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6.4.24

गर्मियों में cold drinks पीने से हो सकते हैं सेहत को खतरनाक नुकसान


 



गर्मियां शुरू होते ही कार्बोनेटेड ड्रिंक (Carbonated drinks) यानी कि सॉफ्ट ड्रिंक (soft drinks) की डिमांड भी तेजी से बढ़ना शुरू हो जाती है। अलग-अलग फ्लेवर में विभिन्न प्रकार के सॉफ्ट ड्रिंक्स बाजार में उपलब्ध हैं। यह लोगों को काफी ज्यादा पसंद होता है। गर्मियों में लोग इसे अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बना लेते हैं और दिन में एक बार जरूर पीते हैं। बर्थडे पार्टी हो या ऑफिस पार्टी कार्बोनेटेड ड्रिंक्स न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। लोग जितना इसे पसंद करते हैं, उतना ही यह उनकी सेहत के लिए हानिकारक होता है। खासकर इसका सेवन पेट के लिए अधिक नुकसानदेह होता है (side effects of carbonated drinks)। ऐसे में इस गर्मी खुद को स्वस्थ रखने के लिए कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से जितना हो सके उतना परहेज रखने की कोशिश करें।

कोल्ड ड्रिंक्स के नुकसान

दिल के मरीजों को

अगर आपको कभी हार्ट अटैक आया हो या फिर दिल से जुड़ी कोई भी बीमारी की दवा चल रही हो तो आपको कोल्ड ड्रिंक के सेवन से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि कोल्ड ड्रिंक कोलेस्ट्रोल बढ़ाने का काम करता है और ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है। साथ ही ये बीपी बढ़ाने का भी काम करता है इसलिए दिल के मरीजों को इसके सेवन से बचना चाहिए।

बच्चों को

बच्चों में आज कल मोटापा और डायबिटीज बेहद आम हो गया है। इसके पीछे एक बड़ा कारण है सॉफ्ट ड्रिंक्स और ऑयली फूड्स। ऐसे में बच्चों को कोल्ड ड्रिंक पीने को देना उनमें प्रीडायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है और मोटापा बढ़ने का कारण बन सकता है।

गैस्ट्रोइंटाइटिस के रोगियों को

डॉ. अमिताभ बताते हैं कि लोगों को लगता है कि कोल्ड डिंक्स एसिडिटी को कम करता है, जबकि ऐसा नहीं है उल्टा ये एसिडिटी को बढ़ा सकता है। पेट के पीएच को नुकसान पहुंचा सकता है और एसिडिक पीएच को बढ़ाता है। इसके अलावा आप जिन लोगों को लगातार पेट में दर्द, अल्स और अन्य प्रकार की पेट की समस्याएं होती हैं उन्हें कोल्ड डिंक्स या सॉफ्ट ड्रिंक पीने से बचना चाहिए। क्योंकि कोल्ड ड्रिंक पेट में सूजन बढ़ाता है और ब्लॉटिंग की समस्या पैदा करता है।

हाई बीपी के मरीजों को

जिन लोगों की हाई बीपी की शिकायत है उन्हें कोल्ड ड्रिंक के सेवन से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में हाई सोडियम होता है जो कि ब्लड प्रेशर बढ़ाने का काम करता है। इसके अलावा ये शरीर में प्यास कम करके पानी की कमीको बढ़ावा देता है, जिससे ब्लड वेसेल्स को नुकसान होता है और आपका ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। ऐसे में हाई बीपी के मरीजों को कोल्ड ड्रिंक के सेवन से बचना चाहिए।

डायबिटीज और अन्य मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है

कार्बोनेटेड ड्रिंक में रिफाइंड शुगर की मात्रा पाई जाती है। वहीं इसमें किसी प्रकार का पोषक तत्व मौजूद नहीं होता। ऐसे में एम्प्टी कैलरी कार्बोनेटेड ड्रिंक्स के सेवन से शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर तेजी से बढ़ता है। जिसके कारण आपको बार बार भूख लगती है और साथ ही थकान महसूस होता है। इसके नियमित सेवन से टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम बढ़ जाता है।
किडनी की सेहत पर पड़ता है असर


अधिक मात्रा में सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन किडनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। यह बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद करता है। ऐसे में इसके प्रभावित होने से शरीर में अन्य प्रकार की समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। न्यूट्रीशनिस्ट के अनुसार किडनी आपके शरीर से एसिडिक ड्रिंक्स जैसे कि कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और सॉफ्ट ड्रिंक इत्यादि को फ्लश करता है। ऐसे में इन एसिडिक ड्रिंक्स की अधिकता किडनी स्टोन का कारण बन सकती है।

एसिडिटी और हार्टबर्न का कारण बन सकता है

कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन ब्लीचिंग का कारण बनता है। ऐसी स्थिति में खाने और पेट का एसिड फूड पाइप में वापस आ जाता है जिसकी वजह से हार्टबर्न और खट्टे डकार आने जैसी समस्याएं होती हैं। वहीं एसिड और सोडा पेट की लाइनिंग को इरिटेट कर देता है और एसिड रिफ्लक्स को बढ़ावा देता है।

दांतों को नुकसान पहुंचाता है

न्यूट्रीशनिस्ट के अनुसार कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का नियमित सेवन दांतो की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। कैल्शियम और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का इंटरेक्शन बिल्कुल भी उचित नहीं है। इसके साथ ही सॉफ्ट ड्रिंक्स में मौजूद एसिड की मात्रा इनेमल को कमजोर कर देती है और ऐसे में दांतों में सड़न आना शुरू हो जाता है।

नींद को प्रभावित करता है

सॉफ्ट ड्रिंक्स में मौजूद कैफीन काफी ज्यादा एडिक्टिव होती है। इसके साथ ही यह एड्रेनालाईन के उत्पादन को बढ़ा देती है। नियमित रूप से सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन आपकी नींद की गुणवत्ता को पूरी तरह से खराब कर देती है। इसकी वजह से शरीर में कई तरह की समस्याएं देखने को मिलती है। साथ ही ये डाइजेशन के लिए भी बिल्कुल उचित नहीं होता।

डिहाइड्रेशन का कारण बनता है

आमतौर पर गर्मी में कार्बोनेटेड ड्रिंक को लोग प्यास बुझाने के लिए पीते हैं। परंतु असल में इसका सेवन आपके शरीर को डिहाइड्रेटेड कर देता है। इसके सेवन से बार-बार बाथरूम जाने की आवश्यकता पड़ती है। वहीं पेशाब की अधिकता आपके लिए उचित नहीं है क्योंकि ये आपके शरीर से पानी को पूरी तरह बाहर निकाल देती है।
प्रीमेच्योर एजिंग का कारण बन सकता है
न्यूट्रीशनिस्ट के अनुसार इन ड्रिंक्स को बनाने में इस्तेमाल होने वाले फास्फेट और अन्य प्रोसेस फूड्स जैसे कि रिफाइंड शुगर एजिंग प्रोसेस को बढ़ावा देने का काम करते हैं। यह केवल रिंकल्स ही नहीं बल्कि त्वचा से जुड़ी अन्य समस्याओं के लिए भी जिम्मेदार होता है। इसके साथ ही इसके अधिक सेवन से किडनी और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।