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26.6.23

ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने Increased triglyceride के कारण और उपचार

 



ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) एक तरह का फैट होता है, जो खून में पाया जाता है। हमारा शरीर इस फैट को इस्तेमाल करके ऊर्जा पैदा करता है। बेहतर सेहत के लिए कुछ ट्राइग्लिसराइड्स का शरीर में हेल्दी लेवल जरूरी है। लेकिन, इसकी ज्यादा मात्रा शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। इससे दिल की बीमारी का खतरा पैदा हो सकता है। साथ ही इसके कारण हाई ब्लड प्रेशर और हाई ब्लड शुगर भी एक साथ हो सकते हैं। साथ ही हाई ट्राइग्लिसराइड्स (high triglycerides) मोटापा भी बढ़ाता है। पर प्रश्न ये है कि ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ता कब और क्यों। साथ ही ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने के लक्षण क्या हैं? तो, आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से। पर इन सबसे पहले जानते हैं ट्राइग्लिसराइड्स कितना होना चाहिए।

  जैसी ही हमारे खुन में ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ता  increased triglyceride  है, यह रक्त कोशिकाओं की दीवारों के ऊपर एक परत बना देता है जिसके परिणामस्वरूप पुरे शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है। इस कारण हृदय की मांसपेशियों पर दबाव बढ़ता है क्योंकि यह लगातार रक्त को आवश्यकता से अधिक बल से पंप करता है।
 यदि ट्राइग्लिसराइड का स्तर 200mg/dl से ज्यादा बढ़ता है तो कमर का भाग शरीर के अन्य अंगों की तुलना में ज्यादा मोटा हो जाता है और यह डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है।
 ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ता  increased triglyceride है रक्त कोशिकाएं अवरूद्ध हो जाती है और इस अवरोध को दुर करने के लिए पैन्क्रीया लाइपेस एन्जाइम के उत्पादन के लिए पैन्क्रीया की कोशिकाएं संख्या में बढ़ जाती है। इस कारण पैन्क्रीया का आकार बढ़ जाता है जिससे पैन्क्रीयाइटिस होता है।
  ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ने के कारण कई समस्याएँ जैसे आँखों की नसें प्रभावित होती है और इसका परिणाम अंधापन भी हो सकता है। इस दौरान हमें शरीर में कई जगहों जैसे घुटनों के जोड़, कोहनी आदि पर वसा की गांठे महसूस होती है। ये गांठे पीले रंग की हो सकती है।
आमतौर पर ट्राइग्लिसराइड का सामान्य स्तर स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है क्योंकि ये हमारे शरीर के द्वारा ऊर्जा के रूप में उपयोग होते है लेकिन ज्यादा कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से हमारे शरीर में ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ता है और यह हृदय रोग और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के खतरे को बढ़ाता है। सामान्यतया ट्राइग्लिसराइड के स्तर का पता कोलेस्ट्रॉल के लिए किए जाने वाले ब्लड टेस्ट से चल जाता है।

ट्राइग्लिसराइड का स्वास्थ्य पर प्रभाव - increased triglyceride

ट्राइग्लिसराइड के स्वास्थ्य पर कई प्रभाव पड़ते है। यदि ट्राइग्लिसराइड का स्तर मध्यम से ज्यादा हो तो हमें कई रोग होने का खतरा बढ़ जायेगा।

1. हृदय रोग: increased triglyceride

जैसी ही हमारे खुन में ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ता है, यह रक्त कोशिकाओं की दीवारों के ऊपर एक परत बना देता है जिसके परिणामस्वरूप पुरे शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है। इस कारण हृदय की मांसपेशियों पर दबाव बढ़ता है क्योंकि यह लगातार रक्त को आवश्यकता से अधिक बल से पंप करता है।
इससे हमें हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

2. डायबिटीज : increased triglyceride

चीनी, ज्यादा कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थ, कार्बोहाइड्रेट का सेवन जो आसानी से पच जाते है और खुन में ट्राइग्लिसराइड में बदल जाते है।
यदि ट्राइग्लिसराइड का स्तर 200mg/dl से ज्यादा बढ़ता है तो कमर का भाग शरीर के अन्य अंगों की तुलना में ज्यादा मोटा हो जाता है और यह डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है। यदि व्यक्ति को पहले से डायबिटीज है तो ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ना शुगर लेवल के नियंत्रण में नहीं होने का संकेत है। यह अनेक शारीरिक समस्याओं को पैदा करता है।

3. पैन्क्रीयाइटिस : increased triglyceride

पैन्क्रीया, एक अंग है जो इंसुलिन, ग्लूकागन आदि हार्मोन्स स्त्रावित करता है जो मेटाबॉलिज्म और भोजन के पाचन के लिए उत्तरदायी होते है। पैन्क्रीयाइटिस इस अंग में सुजन की एक अवस्था है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब भी रक्त में ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ता है रक्त कोशिकाएं अवरूद्ध हो जाती है और इस अवरोध को दुर करने के लिए पैन्क्रीया लाइपेस एन्जाइम के उत्पादन के लिए पैन्क्रीया की कोशिकाएं संख्या में बढ़ जाती है। इस कारण पैन्क्रीया का आकार बढ़ जाता है जिससे पैन्क्रीयाइटिस होता है।

4. अन्य ट्राइग्लिसराइड्स

ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ने के कारण कई समस्याएँ जैसे आँखों की नसें प्रभावित होती है और इसका परिणाम अंधापन भी हो सकता है। इस दौरान हमें शरीर में कई जगहों जैसे घुटनों के जोड़, कोहनी आदि पर वसा की गांठे महसूस होती है। ये गांठे पीले रंग की हो सकती है।

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