मौसमी फल होने के कारण बारिश के दिनों में कई चौराहों पर बिकते दिख जाता है। इसे जामुन के अलावा जंबुल, ब्लैक प्लम, जावा प्लम, जंबोलन के नाम से भी जाना जाता है। अपने डार्क कलर और खट्टे मीठे स्वाद के वजह से यह फल काफी पंसद किया जाता है। यह फल कई तरह के आयुर्वेदिक गुण के साथ विटामिन्स से भरपुर होता है। जामुन विटामिन A और C का अच्छा स्रोत होता है जो आंखों और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके साथ ही जामुन को चमकदार त्वचा और मुंहासों को जड़ से खत्म करने के लिए भी खाया जाता है
यह स्वाद के साथ सेहत से भी भरपूर होता है। इस फल को जावा प्लम के नाम से भी जाना जाता है। जामुन में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए जरूरी होते हैं। रोजाना जामुन खाने से इम्युनिटी मजबूत (Immunity Strong) होती है, खून बढ़ता है, साथ ही सांस से जुड़ी परेशानी भी दूर होती है। इसके अलावा वजन घटाने में भी इससे मदद मिलती ह
आयुर्वेद में कई फलों को औषधी माना गया है. इन्हीं में से एक है जामुन. गर्मी के मौसम में आपको काले-काले जामुन बिकते हुए मिल जाएंगे. जामुन भले ही छोटा सा फल है, लेकिन इसके गुण बहुत ज्यादा हैं. जामुन को कई आयुर्वेदिक उपचार में इस्तेमाल किया जाता है. डायबिटीज के मरीज को जामुन खाने से बहुत लाभ मिलता है. जामुन डाइजेशन, दांतों, आंखों, पेट और किड़नी के लिए भी फायदेमंद है. जामुन में प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेड, आयरन, कैल्शियम जैसे तत्व होते हैं. जामुन बच्चों के लिए भी बहुत फायदेमंद है. जानते हैं जामुन के फायदे.
डायबिटीज में फायदेमंद-
जामुन डायबिटीज में भी बहुत फायदेमंद होती है. शगुर के मरीजों को 100 ग्राम जामुन की जड़ को साफ करते उसमें 250 मिली पानी मिलाकर पीसना है. अब इसमें आप 20 ग्राम मिश्री डालकर सुबह-शाम खाने से पहले पिएं. मधुमेह में इससे फायदा मिलेगा.
हार्ट को मजबूत करे:
जामुन के नियमित सेवन से हार्ट हेल्दी होता है. जामुन में प्रचुर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है, जो दिल की धड़कन को सामान्य बनाए रखने में बेहद मददगार है. जामुन के सेवन से हार्ट अटैक का खतरा कम होता है.
दांत के दर्द को दूर करे-
दांतों के लिए भी जामुन फायदेमंद होता है. जामुन के पत्तों की राख बनाकर दांत और मसूड़ों पर मलने से दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं. जामुन के रस से कुल्ला करने पर पाइरिया भी ठीक हो जाता है.
पीलिया में जामुन के फायदे- पीलिया में भी जामुन बहुत फायदा करता है. जामुन के 10-15 मिली रस में 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से पीलिया का असर कम हो जाता है. इससे खून की कमी भी दूर होती है.
दस्त मे उपयोग
. अगर किसी को दस्त हो रहे जामुन को सेंधा नमक के साथ खाना फायदेमंद रहता है. खूनी दस्त होने पर भी जामुन के बीज बहुत फायदेमंद साबित होते हैं.
किडनी की पथरी को खत्म करे-
पीलिया में जामुन के फायदे- पीलिया में भी जामुन बहुत फायदा करता है. जामुन के 10-15 मिली रस में 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से पीलिया का असर कम हो जाता है. इससे खून की कमी भी दूर होती है.
दस्त मे उपयोग
. अगर किसी को दस्त हो रहे जामुन को सेंधा नमक के साथ खाना फायदेमंद रहता है. खूनी दस्त होने पर भी जामुन के बीज बहुत फायदेमंद साबित होते हैं.
किडनी की पथरी को खत्म करे-
किडनी में स्टोन होने पर भी जामुन का इस्तेमाल कर सकते हैं. जामुन खाने से छोटे साइज की पथरी भी गल जाती है. इसके लिए आप 10 मिली जामुन के रस में 250 मिग्रा सेंधा नमक मिलाकर दिन में 2-3 बार रोज पीएं. इससे पेशाब के रास्ते पथरी टूटकर बाहर निकल जाती है.
त्वचा और आँखों के लिए फायदेमंद-
त्वचा और आँखों के लिए फायदेमंद-
जामुन खाने और जामुन के पत्तों और छाल लगाने के त्वचा को कई तरह के फायदे मिलते हैं. जामुन की छाल खून को साफ कर त्वचा से जुड़े रोग दूर करती है. जामुन का रस त्वचा पर लगाने से पिम्पल्स नहीं होते हैं. इसके अलावा जामुन रस आंखों को भी कई तरह के विकार दूर करता है।
सावधानी-
लो ब्लड शुगर का खतरा
डायबिटीज के मरीजों को आंख बंद करके जामुन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ये इंसुलिन एक्टिविटी को तेज करता है और शुगर पचाने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें हाई एल्कोलनाइड कॉन्टेंट (alkaloid content) होता है जो कि हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। जब आप रेगुलर जामुन या जामुन के बीजों का सेवन करते हैं तो, ये लो ब्लड शुगर का खतरा पैदा कर सकता है और अनाचक से ब्लड शुगर का लो होना डायबिटीज के मराजों के लिए खतरनाक हो सकता है।
पेट खराब कर सकता है -
अगर आप डायबिटीज के मरीजों से पूछें कि जामुन खाने के बाद क्या होता है तो वे आपको बताएंगे कि पहले तो इससे पेट साफ होता है यानी कि मल त्याग सही हो जाता है और फिर यही ब्लड शुगर कम करने में मदद करता है। लेकिन जब ये रोज इसका सेवन करने लगते हैं तो ये पेट खराब कर देता है यानी कि आपको बार-बार पॉटी लग सकती है। डाइसेंट्री जैसे लक्षण हो सकते हैं और ज्यादा होने पर ये आपको बहुत गंभीर रूप से बीमार कर सकता है। जैसे शरीर में पानी की कमी, बेहोशी और चक्कर आना.
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