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16.12.22

भूलने की बीमारी के उपचार:bhulne ki bimari ke upay

 



याददाश्त का कमजोर होना-


एनाकार्डियम 200, 1M- किसी बात का स्मरण न रहना, विद्यार्थी को पढ़ी हुई बातें याद न रहना या उसे भूल जाना याददाश्त की कमजोरी की सूचक है । रोगी को प्रत्येक बातें बीती घटनायें सी लगती हैं । भूली-भूली बातें याद-सी रहती हैं । अचानक भूलने की प्रवृत्ति होती है और उसे कुछ भी याद नहीं रहता है । रोगी को यह भी ख्याल होता है कि उसकी दो इच्छायें है जिसमें से एक इच्छा उसे कार्य करने के लिये उकसाती है तो दूसरी इच्छा उसे कार्य करने से रोकती है । रोगी सबको सन्देह की निगाहों से देखता है और उसे किसी पर विश्वास नहीं रहता । इतना ही नहीं, उसे स्वयं अपने आप पर भी विश्वास नहीं रहता । चलते जाता है, एकदम घबरा-सा जाता है। इसका रोगी परिहास की बातों में अत्यन्त गम्भीर हो जाता है और गम्भीर विषय में परिहास करने लगता है ।


पढ़ाई-लिखाई में मन न लगना-





आइरिस वसिंकॉलर 200, 1M- ऐसे विद्यार्थी या व्यक्ति जिनका मन पढ़ाई-लिखाई में नहीं लगता हो उन्हें इस दवा की एक-दो मात्रा देते ही उनका मन पढ़ाई-लिखाई में लगने लगता है। ऐसे व्यक्तियों को लक्षणानुसार हैमामेलिस भी दे सकते हैं ।

भूलने की प्रवृत्ति, विद्यार्थियों की स्मरण-शक्ति की दवा-


इथूजा 200 – ऐसे विद्यार्थी जिन्हें घर पर तो सब कुछ याद रहता है परन्तु परीक्षा-केन्द्र पर जाते ही वे सब भूल जाते हैं । ऐसे विद्यार्थियों को परीक्षा केन्द्र में जाने से पूर्व इसकी एक मात्रा ले लेनी चाहिये । यह परीक्षा के दिनों की थकावट और ध्यान केन्द्रित न कर सकने की स्थिति को एक उत्तम औषधि है ।

गलत शब्दों का उच्चारण करना व लिखना-

लाइकोपोडियम 200, 1M – ऐसे विद्यार्थी जो गलत शब्द का उच्चारण करते हों और लिखते हों उन्हें इस दवा की एक मात्रा देकर परिणाम की प्रतीक्षा करनी चाहिये ।

हकलाना या भूलना-


कैनाबिस इंडिका 200- ऐसे रोगी या बच्चे जो बोलते-बोलते यह भूल जाते हैं वे क्या बोल रहे थे, उन्हें इस दवा की एक मात्रा दे देनी चाहिये, बहुत लाभ होगा । इसी प्रकार, कुछ बच्चे हकलाने लगते हैं । वे इसलिये हकलाते हैं कि वे जो बोलना चाहते हैं वह उनके दिमाग में जल्दी से नहीं आ पाता और इसी वजह से उन्हें दिमाग पर अत्यधिक जोर लगाना पड़ता है और वे बोलते-बोलते अटक जाते हैं । ऐसी स्थिति में भी इस दवा की एक मात्रा देकर देखना चाहिये । कुछ बच्चों में यह दवा काम कर जाती है परन्तु कुछ बच्चों में नहीं करती, ऐसे बच्चों को स्ट्रामोनियम 200 देनी चाहिये तथा बीच-बीच में काली फॉस 12x देते रहनी चाहिये ।

मानसिक श्रम से थकान-

आर्जेण्टम नाइट्रिकम 200- ऐसे व्यक्ति या विद्यार्थी जो दिमाग से अधिक कार्य लेते हैं जैसे- क्लर्क, व्यापारी, अध्यापक, विद्यार्थी आदि- उनमें मानसिक उत्तेजना व तनाव बढ़ जाने की वजह से उनको मानसिक थकान होने लगती है । ऐसे व्यक्तियों को इस दवा की एक-दो मात्रा दे देने से उनकी यह परेशानी दूर हो जाती है और वे मानसिक शान्ति महसूस करते हैं ।

दिमाग से कार्य करने वालों के सिर में दर्द-

पिक्रिक एसिड 30, 200 – अध्यापक, विद्यार्थियों या अन्य व्यक्तियों को, जिन्हें दिमाग को एकाग्र करके ज्यादातर काम करना पड़ता है, उन्हें अकसर सिर-दर्द हो जाता है । ऐसे व्यक्तियों को यह दवा देनी चाहिये ।

अत्यधिक अध्ययन-प्रियता-


कैरिका पेपेया 200- ऐसे व्यक्ति जो बिना थके बहुत देर तक अध्ययन-कायों में लगे रहते हैं, ऐसे व्यक्तियों

का मन अध्ययन में लगा रहने से घर के कई काम-काजों में अनावश्यक व्यवधान उत्पन्न हो जाता है । ऐसे व्यक्तियों को यदि इस दवा की एक-दो मात्रा दी जायें तो उनकी यह प्रवृत्ति बदली जा सकती है। कुछ चिकित्सक इसकी 3x या 12x शक्ति के पक्षपाती हैं ।

लिखते-लिखते अक्षरों को छोड़ देना-


बेंजोइकम ऐसिड 30, 200- ऐसे विद्यार्थी जो लिखते-लिखते कुछ अक्षरों को छोड़ जाते हैं और शब्द पूरा नहीं लिख पाते, उन्हें इस दवा की कुछ मात्रायें देने से उनकी यह आदत ठीक हो जाती है ।

परीक्षा का भय-


आर्जेण्टम नाइट्रिकम 30- ऐसे छात्र या छात्रायें जिन्हें, जैसे-जैसे परीक्षा पास आने लगती हैं, डर-सा सताने लगता है, उन्हें इस दवा की कुछ मात्रायें दे देनी चाहिये । इससे उनका यह डर जाता रहेगा ।
बच्चों या बड़ों का वस्तुओं को गलत नामों से पुकारना-डायस्कोरिया विल्लोसा 30, 200- ऐसे बच्चे या बूढ़े व्यक्ति जो वस्तुओं को गलत नाम से पुकारते हैं उन्हें यह दवा देने से वे सही नाम से पुकारने लगते हैं ।

गलत लिखना-


कल्केरिया कार्ब 200, 1M- कई व्यक्ति गलत लिखते हैं (उदाहरणार्थ- वे राम की जगह श्याम लिखते हैं) और लिखते समय उन्हें अपनी गलती का अहसास तक भी नहीं होता है। ऐसे रोगी को इस दवा का रोगी समझना चाहिये 

विद्यार्थियों को परीक्षा के दिनों में अधिक नीद आना-


स्क्रॉफुलेरिया नोडोसा Q- ऐसे विद्यार्थियों को, जिन्हें परीक्षा के समय अधिक नींद आती हो और जागने की आवश्यकता हो तो उन्हें नींद भगाने हेतु दिन में दो-तीन बार इस दवा की 10-10 बूंद देनी चाहिये । इस दवा को 30 शक्ति में भी दिया जा सकता है । लेकिन इस दवा के अधिक प्रयोग से नोंद जैसी प्राकृतिक क्रिया में व्यर्थ ही व्यवधान पड़ता है अतः इस दवा का अधिक प्रयोग या बिना सोचे-विचारे प्रयोग नहीं करना चाहिये ।

दिमाग की जड़ता के लिये-


मैग्नीशिया फॉस 3x, 30-डॉ० क्लार्क का कथन है कि ऐसे विद्यार्थी या व्यक्ति जिनकी विचारने या सोचने-समझने की शक्ति कमजोर हो, जड़ता आ जाये तो ऐसे व्यक्तियों को यह दवा ले लेनी चाहिये, इससे उनकी जड़ता दूर हो जायेगी ।

भूलने की बीमारी के कुछ घरेलू नुस्खे नोट करलें-

• कई बार सुना और पढ़ा होगा कि ओमेगा 3 फेटी एसिड दिमाग के लिए बहुत जरूरी है। इसके लिए मछली से बेहतर से कोई ऑप्शन नहीं होता है। विशेषकर गर्भवती महिलाओं को इसे खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसको खाने से आने वाले बच्चे की दिमागी सेहत अच्छी रहती है। आपको बता दें कि सॉलमन और टूना मछली में ओमेगा की अच्छी मात्रा होती है।
• पालक की सब्जी या जूस पीने से भी आपकी मेमरी यानि कि याददाश्त को अच्छा रखा जा सकता है। इसमें मौजूद ल्यूटिन होता है जो आपके याद रखने की क्षमता को और बेहतर करता है।
• चुकंदर का जूस शरीर के अंदर खून के स्त्राव को बराबर करता है। यह आपके शरीर में आयरन तो बढ़ाता ही है साथ ही इसके इस्तेमाल से याददाश्त और दिमागी सेहत पर बेहतर असर होता है।
• चॉकलेट खाना पसंद है तो थोड़ी-थोड़ी चॉकलेट रोजाना खाएं, फायदा दिखाई देगा। इसके एंटीऑक्सीडेंट दिमाग को बेहतर करने का संकेत देता है। इसके लिए सबसे जरूरी होगा कि आप डार्क चॉकलेट रोज खाएं। लेकिन इसकी मात्रा को नियंत्रित रखें।
• चॉकलेट के अलावा सूखे मेवे जैसे काजू, बादाम और अखरोट याददाश्त को मजबूत करते हैं और दिमाग की कार्यप्रणाली को सुचारु रुप से चलाते हैं।
• सुबह सुबह अंडा खाना सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। अंडे वैसे भी जल्दी बन जाते हैं और सुबह के नाश्ते में भी कई लोग इसे खाना पंसद करते हैं। बहुत सारे पोषक तत्वों से भरा अंडा आपकी याददाश्त को भी बेहतर करेगा। अंडे में मौजूद कोलाइन दिमाग के लिए बहुत जरूरी होता है। अगर आपको आदत है चीजें जल्दी-जल्दी भूलने की, तो अपनी डाइट में अंडा जरूर शामिल करें और देखें इसके फायदे।
• याददाश्त को तेज़ बनाना है तो सूरजमुखी के बीज आपके बहुत काम आ सकते हैं। विटामिन ई से भरपूर सूरजमुखी के बीज के अलावा इसके तेल का प्रयोग अपने खाने में करे, फायदा होगा।
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