मधुमेह एक खतरनाक बीमारी है। जिसे अगर सही वक़्त पर रोका ना जाये तो इसका परिणाम जानलेवा भी हो सकते है। आज भारत में 4.5 करोड़ व्यक्ति डायबिटीज (मधुमेह) का शिकार हैं। इसका मुख्य कारण है असंयमित खानपान, मानसिक तनाव, मोटापा, व्यायाम की कमी। इसी कारण यह रोग हमारे देश में बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। यह बीमारी में हमारे शरीर में अग्नाशय द्वारा इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाने के कारण होती है। रक्त ग्लूकोज स्तर बढ़ जाता है, साथ ही इन मरीजों में रक्त कोलेस्ट्रॉल, वसा के अवयव भी असामान्य हो जाते हैं। धमनियों में बदलाव होते हैं। इन मरीजों में आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क, हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता है।
दिव्य औषधि कस्तुरी के अनुपम प्रयोग
डायबिटीज के मुख्य कारण:
*खान-पान पर ध्यान न देने की वजह से।
* यह रोग बैठकर काम करने वाले लोगों को भी हो सकता है।
* मिठाईयों का अधिक मात्रा में सेवन करना।
*अधिक मात्रा में नशीले पदार्थों का सेवन करने से।
*अनुवांशिक प्रभाव से भी यह रोग हो सकता है।
*चिंता और मानसिक रोग से भी मधुमेह हो सकता है।डायबिटीज के लक्षण:
* इस रोग में रोगी को भूख-प्यास ज्यादा लगती रहती है।
* आंखों से धुंधला दिखना।
* इस रोग के रोगी के घाव आसानी से नहीं भरते।
* शरीर में सूजन आना।
* थोड़ीसी मेहनत करने में शरीर का थक जाना।
* बार-बार मूत्र जाने की शिकायत होना।
* ब्लडप्रेशर का बढ़ना।
* शरीर की त्वचा का रूखा होना और फिर खुजलाहट का बढ़ना, स्त्रियों में योनि में खुजलाहट होना और पुरूषों में लिंग में खुजलाहट का होना।
हाइड्रोसील(अंडकोष वृद्धि) के घरेलू और होम्योपैथिक उपचार
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डायबिटीज के मुख्य कारण:
*खान-पान पर ध्यान न देने की वजह से।
* यह रोग बैठकर काम करने वाले लोगों को भी हो सकता है।
* मिठाईयों का अधिक मात्रा में सेवन करना।
*अधिक मात्रा में नशीले पदार्थों का सेवन करने से।
*अनुवांशिक प्रभाव से भी यह रोग हो सकता है।
*चिंता और मानसिक रोग से भी मधुमेह हो सकता है।डायबिटीज के लक्षण:
* इस रोग में रोगी को भूख-प्यास ज्यादा लगती रहती है।
* आंखों से धुंधला दिखना।
* इस रोग के रोगी के घाव आसानी से नहीं भरते।
* शरीर में सूजन आना।
* थोड़ीसी मेहनत करने में शरीर का थक जाना।
* बार-बार मूत्र जाने की शिकायत होना।
* ब्लडप्रेशर का बढ़ना।
* शरीर की त्वचा का रूखा होना और फिर खुजलाहट का बढ़ना, स्त्रियों में योनि में खुजलाहट होना और पुरूषों में लिंग में खुजलाहट का होना।
हाइड्रोसील(अंडकोष वृद्धि) के घरेलू और होम्योपैथिक उपचार
* स्टीविया बहुत मीठा होता है लेकिन शुगर फ्री होता है। स्टीविया खाने से पैंक्रियाज से इंसुलिन आसानी से मुक्त होता है।
*डायबिटीज के मरीजों को शतावर का रस और दूध का सेवन करना चाहिए। शतावर का रस और दूध को एक समान मात्रा में लेकर रात में सोने से पहले मधुमेह के रोगियों को सेवन करना चाहिए। इससे मधुमेह नियंत्रण में रहता है।
*नीम का रस-
मधुमेह मरीजो को नियमित रूप से दो चम्मच नीम का रस और चार चम्मच केले के पत्ते के रस को मिलाकर पीना चाहिए।
*चार चम्मच आंवले का रस, गुड़मार की पत्ती मिलाकर काढ़ बनाकर पीने मधुमेह नियंत्रण में रहता है।
*गेहूं के पौधों में रोगनाशक गुण होते हैं। गेहूं के छोटे-छोटे पौधों से रस निकालकर सेवन करने से मुधमेह नियंत्रण में रहता है।
*मधुमेह के रोगियों को खाने को अच्छे से चबाकर खाना चाहिए। अच्छे से चबाकर खाने से भी मधुमेह को नियंत्रण में किया जा सकता है।
*10 मिग्रा आंवले के जूस को 2 ग्राम हल्दी के पाउडर में मिला लीजिए। इस घोल को दिन में दो बार लीजिए। इसको लेने से खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है।
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*करेला
औसत आकार का एक टमाटर, एक खीरा और एक करेला को लीजिए। इन तीनों को मिलाकर जूस निकाल लीजिए। इस जूस को हर रोज सुबह-सुबह खाली पेट लीजिए। इससे डायबिटीज में फायदा होता है।
* सौंफ
डायबिटीज के मरीजों के लिए सौंफ बहुत फायदेमंद होता है। सौंफ खाने से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है। हर रोज खाने के बाद सौंफ खाना चाहिए।
* जामुन
मधुमेह के रोगियों को जामुन खाना चाहिए। काले जामुन डायबिटीज के मरीजों के लिए अचूक औषधि मानी जाती है। जामुन को काले नमक के साथ खाने से खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती
दालचीनी-
- दालचीनी के नाम से भी जाना जाने वाला यह पदार्थ इन्सुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाता है तथा रक्त में ग्लूकोज़ के स्तर को कम करता है। प्रतिदिन आधा टी स्पून दालचीनी का सेवन करने से इन्सुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है तथा वज़न नियंत्रित होता है, जिससे हृदय रोग की संभावना कम होती है।
ब्लड शुगर के स्तर को कम रखने के लिए एक महीने तक अपने प्रतिदिन के आहार में 1 ग्राम दालचीनी शामिल करें
- सहवास अवधि बढ़ाने के नुस्खे
*.हृदय स्वास्थ्य मधुमेह की शुरुवात के साथ सबसे पहले हृदय पर बुरा प्रभाव पढ़ता है। इसलिए डायबिटीज को चेक करने साथ साथ अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नजर रखने की जरूरत है।
*ग्रीन टी-
धूम्रपान ना करे
लम्बे समय तक धूम्रपान करने से हृदय रोग और हार्मोन प्रभावित होने शुरू हो जाते है। धूम्रपान की आदत छोड़ देने से आपका स्वास्थ्य तो अच्छा रहेगा ही साथ ही डायबिटीज भी कंट्रोल रहेगी।
ताज़ी सब्जियां खाए -
ताज़ा सब्जियों में आयरन, जिंक, पोटेशियम, कैल्शियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते है। जो हमारे शरीर को पोषक तत्व प्रदान करते है। जिसे हमारा हृदय और नर्वस सिस्टम भी स्वस्थ रहता है। इससे आपका शरीर आवश्यक इंसुलिन बनाता है।
रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट ना खाए -
यदि आप अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित करना चाहते हैं तो, सफेद चावल, पास्ता, पॉपकॉर्न,राइस पफ और वाइट फ्लौर से बचें। मधुमेह के दौरान शरीर कार्बोहाइड्रेट्स को पचा नहीं पता है। जिस की वजह से शुगर आपके शरीर में तेज़ी से जमा होने लगती है।
एक्सरसाइज -
उचित व्यायाम अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। अध्ययन बताते है की रोज़ एक्सरसाइज करने से हमारा मटैबलिज़म भी अच्छा रहता है जो की डायबिटीज के रिस्क को भी कम करता है।
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अलसी के बीज
अलसी में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिसके कारण यह फैट और शुगर का उचित अवशोषण करने में सहायक होता है। अलसी के बीज डाइबिटीज़ के मरीज़ की भोजन के बाद की शुगर को लगभग 28 प्रतिशत तक कम कर देते हैं।
फाइबर -
फाइबर युक्त आहार ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। अवशोषित फाइबर ब्लड में शुगर की अधिक मात्रा को अब्ज़ोर्ब कर लेता है और इन्सुलिन को नार्मल करके मधुमेह को नियंत्रित करता है।
लाल मांस से बचें -
लाल मांस में फोलिफेनोल्स पाया जाता है जो की ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा देता है। लाल मांस में जटिल प्रोटीन पाया जाता है, जो बहुत धीरे से पचता है इसलिए लाल मांस मेताबोलिसिम को धीमा करता है जिसकी वजह से इंसुलिन के बहाव पर असर पढ़ता है।
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सौंफ -
डायबिटीज के मरीजों के लिए सौंफ बहुत फायदेमंद होता है। सौंफ खाने से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है। हर रोज खाने के बाद सौंफ खाना चाहिए।
मधुमेह के रोगियों को जामुन खाना चाहिए। काले जामुन डायबिटीज के मरीजों के लिए अचूक औषधि मानी जाती है। जामुन को काले नमक के साथ खाने से खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है|
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