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14.11.21

सुनने की क्षमता कम होने (बहरापन) के उपचार:Hearing loss






 बहरापन एक ऐसी स्थिति है, जब आप आंशिक या पूरी तरह एक या दोनों कानों से आवाज नहीं सुन पाते हैं। उम्र बढ़ना और लंबे वक्त तक ऊंची आवाज के संपर्क में रहने से बहरापन (Hearing loss) की समस्या शुरू सकती है। अन्य कारण, जैसे कान में अत्यधिक मैल अस्थाई रूप से आपको सुनने में बाधा उत्पन्न करता है। बहरापन या सुनाई न देने के ज्यादातर मामलों को ठीक नहीं किया जा सकता है। हालांकि ठीक तरह से इलाज करवाया जाए, तो बहरापन (Hearing loss) की समस्या से बचा जा सकता है। यह स्थिति जन्मजात भी हो सकती है और बाद में किन्हीं और कारणों से हो सकती है | जन्मजात बहरापन असाध्य होता है लेकिन दूसरी तरह का बहरापन चिकित्सा से आरोग्य हो जाता है | बहरापन के कारणों में – सर्दी लगना, स्नायविक कमजोरी, पुराना जुकाम शोरगुल वाले वातावरण में रहना, कनपटी पर तेज आघात लगना , कान बहने का रोग पुराना पड़ जाना आदि प्रमुख है |


बहरेपन के क्या लक्षण हैं?

बहरेपन की लक्षण निम्नलिखित हैं:
भाषा और अन्य आवाजों को धीमा सुनना।
शब्दों को समझने में परेशानी, विशेषकर बैकग्राउंड आवाजों या भीड़ के लोगों की आवाज सुनने में परेशानी आना।
किसी भी शब्दो को सुनने में परेशानी।
बार-बार दूसरे लोगों से धीमे बोलने के लिए कहना, जैसे स्पष्ट और तेज बोलने के लिए।
टीवी या रेडियो को तेज आवाज में सुनने की आवश्यकता पड़ना।
बातचीत से पीछे हटना।
सामाजिक मेलजोल से बचना।
कुछ आवाजें तेज सुनाई देना।
दो लोगों या इससे अधिक लोगों की बातचीत न सुन पाना
किसी अन्य सुनाई देने वाले ऊंचे स्वर को न बता पाना।
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की आवाज सुनने में परेशानी आना।
सुनी हुई बातें गूंजना
अस्थिरता या चक्कर आने का अहसास
कान में दबाव का अहसास (कान के पर्दे के पीछे फ्लूड का अहसास होना)

निम्नलिखित घरेलू उपाय आपको बहरापन में राहत प्रदान करने में मदद करेंगे:

कान में ईयर वैक्स जमने पर आप नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह पर एक सिरिंज के जरिए गुनगुने पानी से इसे निकाल सकते हैं। यदि आपके कान में ईयरवैक्स सख्त और फंसा हुआ है तो ईयरवैक्स को ढीला करने वाली दवाइयों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

कान साफ करते वक्त हमेशा अतिरिक्त रूप से सावधानी बरतें। कान की सफाई में परेशानी आने पर अपने डॉक्टर की मदद लें। घर पर कान साफ करते वक्त किसी भी प्रकार का नुकीला या धारदार औजार या इंस्ट्रूमेंट इस्तेमाल न करें।

तेज आवाज से बचें:

 बहरापन का एक सबसे बड़ा कारण होता है तेज आवाज के संपर्क में आना। लगातार तेज आवाज में संगीत या मशीनरी की आवाज सुनने से आपको बहरापन हो सकता है। बहरापन से बचने के लिए आपको तेज आवाज के प्रति काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप तेज आवाज के संपर्क में आने से बचें और अपने कानों की सुरक्षा करें।

पोषण युक्त डायट लें: 

बहरापन को रोकने के लिए आपको एक हेल्दी डायट लेना बेहद ही जरूरी होता है। यह सुनिश्चित करें कि आपके प्रतिदिन के खानपान में विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और सप्लिमेंट्स शामिल हों, जो रक्त के प्रवाह में मदद करते हैं और फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं।

हीयरिंग एक्सरसाइज करें: 

जब आपको बहरापन होता है तो ध्वनि के स्रोत का स्थान और ध्वनि फिल्टरिंग दो अहम समस्या होती हैं। इनसे बचने के लिए आपको अपने कानों को मल्टिपल साउंड और ध्वनियों की स्थितियों में ट्रेंड करने की जरूरत है। इससे आप जो आवाज सुनना चाहते हैं, उस पर फोकस करने में मदद मिलेगी। इस एक्सरसाइज में आपको विभिन्न आवाजों के बीच एक आवाज के स्रोत या दिशा को पहचानने पर अपना ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है।

दालचीनी और शहद

दालचीनी और शहद की मदद से कम सुनने की क्षमता को सही किया जा सकता है। सुनने की क्षमता कम होने पर आप दालचीनी और शहद से जुड़े इस उपाय को कर लें। इस उपाय के तहत रोज दालचीनी और शहद के पानी का सेवन करें। एक गिलास पानी के अंदर एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी मिला दें। फिर इस पानी को पी लें। रोज सुबह ये पानी पीने से कान पर अच्छा असर पड़ता है। इसके अलावा आप कान के अंदर दालचीनी के तेल की कुछ बूंदे भी डाल सकते हैं। इस तेल की बूंदे कान में डालने से आपको आराम मिलेगा।


नीम का तेल

नीम के तेल को कानों में डालने से सुनने की क्षमता में सुधारा होता है। नीम के तेल को कान में रुई की मदद से दिन में तीन बार डालें। ऐसा करने से तुरंत आराम मिल जाएगा।

अश्वगंधा

सुनने की क्षमता मजबूत बनीं रहे, इसके लिए अश्वगंधा का सेवन करें। इसका सेवन करने से सुनने की क्षमता अच्छी हो जाती है। आप अश्वगंधा के पाउडर को गर्म पानी या दूध के साथ ले। रोज इसका सेवन करने से बहरापन दूर हो जाएगा।

प्याज

प्याज को 15 मिनट तक पानी में डालकर उबालें। फिर इस पानी को छान लें। इसे ठंडा कर अपने कान में इसकी कुछ बूंदे डाल दें। रोजाना ये उपाय करने से सुनने की क्षमता सही हो जाएगी।


सेब का सिरका

सेब के सिरके में मैग्नीशियम जिंक पाया जाता है। जो कि कानों की मांसपेशियों में सुधार लाने का काम करता है और ऐसा होने से सुनने की क्षमता पर अच्छा असर पड़ता है। आप बस एक गिलास पानी में शहद और एक बड़ा चम्मच सेब का सिरका मिलाएं दें और रोज इसे पीएं।

सरसों का तेल

सरसों का तेल कान के लिए उत्तम माना जाता है और इस तेल की मदद से भी कम सुनने की समस्या दूर हो जाती है। कम सुनने की समस्या होने पर शहद और सरसों के तेल को मिलाएं और इसकी बूंदें कान में दिन में दो से तीन बार डालें। सुनने की क्षमता में सुधार आ जाएगा। इसके अलावा आप सरसों के तेल को हल्का गर्म करके भी रूई की मदद से कान में इसे डाल सकते हैं।

अदरक

अदरक का रस सुनने की क्षमता को बढ़ता है और बहरेपन को दूर कर देता है। एक गिलास पानी को गैस पर गर्म करने के लिए रख दें। फिर इसके अंदर अदरक डालकर इसे उबाल सें। 5 मिनट तक इसे उबालने के बाद गैस बंद कर दें। पानी को छान लें और इसमें शहद को मिला दें। ये पानी पीने से सुनने की क्षमता अच्छी हो जाएगी।

एक्यूप्रेशर

एक्यूप्रेशर के माध्यम से भी सुनने की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। एक्यूप्रेशर के तहत कानों के ऊपरी भाग को दो उंगलियों से धीरे धीरे मोड़ें। दिन में ये प्रक्रिया कई बार करें। ऐसा करने से सुनने की क्षमता बढ़ जाएगी।


कान बजना (Tinnitus)

यदि एकदम से कान बन्द हो गया हो और कुछ भी सुनाई न दे तो ऐसी स्थिति में एसारम यूरोपियम 30 या 200 देनी चहिये ।

मवाद बंनने से बहरापन होना –

कॉस्टिकम 200, IM – यदि कान बहने के कारण बन्द हो गया हो तो सबसे पहले लक्षणानुसार कान को सुखने की दवा देनी चाहिये । कान सूख जाने के बाद कॉस्टिकम 200 या 1M की एक मात्रा ही देनी चाहिये। इससे सुनाई न देने की स्थिति ठीक हो जाती है। अगर इससे भी लाभ न हो तो लक्षणानुसार अन्य औषधियों का चयन करना चाहिये।

मैल जमने से बहरापन होना –


मुलेन ऑयल – यदि कान में मैल आदि जम जाने के कारण सुनाई देना बंद हो गया हो तो सबसे पहले रुई आदि की सहायता से कान को साफ़ करना चाहिये। फिर कान में मूलन ऑयल को नियमित रूप से एक दो माह तक डालना चाहिये, इससे बहरेपन में अत्यन्त लाभ होगा ।
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