31.12.20

सारस्वतारिष्टके फायदे:Saraswatarisht ke fayde


सारस्वतारिष्ट  आयु
, वीर्य, धृति, मेघा (बुद्धि), बल और कांतिको बढ़ाता है तथा वाणीको शुद्ध करता है। यह उत्तम ह्रद्य (ह्रदय को बल देने वाला) रसायन है। बालक, युवा और वृद्ध, पुरुष और स्त्री सबके लिये हितकारक है।

सारस्वतारिष्ट  स्वर की कर्कशता और अस्पष्टता का  निवारण करके स्वरको कोयलके समान मधुर बनाता है। स्त्रियो के रजोदोष और पुरुषोके शुक्रदोष को नष्ट करता है। अति अद्ययन, अति गाना आदि कारणो से स्मरण शक्ति ठीक करता है। एवं चित्तको प्रसन्न और संतोषी बनाता है। यह अरिष्ट एक मास में ह्रदय रोग का नाश करता है और एक वर्ष के सेवन से शारीरिक सिद्धि देता है।
सारस्वतारिष्ट उत्तम बल्य, ह्रद्य, रसायन, वातवाहिनिया और वातकेंद्र पर शामक, चित्तप्रसादक, बुद्धिप्रद और स्मृतिवर्धक है।
तोतलापन, बुद्धिमांद्य, श्रवणशक्ति और स्मरणशक्ति में न्यूनता, विचार रहित बोलना आदि विकारो पर यह अच्छा उपयोगी है, एवं उन्माद, अपस्मार, उत्साहका अभाव, उतावलापन आदि व्याधियोंमे सारस्वतारिष्ट लाभदायक है।

स्त्रियो के मासिकधर्म बंद होनेपर होने वाले अनेक विकार- घबराहट, चक्कर, हाथ-पैर में शून्यता आ जाना, बेचैनी, कही भी चित्त न लगना, निद्रानाश आदि होते है। उनपर यह सारस्वतारिष्ट उत्तम कार्य करता है। इन विकारो में कितनीही स्त्रियो को चक्कर बहुत आते है, वह इतने तक की ऊंची द्रष्टि भी नहीं कर शक्ति। सोते-सोते मोटर गाडी चलने के माफिक मशतिष्क फिरता है, सर्वदा कान में नाद (आवाज) गूँजता रहता है। एसे समय पर सारस्वतारिष्ट सुवर्णमाक्षिक भस्मके साथ देने से उत्तम कार्य करता है।

स्त्रियो के बीजाशय या पुरुषो के अंडकोष की वृद्धि योग्य रूप से न होने से स्त्री-पुरुषो के शरीर आयुवृद्धि होनेपर भी उच्चित अंशमे नहीं बढ़ते। युवावस्थाकी भावना भी नहीं होती। एसी स्थितिमे मकरध्वज और वंग भस्मके साथ सारस्वतारिष्ट देना चाहिये।

मात्रा: 10 से 20 ml बराबर मात्रा मे पानी मिलाकर भोजन के बाद शुबह-शाम।
सारस्वतारिष्ट घटक द्रव्य: ताजी ब्राह्मी 80 तोले, शतावरी, विदारीकंद, हरड़, नेत्रबाला, अदरख, सौंफ, सब 20-20 तोले, शहद 40 तोले, शक्कर 100 तोले, धाय के फूल 20 तोले, रेणुक बीज, पीपल, बच, असगंध, गिलोय, वायविडंग, निसोत, लौंग, कूट, बहेड़ा, इलायची, दालचीनी और सोने के वर्क, प्रत्येक 1-1 तोला।

सारसवातारिष्ट बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः याददाश्त खोना, मानसिक रोग के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। सारसवातारिष्ट के मुख्य घटक हैं अश्वगंधा, ब्राह्मी, गिलोय, कुश्ता, वाचा जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है।

सामग्री
अश्वगंधा
वे दवाएं जो मानसिक विकारों को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
दवाएं जो मूड स्विंग के लिए प्रभावी होती है और अन्य विकारों जैसे बायपोलर और डिप्रेशन के लक्षणों से राहत दिलाती हैं।
ब्राह्मी
ये दवाएं मानसिक विकारों को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
गिलोय
ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
पाचन क्रिया को सुधारने व खाने को ठीक से अवशोषित करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं।
वे दवाएं जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर काम कर इम्‍यून की प्रतिक्रिया में सुधार लाती हैं।
कुश्ता
चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
वाचा
ये दवाएं अवसाद के लक्षणों को नियंत्रित रखने में उपयोगी होती हैं।
शीतल प्रभाव वाली दवा जो शरीर को आराम देकर चिंता, चिड़चिड़ापन और तनाव से राहत देती है।
मिर्गी या बेहोशी के इलाज के लिए इस्तेमाल में आने वाली दवाएं।
यह औषधि इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
याददाश्त खोना मुख्य
मिर्गी
वॉइस डिसऑर्डर
मानसिक रोग मुख्य
Ref: भैषज्य रत्नावली
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