मूत्र रुकावट के लक्षण
पेशाब रुक-रुक कर आना प्राय: वृद्धावस्था की ही बीमारी है। इस रोग का प्रमुख कारण या तो मूत्र मार्ग में आया कोई अवरोध या मांसपेशियों पर शरीर के नियंत्रण में कमी होना होता है।
पेशाब रुकावट के घरेलू नुस्खे
खीराः
ताजे परंतु कच्चे खीरे को काटकर नमक में मसल लें व कुछ बूंद नीबूमिलाकर खाएं, दो घंटे तक पानी न पीएं पेशाब की सारी रुकावटें समाप्त हो जाएंगी।
शलगमः
पेशाब के रुक-रुककर आने पर शलगम व कच्ची मूली काटकर खानी चाहिए। इससे काफी लाभ होगा।
खरबूजाः
खरबूजा खाने से खुलकर पेशाब आता है। परंतु इसे खाने के बाद भी दो घंटे तक पानी न पीएं।
नारियलः नारियल के सेवन से मूत्र संबंधी रोगों में काफी फायदा होता |
बेलः
पांच ग्राम बेल के पत्ते, पांच ग्राम सफेद जीरा व पांच ग्राम सफेद मिश्री को मिलाकर पीस लीजिए। इस प्रकार तैयार चटनी को तीन-तीन घंटे के अंतराल के बाद खाएं। इससे खुलकर पेशाब आएगा।
आंवलाः
आंवले को पीसकर पेडू पर लेप कर दें। कुछ ही मिनटों में खुलकर पेशाब आ जाएगा।
इसके अतिरिक्त मूत्र नलिकाओं के अवरुद्ध हो जाने, मूत्राशय की पथरी बढ़ जाने व अन्य शारीरिक विकारों के कारण भी मूत्रावरोध की समस्या खड़ी हो जाती है। इसमें रोगी विचलित व बेचैन हो उठता है। उसके मूत्राशय व जननेंद्रियों में तीव्र पीड़ा होने लगती है।
उपचार
नीबूः
नीबू के बीजों को महीन पीसकर नाभि पर रखकर ठंडा पानी डालें। इससे रुका हुआ पेशाब खुल जाता है।
केलाः
केले के तने का चार चम्मच रस लेकर उसमें दो चम्मच घी मिलाकर पीएं। इससे बंद हुआ पेशाब तुरंत खुलकर आने लगता है। केले की जड़ के रस को गोमूत्र में मिलाकर सेवन करने से रुका हुआ पेशाब खुल जाता है। केले की लुगदी बनाकर उसका पेडू पर लेप करने से भी पेशाब खुल जाता है। यह काफी प्राचीन व मान्यता प्राप्त नुस्खा है।
नारियलः नारियल व जौ का पानी, गन्ने का रस व कुलथी का पानी मिलाकर पीने से पेशाब खुल जाता है।
पीलापन
शहतूतः
शहतूत के शरबत में थोड़ी शक्कर घोलिए और पी जाइए। इससे पेशाब का पीलापन दूर हो जाएगा।
संतराः
पेशाब में जलन होने पर नियमित एक गिलास संतरे का रस पीएं।
पेशाब रुकावट के घरेलू नुस्खे
खीराः
ताजे परंतु कच्चे खीरे को काटकर नमक में मसल लें व कुछ बूंद नीबूमिलाकर खाएं, दो घंटे तक पानी न पीएं पेशाब की सारी रुकावटें समाप्त हो जाएंगी।
शलगमः
पेशाब के रुक-रुककर आने पर शलगम व कच्ची मूली काटकर खानी चाहिए। इससे काफी लाभ होगा।
खरबूजाः
खरबूजा खाने से खुलकर पेशाब आता है। परंतु इसे खाने के बाद भी दो घंटे तक पानी न पीएं।
नारियलः नारियल के सेवन से मूत्र संबंधी रोगों में काफी फायदा होता |
बेलः
पांच ग्राम बेल के पत्ते, पांच ग्राम सफेद जीरा व पांच ग्राम सफेद मिश्री को मिलाकर पीस लीजिए। इस प्रकार तैयार चटनी को तीन-तीन घंटे के अंतराल के बाद खाएं। इससे खुलकर पेशाब आएगा।
आंवलाः
आंवले को पीसकर पेडू पर लेप कर दें। कुछ ही मिनटों में खुलकर पेशाब आ जाएगा।
इसके अतिरिक्त मूत्र नलिकाओं के अवरुद्ध हो जाने, मूत्राशय की पथरी बढ़ जाने व अन्य शारीरिक विकारों के कारण भी मूत्रावरोध की समस्या खड़ी हो जाती है। इसमें रोगी विचलित व बेचैन हो उठता है। उसके मूत्राशय व जननेंद्रियों में तीव्र पीड़ा होने लगती है।
उपचार
नीबूः
नीबू के बीजों को महीन पीसकर नाभि पर रखकर ठंडा पानी डालें। इससे रुका हुआ पेशाब खुल जाता है।
केलाः
केले के तने का चार चम्मच रस लेकर उसमें दो चम्मच घी मिलाकर पीएं। इससे बंद हुआ पेशाब तुरंत खुलकर आने लगता है। केले की जड़ के रस को गोमूत्र में मिलाकर सेवन करने से रुका हुआ पेशाब खुल जाता है। केले की लुगदी बनाकर उसका पेडू पर लेप करने से भी पेशाब खुल जाता है। यह काफी प्राचीन व मान्यता प्राप्त नुस्खा है।
नारियलः नारियल व जौ का पानी, गन्ने का रस व कुलथी का पानी मिलाकर पीने से पेशाब खुल जाता है।
पीलापन
शहतूतः
शहतूत के शरबत में थोड़ी शक्कर घोलिए और पी जाइए। इससे पेशाब का पीलापन दूर हो जाएगा।
संतराः
पेशाब में जलन होने पर नियमित एक गिलास संतरे का रस पीएं।
अरंडीः
अरंडी का तेल 25 से 50 ग्राम तक गरम पानी में मिलाकर पीने से भी 15-20 मिनट में ही रुका हुआ पेशाब खुल जाता है।
तरबूजः
तरबूज के भीतर का पानी 250 ग्राम, 1 माशा जीरा व 6 माशा मिश्री को मिलाकर पीने से मूत्र का रुकना ठीक हो जाता है व रोगी को बहुत आराम मिलता है।
नीबूः
नीबू की शिकंजी पीने से पेशाब का पीलापन दूर हो जाता है।
विशिष्ट परामर्श-
प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने मे हर्बल औषधि सर्वाधिक कारगर साबित हुई हैं| यहाँ तक कि लंबे समय से केथेटर नली लगी हुई मरीज को भी केथेटर मुक्त होकर स्वाभाविक तौर पर खुलकर पेशाब आने लगता है| प्रोस्टेट ग्रंथि के अन्य विकारों (मूत्र जलन , बूंद बूंद पेशाब टपकना, रात को बार -बार पेशाब आना,पेशाब दो फाड़) मे रामबाण औषधि है| केंसर की नोबत नहीं आती| आपरेशन से बचाने वाली औषधि हेतु वैध्य श्री दामोदर से 98267-95656 पर संपर्क कर सकते हैं|