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13.11.23

तोतलापन हकलाने की समस्या कैसे दूर करें






तुतलाने या haklana की समस्या एक प्रकार का डिसऑर्डर होता है। तुतलाने का घरेलू उपचार करने के लिए कुछ सामान्य से घरेलू नुस्खे और कुछ नियमित अभ्यास करने से फायदा मिलता है। इस आर्टिकल में विस्तार से जानेंगे हकलाना कौन सी बीमारी है और इसके होने का कारण क्या है,
तथा तुतलाने की समस्या से राहत पाने के घरेलू उपाय क्या है ?

हकलाने के कारण 

स्टैमरिंग यानि Tutlana हकलाना काफी सामान्य समस्या है। तुतलाने की समस्या बच्चों के साथ साथ बड़ो में भी होती है। Tutlane की समस्या के बहुत से कारण होते हैं। अगर माता-पिता में से किसी को हकलाने की समस्या है तो बच्चों में होने की आशंका बढ़ जाती है। क्योंकि बच्चों को भी हकलाने की आदत पड़ जाती है। स्टैमरिंग प्रॉब्लम के कई कारण हो सकते हैं जैसेबोलने में काम आने वाली मांसपेशियों व जीभ पर नियंत्रण ना होना।
दिमाग के बाएं हिस्से में कोई गड़बड़ होना।
जीभ की मांसपेशियों में सूजन होने के कारण।
बेचैन या अधिक खुश होने के दौरान जीभ पर नियंत्रण न रहना।
अधिक तनाव, कमजोरी, डर, थकान या दुखी होने पर भी हकलाने की समस्या बढ़ जाती है।

बच्चे हकलाते क्यों है?

Ans बच्चों के सबसे बड़ा कारण है बच्चे का भाषा पर पकड़ कम होना, बच्चे का भावुक ज्यादा होना, मानसिक तनाव, डर, एकाग्रता का कम होना, असमंजस की स्तिति आदि कारणों से बच्चों के तुतलाने की समस्या अधिक देखी जाती है।
हकलाने की समस्या से छुटकारा पाने के उपाय 

मक्खन में काली मिर्च

इस समस्या (Tutlana) से राहत पाने के लिए रोज सुबह मक्खन में काली मिर्च पाउडर मिलाकर खाना फायदेमंद होता है। इसका सेवन लगातार करते रहने से हकलाने की समस्या से छुटकारा मिलता है। साथ ही इसके सेवन से आवाज व गला भी साफ करने में मदद मिलती है।

बादाम

सुबह खाली पेट नियमित बादाम, काली मिर्च और मिश्री को पीसकर मक्खन के साथ खाने से तुतलाने की समस्या से राहत मिलती है। साथ ही बादाम का नियमित सेवन करने से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से होने के साथ साथ याददाश्त भी तेज होती है। इसके अलावा बादाम के तेल को भी चाटने से तुतलाना कम ) होता है।


दालचीनी


सुबह ताजे मक्खन में दालचीनी चूर्ण डालकर चाटने से आवाज मधुर होती है तथा तुतलाने की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। इसके अलावा दालचीनी के तेल की जीभ पर कुछ दिन मालिश करने से जीभ पतली होती है और आवाज भी साफ हो जाती है।

आंवला

आयुर्वेद में आंवले का बहुत महत्व बताया गया है। शरीर में आंवला मेडिसिन की तरह काम करता है। नियमित सुबह के समय एक कच्चा आंवला चबाकर खाने से बॉडी में अनेक फायदे होने के साथ साथ यह तुतलाने की समस्या में भी लाभकारी होता है। इसके लिए रोज सुबह खाली पेट एक आंवला दो महीने तक लगातार खाना लाभदायक होता है।


 तेजपत्ता :

जिनको रुक-रुक कर बोलना या हकलाने की परेशानी उन व्यक्ति को तेजपत्ता जीभ के नीचे रखने से बहुत लाभ मिलता है और हकलापन तथा रुक-रुककर बोलना दूर हो जाता है। आंवला : काम से काम दो आंवला रोजाना कुछ दिनों तक चबाने से जीभ पतली और आवाज साफ होती है साथ ही उनका हकलापन और तुतलापन भी दूर हो जाता है।


तुतलाने की समस्या से राहत पाने के उपाय

धीरे-धीरे बोलने का अभ्यास करें


जिनको हकलाने की समस्या है उन्हें ज्यादा तेज बोलने के बजाय धीरे-धीरे बोलने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि जल्दी-जल्दी बोलने से हकलाहट की समस्या बढ़ती है। इसलिए धीरे-धीरे और आराम से बोलने का प्रयास करें और कुछ भी बोलने से पहले मन में सोचे कि क्या बोलना चाहते हैं।

मन को शांत रखें

इस समस्या से बचने के लिए बोलने से पहले गहरी सांस लें और शरीर को आराम दें तथा हकलाहट के बारे में दिमाग में बिल्कुल भी ना सोचें। हमेशा लोगों से नजर मिला कर बात करने की कोशिश करें बातों के बीच बीच में ठहराव लाएं ताकि बोलते वक्त शब्दों के बीच बीच में सोच भी सके।

डीप ब्रीदिंग

यह हकलाने की समस्या से बचने का बहुत अच्छा उपाय होता है। इसके लिए सबसे पहले गहरी सांस लें और फिर सांस को धीरे धीरे छोड़ते हुए अपनी बात बोलें। सांस को सही तरीके से नियंत्रण करने वाले अभ्यास करने से धीरे धीरे स्पीच में सुधार होने लगता है तथा हकलाने की समस्या से छुटकारा मिलने लगता है।

शब्दों को खींचकर बोलें

शब्दों को लंबा खींचकर बोलने की कोशिश करें। धीरे धीरे इसका अभ्यास करने से भी इस समस्या में राहत मिलती है। इसमें जिन शब्दों को बोलने में कठिनाई होती हो उन शब्दों का अभ्यास अधिक करें। इससे हकलाने की समस्या में राहत मिलने के साथ-साथ हकलाने में भी बदलाव आता जाएगा।

शब्द का उच्चारण करें

किसी भी एक शब्द जैसे राम, ओम, सीता आदि किसी एक शब्द का ऊंची आवाज में 10 – 15 बार उच्चारण करने को आदत बनाएं। इसके लिए सबसे पहले लंबी सांस लेकर किसी एक शब्द को देर तक बोलते रहें। यह उच्चारण शब्द बदल बदलकर अधिक समय तक करने का अभ्यास करते रहें और धीरे धीरे शब्द को बड़ा करते रहें जैसे जय श्री राम, ओम नमः शिवाय, जय सीता माता की आदि। 

शीशे के सामने अभ्यास करें

तुतलाने की समस्या से राहत पाने Stammering treatment के लिए शीशे के सामने खड़े होकर बोलने का अभ्यास करने से भी बहुत फायदा मिलता है। नियमित शीशे के सामने खड़े होकर शब्दों का अभ्यास करने के दौरान अपने मुंह और जीभ पर ध्यान रखें की किन शब्दों को बोलने में परेशानी होती है। उनको लंबा खींचकर बोलने का प्रयत्न करें। रोजाना 20 से 25 मिनट अभ्यास करने का प्रयास करें।


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