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1.4.24

सफ़ेद दाग से मुक्ति के उपचार ,Vitiligo upchar

  

  कई लोगों को स्किन इंफेक्शन के तौर पर शरीर के अलग-अलग हिस्सों सफेद दाग की समस्या होती है. अगर समय रहते इसका ट्रीटमेंट शुरू नहीं किया गया, तो यह रोग शरीर के बाकी हिस्सों में भी फैलने लगता है. आगे चलकर सफेद दागो के जड़ पकड़ने पर इसे नियंत्रित करना कठिन हो सकता है. यूं तो सफेद दाग के कई कारण होते हैं, लेकिन कई बार कई बार दिमाग पर अधिक बोझ पड़ने पर भी यह रोग हो जाता है.
सफेद दाग को अंग्रेजी भाषा में विटिलिगो कहा जाता है। आपने भी शायद अपनी जिंदगी में एक न एक बार विटिलिगो से पीड़ित व्यक्ति को जरूर देखा होगा। ऐसा देखा जाता है कि उनके शरीर के लगभग सभी अंगों पर सफेद धब्बे होते हैं, जो ज्यादातर पैरों, चेहरे, और हाथों पर दिखते हैं।
विटिलिगो यानी सफेद दाग स्किन से संबंधित बीमारियों में से एक बीमारी है, जो खून से संबंधित एलर्जी, गलत खाना-पीना और स्किन इन्फेक्शन के कारण होता है।

सफेद दाग के लक्षण

जब भी किसी व्यक्ति को सफेद दागहोने शुरू होते हैं तो उसकी शुरुआत एक हल्के पीले या गुलाबी रंग के धब्बे से होती है। फिर यह धीरे धीरे सफेद होना शुरू होते हैं। गुलाबी रंग के इस धब्बे का आकार शुरुआत में तो बहुत छोटा होता है लेकिन आगे चलकर यह कितना बढ़ेगा य​ह निश्चित नहीं होता है। हालांकि डॉक्टर से संपर्क कर आप वक्त रहते इस पर काबू पा सकते हैं। सिर्फ यही नहीं स्किन के सफेद होने के साथ ही विटिलिगो में सिर, भौंहो, दाढ़ी और पलकों के बाल भी समय से पहले सफेद होने लगते हैं।

कारण-

इम्युन सिस्टम का कमजोर होना विटिलिगो की चपेट में आने का सबसे आम कारण माना जाता है।
. जिन लोगों को फंगल इंफेक्शन की समस्याहोती हैं उनके शरीर में भी सफेद दाग होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
ल्यूकोडरमा भी विटिलिगो होने का एक बड़ा कारण माना गया है।
  विटिलिगो (vitiligo in hindi) या सफेद दाग एक ऑटो इम्यून कंडीशन है। ऑटो इम्यून का मतलब है कि हमारी इम्युनिटी हमारी अपनी त्वचा की कोशिकाओं को टारगेट करती है और उसे नष्ट कर देती है। विटिलिगो में, शरीर को रंग देने वाली कोशिकाएं (pigment cells) नष्ट हो जाती हैं जिससे त्वचा या बालों पर सफेद धब्बे हो जाते हैं।
विटिलिगो एक त्वचा की स्थिति है जिसमें शरीर पर सफेद धब्बे हो सकते हैं। इसकी शुरुआत की बात करें तो विटिलिगो शरीर के किसी भी अंग से शुरू हो सकता है या इसे शरीर के कई हिस्सों में फैलाया जा सकता है। जैसे कुछ सामान्य क्षेत्र आंखों के आसपास, मुंह के आसपास, कोहनी, घुटने, पैर, हाथों के पीछे और हाथ में। साथ हीसफेद धब्बे एक पैच या एकाधिक पैच हो सकते हैं। ये किसी एक क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है या पूरे शरीर में हो सकता है। जैसे

-चेहरे

हाथ

-पैर

-छाती आदि पर हो सकते हैं।
साथ ही ये खोपड़ी, भौंहों, पलकों आदि पर और बालों को भी समय से पहले सफेद बना सकता है। साथ ही ये मुंह और नाक के अंदर तक भी हो सकता है और इसे बदरंग कर सकता है।

सफेद दाग क्या होता है?

आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्त और कफ यानि त्रिदोषज के कारण ही सभी प्रकार के त्वचा के रोग होते हैं फिर भी दोषों के अपने निजी लक्षणों से उनकी सबलता तथा निर्बलता की समीक्षा (diagnosis) कर उसके अनुसार चिकित्सा की जाती है। जिस दोष के लक्षण को विशेष रूप से बढ़े हुए नजर आते हैं उसकी चिकित्सा पहले की जाती है। ये वात, कफ की प्रधानता होने पर होते हैं।

सफेद दाग क्यों होता है-

सफेद दाग का सबसे आम कारण आनुवंशिक या वंशानुगत है। अगर परिवार में किसी को विशेष रूप से माता-पिता को सफेद दाग है, तो बच्चे में भी विटिलिगो विकसित होने की संभावना होती है। इसके अलावा अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों का पारिवारिक इतिहास है या फिर आप किसी अन्य ऑटो इम्यून स्थितियों से पीड़ित हैं, तो विटिलिगो विकसित होने की संभावना है। इसके अलावा कुछ घटनाओं को भी विटिलिगो का कारण माना जाता है जैसे कि
-बच्चे के जन्म के दौरान तनाव
-प्रेगनेंसी के दौरान कैमिकल्स के संपर्क में रहना जिससे कि त्वचा को नुकसान हो
-कट और घाव जो विटिलिगो का कारण बन सकते हैं। जब एक कट, खरोंच या घाव से विटिलिगो होता है इसे कोबनेर की घटना ( koebner’s phenomenon) कहते हैं।
4. खाने में पोषक तत्वों की कमी खासकर के प्रोटीन की कमी भी सफेद दाग होने का एक कारण है।
5. यह रोग पूरी तरह से जेनेटिक नहीं है, महज 1 प्रतिशत मामलों में ऐसा देखा गया है कि जिन बच्चों के माता पिता को विटिलिगो की समस्या होती है उनके बच्चों को भी इससे जूझना पड़ता है।

सफेद दाग का इलाज क्या है

ऐसा कतई नहीं है कि सफेद दाग का कोई इलाज नहीं है। आज के समय में विटिलिगो को पूरी तरह से सही करने के लिए तमाम तरह के इलाज और थेरेपी उपलब्ध हैं। लेजर तकनीक की मदद से डॉक्टर प्रभावित हिस्से से सफेद दाग को दूर करते हैं और उस स्थान पर व्यक्ति की स्किन का जैसा रंग होता है वैसे ही रंगों की कोशिकाओं को छोड़ते हैं। करीब 5 से 6 हफ्ते बाद इसे हटा दिया जाता है। डॉक्टर कहते हैं कि 3 से 4 महीने में स्किन का रंग काफी हद तक सामान्य हो जाता है।

सफेद दाग के शुरूआती लक्षण

सफेद दाग की पहचान में सबसे शुरुआती लक्षण है, त्वचा का रंग फीका पड़ना और उस जगह पर बाल भी सफेद होना। शरीर पर अगर सफेद दाग हो जाये और उसके बाद कहीं चोट लगे और वो जगह भी सफेद हो जाये तब आपको समझ जाना चाहिए कि ये समस्या तेजी से शरीर में बढ़ रही है। ल्यूकोडर्मा का रोग कोई सरलता से ठीक होने वाला रोग नहीं है और न ही ये छूने से फैलता है। आयुर्वेदिक तरीके से उपाय करके इस समस्या को ठीक कर सकते हैं।

एप्पल साइडर विनेगर की लें मदद

बरसात के दिनों में शरीर पर हुए सफेद दाग की परेशानी से निपटने के लिए आप एप्पल साइडर विनेगर का प्रयोग कर सकते हैं. बता दें कि, इसमें एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो इन दागों से छुटकारा दिला सकते हैं. इसके लिए आप 1 गिलास गर्म पानी लें. अब इसमें 2 बड़े चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिक्स करें. इसके बाद इसमें रुई डुबोकर संक्रमण प्रभावित जगह पर लगाएं. ऐसा करने से आपकी परेशानी धीरे-धीरे कम हो सकती है.

बथुआ सफेद दाग में फायदेमंद 

सफेद दाग से ग्रस्त व्यक्ति को रोज बथुआ की सब्जी खानी चाहिए। बथुआ उबाल कर उसके पानी से सफेद दाग वाली जगह को दिन में तीन से चार बार धोयें। कच्चे बथुआ का रस दो कप निकालकर उसमें आधा कप तिल का तेल मिलाकर धीमी आंच पर पकायें जब सिर्फ तेल रह जाये तो उसे उतारकर शीशी में भर लें। इसे लगातार लगाते रहें।


नारियल तेल का करें प्रयोग

नारियल तेल में मौजूद एंटी-फंगल गुण शरीर से सफेद दाग की परेशानी को कुछ ही दिनों में दूर करने में असरदार माने जाते हैं. इसके साथ ही यह स्कैल्प दाद के लिए भी उपयोगी माना जाता है. इसका प्रयोग फंगल संक्रमण वाले स्थान पर आप दिन में 4-5 बार करें. ऐसा करने से कुछ ही दिनों में सफेद दाग की समस्या से निजात मिलनी शुरू हो जाएगी.

ताम्बे के बर्तन का पानी पियें

जिस व्यक्ति या महिला को सफेद दाग की समस्या हो जाए तो वह तांबे के बर्तन में रात को पानी भरकर उसका सुबह उठकर सेवन करें। गाजर, लौकी और दालें अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए, जिससे कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी न हो। दो से चार बादाम का प्रतिदिन सेवन करें।

नीम से हटाएं सफेद

चेहरे से सफेद दाग की समस्या को दूर करने के लिए नीम की पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है. नीम की पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-संक्रमण गुण पाया जाता है जो सफेद दाग की परेशानी को कम करने में असरदार होती है. इसका इस्तेमाल करने के लिए नीम की पत्तियों को सूखा लें. अब इसे पाउडर के रूप में तैयार कर लें. इसके बाद इसमें थोड़ा सा पानी मिक्स करके इसका पेस्ट तैयार कर लें. इसके बाद इसे आप चेहरे पर लगाएं. नियमित रूप से इस मिश्रण को चेहरे पर लगाने से आपकी खूबसूरती बढ़ेगी.

नीम की पत्ती और शहद सफेद दाग में फायदेमंद

नीम की ताजी कोपल का पेस्ट बनाकर उसे छलनी में डालकर उसका रस निकाल लें। एक बड़ी चम्मच नीम के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करें। इस मिश्रण का सेवन आप उम्रभर भी कर सकते हैं। इसके अलावा दो चम्मच अखरोट पाउडर में थोड़ा-सा पानी मिलाकर इसका पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को दाग वाली जगह पर 20 मिनट तक लगाकर रखें। ऐसा दिन में तीन से चार बार करें।

हल्दी और सरसों का तेल सफेद दाग में फायदेमंद

जिस व्यक्ति या महिला को सफेद दाग की समस्या हो जाए तो वह तांबे के बर्तन में रात को पानी भरकर उसका सुबह उठकर सेवन करें। गाजर, लौकी और दालें अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए, जिससे कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी न हो। दो से चार बादाम का प्रतिदिन सेवन करें। दाग वाली जगह लगाने से दाग कम होने लगता है। इसके लिए आप एक चम्मच हल्दी पाउडर लें। अब इसे दो चम्मच सरसों के तेल में मिलाए। अब इस पेस्ट को सफेद चकतों वाली जगह पर लगाएं और 15 मिनट तक रखने के बाद उस जगह को गुनगुने पानी से धो लें। ऐसा दिन में तीन से चार बार करें। इससे आराम मिलेगा।

दही का करें सेवन

शरीर में सफेद जैसे लक्षण दिखने लगें तो आप दही का इस्तेमाल कर सकते हैं. बता दें कि, दही और प्रोबायोटिक्स में अच्छे बैक्टीरिया की मौजूदगी होती है, जो कई फंगल संक्रमणों को दूर रखने में मदद कर सकते हैं. ये उन रोगाणुओं से लड़ते हैं, जो इन संक्रमणों का कारण बन सकते हैं. यदि किसी को इस तरह की दिक्कत है तो दही का सेवन कर सकते हैं.

ग्रीन टी स्किन पर लाए निखार

सफेद दाग की समस्या से छुटकारा पाने के लिए ग्रीन टी का इस्तेमाल करें. ग्रीन टी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण स्किन को हील कर सकता है. इसका इस्तेमाल करने के लिए ग्रीन टी बैग को काटकर इसकी पत्तियां निकाल लें. अब इसमें थोड़ा सा शहद मिक्स करके इसे चेहरे पर क्लींजर की तरह लगाएं. इसके बाद कॉटन से पोछ लें. इस तरह कुछ दिनों तक ग्रीन टी और शहद चेहरे पर लगाने से स्किन ग्लो करेगा.
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