10.4.22

दिमागी तनाव और भय दूर करने का मंत्र:Mantra to remove mental stress and fear

 



प्रति‍दिन की भगदौड़ भरी दिनचर्या में काम और घर परिवार से जुड़ी कई बाते आपको मानसिक रूप से थका देती है और तनाव का कारण बनती हैं। अगर आप मानसिक तनाव के शि‍कार हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो यह मंत्र करेगा आपकी मदद। जानिए कौन सा है यह मंत्र -

किसी प्रकार का अज्ञात
भय या असुरक्षा की भावना होने पर भी आप इंस मंत्र का जाप कर सकते हैं। इसके अलावा 11 बुधवार तक लगातार 1 नारियल नीले वस्त्र में लपेटकर किसी भि‍खारी को दान करने से भी आपको भय से छुटकारा मिलेगा।
यदि आप अत्यधि‍क तनाव या मानस‍िक भार का अनुभव करते हैं तो नित्य मानसिक रूप से निम्न मंत्र का जाप अवश्य करें। जानिए मंत्र -
मंत्र :
ॐ अतिक्रकर महाकाय, कल्पान्त दहनोपम
भैरवाय नमस्तुभ्यमनुज्ञां दातुमहसि!!

तनाव दूर करने के अन्य उपाय -



आप चाहे कितना भी जरुरी काम कर रहे हो काम के बीच हर घंटे के बाद 5 मिनट का ब्रेक जरूर ले अगर आप काम के बीच में थोड़ा आराम करेंगे तो आपका ध्यान इधर उधर नहीं जायेगा।इस उपरोक्त उपाय से एक ओर जहां आपको मानसिक तनाव/ भय/ दबाव इत्यादि से मुक्ति मिलेगी वहीं परिवार में अगर कोई नकारात्मक‍ विचारधारा का है तो उसके विचारों में भी परिवर्तन आना आरंभ होगा।
जिनके जीवन में अधिक तनाव रहता हो उन्हें दिन में कुछ समय अकेले बिताने का प्रयास करना चाहिए। कुछ लोग अकेले सैर करना पसंद करते हैं। कुछ लोगों को अकेले पुस्तक पढ़ने से शांति मिलती है। कई बार अँधेरे कमरे में लेटना ही मन को शांत रखने के लिए काफी होता है, किंतु बहुत ज्यादा अकेले रहना भी ठीक नहीं, विशेषत उन लोगों के लिए जो जल्दी हताश हो जाते हैं।

कुर्सी पर आरामदेह मुद्रा में बैठ जाइए। आँखें बंद कीजिए और अपनी मांसपेशियों को ढीला छोड़ दीजिए। धीमी गति से साँस लेते रहें। मन ही मन कोई भी एक शब्द या मंत्र बार-बार दोहराते रहें। यदि आपका मन भटक जाए तो वापस उसी शब्द या मंत्र पर आ जाएँ। इसे दस से बीस मिनट तक करें।
मूड खराब होने पर किसी पालतू जानवर के साथ कुछ समय बिताये। घर के पालतू जानवरों से लगाव और स्नेह होता है ये हमें खुशी और प्यार देते है। इसलिए अपने आपके टेंशन से दूर रखना हो या फ्रेश करना हो ये उपाय काफी अच्छे है।
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5.4.22

आंतों में इन्फेक्शन सूजन के घरेलू उपचार :Intestinal Infection Inflammation





पाचन तंत्र के महत्‍वपूर्ण अंग हैं छोटी और बड़ी आंत। व्यक्ति जो भी खाता है, आंतें उनसे स्‍वस्‍थ और पौष्टिक चीजें निकालती हैं और शरीर से विषाक्‍त पदार्थ बाहर कर देती हैं। आंतों के सही काम न करने पर खाना पचने में दिक्कतें हो सकती हैं और पेट से जुड़े रोगों का जोखिम बढ़ जाता है। कभी-कभी आंतों का संक्रमण इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) का कारण बन सकता है। यह पाचन तंत्र से जुड़ी आम समस्या है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये संक्रमण आंत के नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं और इस सिंड्रोम का कारण बनते हैं।

आंत में सूजन की समस्या बड़ी ही पीड़ादायक होती है। इसके लक्षण शरीर में बड़ी ही धीरे-धीरे विकसित होते हैं। इस बीमारी को अल्सर कोलाइटिस भी कहा जाता है। इस बीमारी में बड़ी आंत व मलाशक के अंदरुनी परत प्रभावित होती है। इस बीमारी के अभी तक कोई निश्चित इलाज नहीं है लेकिन घरेलू नुस्खों के द्वारा व घरेलू इलाज के द्वारा इसे कंट्रोल में किया जा सकता है तथा इसके खतरे को कम किया जा सकता है।

इसके क्या है लक्षण

इस बीमारी के लक्षण सामान्य पेट दर्द के होते हैं लेकिन यदि इसकी पहचान सही पर कर ली जाए तो इसका इलाज संभव है, लेकिन यदि समय पर इसका इलाज ना हो तो ये आपकी आंतों के लिए साथ ही आपके पेट के लिए बड़ी समस्या पैदा कर सकते हैं। इसके सबसे खतरनाक लक्षण ये होते हैं जो इस बीमारी से ग्रसित रहता है उसे इसका पता नहीं चलता है, इसका पता तब चलता है जब ये अपने सबसे खराब स्टेज में पहुंच जाता है और तब तक ये खतरनाक रुप धारण कर लेता है।
 इसमें मुख्य रुप से बड़ी आंत के उपरी सतह पर घाव हो जाता है जिससे उसमें सूजन आ जाता है। यह हर व्यक्ति में अलग-अलग प्रकार से होता है। इस बीमारी से आंतों कमजोर हो जाती है जिससे उसका खाना सही से पच नहीं पाता है पोषक तत्वों का सही से अवशोषण नहीं हो पाता है जिससे शरीर का वजन घटने लगता है और वह कमजोर होने लगता है।
 इसमें बार-बार शौच का भी अनुभव होता है और पेट में मरोड़ जैसा अनुभव होता है। पेट के निचले हिस्से में हमेशा दर्द बना रहता है। एक स्टेज ऐसा आता है जब मरीज को दिन में 10 से ज्यादा बार शौच आता है और यह सबसे पीड़ा दायक अनुभव होता है। इससे शरीर में खून की कमी होने लगती है और मरीज बुखार से पीड़ित हो जाता है।

क्या है इसके कारण

इस खतरनाक बीमारी के कई कारण हैं। खराब खान-पान, शरीरिक व्यायाम में कमी, धूम्रपान, वायु प्रदूषण का प्रभाव, स्ट्रेस, गरिष्ठ भोजन,, विटामिन डी की कमी, हानिकारक बैक्टीरिया। अगर इसका सही से इलाज ना किया जाए तो ये कैंसर का रुप भी धारण कर सकता है। यदि यह 10 या फिर 10 से ज्यादा साल पुरानी बीमारी बन जाए तो यह कैंसर का रुप लेने की संभावना बढ़ सकती है।

घरेलू नुस्खे

पूरे दिन में पानी की थोड़ी- थोड़ी मात्रा पीते रहें
फैट युक्त खाद्य पदार्थ साथ ही जंक फूड खाने से परहेज करें
लैक्टोज से समस्या होती है तो दूध पीना  कम कर दें
दिन भर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई बार भोजन करते रहना

प्रोटीन

आंत में सूजन का घरेलू उपाय है प्रोटीन। यह आंतों के खराब हो चुके ऊत्तकों को ठीक करने में मदद करता है। ऐसे में मरीज को कम फैट के दूध से बनाए गए प्रोटीन से भरपूर भोजन का सेवन करना चाहिए जैसे, अंडे, मछली, मूंगफली या अखरोट आदि। इसके अलावा सब्जियों में पनीर, सलाद का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कैल्शियम

ऐलोवेरा का सेवन किसी भी प्रकार के सूजन को कम करने के लिए फायदेमंद होता है। हरी पत्तियों वाला साग, ब्रॉकली इत्यादि का सेवन किया जा सकता है। कैल्शियम का सेवन विटामिन डी के साथ करने से ज्याजा लाभ मिलता है।

ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर पाया जाता है इसके सेवन से कई प्रकार के देसी इलाज में फायदा होता है। ग्रीन टी को किसी गिलास में पानी लेकर तैयार करें और इसे पी जाएं, इससे कई तरह की बीमारियां दूर होती है।

पर्याप्त मात्रा में पानी पीना

इस बीमारी में सबसे ज्यादा खतरा डिहाइड्रेशन होने का रहता है। ऐसे में मरीज को दिन भर में प्रचुर मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। इससे हमारी आंत और किडनी साफ रहती है। इसलिए आंत की समस्याओॆ में ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है।

विटामिन डी- 

आंत के सूजन वाले मरीजों के लिए विटामिन डी फायदेमंद होता है. इसके लिए संतरे का जूस और दूध का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि इनमें विटामिन डी पर्याप्त मात्रा होती है.

नारियल का तेल-

इस तेल से बने भोजन को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं. इससे आंत की समस्याओं में राहत मिलती है.

इन चीजों का सेवन न करें

आपको आलू, बैंगन और टमाटर जैसी सब्जियां का सेवन नहीं करना है, साथ ही तिल के बीज, अखरोट, बैर, स्ट्रॉबेरी जैसे फल के सेवन से बचना है.
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1.4.22

मूँगफली के स्वास्थ्य लाभ फायदे:moongfali ke fayde

                                          



 मूंगफली को सस्ता काजू कहा जाता है और इसमें स्वाद के साथ साथ कई प्रकार के स्वास्थ्य को लाभ पंहुचाने संबंधी गुण भी होते हैं। मूंगफली को कई प्रकार से उपयोग किया जाता है। इसका तेल भी स्वाद और स्वास्थ्य के लिए बहुत प्रचलित है। मूंगफली हमारे देश में हर तरह के खाने में इस्तेमाल की जाती है चाहे वह मीठे पकवान हो या नमकीन, इससे बिना कुछ पकवान तो संभव ही नहीं।

 मूंगफली, जिसे अंग्रेजी में पीनट कहा जाता है अखरोट और बादाम जैसे स्‍वाद और पौष्टिक आहार के समान होती है। इसे जमीन से निकाला जाता है इसलिए इसे ग्राउंडनट (groundnuts) भी कहा जाता है मूंगफली अपने गुणों के कारण बहुत उपयोगी होती है। इसमें बहुत से पोषक तत्व होते है, जो मूंगफली के फायदे  benefits of peanuts बताते है। ये मैंगनीज, नियासिन इत्‍यादि का एक अच्‍छा स्रोत होते है। इसमें विटामिन ई, फोलेट, फाइबर और फास्‍फोरस भी अच्‍छी मात्रा में होते है।मूंगफली औषधी तो नहीं पर उनके सहयोगी के रूप में जानी जाती है।मूंगफली के फायदे हृदय रोग के जोखिम को कम करने, वजन घटाने, रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने, और मानव शरीर में चयापचय को बढ़ाने आदि के लिए जाने जाते है।

मूंगफली के घटक

ये कार्ब्स  में कम और पोषक तत्वों में ज्यादा संपन्न है। मूंगफली प्रोटीन  का एक बहुत बड़ा स्रोत है। बायोटिन , नियासिन,फॉलेट, मैग्‍नीज, विटामिन ई, थियामीन, फास्‍फोरस ओर मैग्‍नीशियम से भी भरपूर है। जो सभी स्वस्थ शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते है।

health benefits of peanuts

प्रोटीन

प्रोटीनहमारे कोशिकाओं के स्‍वास्‍थ के लिए आवश्‍यक है, यह हमारे शरीर की कोशिकाओं को लगातार वृद्धि में सहायक होता है। साथ ही यह क्षतिग्रस्‍त कोशिकाओं की मरम्‍मत भी करता है। हमारे शरीर को प्रोटीन की आवश्‍यक्‍ता होती है, जिसकी पूर्ती हम मूंगफली के रूप कर सकते है। बच्‍चों और कम प्रोटीन वाले लोगों को नियमित रूप से आहार के रूप में इसका सेवन करना चाहिए।एंटीऑक्सिडेंटस (Antioxidants)

मूंगफली में एंटीऑक्सिडेट पॉलीफेनोल की उच्‍च मात्रा होती है, मुख्‍यत: पी-कूमरिक एसिड और ओलिक एसिड नामक एक यौगिक, जो न केवल हृदय की रक्षा करती है बल्कि हानीकारक तत्‍वों के उत्‍पादन को रोकती है।

खनिज

मूंगफली में मैग्‍नीशियम, फास्‍फोरस , पोटेशियम , जस्‍ता (zinc), कैल्शियम , सोडियम आदि जैसे खनिजों का एक अच्‍छा स्रोत है। ये हमारे शरीर के अच्‍छे तरह से कार्य करने के लिए आवश्‍यक होते है। मूंगफली के नियमित आहार से हम इन को तत्‍वों शरीर के स्‍वास्‍थ के लिए उपलब्‍ध करा सकते है। इन खनिजों की आपूर्ती स्‍वस्‍थ हृदय और रोगों के खतरों को कम करती है।

health benefits of peanuts

विटामिन

समग्र विकास के लिए विटामिन महत्‍वपूर्ण हैं। विटामिन कोशिकाओं और ऊतकों के लिए महत्‍वपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य सुनिश्चित करते हैं, और संक्रमणों से बचाते है। मूंगफली हमारे शरीर को आवश्‍यक विटामिन प्रदान करती है, जो चयापचय (Metabolism) को विनियमित करने, वसा और कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने का काम करती है। प्रोटीन हड्डी और ऊतकों के गठन की सुविधा प्रदान करने में भी मदद करते है।

स्‍वस्‍थ दिल के लिए मूंगफली :

मूंगफली में मानोअनसैचुरेटेड और पॉली अनसेचुरेटेड वसा बाले होते है। जों हृदय को स्‍वस्‍थ रखते हैं। ये दोनों वसा रक्‍त कोलस्‍ट्रॉल के स्‍तर को कम करते है, और इस तरह कोरोनरी हृदय रोगों के जोखिमों को कम करते है। मूंगफली के फायदे लेने के लिए इसका सेवन अवश्य करें।

मूंगफली अल्‍जाइमर और नसों की बीमारी के लिए:

ग्राउंडनट प्रमुख रूप से कैंसर, हृदय रोग), तंत्रिका रोगों और वायरल या किसी भी प्रकार के कवक संक्रमणों (Fungal infection) को रोकते है। शरीर में नाइट्रिक ऑक्‍साइड के उत्‍पादन को बढ़ाते है जो Resveratrol नामक एंटीऑक्‍सीडेंट द्वारा स्‍ट्रोक की संभावना को कम करता है।

मूंगफली के फायदे ब्‍लड शुगर को कम करे:benefits of peanuts

मूंगफली का नियमित सेवन कैल्शियम, वसा, ओर कार्बोआइड्रेट को मैंगनीज के माध्‍यम से अवशोषित करने में मदद करता है। जो मूंगफली में पाया जाता है। यह व्‍यक्ति के शरीर में शुगर के स्‍तर को नियंत्रित करता है। मूंगफली के फायदे लेने के लिए इसका सेवन अवश्य करें।

स्वस्थ हड्डियों के लिए:

मूंगफली में उपस्थित आयरन और कैल्शियम की प्रचुर मात्रा रक्‍त में आक्‍सीजन के परिवहन और हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते है। यह आपके शरीर के विकास में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पोषण संबंधी सभी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। पीनट्स, विटामिन, खनिज, और एंटीऑक्‍सीडेंट के कारण शरीर को पर्याप ऊर्जा दिलाते है। मूंगफली के फायदे लेने के लिए इसका सेवन अवश्य करें।
*मूंगफली के आश्चर्यजनक गुणों में क्रोनिक त्वचा संबंधी बीमारियां जैसे एग्जीमा और सोराइसिस का भी इलाज संभव है। इसमें पाए जाने वाले फेटी एसिड सूजन और त्वचा में होने वाला लालपन भी कम हो जाता है।

पेट के कैंसर के लिए:

मूंगफली में उच्‍च साद्रंता में पोली-फेनोलिक जैसे ओक्सिडेंट मौजूद रहते है। एसिड पी-कैमररिक में पेट के कैंसर को कम करने की क्षमता है। यह कैंसर जनिक नाइट्रस अमाइन के निर्माण को कम करने के द्वारा किया जाता है।
*मूंगफली का खास गुण यह है कि यह शरीर पर स्मार्टली काम करती है। यह शरीर में से बुरे कॉलेस्ट्रोल को कम करती है और अच्छे कॉलेस्ट्रोल को बढ़ाती है। इसमें मोनो-अनसचुरेटेड फैटी एसिड खासतौर पर ऑलइक एसिड होता है जिससे दिल संबंधी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।

मूंगफली त्‍वचा के लिए:

पीनट्स में मौजूद एंटी-ऑक्‍सीडेंट पर्याप्‍त मात्रा में होते है। जो पकाने या उबालने के बाद ज्‍यादा सक्रीय होते है। पकाने के बाद जैनिस्‍टीइन में चार गुना वृद्धि होती है और बायोइकिन-एनामक एंटी-ऑक्‍सीडेंट में दो गुनी वृद्धि होती है। ये त्‍वचा में होने वाले हानीकारक प्रभावों को रोकने में मदद करता है। जिससे आपकी त्‍वचा स्‍वस्‍थ व निरोगी होती है। साथ ही यह आपकी भूख की शांत करने में भी मदद करती है।
*मूंगफली को प्रेंगनेंसी के पहले और शुरुआत में खाना शुरू कर देने से बच्चे में हो सकने वाले गंभीर न्यूरल ट्यूब डीफेक्ट 70 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
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