पेट से जुड़ी आम समस्याओं में दस्त भी है। यह वो चिकित्सीय स्थिति है, जब मल सामान्य से बिल्कुल पतला यानी पानी की तरह आता है। मरीज को बार-बार शौच जाना पड़ता है। दस्त को डायरिया और लूस मोशन भी कहा जाता है। इस अवस्था में शरीर में पानी और ऊर्जा की कमी होने लगती, जिससे मरीज कमजोरी महसूस करने लगता है। लूस मोशन दो प्रकार के होते हैं। पहला एक्यूट डायरिया, जो 1-2 दिन तक रहता है। वहीं, दूसरा क्रोनिक डायरिया है, जो दो से अधिक दिन तक बना रहता है दूसरी स्थिति ज्यादा गंभीर होती है। दस्त से पीड़ित मरीज बस यही सोचता है कि लूस मोशन कैसे रोकें। स्टाइलक्रेज के आर्टिकल में हम विभिन्न शोधों पर आधारित दस्त रोकने के घरेलू उपाय बता रहे हैं।
दस्त के लक्षण – Symptoms of Loose Motion
दस्त होने पर नजर आने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं (1):पेट में ऐंठन या दर्द का होना।
बार-बार शौचालय जाना।
आंतों के कार्य प्रणाली का कमजोर होना।
अगर वायरस या बैक्टीरिया दस्त का कारण है, तो बुखार, ठंड लगना और खूनी दस्त भी हो सकते हैं।
नमक चीनी का घोल -
नमक चीनी के घोल के सेवन से दस्त से होने वाली कमजोरी दूर हो सकती है। यह दस्त को रोकने में भी काफी मददगार है। इस उपाय को आजमाने के लिए आप को बराबर मात्रा में पानी में नमक और चीनी का घोल तैयार करना है और इसे थोड़ी थोड़ी देर में पीना है। ताकि आपके शरीर में जो पानी की कमी हो रही है, उस पर काबू पाया जा सके।
छाछ-
छाछ दस्त के लिए एक बेहतरीन विकल्प है क्योंकि इसमें मौजूद एसिड जर्म्स और बैक्टीरिया से लड़ता है और पेट साफ करने में मदद करता है। सोडियम और पोटेशियम सहित इलेक्ट्रोलाइट्स का एक अच्छा स्रोत है, साथ ही इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे मिनरल्स होते हैं।
दही और केला-
अगर आप पतले से दस्त से पीड़ित हैं, तो आपको दही और केले के मिश्रण का सेवन करना चाहिए। इससे दस्त को रोकने और पेट को साफ करने में मदद मिलती है।
सेब, घी, इलायची और जायफल-
घी में एक या दो केले, एक चुटकी इलायची और जायफल का पाउडर डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। इस मिश्रण के सेवन से पतले मल को रोकने में मदद मिल सकती है क्योंकि इस मिश्रण में पोटेशियम सामग्री भरपूर होती है।
नींबू का रस-
नींबू का रस आंतों की सफाई करने में काफी मददगार है। यह आपके दस्त को रोकने में काफी मदद कर सकता है। इसके लिए आपको एक कप पानी में नींबू का रस मिला देना है और रोज दिन में तीन बार यानी सुबह, दोपहर, शाम इसका सेवन करना है। कई लोगों को दस्त के साथ पेचिश या खूनी पेचिश की समस्या भी हो जाती है, यह उसमें काफी मददगार साबित हो सकता है।
कच्चा केला-
कच्चा केला दस्त या लूज मोशन के लिए बढ़िया घरेलू उपाय है। यह आंतों को शांत करता है। बेहतर रिजल्ट के लिए आप कच्चे केले को दही और काले नमक के साथ खा सकते हैं। कच्चा केला अल्सरेटिव कोलाइटिस के लिए भी फायदेमंद है
खसखस -
दस्त होने पर एक चुटकी खसखस लेकर उसे मुंह में रखकर धीरे-धीरे चबाना शुरू करें और फिर निगल लें। इसके बाद एक गिलास पानी पिएं। इससे लूज मोशन की शिकायत दूर होगी।
इलायची, काली चाय, नींबू का रस
दस्त होने पर एक चुटकी खसखस लेकर उसे मुंह में रखकर धीरे-धीरे चबाना शुरू करें और फिर निगल लें। इसके बाद एक गिलास पानी पिएं। इससे लूज मोशन की शिकायत दूर होगी।
इलायची, काली चाय, नींबू का रस
एक कप गर्म काली चाय में एक चुटकी नींबू का रस और एक चुटकी इलायची या जायफल का पाउडर मिलाकर पीने से दस्त को रोकने में मदद मिल सकती है।
जीरा पानी-
1 लीटर पानी में एक चम्मच जीरे को ऊबाल लें और फिर ठंडा करके रख लें। आपको पानी तब तक उबालना है, जब तक यह उबलकर आधा न रह जाए। उसके बाद थोड़ी-थोड़ी मात्रा में उसका सेवन करें। यह दस्त रोकने का काफी अच्छा उपाय है।
नारियल पानी-
ताजा नारियल पानी दस्त से पीड़ित रोगियों को पिलाने की सलाह दी जाती है। दरअसल नारियल पानी में पोटैशियम और सोडियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं। जो शरीर के इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। ये लूज मोशन की वजह से होने वाले डिहाइड्रेशन से बचाता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है।
सेब के सिरका-
दस्त के इलाज के लिए सेब के सिरके का सहारा लिया जा सकता है। सेब के सिरके में एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं और यह प्रकृतिक एंटीबायोटिक होता है। ये गुण बैक्टीरिया के संक्रमण से होने वाले दस्त के इलाज के लिए प्रभावी हो सकते हैं। इस प्रकार के संक्रमण अक्सर खराब या दूषित भोजन के कारण होते हैं, जिसमें एस्चेरिचिया कोलाई या साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया हो सकते हैं
अदरक का उपयोग-
दस्त रोकने के उपाय में अदरक का उपयोग कर सकते हैं। अदरक एक गुणकारी खाद्य-पदार्थ है, जो एंटीबैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुणों से समृद्ध होता है अदरक पाचन तंत्र को संक्रमित करने वाले बैक्टेरिया से लड़ने के साथ-साथ आंतों को आराम पहुंचाता है। शोध में पाया गया कि आयुर्वेद में अदरक का उपयोग पेट कर कई समस्याओं के साथ ही दस्त को दूर करने के लिए भी किया जाता रहा है। इसके अलावा यह पाचन को सुधारने के साथ ही कब्ज और मतली में भी फायदेमंद हो सकता है । अदरक में पाए जाने वाले बायोएक्टिव कंपाउंड दस्त और संक्रमण का कारण बनने वाले एस्चेरिचिया कोलाई और हीट-लैबाइल नामक बैक्टीरिया को कम कर सकते हैं। इससे बैक्टीरिया के द्वारा होने वाले दस्त को रोका जा सकता है
पुदीना दस्त की घरेलू दवा -
पुदीना दस्त की घरेलू दवा के रूप में काम कर सकता है । एनसीबीआई की वेबसाइट पर इस संबंध में शोध प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन में डायरिया के लक्षणों से राहत के लिए पुदीना के तेल के फायदे देखे गए हैं। अध्ययन में यह बात सामने आई कि पुदीना का उपयोग दस्त के दौरान होने वाले पेट दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है । नींबू और शहद के साथ मिलकर यह और भी प्रभावकारी हो जाता है। शहद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल व एंटीइंफ्लेमेशन गुण पेट को संक्रमित करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने का काम कर सकते हैं। इस प्रकार दस्त रोकने के उपाय में पुदीने को इस्तेमाल किया जा सकता है।
पुदीना दस्त की घरेलू दवा के रूप में काम कर सकता है । एनसीबीआई की वेबसाइट पर इस संबंध में शोध प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन में डायरिया के लक्षणों से राहत के लिए पुदीना के तेल के फायदे देखे गए हैं। अध्ययन में यह बात सामने आई कि पुदीना का उपयोग दस्त के दौरान होने वाले पेट दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है । नींबू और शहद के साथ मिलकर यह और भी प्रभावकारी हो जाता है। शहद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल व एंटीइंफ्लेमेशन गुण पेट को संक्रमित करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने का काम कर सकते हैं। इस प्रकार दस्त रोकने के उपाय में पुदीने को इस्तेमाल किया जा सकता है।
दालचीनी -
सेहत के लिए दालचीनी के फायदे देखे गए हैं। यह एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-ऑक्सीडेंट व एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होती है। इसके तेल में पाया जाने वाला एंटीमाइक्रोबियल गुण दस्त का कारण बनने वाले और संक्रमण फैलाने वाले ई. कोलाई नामक बैक्टीरिया से लड़ने में मदद कर सकता है । यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की ओर से किए गए जांच से पता चला है कि दस्त के इलाज में दालचीनी प्रभावी हो सकती है । शहद के साथ मिलकर यह और भी प्रभावशाली हो जाती है और संक्रमित पेट को आराम पहुंचाने का काम कर सकती है।
दस्त में क्या खाएं, क्या न खाएं – Foods to Eat in Loose Motion
सेहत के लिए दालचीनी के फायदे देखे गए हैं। यह एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-ऑक्सीडेंट व एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होती है। इसके तेल में पाया जाने वाला एंटीमाइक्रोबियल गुण दस्त का कारण बनने वाले और संक्रमण फैलाने वाले ई. कोलाई नामक बैक्टीरिया से लड़ने में मदद कर सकता है । यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की ओर से किए गए जांच से पता चला है कि दस्त के इलाज में दालचीनी प्रभावी हो सकती है । शहद के साथ मिलकर यह और भी प्रभावशाली हो जाती है और संक्रमित पेट को आराम पहुंचाने का काम कर सकती है।
दस्त में क्या खाएं, क्या न खाएं – Foods to Eat in Loose Motion
क्या खाएँ-
दस्त के दौरान शरीर में ऊर्जा के साथ-साथ जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, इसलिए खानपान ठीक रखना जरूरी है। इस अवस्था में मसालेदार, जंक फूड्स और शराब से दूर रहे हैं और नीचे बताई जा रही चीजों का सेवन करें
कई बार पेट में मरोड़ का कारण अपच हो सकता है. ऐसी स्थिति में दो चम्मच ईसबगोल एक कटोरी दही में मिलाकर खाना चाहिए. इससे आंतों की सफाई भी होती है व पेट की मरोड़ भी ठीक होती है. आजवाइन: - पेट में मरोड़ होने पर तीन ग्राम आजवाइन को तवा पर भून कर इसमें सेंधा नमक या काला नमक मिलाकर पानी के साथ सेवन करना चाहिए.
केला-
दस्त के दौरान केला काफी लाभदायक माना गया है। यह पोटैशियम से समृद्ध होता है, जो लूस मोशन को रोककर पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है।
अनार: दस्त के दौरान अनार का सेवन कर सकते हैं, इसमें एस्ट्रिंजेंट गुण पाए जाते हैं, जो लूस मोशन को नियंत्रित करने का काम करते हैं। यह शरीर की कमजोरी को भी दूर कर सकते हैं।
स्ट्रॉबेरी : मरीज स्ट्रॉबेरी भी खा सकता है। इसमें फाइबर होता है, जो मल को सामान्य कर देता है, जिससे लूस मोशन बंद हो जाते हैं।
ब्राउन राइस : दस्त के दौरान ब्राउन राइस का सेवन भी कर सकते हैं। यह विटामिन-बी से समृद्ध होता है, जो आराम पहुंचा सकता है।
गाजर : डायरिया को नियंत्रित करने के लिए गाजर या गाजर का जूस पी सकते हैं। इसमें पेक्टिन पाया जाता है, जो लूस मोशन को रोकने का काम करता है। इसके अलावा, अमरूद भी खा सकते हैं।
ओआरएस : डायरिया के दौरान शरीर में तरल की कमी हो जाती है। इसे पूरा करने के लिए ओआरएस पीते रहें। ओआरएस को एक लीटर पानी में छह चम्मच चीनी और आधा चम्मच नमक के साथ घोलकर बनाकर दे सकते हैं। ओआरएस दस्त के देसी इलाज के रूप में काम करता है।