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28.1.18

किडनी के रोगों मे अत्यंत लाभदायक जड़ी बूटी पूनर्नवा के फायदे

                           


   पुनर्नवा का वैज्ञानिक नाम बोरहैविया डिफ्यूजा है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, हर वर्ष फिर से नया हो जाना पुनर्नवा ग्रीष्म ऋतु में सूख जाता है. वर्षा ऋतु आते रहते सोता इसमें शाखाएं फूट पड़ती हैं और यह वापस जीवित अवस्था में आ जाता है. पुनर्नवा मुख्य रूप से म्यांमार उत्तर और दक्षिण अमेरिका भारत के कई स्थानों अफ्रीका और चीन में पाया जाता है. इसकी इश्क फूल सफेद होते हैं पुनर्नवा सफेद लाल और नीली फूलों के साथ होती है. अलग अलग जगहों पर इसे अलग अलग नाम के नाम अलग अलग नाम से जानते हैं. आइए जाने की पुनर्नवा के क्या फायदे  हैं.


1. अस्थमा में-

पुनर्नवा की जड़ का पाउडर 500 मिलीग्राम हल्दी पाउडर के साथ मिलाकर दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ लेने से आप अस्थमा जैसी बीमारी का भी मुकाबला करने में सक्षम हो जाते हैं.

2. त्वचा के लिए-

त्वचा में होने वाली विभिन्न समस्याओं से निपटने में भी पुनर्नवा की मदद ली जा सकती है. पुनर्नवा त्वचा की विभिन्न समस्याओं से लड़ने के साथ-साथ आपके त्वचा में चमक भी लाने का काम करता है.

3. गठिया के उपचार में-

पुनर्नवा के जड़ का पाउडर को अदरक और कपूर के साथ मिलाकर काढ़ा बनाएं. इस काढ़े का उपयोग 7 दिनों तक करें ऐसा करने से आपको गठिया और जोड़ों के दर्द से सम्बंधित समस्याएं ख़त्म होंगी.

4. प्रोस्टेट में-

हमारे शरीर में मूत्राशय के नीचे तथा मूत्र नली के पास एक छोटी सी ग्रंथि होती है. जिसे हम प्रोस्टेट के नाम से जानते हैं. पुरुषों में 50 वर्ष की आयु के बाद प्रोस्टेट में समस्या आमतौर पर होने लगती है. इस समस्या से निपटने के लिए पुनर्नवा की जड़ों का चूर्ण बेहद लाभकारी साबित होता है.

5. ज्वाइंडिस में-

ज्वाइंडिस को पीलिया के नाम से भी जानते हैं इसमें शरीर और आंखों की त्वचा का रंग पीला होने लगता है. इसके साथ ही मूत्र में पीलापन, बुखार और कमजोरी जैसे लक्षण भी नजर आने लगते हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए पुनर्नवा के पंचांग का उपयोग किया जाता है. यानी कि पुनर्नवा की जड़, छाल, पत्ती, फूल और बीज में शहद व मिश्री मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है.

6. अनिद्रा में-

नींद ना आने की बीमारी आजकल आम होती जा रही है. जब भी आपको ऐसा लगे कि आप नींद ना आने की बीमारी से पीड़ित हैं, तो आपको पुनर्नवा की मदद लेनी चाहिए. पुनर्नवा के 50 से 100 मिलीलीटर काढ़े का उपयोग करने से हमें गहरी नींद आती है.


7. गठिया में-


गठिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें जोड़ों में दर्द की समस्या देखी जाती है. इस दर्द से निपटने के लिए आपको 1 ग्राम पुनर्नवा की जड़ के पाउडर को अदरक और कपूर के साथ मिलाकर पीना होता है. इससे गठिया में काफी आराम मिलता है.

8. आंखों से पानी आने पर-

आँखों में जलन या सूजन होने पर पुनर्नवा की मदद ली जा सकती है. इसकी जड़ को शहद या दूध के साथ घिसकर आँखों में लगाने से खुजली, सूजन और अन्य समस्याओं से हमें राहत मिलती है. कई शोधों तो पुनर्नवा के फायदे मोतियाबिंद में भी देखा गया है.


9. लीवर के लिए-

यदि आपके लीवर में भी सूजन की समस्या है. तो पुनर्नवा की जड़ आपके लिए काफी लाभदायक साबित हो सकती है. 4 ग्राम सहजन की छाल और पुनर्नवा की जड़ को पानी में उबालकर मरीज को देने से मरीज लाभान्वित महसूस करता है.

10. गुर्दों की सफाई में-

गुर्दे हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. जाहिर है यह हमारे शरीर से विभिन्न अशुद्धियों को साफ करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इनकी भी सफाई की आवश्यकता होती है. पुनर्नवा ही ऐसी जड़ी बूटी है, जो कि गुर्दों की सफाई करती है. यहां तक कि गुर्दे की पथरी में भी इसके लाभ देखे गए हैं. पुनर्नवा के पौधे का काढ़ा 10 से 20 ग्राम प्रति दिन पीने से गुर्दे के तमाम विकार ठीक होते हैं.

11. जवान बने रहने के लिए-

जैसा कि पुनर्नवा का गुण है इसका नाम है और इसमें फिर से हरा हो जाने का गुण है. उसी तरह इसमें ये भी क्षमता है कि आपको फिर से जवान बना सकता है. इसके लिए पुनर्नवा के ताजे जड़ का रस दो-दो चम्मच दो तीन माह तक नियमित रूप से लें. ऐसा करने से आपके शरीर में ताजगी तो रहेगी ही आप युवा भी महसूस करेंगे.

किडनी फेल रोगी के बढे हुए क्रिएटनिन के लेविल को नीचे लाने और गुर्दे की क्षमता बढ़ाने में हर्बल औषधि सर्वाधिक सफल होती हैं| किडनी ख़राब होने के लक्षण जैसे युरिनरी फंक्शन में बदलाव,शरीर में सूजन आना ,चक्कर आना और कमजोरी,स्किन खुरदुरी हो जाना और खुजली होना,हीमोग्लोबिन की कमी,उल्टियां आना,रक्त में यूरिया बढना आदि लक्षणों  में दुर्लभ जड़ी-बूटियों से निर्मित यह औषधि रामबाण की तरह असरदार सिद्ध होती है|डायलिसिस  पर   आश्रित रोगी भी लाभान्वित हुए हैं| औषधि हेतु  वैध्य दामोदर से 98267-95656 पर संपर्क किया जा सकता है|
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