4.3.20

स्त्री रोगों की मुख्य घरेलू औषधियाँ




श्वेत प्रदर नाशक उपचार 

• 1. उपचार  : प्रात: काल बताशे में 5-7 बुँदे बरगद का दूध भरकर खा जाए ,ऊपर से गुनगुना गाय का दूध पी ले, दो सप्ताह में श्वेत प्रदर अवश्य ठीक हो जाता है। सेकड़ो बार आजमाया हुआ है।
• 2. उपचार  : पठानी लोंग ( फूलदार लोंग हो) बीस ग्राम बारीक पीसकर इसकी तीन पुड़ियाँ बना ले। प्रति दिन एक पुड़ियाँ ठन्डे पानी के साथ फांक ले। ऊपर से एक पका केला खा ले।




योनि में खुजली और जलन नाशक प्रयोग :

• 1. उपचार  : फिटकरी के छ : ग्राम चूरन को एक लिटर गरम पानी में मिलाये, जब पानी ठंडा हो जाए तब इससे योनि को अच्छी तरह धोये।
• 2. उपचार  : स्त्री योनि में जलन निवारण हेतु ताज़ा आंवलों का रस निकालकर शक्कर मिश्री मिलाकर पीये, ऐसा लगातार तीन दिन पीये, तीन दिनों में ही सारी जलन निकल जायेगी।

रक्त प्रदर निवारक उपचार  :

• 1. उपाय : हरी घास का रस दस ग्राम प्रात : सायं मिश्री मिलाकर पिलाने से केसा भी भयंकर रक्तप्रदर हो , शांत हो जाता है, लाभ होने तक इस प्रयोग को करे।

रजोधर्म का रुक जाना बीमारी निवारक उपचार  :

• 1. उपचार  : पचास ग्राम प्याज को छीलकर कुछ टुकड़ों में किलो भर पानी में डालकर पकाए। जब यह पानी घट कर 200 ग्राम की मात्रा में पानी अवशेष रहे तो उसमे तीस ग्राम गुड मिलाकर गरम - गरम ही पिला दे। इस प्रकार चंद दिवस पिलाने से चिरकाल का रुका हुआ मासिक धर्म जारी हो जाता है।
2. उपचार  : प्याज को छिलकर व कूटकर पचास ग्राम रस ताज़ा निकले और उसको समोष्ण करके रात्रि को सोते समय पिला दिया करे। इससे भी रजोधरम जारी हो जाता है।

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