बरसात का मौसम बीमारियों को आमंत्रित करने का मौसम होता है, क्योंकि इस मौसम में बारिश से कई स्थानों पर जलजमाव, कीचड़ व गंदगी से पैदा होने मच्छर व बैक्टीरिया बीमारियां फैलाते हैं। इसके अलावा मौसम में नमी के कारण बैक्टीरिया अधिक पनपते हैं जो पानी और खाद्य पदार्थों को दूषित कर, शरीर की बीमारियों का कारण बनते हैं।
जानिए बरसात की 5 प्रमुख बीमारियां :
1 . डेंगू - डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से ही फैलता है, लेकिन डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इस बात का विशेष ध्यान रखें। एडिज मच्छर के काटने से फैलने वाले इस रोग का प्रभाव मरीज के पूरे शरीर और जोड़ों में तेज दर्द के रूप में होता है। इससे बचने के लिए मच्छरों से बचें और घर से निकलने से पहले शरीर को पूरी तरह ढंककर रखें।
2 . मलेरिया - मलेरिया बरसात में होने वाली आम लेकिन गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो जलजमाव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होती है। यह रोग मादा ऐनाफिलिज मच्छर के काटने से फैलता है। इससे बचने के लिए अपने आसपास पानी का जमाव न होने दें।
3. डायरिया - बरसात के मौसम में डायरिया सबसे आम समस्या है, जो जीवाणुओं के संक्रमण के कारण होता है। इसमें पेट में मरोड़ होने के साथ ही दस्त लगना प्रमुख हैं। यह खास तौर से बरसात में प्रदूषित पानी और खाद्य पदार्थों के सेवन के कारण होता है, अत: खाद्य पदार्थों को ढंक कर रखें, पानी उबालकर व छानकर पिएं और हाथ धोने के बाद ही कुछ ग्रहण करें।
4 . चिकनगुनिया - चिकनगुनिया भी मच्छरों से फैलने वाला बुखार है, जिसका संक्रमण मरीज के शरीर के जोड़ों पर भी होता है और जोड़ों में तेज दर्द होता है। इससे बचने के लिए जलजमाव से बचें, ताकि उसमें पनपने वाले मच्छर बीमारी न फैलाएं।
4. हैजा - विब्रियो कोलेरा नामक जीवाणु के कारण फैलने वाला यह रोग दूषित भोज्य व पेय पदार्थों के कारण होता है। पेट में ऐंठन के साथ लगातार होने वाले उल्टी-दस्त इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं जिसके कारण शरीर में पानी की कमी होना और मिनरल्स की कमी हो जाती है और मरीज बेहद कमजोर हो जाता है। इससे बचने के लिए खाने-पीन संबंधी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
मानसून में गर्मी और नमी होती है जो कि कीटाणुओं के प्रजनन के लिए परफेक्ट मौसम है, इसमें मक्खी और मच्छर के अलावा कई जहरीले कीटाणुओं की संख्या बढ़ जाती है। ये सभी इंसानों में बीमारियां फैलाते हैं, यही कारण है कि बरसात के मौसम में फ्लू होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। बारिश के मौसम में अगर शरीर का ख्याल सही से न रखा जाए तो यह बीमारियों का घर बन जाता है। इस मौसम में होने वाली ज्यादातर बीमारियां एक दूसरे में फैलती हैं, ऐसे में आप अपने साथ साथ घर वालों को भी बीमार कर सकते हैं।4. हैजा - विब्रियो कोलेरा नामक जीवाणु के कारण फैलने वाला यह रोग दूषित भोज्य व पेय पदार्थों के कारण होता है। पेट में ऐंठन के साथ लगातार होने वाले उल्टी-दस्त इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं जिसके कारण शरीर में पानी की कमी होना और मिनरल्स की कमी हो जाती है और मरीज बेहद कमजोर हो जाता है। इससे बचने के लिए खाने-पीन संबंधी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
बरसात के मौसम में बीमारियों से बचाव कैसे करें?
हाथ धोने की आदत
कोरोना महामारी के फैलने के बाद से लोग समझ चुके हैं कि हाथ धोना कितना जरूरी है। बारिश के मौसम में भी बार बार हाथ धोने की आदत डाल लेनी चाहिए। फ्लू फैलाने वाले वायरस आमतौर पर हाथ के जरिए ही आपके शरीर में खाने के माध्यम से पहुंचते हैं। बस स्टॉप, सार्वजनिक शौचालय, बाजार जैसी जगहों पर कीटाणु बहुत होते हैं। ऐसे में वह आपके संपर्क में आकर आपको फ्लू जैसी बीमारी दे सकते हैं। बारिश के मौसम में बार बार साबुन से हाथ धोने से ये कीटाणु खत्म हो सकते हैं।
घर में खाना खाएं
बारिश के मौसम में स्ट्रीट फूड्स से बचना चाहिए। घर में पका खाना ही खाएं और ध्यान रखें कि बाहर से सब्जी लाते वक्त इसे अच्छे से साफ करें। अपने खाने में ताजे फल और सब्जियों की मात्रा बढ़ा दें।
विटामिन सी
विटामिन सी आपको सर्दी और फ्लू से तेजी से उबरने में मदद करता है, इसलिए अपनी डाइट में नींबू और अन्य खट्टे फलों जिनमें विटामिन सी की भरपूर मात्रा हो, उन्हें बढ़ा दें। इस मौसम में आप डॉक्टर के परामर्श के बाद विटामिन सी की गोलियां लेना भी शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा आप पानी भी खूब पिएं। स्वस्थ शरीर के लिए दिन में 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए।
मच्छरों से बचाव
बरसात के मौसम में ध्यान रखें कि आपके आस पास पानी जमा न हो। पानी में मच्छरों को पनपने के लिए अनुकूल वातावरण मिलता है, जिससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलती हैं। आप घर में कपूर का तेल, नीम का तेल इस्तेमाल करके मच्छरों को भगा सकते हैं।
बारिश से कौन सी बीमारी हो सकती है?
यह एक आम ग़लतफ़हमी है कि बारिश में भीगने से आपको सर्दी लग सकती है। बारिश से वास्तव में आप बीमार नहीं पड़ सकते। हालाँकि, लंबे समय तक भीगने और ठंडे रहने से आपके शरीर का तापमान इतना कम हो सकता है कि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावित हो सकती है - जिससे आपको सर्दी या फ्लू वायरस होने का जोखिम बढ़ जाता है।
मानसून के समय में जगह-जगह पानी जमने से बैक्टीरिया और वायरस पनपने लगते हैं और वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। बुखार हमें यह संकेत देता है कि हमारे शरीर में कुछ परेशानी है। बुखार और भी कई कारणों से हो सकता है, जैसे- संक्रमण, थकावट, ट्यूमर, वैक्सीनेशन(टिका) इत्यादि।
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