स्टीविया जिसे मधुरगुणा के नाम से भी जाना जाता है। इसमें डायबिटीज को दूर करने के गुण होते है। स्टेविया नाम की जड़ी बूटी चीनी का स्थान ले सकती है और खास बात ये कि इसे घर की बगिया में भी उगाया जा सकता है। यह शून्य कैलोरी स्वीटनर है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। इसे हर जगह चीनी के बदले इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे तैयार उत्पाद न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि दिल के रोग और मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए भी फायदेमंद हैं। स्टीविया न केवल शुगर बल्कि ब्लड प्रेशर, हाईपरटेंशन, दांतों, वजन कम करने, गैस, पेट की जलन, त्वचा रोग और सुंदरता बढ़ाने के लिए भी उपयोगी होती है। यही नहीं इसके पौधे में कई औषधीय व जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं।
स्टेविया’ यानीं मीठी तुलसी, स्टीविया की पत्तियों में चीनी से तीन सौ गुना अधिक मीठास होती है। क्या आप स्टीविया ओषधीय गुणों से परिचित हैं अगर नहीं तो हम आपको इसके बारे में बताते हैं। मानव स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सदियों से स्टीविया (stevia) नामक जड़ी बूटी का उपयोग किया जा रहा है। स्टीविया के फायदे स्वास्थ्य संबंधी कुछ विशेष समस्याओं को दूर करने के लिए प्रभावी माने जाते हैं। स्टीविया एक आयुर्वेदिक हर्ब है जो कि औषधीय गुणों के कारण विभिन्न प्रकार की दवाओं में व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाती है। स्टीविया के लाभ में डायिबिटीज को नियंत्रित करना, मोटापा कम करना, एलर्जी समस्या को रोकना, कैंसर के लक्षणों को रोकना, हृदय और रक्तचाप को स्वस्थ रखना आदि शामिल हैं। स्टीविया जड़ी बूटी को खाद्य रूप से लिया जाता है।
स्टीविया एक प्राकृतिक मिठास के रूप में उपयोग किया जाने वाला पौधा है। स्टीविया का वानस्पतिक नाम स्टीविया रेबाउडियाना (Stevia Rebaudiana) है। हालांकि कई जगहों पर स्टीविया को बहुत से नामों से जाना जाता है जैसे कि मीठे खरपतवार (Sweet weed), मीठे पत्ते और शहद की पत्ती आदि। स्टाविया पौधे की लगभग 150-300 प्रजातियां होती हैं। यह एक बारहमासी झाड़ी है। प्राकृतिक रूप से मिठास प्राप्त करने का यह सबसे अच्छा तरीका है। अन्य कृत्रिम स्वीटनर की तुलना में स्टीविया में कैलोरी की मात्रा बहुत ही कम होती है। स्टीविया शक्कर की तुलना में 2 सौ गुना अधिक मीठा होता है। यह पौधा ऊषणकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
भारत में स्टीविया को मीठी तुलसी के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा भारत के अन्य राज्यों में भी इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे कि
असम में मऊ तुलसी, मराठी में मधु परणी, पंजाबी में गुर्मार, तमिल में सीनि तुलसी, तेलुगु में मधु पत्री आदि। इसे संस्कृत भाषा में मधु पत्र के नाम से भी जाना जाता है।
स्टीविया के स्वास्थ्य लाभ इसमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण होते हैं। हालांकि स्टीविया की मिठास सामान्य चीनी की अपेक्षा 300 गुना अधिक होती है। लेकिन इस मिठास का स्वास्थ्य में किसी प्रकार का साइड इफैक्ट नहीं होता है। इसके अलावा यह शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित (Absorbed) हो जाता है। यही कारण है कि स्टीविया का उपयोग मधुमेह रोगियों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
अधिक वजन या मोटापा होने के बहुत से कारण होते हैं जैसे कि शारीरिक परिश्रम की कमी, अधिक मीठा और अधिक फैट वाले खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना आदि। एक अध्ययन के अनुसार शरीर की आवश्यकता से अधिक मात्रा में चीनी का सेवन करने से लगभग 16 प्रतिशत कैलोरी अधिक प्राप्त होती है। जिससे शरीर का वजन अधिक तेजी से बढ़ सकता है। हालांकि ऐसी स्थिति में स्टीविया का सेवन करना फायदेमंद होता है। क्योंकि स्टीविया में कैलोरी बहुत ही कम होती है साथ ही यह शरीर में शुगर लेवल को प्रभावित भी नहीं करता है। इसका मतलब यह है कि जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं वे स्टीविया का नियमित सेवन कर सकते हैं।
मोटापा कम करें
आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार स्टीविया से शुगर के अलावा मोटापे से भी निजात पाई जा सकती है। मोटापे के शिकार व्यक्तियों के लिए भी यह पौधा किसी वरदान से कम नहीं है। शुगर ही मोटापे का कारण बनती दिखाई दे रही है, यदि शुगर न भी हो और इसका सेवन किया जाए तो न ही शुगर होने की नौबत बन पाएगी और न ही मोटापा होगा। आज कैलोरी की समस्या भी काफी बढ़ने लगी है ऐसे में भले ही स्टीविया चीनी से अधिक मीठा हो किंतु इसमें ग्लूकोस की मात्रा न होने के कारण इससे कैलोरी के अनियंत्रित होने की संभावना नहीं रहती।
मधुमेह के लिए
विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के अलावा मुख्य रूप से स्टीविया के लाभ डायबिटीज के लिए होते हैं। स्टीविया की उचित मात्रा का सेवन करने से खून में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। स्टीविया लीफ का सेवन करने से डायबिटिक रोगी के मीठा खाने की लालसा को कम किया जा सकता है। स्टीविया में स्टीविओसाइड (stevioside) होता है जो कि ग्लाइकोसाइड यौगिक है। जिसके कारण स्टीविया मधुमेह रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। मधुमेह रोगी इस औषधी का सेवन डॉक्टर की सलाह पर बिना किसी परेशानी के कर सकते हैं क्योंकि यह ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
कैंसर को रोके
कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसका शायद अब तक इलाज संभव नहीं है। लेकिन स्टीविया के फायदे कैंसर के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्टीविया में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है। जिसके कारण स्टीविया के गुण कैंसर को रोकने में प्रभावी होते हैं। स्टेविया में मौजूद क्वेरसेटिन, केम्पफेरोल और अन्य ग्लाइकोसाइड यौगिक शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स (Free radicals) को खत्म करने में मदद करते हैं। जिससे स्वस्थ कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में बदलने से रोका जा सकता है। इसलिए कैंसर के लक्षणों को कम करने और उपचार को गति देने में स्टीविया (Stevia) के फायदे होते हैं।
रक्तचाप नियंत्रित करे
रक्तचाप संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए स्टीविया एक प्रभावी औषधी मानी जाती है। स्टेविओसाइड एक प्रकार का ग्लाइकोसाइड है लेकिन स्टीविया में अन्य ग्लाइकोसाइड भी होते हैं। जो वास्तव में रक्त वाहिकाओं को आराम दिलाने में भी सहायक होते हैं। इसके अलावा स्टीविया के पोषक तत्वों में पोटेशियम भी शामिल होता है। जिसके कारण रक्त वाहिकाओं की दीवारों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। नियमित रूप से स्टीविया का सेवन करने से यह मूत्र वर्धक का काम करता है जिससे शरीर में सोडियम की अतिरिक्त मात्रा को विनियमित करने में मदद मिलती है। इन सभी का सीधा संबंध आपके हृदय स्वास्थ्य से होता है।
जिसके कारण स्टीविया का सेवन करने से हृदय में तनाव को कम किया जा सकता है जिससे रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यदि आप भी रक्तचाप संबंधी परेशानियों से बचना चाहते हैं स्टीविया के औषधीय गुणों का उपभोग कर सकते हैं।
ड्रैंडफ और मुंहासों को दूर करें
एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी इंफ्लेमेंटरी गुणों से भरपूर होने के कारण, स्टीविया मुंहासों और रूसी की समस्या से छुटकारा पाने में मदद करता है। इसके अलावा यह ड्राई और डैमेज बालों को ठीक करने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। बालों में ड्रैंडफ को दूर करने के लिए इसके स्टीविया के सत्त की कुछ बूंदों को शैम्पू में मिलाकर नियमित रूप से उपयोग करें। और मुंहासों की समस्या होने पर स्टीविया की पत्तियों को पेस्ट बनाकर इसे प्रभावित त्वचा पर लगाये या इसके सत्त को सीधा मुंहासों पर लगाकर, रातभर के लिए छोड़ दें। अच्छे परिणाम पाने के लिए इस उपाय को नियमित रूप से करें।
दांत स्वस्थ रखे
अधिक मीठे खाद्य पदार्थो का सेवन करना दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है। क्योंकि ज्यादा मीठे खाद्य पदार्थ खाने से दांतों में कैविटी (Cavity) और सड़न जैसी समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन स्टीविया पाउडर का उपयोग शुगर के प्रभाव से उल्टा होता है। यह शक्कर से भी अधिक मीठा होने के बाद भी दांतों को किसी प्रकार का साइड इफैक्ट नहीं पहुंचाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्टीविया में दांतों के सुरक्षा कवच को नुकसान पहुंचाने वाले गुण बहुत ही कम मात्रा में होते हैं। इसके अलावा चीनी में सुक्रोज होता है जो दांतों की समस्या का प्रमुख कारण होता है। जबकि स्टीविया में स्टेवियोसाइड होता है जो दांतों के लिए सुरक्षित है। आप भी अपने दांतों को स्वस्थ्य रखने के लिए स्टीविया और स्टीविया के पत्तों का उपयोग कर सकते हैं।
हड्डियों के लिए
इस मामले में कोई प्रमाणि सबूत नहीं हैं फिर भी कुछ अध्ययन बताते हैं स्टीविया के लाभ हड्डियों को मजबूत बनानेमें सहायक होते हैं। एक पशु अध्ययन के अनुसार मुर्गियों को स्टीविया आधारित आहार खिलाया गया। जिसके परिणाम स्वरूप यह पाया गया कि मुर्गियों के अंड़ों में कैल्शियम की मात्रा अन्य मुर्गियों से ज्यादा है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि नियमित रूप से स्टीविया की पत्तियों का सेवन करने से कैल्शियम की कमी को दूर किया जा सकता है। जिससे हड्डियों घनत्व औरऔर उत्पादन दोनों को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यदि आप भी अपनी हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखना चाहते हैं तो दैनिक आहार में स्टीविया को शामिल कर सकते हैं।
पेट को स्वस्थ रखे
पेट और पाचन समस्याओं को दूर करने के लिए स्टीविया का इस्तेमाल बहुत ही फायदेमंद होता है। यदि पेट की खराबी, बदहजमी, अपच आदि समस्याओं से परेशान हैं तो स्टीविया के अर्क (Extract) का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप पानी में स्टीविया की पत्तियों को उबालें और अर्क तैयार करें। इस अर्क का सेवन करने से आपको पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
हार्टबर्न और अपच कम करने में मददगार
स्टीविया में विशिष्ट संयंत्र ग्लाइकोसाइड की उपस्थिति, पेट के अस्तर में होने वाली जलन को दूर करने में मदद करता है। इस तरह से अपच और हार्टबर्न के उपचार में मदद करता है। अपच की समस्या से बचने के लिए स्टीविया की एक प्याली गर्म चाय ही काफी है। जबकि हार्टबर्न से बचने के लिए आपको स्टीविया से बनी ठंडी चाय पीनी चाहिए।
लिवर को स्वस्थ रखे
स्टीविया का सेवन नियमित आहार के रूप में करना यकृत स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक होता है। एक अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से स्टीविया पाउडर का सेवन करने से यृकत कोशिकाओं (Lutein cells) की क्षति और सिरोसिस जैसी समस्याओं को रोका जा सकता है। इसके अलावा अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से यकृत को होने नुकसान को भी कम करने में स्टीविया का उपयोग लाभकारी होता है।
एलर्जी दूर करे
सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ लोगों के लिए पौष्टिक और लाभकारी होते हैं। लेकिन यही खाद्य पदार्थ कुछ लोगों एलर्जी का कारण भी हो सकती है। लेकिन औषधीय गुणों से भरपूर स्टीविया का इस्तेमाल करने से किसी प्रकार की एलर्जी नहीं होती है
स्टीविया का उपयोग कैसे करें
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि स्वास्थ्य लाभ होने के कारण स्टीविया का उपयोग दवा या जड़ी बूटी के रूप में किया जाता है। स्टीविया का उपयोग आपके पसंदीदा खाद्य पदार्थों ड्रिंक के रूप में चीनी के विकल्प में किया जा सकता है। स्टीविया पाउडर की 1 चुटकी मात्रा लगभग 1 चम्मच शक्कर के बराबर मीठा होता है। स्टीविया का उपयोग निम्न तरीके से किया जा सकता है।
दूध या दही (curd) आदि के साथ स्टीविया पाउडर का सेवन।
लगभग सभी मीठे खाद्य पदार्थों में आवश्यकता के अनुसार स्टीविया का उपयोग फायदेमंद होता है।
कॉफी या चाय के साथ स्टीविया पाउडर का उपयोग।
नींबू पानी बनाने के दौरान चीनी की जगह स्टीविया का रस या पाउडर।
अपने खाद्य आहार को स्वादिष्ट बनाने के लिए उपर से स्टीविया की पत्ती या पाउडर (Stevia powder) का उपयोग।
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