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24.7.19

नीम के पत्ते ,छाल,दातुन के स्वास्थ्य लाभ //benefits of neem



जब ब्रश और मंजन नहीं होते थे तो मुंह की देखभाल के लिए नीम के पत्‍तों, टहनियों का ही उपयोग किया जाता था। आज भी गांवों में तमाम लोग नीम के ही दातून करते हैं। आयुर्वेद की मानें तो नीम से मुंह के समस्‍त रोगों का उपचार किया जा सकता है। यही नहीं नीम कई गंभीर रोगों के उपचार के लिए भी मददगार है। सुबह-सुबह नीम के 4 पत्‍ते चबाकर भी मुंह की देखभाल की जा सकती है। 
  नीम के अंदर जीवाणुरोधी एंटीसेप्टिक एनाल्जेसिक ज्वरनाशक रक्त को शुद्ध करने के बहुत सारे गुण मौजूद हैं।नीम के अंदर 160 से ज्यादा योगिक गुण उपलब्ध है। जिस कारण नीम का उपयोग बहुत ही अलग अलग तरीकों से अलग अलग बीमारियों में उपयोग में लाया जाता है। नीम का उपयोग अलग अलग बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। आपके घर के आस-पास नीम का पेड़ है। तो यह आपके लिए वरदान साबित हो सकता है। जहां तक आप सभी जानते हैं नीम का पेड़ पर्यावरण के लिए भी अतिआवश्यक है। नीम का पेड़ पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए बहुत ही जरूरी है। नीम के पेड़ का प्रत्येक हिस्सा जैसे नीम की जड़ नीम की छाल नीम का गोंद नीम के पत्ते नीम के फल नीम के पत्ते नीम का फल नीम का बीज नीम की गुठली और नीम के बीज से बने हुए नीम का तेल यह सभी हमारे जीवन में होने वाले विकार को दूर करने के लिए पर्याप्त है।
   

नीम एक पेड़ है। औषधि बनाने के लिए नीम के छाल, पत्ते और बीजों का उपयोग किया जाता है। कई बार, जड़, फूल और फल का भी उपयोग किया जाता है। नीम के पत्‍तों का उपयोग कुष्ठ रोग, नेत्र विकार, नकसीर, आंतों के कीड़े, पेट की ख़राबी, भूख न लगना, त्वचा के अल्सर, हृदय और रक्त वाहिकाओं के रोगों (हृदय रोग), बुखार, मधुमेह, मसूड़ों की बीमारी (मसूड़े की सूजन) और जिगर के लिए किया जाता है।

इसके अलावा, छाल का उपयोग मलेरिया, पेट और आंतों के अल्सर, त्वचा रोग, दर्द और बुखार के लिए किया जाता है। नीम में ऐसे रसायन होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने, पाचन तंत्र में अल्सर को ठीक करने, बैक्टीरिया को मारने और मुंह में प्लाक के निर्माण को रोकने में मदद कर सकते हैं।
नीम के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ और प्रयोग
कीटरोधक
प्रारंभिक शोध बताते हैं कि नीम की जड़ या पत्ते का अर्क त्वचा पर लगाने से काली मक्खियों को हटाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, त्वचा पर नीम के तेल की क्रीम लगाने से कुछ प्रकार के मच्छरों से बचाव होता है।
सोरायसिस (Psoriasis)
प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि 12 सप्ताह तक नीम का अर्क सेवन करने के साथ-साथ रोजाना सूर्य के संपर्क और कोल टार और सैलिसिलिक एसिड क्रीम लगाने से लोगों में सोरायसिस के लक्षणों की गंभीरता कम हो सकती है। हालांकि, इसके प्रयोग से पहले चिकित्‍सक की सलाह जरूर लें।
अल्सर
कुछ शोध बताते हैं कि नीम की छाल का 30-60 मिलीग्राम अर्क 10 सप्ताह तक दिन में दो बार लेने से पेट और आंतों के अल्सर को ठीक करने में मदद मिलती है। हालांकि इसका प्रयोग करने से पहले आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्‍सक की सलाह जरूर लें। 
बालों में रूसी
आप 10 से 15 नीम की पत्तियां ले। एक गिलास पानी में उबालें। इसे तब तक उबलने दे जब तक कि पानी का रंग हरा ना हो जाए। जब भी आप बालों को शैंपू से धोते हैं। बालों को शैंपू से धोने के बाद इस पानी से अपने बालों को साफ करें। यह काम आप हर 1 सप्ताह में एक बार कर सकते हैं। 3 से 4 बार सप्ताह में लगाने से आपके बालों में रूसी आना बंद हो जाएगा। और आपके बाल पहले की तरह फिर से स्वस्थ हो जाएंगे।
दांत की मैल
प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि नीम के पत्तों का अर्क दांतों और मसूड़ों पर 6 सप्ताह तक रोजाना लगाने से प्लाक बनना कम हो सकता है। यह मुंह में बैक्टीरिया की संख्या को भी कम कर सकता है जो दांतों की मैलयानी डेंटल प्‍लाक का कारण बनता है। यदि अर्क नहीं मिलता है तो आप नीम के पत्‍तों को ही अच्‍छी तरह से धोकर सुबह-सुबह चबा सकते हैं। हालांकि, 2 सप्ताह तक नीम के अर्क से कुल्ला करने पर प्‍लाक या मसूड़े की सूजन को कम करने के कोई प्रमाण नहीं मिलते हैं।
 दाँत टूटना-
*आपके दांत समय से पहले ही टूटने लगते हैं। नीम के उपयोग से आप इन सभी तरह के दुष्प्रभावों से छुटकारा पा सकते हैं। आपको नीम के पत्तियों का रस निकाल के अपने दांतो पर लगाना है। यह काम आप 1 दिन में दो से तीन बार कर सकते हैं। लगातार एक से दो हफ्ते करने के बाद आप इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। आप कोशिश करें अगर आपको पारिया जैसी बीमारियों का लक्षण आपके मुंह में है। आप नीम के दातुन से करें। यह उपाय आपके मुंह के बीमारियों के लिए वरदान साबित हो सकता है
नीम का सेवन कैसे करें 
नीम या उसके उत्‍पाद की उचित खुराक कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे कि उपयोगकर्ता की आयु, स्वास्थ्य, और कई अन्य स्थितियां। इस समय नीम के लिए खुराक की उचित सीमा निर्धारित करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक जानकारी नहीं है। ध्यान रखें कि प्राकृतिक उत्पाद हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं और खुराक महत्वपूर्ण हो सकते हैं। अगर आप मार्केट से नीम के उत्पाद खरीद रहे हैं तो लेबल पर प्रासंगिक निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करें और उपयोग करने से पहले अपने फार्मासिस्ट या चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करें।


सावधानी-
आज तक आपने यही सुना होगा कि नीम के अनगिनत स्वास्थ्यवर्द्धक फायदे होते हैं। अगर आप डायबिटीज के रोगी हैं या आप डेटोक्स डायट पर हैं, तो आपके दिमाग में सबसे पहले यही आता है कि रोजाना सुबह एक गिलास नीम का रस पीना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं है कि नीम का रस पीने से आप कई बीमारियों से दूर रहते हैं। लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि नीम के साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। नीम के पत्तों का जूस पुरुष प्रजनन क्षमता पर यानि मेल फर्टिलिटी पर प्रभाव डाल सकता है।
रोजाना 3 मिलीग्राम या इससे ज्यादा नीम के पत्तों का रस पीने से शुक्राणु नष्ट हो सकते हैं। अध्ययन के अनुसार, नीम का रस ना केवल स्पर्म को गतिहीन कर सकता है बल्कि 20 सेकंड के अंदर ही 100 फ़ीसदी मानव शुक्राणु को भी खत्म कर सकता है। हालांकि अध्ययन में ये भी पता चला है कि नीम के पत्तों के रस का स्पर्म की मॉर्फलोजी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
कितना रस काफी होता है
अध्ययनों के अनुसार, रोजाना दो मिलीग्राम से भी कम नीम के पत्तों का रस पीना चाहिए। अगर आप इसका रस पीने की सोच रहे हैं, तो पहले आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा रोजाना इसका जूस पीने से बचें। वर्ना इससे यौन स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। अगर आप वजन घटा रहे हैं या डेटोक्स डायट ले रहे हैं, तो इसे पीने से पहले अपने डायटीशियन से सलाह लें। नीम के पत्तों का रस बनाने से पहले उन्हें पानी में भिगोकर जरूर रखें।