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7.8.23

बड़ी आंत Badi Aant के रोगों के उपचार,









आंत (Intestine) हमारे शरीर का एक काफी महत्वपूर्ण अंग है, आंत का सीधा संबंध हमारे पाचन तंत्र से होता है। क्योंकि आंत का काम पौष्टिक चीजों को पचाने का होता है। साथ ही शरीर में मौजूद खराब पदार्थ को शरीर से बाहर निकालने का काम भी आंत करती हैं। हमारे शरीर में दो आंत होती है, एक छोटी और दूसरी बड़ी आंत, और दोनों ही पाचन क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए आंतों को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी होता है। लेकिन आजकल की अनियमित जीवनशैली और गलत खान-पान की वजह से ज्यादातर लोगों के आंत में इन्फेक्शन की शिकायत हो जा रही है। आंत में इन्फेक्शन की शिकायत होने पर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, क्योंकि इससे कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।


आंत तन्त्र के महत्वपूर्ण कार्य 

खाद्य पदार्थो का भण्डारण करना
पाचन तन्त्र के विभिन्न अंगो द्वारा उत्पन्न पाचन रसों को भोजन में मिश्रत करके उन्हें विखण्डित करने के बाद पाचन योग्य बनाना।
मुंह के भीतर चबाने जाने के बाद इस मित्रत भोजन को ग्रासनली, आमाश्य, ग्रहणी, छोटी आंत, बड़ी आंत से होते हुए गुदा द्वार तक ले जाया जाता है।
विशेषकर छोटी आंत एवं दुसरे अंगो से रक्त में पोषक तत्वों का अवशेषण करवाता है।
आंत को शरीर का दूसरा मस्तिष्क भी कहा जाता है। क्योंकि यह अंग शरीर के बाकी अंगों की तरह दिमाग के निर्देशों पर निर्भर नहीं होता है, न ही यह किसी के कार्यप्रणाली से प्रभावित होता है। इसका संचालन आंतरिक तंत्रिका तंत्र द्वारा होता है, जो पाचन क्रिया के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होता है
आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आंत का सेहतमंद होना बहुत जरूरी है, क्योंकि इम्यूनिटी सिस्टम के 70 प्रतिशत कोशिका इसमें मौजूद होते हैं। इसलिए कमजोर आंत वाले लोग आसानी से फ्लू का शिकार हो जाते हैं। इसके साथ ही आंत आपके वजन को बनाने और बिगाड़ने का काम भी करते हैं। आंत में गड़बड़ी का कारण इसमें अच्छे बैक्टीरिया की कमी और खराब बैक्टीरिया की अधिकता होती है।

आंत में इन्फेक्शन के लक्षण

- पेट में दर्द बने रहना

- पेट में ऐंठन होना

- कमजोरी महसूस होना

- उल्टी की शिकायत होना

- वजन अचानक से कम होना

- भूख में कमी

- बुखार

- मांसपेशियों में दर्द होना

- सिर दर्द होना

आंत में इन्फेक्शन के कारण

- गलत खान-पान का सेवन

- दूषित पानी का सेवन

- गंदे बर्तन में खाना खा लेना

- फ्रिज में रखा भोजन करना

- अधपके मांस का सेवन करना 

 कई बार अचानक से किसी स्वस्थ आदमी की शरीर में ऐसी बड़ी बीमारी उत्पन्न हो जाती है जिससे रोगी को परेशानी तो होती ही है इसके साथ ही उसको कई बार उस बीमारी से मौत का भी डर सताने लगता है और ज्यादातर बीमारियों में हमारे शरीर में तेज दर्द की समस्याएं उत्पन्न होती है तो ऐसी एक समस्या बड़ी आंत में सूजन होना भी है.यह एक बहुत ही खतरनाक और बड़ी बीमारी है अगर किसी इंसान को यह समस्या हो जाती है तब इससे रोगी को दर्द के साथ-साथ कई अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है
 बड़ी आंत में सूजन होना एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है इससे रोगी को कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती है जब किसी इंसान की बड़ी आंत में सूजन आ जाती है तब इससे रोगी की मौत भी हो सकती है जब रोगी की आंत बड़ी आंत में सूजन होती है तब आंत के अंदरूनी भाग में सूजन होती है शुरुआत में यह सूजन रोगी के मलद्वार से शुरू होती है फिर धीरे-धीरे यह समस्या रोगी की पूरी बड़ी आंत तक फैल जाती है हालांकि यह समस्या छोटी आंत में नहीं जाती लेकिन बीमारी जब बीमारी पूरी तरह से बड़ी आंत में फ़ैल जाती है तब इसके कारण छोटी छोटी आंत भी चपेट में आ जाती है जिससे रोगी के मल के साथ खून आने लगता है और बहुत तेज दर्द भी होता है इस बीमारी को अंग्रेजी में अल्सरेटिव कोलाइटिस कहा जाता है यह समस्या किसी भी महिला या पुरुष में उत्पन्न हो सकती है लेकिन ज्यादातर मामले 20 से 30 वर्ष की आयु में ही देखे जाते हैं
अगर बड़ी आंत में सूजन आने के कारण कारणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या के उत्पन्न होने के पीछे कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं जैसे रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना रोगी का दूषित पानी पीना, दूषित भोजन करना, दूषित हवा में सांस लेना व दूषित क्षेत्र में रहना इसके अलावा रोगी को किसी प्रकार का संक्रमण होना, ज्यादा मानसिक, तनाव, चिंता, गुस्सा, चिड़चिड़ापन रखना रोगी की आंत पर चोट लगना रोगी का अधिक नशीली चीजों का सेवन करना जैसे शराब, तंबाकू, बीड़ी, कोकीन, अफीम, गांजा आदि रोगी का लगातार किसी खतरनाक दवाई का सेवन करना, रोगी का ज्यादा मिर्च मसालेदार व तले हुए भोजन का सेवन करना, रोगी की आंत कमजोर होना, रोगी का ज्यादा कठोर परिश्रम करना आदि समस्या के कुछ आम कारण होते हैं
रोगी में खून की कमी होना, रोगी को खूनी दस्त लगना, रोगी को मल त्याग के समय तेज दर्द होना, रोगी को उठते बैठते समय दर्द होना, रोगी की बार बार सांस फूलना, रोगी को लगातार पेट दर्द रहना, रोगी को बुखार होना, रोगी को कम भूख प्यास लगना, व रोगी का लगातार वजन कम होना, रोगी में थकान, कमजोरी, साफ, दिखाई देना, रोगी में आलस हो जाना, रोगी के जोड़ों में दर्द होना, रोगी की आंखें सूजना, रोगी की त्वचा के ऊपर घाव होना व रोगी में खून की कमी होने से पीलिया रोग उत्पन्न होना, रोगी को भोजन करते ही उल्टी आना वह बेचैनी की शिकायत होना
वैसे तो यह समस्या किसी भी आयु के महिला या पुरुष में उत्पन्न हो सकते हैं लेकिन अगर आप की आयु 20 से 30 वर्ष के बीच है तब आपको इस समस्या से सबसे ज्यादा बचकर रहने की जरूरत होती है इसके लिए आपको कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है जो कि आप को इस समस्या से बचाने में सहायक होती है जैसे -

*ज्यादा मिर्च मसालेदार व तली हुई भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
*गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए
*गंदगी वाले क्षेत्र में रहने से बचना चाहिए
*लगातार किसी एक प्रकार की खतरनाक दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए
*बीड़ी सिगरेट तंबाकूअसीम ऐसी नशीली वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए
*अपने पेट पर चोट लगते ही तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाना चाहिए
*इस समस्या के लक्षणों को पहचान कर भी अनदेखा नहीं करना चाहिए
*अपने शरीर में कब्ज की समस्या उत्पन्न नहीं होने देनी चाहिए
*अपने आंत में सूजन होते ही तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाना चाहिए
* दूषित पानी में दूषित भोजन का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए


आंत के इन्फेक्शन को दूर करने का घरेलू इलाज

- आंत में इन्फेक्शन की शिकायत होने पर तेल मसालों वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। 

खिचड़ी -

आंत में इन्फेक्शन की समस्या होने पर खिचड़ी का सेवन करना चाहिए। क्योंकि खिचड़ी काफी हल्का भोजन होता है और यह आसानी से पच जाता है।

धनिया -

पुराने समय से पाचन में सुधार के लिए धनिया का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके सेवन से बाइल एसिड बनता है, जो डाइजेशन के लिए जरूरी होता है।
इसके साथ ही इसमें कार्मिनेटिव गुण होता है, जो गैस की समस्या को दूर करने में मदद करता है। आंतों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए धनिया का रोजाना सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है।

दालचीनी -

दालचीनी में प्रीबायोटिक गुण होते हैं, जो आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाकर पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं।
इसके अलावा दालचीनी में एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-इफेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी डायबिटिक गुण भी होते हैं। ऐसे में डायबिटीज मरीजों को ब्लड शुगर कंट्रोल करने लिए इसका नियमित सेवन करना चाहिए।

नारियल पानी-

- आंत में इन्फेक्शन की शिकायत होने पर नारियल पानी (Coconut Water) का सेवन करना चाहिए। क्योंकि नारिलय पानी पोषक तत्वों से भरपूर होता है, इसलिए इसका सेवन करने से इन्फेक्शन की शिकायत दूर होती है।

-लौंग -

आंत में इन्फेक्शन की शिकायत होने पर  लौंग  Cloves का सेवन करना चाहिए। क्योंकि लौंग में ऐंटी-माइक्रोबियल गुण पाये जाते हैं, जो इन्फेक्शन को दूर करने में मददगार साबित होते हैं। इसके लिए रोजाना सुबह खाली पेट लौंग चबाना चाहिए।

हल्दी -

आंत में इन्फेक्शन की शिकायत होने पर हल्दी (Turmeric) का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि हल्दी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो इन्फेक्शन की शिकायत को दूर करने में मददगार साबित होते हैं।

फाइबर युक्त फूड्स -

आंत में इन्फेक्शन की शिकायत होने पर फाइबर (Fiber) युक्त फलों और हरी सब्जियों के जूस का सेवन करना चाहिए। क्योंकि फाइबर युक्त चीजों का सेवन करने से आंत साफ और स्वस्थ होता है। साथ ही इन्फेक्शन की शिकायत भी दूर होती है।

नाश्ते में दलिया-

- आंत में इन्फेक्शन की शिकायत होने पर सुबह के नाश्ते में दलिया (Daliya) का सेवन करना चाहिए। क्योंकि दलिया एक पौष्टिक नाश्ता माना जाता है। साथ ही दलिया के सेवन से पेट और आंत भी स्वस्थ रहता है। क्योंकि दलिया में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है।
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