डिप्रेशन क्या है?
डिप्रेशन एक मानसिक बिमारी है, जिसका संबंध मनोविज्ञान में किसी व्यक्ति के मन की भावनाओं से जुड़े दुखों या निराशा से होता है। अवसाद या डिप्रेशन को मूड डिसऑर्डर के तौर पर क्लासीफाइड किया गया है। हर व्यक्ति समय-समय पर उदासी का अनुभव करता है। मगर जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक लगातार नकारात्मक सोच, दुखी मनोदशा मे घिर जाए और अपनी पसंदीदा गतिविधियों में भी दिलचस्पी न ले, तो इस तरह के लक्षण डिप्रेशन हो सकते हैं। इसे इंसान की उदासी, नुकसान या ऐसे गुस्से के रूप में समझा जा सकता है, जिससे किसी इंसान की रोजमर्रा की गतिविधियों पर असर पड़ता है।
आजकल की व्यस्त लाइफस्टाइल में अवसाद की समस्या आम बन चुकी है। अवसाद एक द्वन्द है, जो मन एवं भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है। अवसाद यह संकेत देता है कि आप कई मनोविकारों का शिकार हो सकते हैं। अवसाद में सामान्यत: मन अशान्त, भावना अस्थिर एवं शरीर अस्वस्थता का अनुभव करते हैं। ऐसी स्थिति में हमारी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और हमारी शारीरिक व मानसिक विकास में व्यवधान आता है।
अवसाद यानी डिप्रेशन किसी भी इंसान के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बीमारी है। इस बीमारी में डॉक्टर के इलाज के अलावा घरेलू उपचार करके भी लाभ प्राप्त किया जा सकता है। सेब, काजू, इलायची, जैम, टोस्ट और केक अवसाद कम करने में मदद करते हैं।
डिप्रेशन से परेशान इंसान चाहता है कि वह इससे उबर जाये लेकिन ऐसा अक्सर हो नहीं पाता है वह इसलिए कि डिप्रेशन का शिकार हुआ इंसान ज्यादातर अकेला रहना पसन्द करने लगता है वह अपनी परेशानियों को दूसरों से छिपाने की कोशिश करने लगता है जिसकी वजह से उसके करीबी लोग भी उसके संघर्ष , उसके दुःख दर्द को कभी समझ ही नहीं पाते । और वह इंसान धीरे धीरे और भी डिप्रेशन का शिकार होता चला जाता है। इंसान की सोचने-समझने की शक्ति खत्म होने लगती है। कोई भी व्यक्ति डिप्रेस्ड की अवस्था में अपने आपको लाचार और निराश महसूस करता है।
उदासी की यह भावना अक्सर चिंता, निराशा की भावना और ऊर्जा की कमी के साथ होती है जो किसी व्यक्ति के उत्साह को घटा देती है। डिप्रेशन कई बार थोड़े समय के लिए हो सकता है मगर जब यह किसी व्यक्ति में लंबे समय तक हो तो स्थिति गंभीर हो सकती है.|डिप्रेशन के चलते व्यक्ति मे जीने की इच्छा समाप्त हो जाती है.
आपको डिप्रेशन से बचना है तो अपनी लाइफस्टाइल व डेली रूटीन पर गौर करना जरूरी है। अवसाद से निपटने के कई तरीके व दवाएं हैं लेकिन अगर प्राकृतिक तरीकों से इसका निपटारा किया जाए तो बेहतर है। इससे आपकी सेहत को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा।
संतुलित आहार
हालिया स्टडी में मानसिक स्वास्थ्य पर आपके आहार के गहरे प्रभाव पर प्रकाश डाला गया है। इस शोध में यह पता चला है कि गलत आहार न सिर्फ आपके शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि डिप्रेशन का कारण भी बन सकता है, जबकि सही आहार संभावित रूप से इसके नुकसान को कम कर सकता है
संतुलित आहार लें फल, सब्जी, मांस, फलियां, और कार्बोहाइड्रेट आदि का संतुलित आहार लेने से मन खुश रहता है। एक संतुलित आहार न केवल अच्छा शरीर बनता है बल्कि यह दुखी मन को भी अच्छा बना देता है।
दोस्त बनाएं
अच्छे दोस्त बनायें अच्छे दोस्त आपको आवश्यक सहानुभूति प्रदान करते हैं और साथ ही साथ अवसाद के समय आपको सही निजी सलाह भी देते हैं। इसके अतिरिक्त, जरूरत के समय एक अच्छा श्रोता साथ होना नकारात्मकता और संदेह को दूर करने में सहायक है।
नकारात्मक लोगों से बचें सामाजिक बनें
अकसर अवसादग्रस्त होने पर लोग खुद को एक कमरे में बंद कर लेते हैं जो कि बहुत गलत है। ऐसे समय में आपको और भी ज्यादा मजबूत बनना चाहिए और लोगों से घुल मिल कर रहना चाहिए। खुद को सामाजिक बनाएं ऐसे में आपको नकारात्मक विचारों से अपना ध्यान हटाने में मदद मिलेगी।
व्यायाम करें
व्यायाम अवसाद को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है। इससे न केवल एक अच्छी सेहत मिलती है बल्कि शरीर में एक सकारात्मक उर्जा का संचार भी होता है। व्यायाम करने से शरीर में सेरोटोनिन और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन्स का स्राव होता है जिससे दिमाग स्थिर होता है और अवसाद देने वाले बुरे विचार दूर रहते हैं।
नकारात्मक लोगों से दूर रहें कोई भी ऐसे लोगों के बीच में रहना पसंद नहीं करता जो कि लगातार दूसरों को नीचे गिराने में लगे रहते हैं। ऐसे लोगों से दूर रहने से मन को शांति और विवेक प्रदान करने में आपको मदद मिलेगी।
पर्याप्त नींद लें
अवसाद की समस्या तभी होती है जब या तो बहुत अधिक सोते हैं या बिल्कुल नहीं सो पाते हैं। इस समस्या से बचने के लिए बेड पर जाने का एक समय निर्धारित कर लें और हर रोज उसी समय पर सोएं। इससे आप अवसाद से तो बचेंगे ही साथ ही आपकी लाइफस्टाइल भी अच्छी होगी। अच्छी नींद के लिए आप चाहें तो सोने से पहले नहा सकते हैं या हर्बल टी या भी ले सकते हैं।
कुछ नया करें
जब आप अवसाद ग्रस्त होते हैं तो खुद को कुछ नया करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। म्यूजियम जाएं या अपनी कोई मनपसंद लेखक की किताब पार्क में बैठकर पढ़ें। आप चाहें तो अपनी मनपसंद हॉबी क्लास भी ज्वाइन कर सकती हैं जैसे डांस, कुकिंग, गायन, पेंटिंग आदि। इससे आपका मन भी लगा रहेगा और अवसाद की समस्या से भी बचेंगे।
गुलकंद:
मानसिक तनाव को कम करने और मन मस्तिष्क को सुचारू ढंग से कार्य करने हेतु ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए। कई शोधों में खुलासा हो चुका है कि ग्रीन टी के सेवन तनाव में आराम मिलता है।
नारियल तेल:
ये भी देखा गाया है कि अपने खाने में कुछ चीजों को शामिल करके भी मानसिक अवसाद या डिप्रेशन से बचा जा सकता है. इसमें क्या क्या हो सकता है इसे देख लेते हैं-
काजू डिप्रेशन में हितकारी
अवसाद को ठीक करने में तंत्रिकातंत्र की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. इसमें विटामिन बी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और ये विटामिन ही तंत्रिका तंत्र को ठीक रखता है. इसके साथ ही काजू आपके शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाकर आपको सक्रिय रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. काजू ये ये सभी गुण आपको डिप्रेशन से दूर रखेंगे.
प्रोटीन के भण्डार अंडा में डीएचए भी पाया जाता है. आपको बता दें कि डीएचए पचास फीसदी अवसाद को ठीक कर सकता है. अंडा न सिर्फ अवसाद को ठीक करेगा बल्कि आपको निरोग रखने में भी मदद करता है.
सेब
सेब के फायदे तो सबने ही सुन रखे होंगे. तमाम पौष्टिक गुणों से भरपूर सेब आपके मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखता है. इसमें पाया जाने वाले विटामिन बी, फास्फोरस और पोटैशियम मिलकर ग्लूटामिक एसिड का निर्माण करते हैं. ये एसिड मानसिक स्वस्थ्य ठीक रखता है.
हमारे शरीर में आयरन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. लेकिन कई लोगों में आयरन की कमी होती है खास करके लड़कियों में. तो ऐसे में इसका सबसे अच्छा तरीका है कि आपको आयरनयुक्त भोजन करना चाहिए. इससे आपमें आयरन लेवल तो ठीक रहता ही है, साथ में आपका मूड भी ठीक रहता है. इस तरह आप अवसाद से बाख जाते हैं. आयरन के लिए सबसे अच्छा स्त्रोत पालक है.
आयोडीन
आयोडीन की कमी से हमारा दिमाग ठीक से काम नहीं कर पाता है. हमारे दिमागी विकास के लिए जरुरी आयोडीन का सबसे आसान स्त्रोत आयोडीन युक्त नमक है. आयोडीन के लिए आप आलू, दही, लहसुन आदि का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
जिंक
हमारे शरीर की कोशिकाओं में पाया जाने वाले जिंक की कमी से डिप्रेशन के अलावा और भी कई बीमारियाँ हो सकती हैं. इसलिए जिंक का नियमित सेवन भी जरुरी है. इसे हम मूंगफली, लहसुन, राजमां, दालें, सोयाबीन, बादाम, अंडे, बीज, मटर आदि से प्राप्त कर सकते हैं.
जैसा कि आम तौर पर कहा जाता है कि संगीत हमें दुसरी दुनिया में ले जाता है. इस बात को शोधकर्ताओं ने भी माना है कि संगीत मूड को शांत और सक्रीय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. म्यूजिक थेरेपी से अवसाद दूर करने का आधार यही है. चूँकि अवसाद मानसिक भटकाव की तरफ ले जाता है और संगीत हमें एकाग्रचित होने में मदद करता है इसलिए संगीत के माध्यम से हम अवसाद का सफल उपचार कर सकते हैं. इससे हमें नींद भी गहरी आती है और हमारा शरीर पूरी तरह से रिचार्ज हो जता है.
आपको डिप्रेशन से बचना है तो अपनी लाइफस्टाइल व डेली रूटीन पर गौर करना जरूरी है। अवसाद से निपटने के कई तरीके व दवाएं हैं लेकिन अगर प्राकृतिक तरीकों से इसका निपटारा किया जाए तो बेहतर है। इससे आपकी सेहत को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा।
संतुलित आहार
हालिया स्टडी में मानसिक स्वास्थ्य पर आपके आहार के गहरे प्रभाव पर प्रकाश डाला गया है। इस शोध में यह पता चला है कि गलत आहार न सिर्फ आपके शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि डिप्रेशन का कारण भी बन सकता है, जबकि सही आहार संभावित रूप से इसके नुकसान को कम कर सकता है
संतुलित आहार डिप्रेशन में जरुरी
संतुलित आहार लें फल, सब्जी, मांस, फलियां, और कार्बोहाइड्रेट आदि का संतुलित आहार लेने से मन खुश रहता है। एक संतुलित आहार न केवल अच्छा शरीर बनता है बल्कि यह दुखी मन को भी अच्छा बना देता है।
दोस्त बनाएं
अच्छे दोस्त बनायें अच्छे दोस्त आपको आवश्यक सहानुभूति प्रदान करते हैं और साथ ही साथ अवसाद के समय आपको सही निजी सलाह भी देते हैं। इसके अतिरिक्त, जरूरत के समय एक अच्छा श्रोता साथ होना नकारात्मकता और संदेह को दूर करने में सहायक है।
नकारात्मक लोगों से बचें सामाजिक बनें
अकसर अवसादग्रस्त होने पर लोग खुद को एक कमरे में बंद कर लेते हैं जो कि बहुत गलत है। ऐसे समय में आपको और भी ज्यादा मजबूत बनना चाहिए और लोगों से घुल मिल कर रहना चाहिए। खुद को सामाजिक बनाएं ऐसे में आपको नकारात्मक विचारों से अपना ध्यान हटाने में मदद मिलेगी।
व्यायाम करें
व्यायाम अवसाद को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है। इससे न केवल एक अच्छी सेहत मिलती है बल्कि शरीर में एक सकारात्मक उर्जा का संचार भी होता है। व्यायाम करने से शरीर में सेरोटोनिन और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन्स का स्राव होता है जिससे दिमाग स्थिर होता है और अवसाद देने वाले बुरे विचार दूर रहते हैं।
नकारात्मक लोगों से दूर रहें कोई भी ऐसे लोगों के बीच में रहना पसंद नहीं करता जो कि लगातार दूसरों को नीचे गिराने में लगे रहते हैं। ऐसे लोगों से दूर रहने से मन को शांति और विवेक प्रदान करने में आपको मदद मिलेगी।
पर्याप्त नींद लें
अवसाद की समस्या तभी होती है जब या तो बहुत अधिक सोते हैं या बिल्कुल नहीं सो पाते हैं। इस समस्या से बचने के लिए बेड पर जाने का एक समय निर्धारित कर लें और हर रोज उसी समय पर सोएं। इससे आप अवसाद से तो बचेंगे ही साथ ही आपकी लाइफस्टाइल भी अच्छी होगी। अच्छी नींद के लिए आप चाहें तो सोने से पहले नहा सकते हैं या हर्बल टी या भी ले सकते हैं।
कुछ नया करें
जब आप अवसाद ग्रस्त होते हैं तो खुद को कुछ नया करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। म्यूजियम जाएं या अपनी कोई मनपसंद लेखक की किताब पार्क में बैठकर पढ़ें। आप चाहें तो अपनी मनपसंद हॉबी क्लास भी ज्वाइन कर सकती हैं जैसे डांस, कुकिंग, गायन, पेंटिंग आदि। इससे आपका मन भी लगा रहेगा और अवसाद की समस्या से भी बचेंगे।
नीम का लेप:
वैसे तो यह माना जाता है कि नीम से त्वचा संबंधी बीमारियां दूर होती हैं, पर तनाव को खत्म करने में भी यह कारगर पाया गया है।तनाव कम करने के लिए नीम की पत्तियों का पेस्ट तैयार कर माथे पर लेप करना चाहिए। इससे कुछ देर में आराम मिलने लगता है।
गुलकंद:
वैसे तो गुलकंद कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करता है, पर तनाव दूर करने में यह बेहद कारगर है। तनाव होने पर दूध में गुलकंद मिला कर सोने से पहले पीना चाहिए। कुछ दिनों तक ऐसा करने से राहत मिलती है और तनाव खत्म हो जाता है। मीठी लस्साी में भी गुलकंद मिला कर पिया जा सकता है।
ग्रीन टी अवसाद दूर करती है
डिप्रेशन के लिए कितने कप ग्रीन टी?
इनमें से ज़्यादातर अध्ययनों में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि रोज़ाना कम से कम तीन कप चाय पीने से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। निष्कर्ष: इस अध्ययन के नतीजों ने रोज़ाना 3 कप से ज़्यादा ग्रीन टी पीने के फ़ायदों की पुष्टि की है।
इनमें से ज़्यादातर अध्ययनों में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि रोज़ाना कम से कम तीन कप चाय पीने से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। निष्कर्ष: इस अध्ययन के नतीजों ने रोज़ाना 3 कप से ज़्यादा ग्रीन टी पीने के फ़ायदों की पुष्टि की है।
नारियल तेल:
तनाव होने पर नारियल के तेल से मसाज करने पर भी राहत मिलती है। नारियल के तेल से मसाज करने पर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे ताजगी महसूस होती है। मसाज के बाद ठंडे पानी से नहाने से और भी राहत मिलती है।
अवसाद की स्थिति और नींद का महत्व
नींद की कमी बिमारी का घर
अवसाद की स्थिति और नींद का महत्व
नींद की कमी बिमारी का घर
यदि आप सोने में कोताही करते हैं या पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो आप कई बीमारियों को आमंत्रित कर रहे हैं. कहते हैं न कि चैन से सोना है तो जाग जाइए. जब आपकी नींद पूरी नहीं होती है तो आपको कई बीमारियाँ जैसे कि याद्दाश्त कमजोर होना, उच्च रक्त चाप, आँखों में सुजन, कमजोरी, थकान, मोटापा, तनाव आदि अपना शिकार बना सकती हैं. इसलिए बेहतर यही है कि आप भरपूर नींद लेने को गंभीरता से लें और पर्याप्त नींद लें.
खान-पान भी अवसाद से बचाता है
ये भी देखा गाया है कि अपने खाने में कुछ चीजों को शामिल करके भी मानसिक अवसाद या डिप्रेशन से बचा जा सकता है. इसमें क्या क्या हो सकता है इसे देख लेते हैं-
काजू डिप्रेशन में हितकारी
अवसाद को ठीक करने में तंत्रिकातंत्र की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. इसमें विटामिन बी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और ये विटामिन ही तंत्रिका तंत्र को ठीक रखता है. इसके साथ ही काजू आपके शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाकर आपको सक्रिय रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. काजू ये ये सभी गुण आपको डिप्रेशन से दूर रखेंगे.
अंडे
प्रोटीन के भण्डार अंडा में डीएचए भी पाया जाता है. आपको बता दें कि डीएचए पचास फीसदी अवसाद को ठीक कर सकता है. अंडा न सिर्फ अवसाद को ठीक करेगा बल्कि आपको निरोग रखने में भी मदद करता है.
सेब
सेब के फायदे तो सबने ही सुन रखे होंगे. तमाम पौष्टिक गुणों से भरपूर सेब आपके मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखता है. इसमें पाया जाने वाले विटामिन बी, फास्फोरस और पोटैशियम मिलकर ग्लूटामिक एसिड का निर्माण करते हैं. ये एसिड मानसिक स्वस्थ्य ठीक रखता है.
आयरन युक्त भोजन
हमारे शरीर में आयरन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. लेकिन कई लोगों में आयरन की कमी होती है खास करके लड़कियों में. तो ऐसे में इसका सबसे अच्छा तरीका है कि आपको आयरनयुक्त भोजन करना चाहिए. इससे आपमें आयरन लेवल तो ठीक रहता ही है, साथ में आपका मूड भी ठीक रहता है. इस तरह आप अवसाद से बाख जाते हैं. आयरन के लिए सबसे अच्छा स्त्रोत पालक है.
आयोडीन
आयोडीन की कमी से हमारा दिमाग ठीक से काम नहीं कर पाता है. हमारे दिमागी विकास के लिए जरुरी आयोडीन का सबसे आसान स्त्रोत आयोडीन युक्त नमक है. आयोडीन के लिए आप आलू, दही, लहसुन आदि का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
हैं.
जिंक
हमारे शरीर की कोशिकाओं में पाया जाने वाले जिंक की कमी से डिप्रेशन के अलावा और भी कई बीमारियाँ हो सकती हैं. इसलिए जिंक का नियमित सेवन भी जरुरी है. इसे हम मूंगफली, लहसुन, राजमां, दालें, सोयाबीन, बादाम, अंडे, बीज, मटर आदि से प्राप्त कर सकते हैं.
अवसाद को दूर करता है म्यूजिक थेरेपी
जैसा कि आम तौर पर कहा जाता है कि संगीत हमें दुसरी दुनिया में ले जाता है. इस बात को शोधकर्ताओं ने भी माना है कि संगीत मूड को शांत और सक्रीय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. म्यूजिक थेरेपी से अवसाद दूर करने का आधार यही है. चूँकि अवसाद मानसिक भटकाव की तरफ ले जाता है और संगीत हमें एकाग्रचित होने में मदद करता है इसलिए संगीत के माध्यम से हम अवसाद का सफल उपचार कर सकते हैं. इससे हमें नींद भी गहरी आती है और हमारा शरीर पूरी तरह से रिचार्ज हो जता है.
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