दिनों दिन बढ़ता वजन न सिर्फ आपको मोटापे का शिकार बना सकता है बल्कि यह आपके लिए कई गंभीर रोगों की वजह हो सकता है। ऐसे में आप चाहकर भी अपना वजन कम नहीं कर पा रहे हैं तो डाइट में फाइबर युक्त चीजों की मात्रा बढ़ा लेने से वजन घटाने में आपको बहुत मदद मिलेगी।
न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित शोध की मानें तो जिन लोगों ने दो सालों तक 1000 कैलोरी के भोजन में रोज आठ ग्राम फाइबर युक्त डाइट ली है, उनका वजन साढ़े चार पाउंड से कम हुआ है। यानी फाइबर युक्त डाइट के सेवन से वजन पर नियंत्रण आसान है क्योंकि यह फैट्स पचाने में मदद करता है।
को पचने में सहायता करता है, कब्ज से बचाता है और पेट साफ करने में मदद करता है।शरीर के अंदर दूषित पदार्थों को भोजन से दूर करता है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और दिल की बीमारी के खतरे को रोकता है।
रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है।
शरीर का भार नियंत्रित करने में सहायक होता है।
खाने की मात्रा बढ़ाता है और बिना कैलोरी बढ़ाए पेट भरता है।
अनेक बीमारियों से बचाता है
हम जानते हैं कि डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां भारत में तेजी से फैल रही हैं। अपना खान-पान ठीक कर हम इनसे काफी हद तक बचाव कर सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक हमारे देश में मधुमेह, हृदय रोग तथा कैंसर जैसी बीमारियां सही खान-पान न होने के कारण तेजी से पांव पसार रही हैं, जबकि इन बीमारियों से बचना मुश्किल काम नहीं है।
किन-किन पदार्थों में पाया जाता है |
फाइबर चोकर सहित गेहूं के आटे, हरी पत्तेदार सब्जियों, सेब, पपीता, अंगूर, खीरा, टमाटर, प्याज, छिलके वाली दालों, सलाद, शकरकंद, ईसबगोल की भूसी, दलिया, बेसन और सूजी जैसे खाद्य पदार्थो में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यदि हम इन्हें अपने भोजन का जरूरी हिस्सा बना लें तो शरीर में फाइबर की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।
एक मध्यम आकार के सेब में करीब चार ग्राम फाइबर होता है। इसके अलावा, इसमें विटामिन सी और पोटाशियम भी अच्छी मात्रा में होता है।
एक कप हरी बीन्स में चार ग्राम फाइबर मिलता है। इसके अलावा बीन्स में विटामिन सी अच्छी मात्रा में है जो आपकी त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।
चना-
काबुली चने के तीन चौथाई कप में आपको आठ ग्राम फाइबर मिलेगा। इसके अलावा, इसमें विटामिन बी6 और फोलेट अच्छी मात्रा में हैं जो शरीर में नई कोशिकाओं के बनने में मदद करते हैं और फर्टिलिटी भी बढ़ाते हैं।
कद्दू-एक कटोरी कद्दू की सब्जी में तीन ग्राम फाइबर होता है। इसके अलावा, इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, ई और पोटैशियम जैसे तत्व भी अच्छी मात्रा में है।
भोजन पौष्टिक हो यह तो जरूरी है ही, वह फाइबर से युक्त हो, यह भी बहुत जरूरी है। इससे हमारा पाचन तंत्र ठीक रहता है और शरीर भी ठीक तरह से काम करता है। फाइबर हम सभी के लिए जरूरी है। इसकी मात्रा उम्र पर निर्भर करती है। 50 साल तक की उम्र की महिलाओं के लिए रोजाना लगभग 25 ग्राम और इसी उम्र के पुरुषों के लिए 38 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है। 50 साल से अधिक आयु वर्ग की महिलाओं के लिए लगभग 21 ग्राम और पुरुषों के लिए 30 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। यह जरूरत उम्र और लिंग के अनुसार बदलती रहती है।
फाइबर के फायदे-
फाइबर खाद्य पदार्थों के छिलकों और उनके रेशों में पाया जाने वाला उपयोगी तत्व है। वास्तव में यह एक न हजम होने वाला खाने का हिस्सा होता है, लेकिन यह हमारे शरीर के लिए बेहद उपयोगी होता है। इसे रफेज के नाम से भी जाना जाता है। यह पाचन क्रिया को बढ़ाता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी विकसित करता है। फाइबर दो तरह के होते हैं, एक पानी में घुलनशील फाइबर और दूसरा पानी में न घुलने वाला। जो फाइबर पानी में घुल जाते हैं, वे हैं हरी सब्जियां, जड़वाली सब्जियां, मक्का, गेहूं आदि। इसी तरह सेब, संतरा, ओट्स, बीन्स तथा स्प्राउट्स पानी में न घुलने वाले फाइबर हैं।
फाइबर की कमी से होने वाली बीमारियां-
फाइबर की उचित मात्रा न मिल पाने से शरीर मोटापे का शिकार हो जाता है। मुंह में छाले हो जाना आम बात है। कब्ज, गैस, पेट से संबंधित अन्य बीमारियां जैसे अल्सर आदि से जूझना पड़ सकता है। इसके अलावा आंतों का कैंसर, बवासीर, दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं।
कमी की पूर्ति कैसे करें-
अपने नाश्ते में ओट्स, केला और दलिया शामिल करें। दिन में भूख लगने पर स्नैक्स की जगह फ्रूट्स के स्नैक्स को प्राथमिकता दें। इस तरह रात के खाने में छिलके वाली दालें, सलाद और फलों को चुनें। फल या सब्जी का जूस लेने के बजाए उसे साबूत ही खाएं तो ज्यादा अच्छा है।
इस पोस्ट में दी गयी जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और अच्छे लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है|
न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित शोध की मानें तो जिन लोगों ने दो सालों तक 1000 कैलोरी के भोजन में रोज आठ ग्राम फाइबर युक्त डाइट ली है, उनका वजन साढ़े चार पाउंड से कम हुआ है। यानी फाइबर युक्त डाइट के सेवन से वजन पर नियंत्रण आसान है क्योंकि यह फैट्स पचाने में मदद करता है।
को पचने में सहायता करता है, कब्ज से बचाता है और पेट साफ करने में मदद करता है।शरीर के अंदर दूषित पदार्थों को भोजन से दूर करता है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और दिल की बीमारी के खतरे को रोकता है।
रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है।
शरीर का भार नियंत्रित करने में सहायक होता है।
खाने की मात्रा बढ़ाता है और बिना कैलोरी बढ़ाए पेट भरता है।
अनेक बीमारियों से बचाता है
हम जानते हैं कि डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां भारत में तेजी से फैल रही हैं। अपना खान-पान ठीक कर हम इनसे काफी हद तक बचाव कर सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक हमारे देश में मधुमेह, हृदय रोग तथा कैंसर जैसी बीमारियां सही खान-पान न होने के कारण तेजी से पांव पसार रही हैं, जबकि इन बीमारियों से बचना मुश्किल काम नहीं है।
किन-किन पदार्थों में पाया जाता है |
फाइबर चोकर सहित गेहूं के आटे, हरी पत्तेदार सब्जियों, सेब, पपीता, अंगूर, खीरा, टमाटर, प्याज, छिलके वाली दालों, सलाद, शकरकंद, ईसबगोल की भूसी, दलिया, बेसन और सूजी जैसे खाद्य पदार्थो में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यदि हम इन्हें अपने भोजन का जरूरी हिस्सा बना लें तो शरीर में फाइबर की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।
एक मध्यम आकार के सेब में करीब चार ग्राम फाइबर होता है। इसके अलावा, इसमें विटामिन सी और पोटाशियम भी अच्छी मात्रा में होता है।
एक कप हरी बीन्स में चार ग्राम फाइबर मिलता है। इसके अलावा बीन्स में विटामिन सी अच्छी मात्रा में है जो आपकी त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।
चना-
काबुली चने के तीन चौथाई कप में आपको आठ ग्राम फाइबर मिलेगा। इसके अलावा, इसमें विटामिन बी6 और फोलेट अच्छी मात्रा में हैं जो शरीर में नई कोशिकाओं के बनने में मदद करते हैं और फर्टिलिटी भी बढ़ाते हैं।
कद्दू-एक कटोरी कद्दू की सब्जी में तीन ग्राम फाइबर होता है। इसके अलावा, इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, ई और पोटैशियम जैसे तत्व भी अच्छी मात्रा में है।
भोजन पौष्टिक हो यह तो जरूरी है ही, वह फाइबर से युक्त हो, यह भी बहुत जरूरी है। इससे हमारा पाचन तंत्र ठीक रहता है और शरीर भी ठीक तरह से काम करता है। फाइबर हम सभी के लिए जरूरी है। इसकी मात्रा उम्र पर निर्भर करती है। 50 साल तक की उम्र की महिलाओं के लिए रोजाना लगभग 25 ग्राम और इसी उम्र के पुरुषों के लिए 38 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है। 50 साल से अधिक आयु वर्ग की महिलाओं के लिए लगभग 21 ग्राम और पुरुषों के लिए 30 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। यह जरूरत उम्र और लिंग के अनुसार बदलती रहती है।
फाइबर के फायदे-
फाइबर खाद्य पदार्थों के छिलकों और उनके रेशों में पाया जाने वाला उपयोगी तत्व है। वास्तव में यह एक न हजम होने वाला खाने का हिस्सा होता है, लेकिन यह हमारे शरीर के लिए बेहद उपयोगी होता है। इसे रफेज के नाम से भी जाना जाता है। यह पाचन क्रिया को बढ़ाता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी विकसित करता है। फाइबर दो तरह के होते हैं, एक पानी में घुलनशील फाइबर और दूसरा पानी में न घुलने वाला। जो फाइबर पानी में घुल जाते हैं, वे हैं हरी सब्जियां, जड़वाली सब्जियां, मक्का, गेहूं आदि। इसी तरह सेब, संतरा, ओट्स, बीन्स तथा स्प्राउट्स पानी में न घुलने वाले फाइबर हैं।
फाइबर की कमी से होने वाली बीमारियां-
फाइबर की उचित मात्रा न मिल पाने से शरीर मोटापे का शिकार हो जाता है। मुंह में छाले हो जाना आम बात है। कब्ज, गैस, पेट से संबंधित अन्य बीमारियां जैसे अल्सर आदि से जूझना पड़ सकता है। इसके अलावा आंतों का कैंसर, बवासीर, दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं।
कमी की पूर्ति कैसे करें-
अपने नाश्ते में ओट्स, केला और दलिया शामिल करें। दिन में भूख लगने पर स्नैक्स की जगह फ्रूट्स के स्नैक्स को प्राथमिकता दें। इस तरह रात के खाने में छिलके वाली दालें, सलाद और फलों को चुनें। फल या सब्जी का जूस लेने के बजाए उसे साबूत ही खाएं तो ज्यादा अच्छा है।
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