छी मालिश करनी चाहिए।कुछ समय बाद बालों को धो लेने से बालों की खुश्की या रूसी खत्म हो जाती है।
कब्ज से राहत पाने के लिए आपको रात में दही में त्रिफला पाउडर मिलाकर खाना होगा। त्रिफला आयुर्वेद में काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। यह हरड़, बहेड़ा और आंवला के मिलकर बना चूर्ण होता है। ये तीनों पदार्थ पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती हैं।
बच्चों के दांत
दही के साथ शहद मिलाकर जिन बच्चों के दांत निकल रहे हों, उन्हें चटाना चाहिए। इससे दांत आसानी से निकल जाते हैं।
अपनी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए अपने आहार में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें, जैसे: डेयरी उत्पाद (दूध, दही, पनीर) पत्तेदार सब्जियां (केल, पालक, कोलार्ड साग) टोफू।
दही के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
दही बलगम को बढ़ा सकता है, जो अस्थमा, साइनसाइटिस या बार-बार होने वाली सर्दी और खांसी जैसी समस्याओं को पैदा कर सकता है. आयुर्वेदिक मान्यताओं के अनुसार, दही "कफ" और "वात" दोषों को बढ़ा सकता है, जिससे गठिया से पीड़ित लोगों में जोड़ों के दर्द और जकड़न बढ़ सकती है.
रात में दही खाने या नियमित रूप से इसका सेवन करने से पाचन तंत्र में गड़बड़ी हो सकती है ।
दही बलगम को बढ़ा सकता है, जो अस्थमा, साइनसाइटिस या बार-बार होने वाली सर्दी और खांसी जैसी समस्याओं को पैदा कर सकता है. आयुर्वेदिक मान्यताओं के अनुसार, दही "कफ" और "वात" दोषों को बढ़ा सकता है, जिससे गठिया से पीड़ित लोगों में जोड़ों के दर्द और जकड़न बढ़ सकती है.
रात में दही खाने या नियमित रूप से इसका सेवन करने से पाचन तंत्र में गड़बड़ी हो सकती है ।
दही की तासीर गर्म होती है, लेकिन लस्सी को दही से ज़्यादा ठंडा और पचाने में आसान माना जाता है। दही को पानी में मथकर बनाया गया लस्सी पित्त को संतुलित करता है और पाचन में सहायता करता है।
किन लोगों को दही नहीं खाना चाहिए?
दही किसे नहीं खाना चाहिए? आयुर्वेद डॉक्टर के अनुसार जो लोग मोटापे से परेशान हैं उन्हें दही थोड़ा कम खाना चाहिए। वहीं सूजन या कफ से परेशान चल रहे लोगों को भी इसे परहेज करना चाहिए।
दही किसे नहीं खाना चाहिए? आयुर्वेद डॉक्टर के अनुसार जो लोग मोटापे से परेशान हैं उन्हें दही थोड़ा कम खाना चाहिए। वहीं सूजन या कफ से परेशान चल रहे लोगों को भी इसे परहेज करना चाहिए।
दही वसा और प्रोटीन से भरपूर डेयरी प्रोडक्ट है, जिसे रात में पचाना मुश्किल हो सकता है। इससे आपका मेटाबॉलिज्म भी कमजोर हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार रात में दही खाना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इससे शरीर में ज्यादा बलगम बनने लगता है।
सारांश
दही का नियमित सेवन रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। यह त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करता है, रूसी को कम करता है, और शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ाने के अलावा अतिरिक्त लाभ भी देता है। इसके अलावा, दही तनाव के स्तर को कम करता है, जिससे यह उच्च रक्तचाप और अन्य संबंधित समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक उपचार बन जाता है। उचित मात्रा में दही का नियमित सेवन वजन घटाने और फिटनेस में सहायता करता है। दही इन सभी गुणों के कारण स्वस्थ जीवन जीने के इच्छुक लोगों के लिए एक भरोसेमंद आहार विकल्प है।
दही का नियमित सेवन रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। यह त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करता है, रूसी को कम करता है, और शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ाने के अलावा अतिरिक्त लाभ भी देता है। इसके अलावा, दही तनाव के स्तर को कम करता है, जिससे यह उच्च रक्तचाप और अन्य संबंधित समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक उपचार बन जाता है। उचित मात्रा में दही का नियमित सेवन वजन घटाने और फिटनेस में सहायता करता है। दही इन सभी गुणों के कारण स्वस्थ जीवन जीने के इच्छुक लोगों के लिए एक भरोसेमंद आहार विकल्प है।
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धन्यवाद आभार
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