2.8.23

सिलफिस, उपदंश सुजाक, आतशक के कारण लक्षण बचाव व उपचार Treatment of gonorrhea disease



परिचय-

सुजाक और आतशक (उपदंश) यौन रोगों की बहुत ही घिनौनी बीमारियों में गिनी जाती हैं। यह रोग स्त्री और पुरुष दोनों को हो सकता है। मूत्रकच्छ,सुजाक,पूयमेह, अथवा गोनारिया एक ही रोग के अलग अलग नाम हैं ।

कारण-

सुजाक या उपदंश रोग स्त्री और पुरुषों के गलत तरह के शारीरिक संबंधों के कारण होने वाले रोग है। जो लोग अपनी पत्नियों को छोड़कर गलत तरह की स्त्रियों या वेश्याओं आदि के साथ संबंध बनाते हैं उन्हें अक्सर यह रोग अपने चंगुल में ले लेता है। इसी तरह से यह रोग स्त्रियों पर भी लागू होता है जो स्त्रियां पराएं पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाती हैं उन्हें भी यह रोग लग जाता है।
बैक्‍टीरिया और निसरेरिया गोनोरिया (neisseria gonorrhoeae) के कारण होने वाले संक्रमित संक्रमण को सूजाक या गोनोरिया कहा जाता है। इसके कारण आपके मूत्रमार्ग, गर्भाशय, गुदा, गले और आंखों में संक्रमण हो सकता है। नेइसेरिया गोनोरिया आपके रक्त में फैल सकता है जिससे बुखार, जोड़ो में दर्द और त्‍वचा में घाव हो सकते हैं।
यह रोग एक पुरुष या स्त्री में गोनोरिया के साथ शारीरिक संबंध बनाने के कारण होता है। यह गोनोकोकस नामक रोगाणु से उत्पन्न होता है। पुरुषों का मूत्र नलिका से 1 इंच पीछे होता है। रोग इस गड्ढे से धीरे-धीरे मूत्र नली मूत्राशय और अंडकोष में फैलता है।
महिलाओं में, उनकी योनि और मूत्रमार्ग, मूत्राशय, गर्भाशय आदि के पास के उपकरण पहली बीमारी की चपेट में आते हैं। जैसे, पुरुषों और महिलाओं दोनों को यह बीमारी होती है। लेकिन महिलाओं के बहुत छोटे मूत्रमार्ग के कारण, वे पुरुषों के रूप में ज्यादा पीड़ित नहीं होते हैं। इसका मवाद शरीर के किसी भी स्थान के श्लेष्म झिल्ली पर डाला जाता है और उस जगह को बीमारी का भी खतरा बना देता है। इसमें पुरुषों के मूत्रमार्ग में स्राव होता है और महिलाओं की योनि जैसे श्लेष्मा होती है।
एक सूजाक पुरुष या महिला के साथ सहवास के कई दिनों के बाद, रोगी मूत्र में जलन का अनुभव करता है। खुजली होती है। मूत्र मार्ग में क्रमशः शुद्ध स्राव निकलने लगता है। यह स्राव उज्ज्वल, पीला या हरा होता है। जलन और दर्द बढ़ने लगता है और बार-बार पेशाब करने की इच्छा होती है। पेशाब करते समय अत्यधिक दर्द होना। पेशाब साफ नहीं होता है और पेशाब बूंद-बूंद करके बाहर आता है। इन लक्षणों के अलावा किसी को कमजोरी महसूस होती है। यह ठंडा और कपटी महसूस होता है, सिरदर्द भी महसूस होता है, रात में लिंग में बेहतर कठोरता के कारण व्यक्ति को अच्छी नींद नहीं आती है। जैसे ही बीमारी पुरानी या जलती है, दर्द और पीड़ा कम हो जाती है। लेकिन शुद्ध स्राव जारी है। पुराना होने पर यह एक बूंद की तरह सफेद और लाख हो जाता है। मवाद के इस पुराने चरण को लालमेह या जीएलईईटी कहा जाता है।
यह रोग यह रोग गोनोकोक्कस संक्रामक कीटाणु के कारण उत्पन्न होता है जो कि किसी भी महिला या पुरुष के जौनांगो में मौजूद होता है और फिर आपस में संभोग करने से यह कीटाणु एक दूसरे में आसानी से फैल जाता है कई बार यह बीमारी हमें डॉक्टरों के उपकरण के द्वारा भी आ सकती है क्योंकि अगर डॉक्टर किसी यन्त्र का इस्तेमाल इस बीमारी से रहित इंसान के इलाज में करते हैं और फिर उसको बिना किसी स्वस्थ इंसान के ऊपर इस्तेमाल करते हैं तब ये कीटाणु उस स्वस्थ इंसान के शरीर में चला जाता है और ऐसे ही यह बीमारी आपस में आगे बढ़ती है हालांकि यह बीमारी पुरुषों के अलावा किसी जानवर या अन्य प्राणी में उत्पन्न नहीं होती
पुरुषों में सूजाक (गोनोरिया) के लक्षण – Symptoms of gonorrhoea in Men in Hindiएक पीली या सफेद या हरा मूत्रमार्ग निर्वहन
पेशाब करते समय दर्द या बेचैनी
टेस्टिकल्स या स्क्रोटम में दर्द
लिंग के सिर के आसपास लाली (Redness)
गुदा (Anal) निर्वहन में असुविधा
खुजली, निगलने में कठिनाई, या गर्दन लिम्फ नोड में सूजन
आंखों में दर्द, हल्की संवेदनशीलता, या आंखों का निर्वहन पस जैसा दिखता है
जोड़ों में सूजन, दर्द होना

महिलाओं में सूजाक (गोनोरिया) के लक्षण 

ज्यादातर महिलाओं में गोनोरिया के लक्षण नजर नहीं आते फिर इसके कुछ लक्षण हैं :असामान्‍य योनि निर्वहन
दर्दनाक यौन संभोग
बुखार
उल्टी और पेट या श्रोणि दर्द
संभोग के बाद खून बहना
गले में दर्द, खुजली, निगलने में कठिनाई, या सूजन
अनियमित योनि रक्‍तस्राव
मूत्र विर्सजन के समय असुविधा
श्रोणि दर्द (Pelvic pain), विशेष रूप से संभोग के दौरान
गुदा निर्वहन और असुविधा

रोड लक्षण 

रोग के स्पष्ट लक्षणों से इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। इसका दुख सूर्योदय से सूर्यास्त तक होता है, यानी दिन के दौरान ही। नया गोनोरिया 1 सप्ताह में हल हो जाता है। यदि रोग पुराना हो जाता है, तो गठिया हो जाता है, यदि आंख पर हमला होता है, तो आंख नष्ट हो जाती है, यदि प्रसव के समय बच्चे की आंख में गोनोरिया का जहर दिखाई देता है, तो बच्चा अंधा हो जाता है।

अगर इलाज नहीं किया जाता है तो गोनोरिया गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूबों में फैल सकता है जिससे पेल्विक इन्‍फ्लैमरेटरी रोग होता है। ऐसी स्थिति जो बांझपन (infertility) सहित जटिलताओं का कारण बन सकती है।
अधिकांश पुरुष 1-3 दनों के भीतर लक्षण दिखने लगते हैं। अगर महिलाएं लक्षण विकसित करती हैं तो यह कुछ ज्‍यादा समय ले सकते हैं।

पुराने सुजाक रोग की आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार

*रीवांड का 3 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम ताजे पानी के साथ सेवन करने से भी पुरानी सुजाक रोग दूर हो सकता है।
*केले के तने से निकाले गए 250 ग्राम रस को चीनी के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
*2 पक्की हुई फिटकरी को छाछ के साथ लेने से सुजाक दूर होता है।
*सुजाक होने पर (जननेंद्रिय में घाव), 8-8 ग्राम पिसी हुई हल्दी को फंकी पानी के साथ रोजाना लेने से घाव में लाभ होता है।
*भुनी हुई फिटकरी और गेरू को बराबर मात्रा में लें और इसकी चीनी को दो बार मिलाएं और इसे रखें। इसके 7 टुकड़े गाय के दूध के साथ लेने से गोनोरिया मिट जाता है।
*1 रत्ती त्रिभुज भस्म और कबाब को मिश्री के मक्खन या मलाई में मिलाकर सेवन करने से सुजाक मिट जाता है। यदि वांछित है, तो आप चीनी भी जोड़ सकते हैं।
*3 माशा अजमोद को बकरी के दूध के साथ लेने से सूजाक रोग ठीक हो जाता है।
*गेंदे का पानी पीने से गोनोरिया ठीक हो जाता है।
गर्म दूध में गुड़ मिलाकर पीने से गोनोरिया मिट जाता है।
*सुजाक रोग (गोनोरिया) होने पर किन चीजों से दूर रहें?लाल मिर्च, मसाले, खट्टी चीजें, अचार, चटनी, मांस, अंडे, शराब, मक्खन, चाय, कॉफी, मैथुन, अधिक चलना, गुड़ और तिल और इनसे बनी सभी प्रकार की गर्म और तली हुई चीजें, मिठाई से दूर रहें
*यदि आप कई लोगों के साथ शारीरिक संबंध बना रहे हैं तो नियमित रूप से अपनी दिनचर्या की जांच करना महत्वपूर्ण है। सुजाक को रोकने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण तरीका है। इसलिए, हर 3 से 6 महीने की जांच करें।
आपको कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है जो कि आपको इन समस्याओं से बचा सकती है जैसेकिसी भी महिला या पुरुष को किसी गैर मर्द या महिला के साथ संभोग नहीं करना चाहिए
*आप को संभोग करते समय कंडोम का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए
आपको संभोग के दौरान किसी भी प्रकार के जौनांगो को चुमना नहीं चाहिए
*आपको अगर इस प्रकार की समस्या उत्पन्न हो जाती है तब तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाना चाहिए
*अगर आपके घर में कोई इस समस्या से परेशान है तब आपको उसके तोलिए, टॉयलेट की सीट, व बाथटब आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
*आपको कभी भी स्विमिंग पूल में स्नान नहीं करना चाहिए
*आपको डॉक्टरों से इस प्रकार की समस्या का इलाज व चेकअप करवाते समय डॉक्टरों के यंत्रों को अच्छे से सैनिटाइज करवाना चाहिए
*गर आपको इस प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न हो जाती है तब आप इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलू आयुर्वेदिक चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसेआपको अपने घाव के ऊपर सुपाडी का चूर्ण लगाना चाहिए यह आपके लिए बहुत फायदेमंद होता है
*आपको बड़ के पत्तों की भरम पान में डालकर खानी चाहिए यह भी बहुत फायदा करता है
*आपको सिरस की छाल को पानी में घोलकर रसौत के साथ मिलाकर अपने घाव के ऊपर लगाना चाहिए जिससे आपके घाव में जलन कम हो जाती है वह घाव के जल्दी ठीक होते हैं
*आपको गाय के घी में चमेली के ताजा पत्ते का रस और 2 , 2 तोला राल मिलाकर पीना चाहिए इससे घाव जल्दी मिट जाते हैं
*आपको चिरचिटा की धूनी लगानी चाहिए इससे भी आपके घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं
*आपको छोटी अरंडी के पत्तों का रस दिन में दो से तीन बार पीना चाहिए
*आप अपने घाव के ऊपर अनार की छाल के चूर्ण को लगाना चाहिए यह भी आपके लिए बहुत फायदेमंद होती है
*आपको इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए ताड़ के हरे पत्तों का रस पीना चाहिए इससे आपके घाव ठीक हो जाते हैं व सूजन कम हो जाती है
*सूजाक का उपचार कराने के लगभग एक सप्‍ताह तक किसी भी प्रकार से यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए, यहां तक की कंडोम का उपयोग के साथ भी नहीं। इसके उपचार के दौरान और निदान के एक सप्‍ताह बाद तक किसी भी साझेदार के साथ यौन संबंध नहीं रखना बेहतर होता है।

गोनोरिया से कैसे बचें

पुन: संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा तरीका अपने साथी को सूचित करना है, यह भी सुनिश्चित करना कि मौजूदा साथी का इलाज किया जा चूका है और भविष्य में सम्भोग के समय हमेसा कंडोम का उपयोग किया जाना चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं: