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21.11.21

वाटर थेरेपी के फायदे:water therapy




 

जापानी जल चिकित्सा (Japanese water therapy) जापान की एक प्रसिद्ध चिकित्सा पद्धति है, जो जापानी लोगों के बीच व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसमें पाचन तंत्र को साफ करने और पेट के स्वास्थ्य को विनियमित करने के लिए सुबह उठने के बाद रूम टेंपरेचर के तापमान का पानी खाली पेट पीना होता है। वहीं इस नार्मल तापमान के पानी के अलावा आप गर्म पानी भी पी सकते हैं। वहीं जापानी वॉटर थेरेपी के अधिवक्ताओं की मानें, तो ठंडा पानी हर तरीके से हानिकारक है क्योंकि यह आपके भोजन में फैट और तेल को आपके पाचन तंत्र में कठोर कर सकता है। इस वजह से आपका पाचन धीमा कर हो जाता है और ये कई बीमारी का कारण बन सकता है।

क्या है वाटर थैरेपी- 

वाटर थैरेपी में कुछ खास नहीं होता है, बस इस थैरेपी में आपको अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीना होता है। जब आप ये थैरेपी लेते हैं तो आपको 10 से 15 गिलास पानी पीना होता है। दरअसल पानी आपके शरीर के हर भाग में मौजूद होता है और यह आपको हेल्दी रखता है और कई तरीकों से आपकी मदद करता है। इस थैरेपी में आपको अधिक से अधिक पानी पीते हुए करीब 3 से चार लीटर पानी पीना होता है, क्योंकि आपके शरीर को करीब डेढ़ लीटर पानी की जरुरत होती है और अधिक मात्रा में पानी आपके शरीर से निकल जाता है।
 जापानी वॉटर थेरेपी में जागने पर और ब्रश करने से पहले आपको खाली पेट पानी पीना है। इसे करने के लिए खाली पेट कमरे के तापमान के पानी के चार से पांच गिलास पिएं यानी (160-मिलीलीटर) जितना पानी। ध्यान में रखें कि ये पानी नार्मल टेंपरेचर का या हल्का गर्म हो। इसे नाश्ता खाने से 45 मिनट पहले करें। वहीं इसमें ये भी बताया गया है कि प्रत्येक भोजन में, केवल 15 मिनट के लिए ही खाएं और कुछ भी खाने या पीने से कम में कम 2 घंटे का गैप रखें।

वॉटर थैरेपी के फायदे-

स्किन में लाता है निखार- इससे आपकी स्किन में कुछ ही दिनों में हमेशा के लिए निखार आना शुरू हो जाता है। कई उम्र के लोगों ने इसकी कोशिश की है और इस थैरेपी को आजमाया है और यह काम भी करती है। यह आपकी स्किन को हेल्दी रखता है और फ्रेश रखता है। बता दें कि यह थैरेपी एक दम से काम करना शुरू नहीं करती है और काफी समय बाद इसका असर देखने को मिलता है।
हानिकारक विषाणु होते हैं दूर- हमारे शरीर में 70 से 80 फीसदी तक पानी होता है और इसलिए शरीर में पानी की मात्रा को बरकरार रखना बहुत जरुरी होता है। नियमित रुप से पानी पीने से आपके शरीर से कई विषाक्त कण दूर होते हैं और आपकी स्किन से दाग धब्बे दूर होने लगते हैं। इससे पेट और किडनी से संबंधी दिक्कतें भी नहीं होती है और ब्लड ठीक रहता है जो कि आपकी स्किन के लिए भी ठीक है।

ड्राइनेस कम होती है- 

बीमारियों से बचने के लिए और हमेशा हेल्दी रहने के लिए आपके शरीर को हमेशा हाइड्रेट होना चाहिए। ठीक उसी तरह आपकी स्किन को भी हाइड्रेट होते रहना जरुरी है, क्योंकि इससे आपकी स्किन की ड्राईनेस कम होती है और स्किन की कई दिक्कतें दूर होनी चाहिए।

कैसे देते हैं यह थेरेपी

आथ्र्राइटिस के मरीज थोड़े-से गुनगुने पानी में कच्ची हल्दी का पेस्ट मिला लें। इस पानी को सुबह खाली पेट पिएं औैर शाम को डिनर से एक घंटा पहले पिएं। इससे जोड़ों के अंदर की अकड़न दूर होगी।
थाइरॉइड पीड़ित व्यक्ति रात को एक चम्मच साबुत धनिया एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट पानी को आधा रह जाने तक उबालें। इसे गुनगुना होने पर पी लें।
 हाइपर एसिडिटी के मरीज को दिन भर में कम से कम 6 गिलास गर्म पानी पीने के लिए कहा जाता है। गुनगुना पानी पेट में जाकर इकट्ठी एसिडिटी को घोल देता है और 30 से 45 मिनट के भीतर एसिडिटी से आराम देता है।
मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति को दिन में कम से कम 10-12 गिलास गर्म पानी पीना चाहिए। उसमें नीबू, कच्ची हल्दी का पेस्ट, आंवले का रस, शुद्ध शहद भी मिला सकते हैं। मरीज डायबिटिक है तो उसे शहद नहीं देते। किडनी के मरीजों को पानी थोड़ा-थोड़ा करके देते हैं।
 त्वचा की समस्या से पीड़ित मरीज को गुनगुने पानी में नीबू मिलाकर पीने के लिए दिया जाता है और नीम के पत्तों का पेस्ट नहाने के पानी में मिलाकर नहाने के लिए कहा जाता है।
 उल्टी, खट्टी डकार आ रही हो, भूख नहीं लग रही हो, आंतों में सूजन हो तो पीड़ित व्यक्ति को गर्म पानी पिलाया जाता है।
 पानी प्रयोग की विधि क्या है सुबह उठकर बिस्तर में बैठ जाएं और चार बड़े ग्लास भरकर (लगभग एक लीटर) पानी एक ही समय एक साथ पी जाएं। ध्यान रहे कि पानी पीने के पहले मुंह न धोएं, न ब्रश करें तथा शौचकर्म भी न करें। पानी पीने के बाद थूकें नहीं। >
 पानी पीने के पौन घंटे बाद आप ब्रश/दातून, मुंह धोना, शौचकर्म इत्यादि नित्यकर्म कर सकते हैं। जो व्यक्ति बीमार या कमजोर काया के हैं और वे एक साथ चार ग्लास पानी नहीं पी सकते तो उन्हें शुरूआत एक-दो ग्लास पानी से करना चाहिए तथा धीरे-धीरे चार ग्लास तक बढ़ाना चाहिए। साथ ही भोजन करने के बाद लगभग दो घंटे पानी न पिया जाए तो अति उत्तम रहेगा।
 चार ग्लास पानी पीने की यह विधि स्वस्थ या बीमार, सभी के लिए अति लाभदायक सिद्ध हुई है। सकनीरा एसोसिएशन के अनुभव द्वारा यह सिद्ध किया गया है कि कई बीमारियां इस प्रयोग से निम्नलिखित समय में दूर होती जाती हैं।
* मधुमेह एक माह के लगभग।
* उच्च रक्तचाप एक माह के लगभग। * गैस दो सप्ताह के लगभग।
* टी.बी. छः माह के लगभग।
* कब्जीयत- दो सप्ताह के लगभग।

बिस्‍तर से उठने के बाद सुबह - 

सुबह आप लगभग 1.5 लीटर पानी पिएं, जो कि लगभग 5 से 6 गिलास होता है। इस पानी को खाली पेट पीना होता है। इसके बाद आप अपना चेहरा धोएं। यह प्रक्रिया वॉटर थेरेपी ट्रीटमेंट कहलाती है। इस ट्रीटमेंट को करने से पहले आप समझ लें कि पानी पीने से एक घंटे पहले और पानी पीने के एक घंटे के बाद तक कुछ भी न खाएं और पीएं, ठोस आ‍हार भूल से भी न खाएं। अगर आप वाकई में कायदे से इस ट्रीटमेंट को करना चाहते हैं तो रात को सोते समय एल्‍कोहल पीना छोड़ दें।
जापानी वॉटर थेरेपी तनाव को दर करने में मदद करती है। इसके साथ ही यह वजन को नियंत्रित रखती है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है। सिर्फ यही नहीं, यह थेरेपी पूरे दिन आपको एनर्जेटिक रखती है। पर्याप्त पानी पीने से मेटाबोलिज्म भी बेहतर होता है।
पानी पीने के बाद दांतों को ब्रश से साफ करें। 45 मिनट तक कुछ भी खाने या पीने से बचें। इसके बाद आप अपनी नियमित दिनचर्या शुरू कर सकते हैं।
दिन के प्रत्येक भोजन के कम से कम दो घंटे बाद तक कुछ भी खाना या पीना नहीं चाहिए।
बीमारियों से ग्रसित बूढ़े लोगों को इस थेरेपी की शुरूआत में एक गिलास पानी पीना चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे पानी की मात्रा बढ़ानी चाहिए।
यदि आप एक बार में चार गिलास पानी नहीं पी सकते हैं तो हर गिलास के बाद कुछ देर रुकें ताकि आपके पेट को आराम मिल सके।
जापानी वॉटर थेरेपी रोगों से मुक्ति देती है और शरीर को स्वस्थ रखती है। इस थेरेपी का नियमित पालन करना चाहिए।
इसके अलावा, ठंडे पानी का सेवन करने से भी बचना चाहिए। ठंडा पानी आपके गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल तापमान को कम करता है और कुछ लोगों में रक्तचाप को थोड़ा बढ़ा सकता है। इससे पहले कि आप किसी स्थिति या बीमारी के इलाज के लिए इस वॉटर थेरेपी के उपयोग करने पर विचार करें, आपको अपने डॉक्‍टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।
स्वस्थ जीवन के लिए जापानी वॉटर थेरेपी बहुत फायदेमंद है। इसका अभ्यास करने से विभिन्न तरह की बीमारियां दूर हो जाती हैं।अगर जरूरी हो तो पानी को फिल्‍टर करके और हल्‍का गुनगुना पिएं, वॉटर थेरेपी के लिए ऐसा पानी की सबसे अच्‍छा होता है। शुरूआत में 1.5 लीटर पानी पीने में तकलीफ हो सकती है लेकिन हर दिन पानी पीने से आपकी आदत पड़ जाएगी। इसके लिए शुरूआत में ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी पीने की कोशिश करें, लगभग 4 गिलास पानी कम से कम पी जाएं
 एकदम से पानी न पिएं, पहले दो गिलास पिएं, इसके बाद दो मिनट का रेस्‍ट लें और फिर दो गिलास पिएं। जब आप शुरूआत में पानी पीना शुरू करेंगे तो शायद आपको एक घंटे में दो से तीन बार पेशाब के लिए जाना पड़ें, लेकिन कुछ समय आपकी आदत में इतना सारा पानी पीना शामिल हो जाएगा।
 ताजगी महसूस होगी अगर आप वॉटर थेरेपी की लगातार प्रैक्टिस करते रहेगें, तो दिन भर आपको ताजगी महसूस होती रहेगी और पूरा दिन आप ताजातरीन महसूस करते रहेगें।
मोटापा घटाए वॉटर थेरेपी, वजन को घटाने में भी लाभकारी होती है।
 शरीर से विषैले पदार्थ दूर हो इस थेरेपी से पसीने व मूत्र की सहायता से शरीर के विषैले तत्‍व बाहर निकल जाते हैं।
सिर दर्द, शरीर में दर्द, गठिया दूर करे वॉटर थेरेपी से सिर दर्द, शरीर में दर्द, गठिया, दिल की धड़कन तेज बढ़ना, मिरगी, ब्रोंकाइटिस, मोटापा, दमा, टीबी, मेनि‍नजाइटिस, गुर्दे और मूत्र रोग, उल्‍टी, जठरशोथ, दस्‍त, बवासीर, डायबटीज, सभी नेत्र रोगों, मासिक धर्म संबधी विकार, कान, नाक और गले के रोगों का उपचार संभव है।
त्‍वचा चमकाए इसकी सहायता से आपके शरीर की त्‍वचा दमकदार हो जाती है।
शरीर का तापमान सामान्‍य रखे वॉटर थेरेपी, शरीर का तापमान सामान्‍य रखती है।
कॉन्‍स्‍टीपेशन, एसीडिटी, डायबटीज और कैंसर दूर हो अगर वॉटर थेरेपी को प्रतिदिन कायदे से किया जाएं, तो इससे 1 दिन में कॉन्‍स्‍टीपेशन, 
2 दिन में एसीडिटी, 
7 दिन में डायबटीज, 
4 हफ्ते में कैंसर, 
3 महीने में पल्‍मोनरी टीबी, 
10 दिनों में गैस्ट्रिक और 
4 हफ्तों में बीपी और हाइपरटेंशन दूर हो जाती है।
 ज्यादातर बीमारियां पेट की खराबी के कारण होती हैं। जापानी वॉटर थेरेपी आंत को साफ करती है और पाचन तंत्र को मजबूत रखती है। जापानी पारंपरिक चिकित्सा में सुबह जल्दी उठने के बाद पानी पीने की सलाह दी जाती है। सुबह के शुरुआती घंटों को गोल्डेन ऑवर कहा जाता है। माना जाता है कि इस अवधि के दौरान पानी पीने से न केवल आपके पाचन तंत्र ठीक रहता है और वजन घटता है, बल्कि विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने में भी मदद मिल सकती है।
 वास्तव में बहुत सारे रोगों के लिए की जाने वाली उपचार प्रणाली है जल चिकित्सा। इसमें शीतल और ऊष्ण पानी के प्रयोग के द्वारा इलाज़ किया जाता है। शरीर के अंदरूनी और बाहरी अंगों पर आवश्यकता के अनुसार गर्म और ठंडे पानी का उपयोग किया जाता है। इस चिकित्सा को अंग्रेज़ी में हाइड्रोथेरेपी (Hydrotherapy) कहा जाता है। इस चिकित्सा पद्धति का इतिहास बहुत अधिक पुराना है। लेकिन समय के साथ इसमें बहुत सारे बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
 जापान जैसे देशों में तो इस तरह की चिकित्सा पद्धति काफी प्रचलित है। दुनिया में जितनी भी चिकित्सा पद्धति पाई जाती हैं उनमें सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति वॉटर थेरेपी ही है। प्राकृतिक चिकित्सा के अलावा आयुर्वेद और यूनानी उपचार विधियों में भी जल चिकित्सा को काफी महत्वपूर्ण माना गया है।
हाइड्रोथेरेपी (HYDROTHERAPY) के लाभ
• ऐसा दर्द जो लंबे समय के लिए आपके शरीर में बना हुआ है। इस दर्द को दूर करने के लिए जल चिकित्सा एक रामबाण उपचार है।
• यह पद्धति कोशिकाओं को हाइड्रेट रखती है। इसके अलावा इससे मांसपेशियों और त्वचा की रंगत में सुधार आता है।
• इस उपचार प्रणाली से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
• इसके माध्यम से हमारे शरीर के आंतरिक अंगों में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है।
• तनावपूर्ण और अकड़ी हुई मांसपेशियों को सही करने में जल चिकित्सा से मदद मिलती है।
• इससे मेटाबोलिज्म और पाचन क्रिया को अच्छा रखा जा सकता है।
• वॉटर थेरेपी की सहायता से प्रसव पीड़ा तक को कम किया जा सकता है।
• शरीर में होने वाली किसी भी सूजन को कम करने के लिए भी वॉटर थेरेपी का सहारा लिया जा सकता है।
• बुखार दूर करने के इसके लिए वॉटर ट्रीटमेंट थेरेपी (Water Treatment Therapy) का सहारा लिया जा सकता है।
कैसे पानी वजन घटाने में करता है मदद
 अध्ययन के मुताबिक, पानी वजन घटाने (water therapy to lose weight) में आपकी कई रूप से मदद कर सकता है। वजन कम करने के लिए आपको करना ये है कि भोजन से 30 मिनट पहले 500 एमएल पानी पीना है। अध्ययन के मुताबिक, जो लोग खाना खाने से पहले ऐसा करते हैं वह अन्य लोगों की तुलना में 13 फीसदी तक कम खाते हैं। एक अन्य अध्ययन में ये पाया गया कि अगर आप खाना खाने के बाद कुछ मीठा खाने के बजाए पानी पीते हैं तो आप कैलोरी इनटेक को कम कर सकते हैं। इस बात को जान लें कि खाना खाने के बाद मीठा खाने से वजन बढ़ता है ।
 ऐसा माना जाता है कि पानी में मौजूद हाइड्रेशन कॉम्पोनेंट वजन घटाने में अहम भूमिका निभाते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पानी पेट भरने का भी काम करता है। अगर आप भोजन से पहले एक गिलास पानी पी लेते हैं तो आप ज्यादा खाने से बच सकते हैं और दूसरी अनहेल्दी चीजों के सेवन से आप बच सकते हैं। यह आपको जरूरत से ज्यादा कैलोरी इनटेक पर अंकुश लगाता है और वजन बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है। न सिर्फ पानी पीने से बल्कि आप खाने का एक रूटीन बनाकर भी कैलोरी इनटेक में कमी ला सकते हैं। ये सभी चीजें वजन घटाने की प्रक्रिया को तेज करती हैं और आपको सही शेप में रहने में मदद करती हैं।
 कुछ भी खाने के बीच का अंतर सिर्फ 15 मिनट तक सीमित है। इसके अलावा आपके भोजन के बीच कम से कम 2 घंटे का अंतर होना चाहिए। सबसे जरूरी बात आप जो भी चाहें खा सकते हैं। किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं है। हां, आप जो भी खाएं बस वो हेल्दी होना चाहिए।

सावधानी-

सुरक्षित होने के लिए, प्रति घंटे लगभग 4 कप (1 लीटर) से अधिक तरल नहीं पीना चाहिए, क्योंकि यह अधिकतम राशि है, जो एक स्वस्थ व्यक्ति की किडनी एक ही बार में संभाल सकती है।